अनसुलझा प्रश्न (भाग 4) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 4)

9-प्यार अंधा होता है
जौहरी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर था।कुछ महीनों के लिए दूसरे शहर में ट्रांसफर पर जाना पड़ा।वहाँ एक नर्स से उसे प्यार हो गया।वह उससे शादी करना चाहता था लेकिन जौहरी की पत्नी ने नर्स को अपनी सौतन बनाने से साफ इंकार कर दिया।तब जौहरी ने पत्नी को तलाक देकर नर्स से शादी कर ली।
डॉक्टर जौहरी की नई पत्नी को देखकर सबने दांतो तले उंगली दबा ली।गौरी सुंदर पत्नी को त्यागकर काली बदसूरत को पत्नी बना लिया था।
प्यार सचमुच अंधा होता है।
10--सह अस्तित्व
"पेड़ बचाओ--पर्यावरण की रक्षा करो--के नारों के साथ माल रोड से जुलूस निकलता देखकर एक पेड़ दूसरे पेड़ से बोला,"आदमी को हमारी बड़ी चिंता है।हमे बचाने के लिए जुलूस निकाले जा रहे है।प्रदर्शन किए जा रहे है।"
"हमे नही,"पहले पेड़ की बात सुनकर दूसरा पेड़ बोला,"आदमी खुद को बचाने के लिए यह सब कर रहा है।"
"वो कैसे?"पहले पेड़ ने पूछा था।
"पेड़ो की अधाधुंध कटाई से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है।बरसात कम होने लगी है।पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है।भूजलस्तर गिरता जा रहा है।हम ही मानव द्वारा फैलाई जा रही कार्बन डाई ऑक्साइड को ग्रहण करके जीवन दायिनी ऑक्सीजन मानव को देते है,"दूसरा पेड़ पहले पेड़ को समझाते हुए बोला,"हम नही रहेंगे,तो मानव का अस्तित्व धरती से मिट जायेगा"।
"अब समझा आदमी को हमारी इतनी चिंता
,"11--दो चेहरे
मण्डल रेल प्रबंधक त्रिपाठी फोर्ट स्टेशन का निरीक्षण कर रहे थे।मण्डल के सभी विभागों के मण्डल अधिकारी, मण्डल निरीक्षक,फोर्ट स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक और सभी विभागों के इंचार्ज उनके साथ थे।
प्लेटफार्म का निरीक्षण करते हुए वह केबिन पर जा पहुंचे।केबिन पर सहायक स्टेशन मास्टर विनोद ड्यूटी पर था।वह यूनिफॉर्म में नही था।उसे बिना यूनिफॉर्म मे देखकर त्रिपाठी का पारा चढ़ गया।सब के सामने उसे बुरी तरह फटकारते हुये अपने स्टेनो से बोले,"इन्हें चार्ज शीट इशू करो।"
केबिन से उतरकर वह प्लेटफॉर्म का निरीक्षण करते हुए वह सर्कुलेटिंग एरिया में आ गये।वहां से वह रिज़र्वेशन ऑफिस में आ गये।इन्क्वारी काउंटर पर इसरार। ड्यूटी पर था।वह बिना यूनिफॉर्म में था।लेकिन त्रिपाठी न उस पर नाराज हुए न ही उसे सब के सामने फटकारा।बल्कि उससे हंस हंस कर बाते करते रहे।ऐसा क्यों?
इसरार रेलवे यूनियन का चेयरमैन थाउससे कुछ कहने का मतलब था।अपने मंडल में धरना प्रदर्शन को न्यौता देना।मण्डल रेल प्रबंधक के पद पर बैठने वाला हर व्यक्ति चाहता है।उसका दो साल का कार्य काल सफलता पूर्वक गुज़र जाए। ताकि वह महाप्रबंधक के पद पर पदोन्नति की दौड़ में बना रहे।इसलिए सीधे साधे कर्मचारी छोटी मोटी गलती पर भी डांट खाते है या दंड पाते है।लेकिन यूनियन के पदाधिकारी और उनके चमचे मजे करते है।
कितना शर्मनाक है एक सी गलती पर एक को दंड देना और दूसरे की अनदेखी करना।एक से डरना और दूसरे को डराना।
12--दान
संतोष की दोनो किडनी खराब हो गयी थी।डॉक्टर ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया था,"किडनी बदलने पर ही जान बच सकती है।
डॉक्टर की बात सुनकर मायाराम ने सोचा।बेटे की मौत हो चुकी है।तीन पोते पोती है।वह भी अस्सी साल का हो चुका है।न जाने कब यमराज के यहां से बुलावा आ जाये।अगर बहु भी नही रही तो बच्चों का क्या होगा।
और मायाराम ने अपनी किडनी दान करके पोते पोतियों का भविष्य सुरक्षित कर दिया था।