अनसुलझा प्रश्न (भाग 5) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 5)

13-- निर्णय
""अब तुम राधिका को भूल जाओ और किसी दूसरी लड़की से रिश्ता करने के बारे में सोचो।"
"क्यों?"पिता की बात सुनकर मोहन ने पूछा था।
"सब कुछ देख सुनकर आ रहे हो फिर भी मुझसे पूछ रहे हो?"राधिका और मोहन प्यार करते थे और उनकी सगाई हो चुकी थी। राधिका एक कम्पनी में काम करती थी।एक रात को वह घर लौट रही थी।तब कुछ गुंडों ने उसके साथ--राधिका के साथ हुए गैंगरेप की सूचना मिलते ही मोहन उससे मिलने जा पहुंचा।वहां से लौटने पर पिता बोले थे।
"इसमें राधिका की क्या गलती है/"
"गलती चाहे उसकी न हो।लेकिन अब वह तुम्हारी पत्नी और इस खानदान की बहू बनने के काबिल नही रही।"
"यह हादसा शादी के बाद भी हो सकता था।,"मोहन बोला,"तब वह क्या मेरी पत्नी नही रहती?"
"तब बात और होती,"पिता बोले,"अब तुम्हारी भलाई इसी में है राधिका को भूल कर दूसरी लड़की से शादी के बारे में सोचो।"
"नही पाया,"मोहन दृढ़ता से बोला,"मै शादी राधिका से ही करूँगा।"
14--दादागिरी
वह समुद्र के किनारे एक बेंच पर आकर बैठ गया।उसके हाथ मे अखबार था।वह उसे खोलकर पढता उससे पहले
"भों भों भों
कुत्तो के भोकने की आवाज सुनाई पड़ी।उसने नज़र उठकर देखा।गर्मी से परेशान होकर एक कुत्ता समुद्र किनारे चला आया था।बाहरी कुत्ते को अपने इलाके में देखकर चार कुत्ते भोंकते हुए चले आये।चारो ने बाहरी कुत्ते को घेर लिया।चारो कुत्ते बाहरी कुत्ते को अपने इलाके से भगाना चाहते थे।बाहरी कुत्ते ने सोचा--अगर मैं डरकर भागा तो ये चारों मुझे नोच खाएँगे।इसलिय उसने भागने की बजाय मुकाबला करने का निर्णय लिया
वह अकेला चारो कुत्तो के भोकने का बराबरी से जवाब देने लगा।भोंकते भोंकते काफी देर हो गयी।एक कुत्ता थक गया और चला गया।उसके जाने के बाद दूसरा और तीसरा कुत्ता भी चला गया।तीनो कुत्ते के जाने के बाद चोथे कुत्ते ने सोचा।जब हम चारो मिलकर इसका कुछ नही बिगाड़ सके तो मैं अकेला क्या कर लूंगा।चौथा कुत्ता भी दुम दबाकर धीरे से खिसक गया।चारो कुत्तो के जाने के बाद बाहरी कुत्ता आराम से घूमने लगा।
15--अनुत्तरित प्रश्न
"मेरी बेटी रात को अवध एक्सप्रेस से वापस लौटेगी।उसका सूटकेस मिल जाना चाहिए।"
सूबे के पुलिस मुखिया की बेटी रेवा ताज का दीदार करने आगरा आयी थी।ट्रेन से नीचे उतरने लगी तब उसे पता चला उसका सूटकेस चोरी हो गया है।उसने अपने पिता को फोन करके सूटकेस चोरी होने के बारे में बताया था।
लाल ने ताजनगरी के डी.आई जी खुराना को फोन करके पुलसिया घुड़की दी थी।खुराना तुरन्त हरकत में आ गए।थ्रू प्रॉपर चेनल फोन स्टेशन के थाना इंचार्ज खान के पास आ पहुंचा।
महकमे के सबसे बड़े अधिकारी की बेटी का मामला था।थानेदार ने अपने सिपाहियों को ट्रेन में चोरी करने वालो को पकड़कर लाने का आदेश दिया।और कुछ ही देर बाद चोरी करने वाले सभी धर दबोचे।

रात को ट्रेन आने से पहले स्टेशन थाना इंचार्ज खान ख़ुद सूटकेस लेकर रेवा के पास पहुंचा था।,"मिस आपका सूटकेस।खोलकर चेक कर लीजिए।"
सूटकेस रेवा का ही था।उसने सूटकेस खोलकर देखा।उसमे रखा सामान ज्यो का त्यों था।
सूटकेस वापस पाकर रेवा के मन मे प्रश्न उभरा था।उसका चोरी हुआ सूटकेस मिल कैसे गया?वह पुलिस अधिकारी की बेटी नही होती,क्या तब भी उसका चोरी हुआ सूटकेस मिल जाता?