पक्षीराज - एक अनोखी लव स्टोरी - 8 Pooja Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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पक्षीराज - एक अनोखी लव स्टोरी - 8

" आज मैं आरुषि को अपनी सच्चाई बता दूंगा "...ऐसा कहकर अधिराज इंसानी दुनिया में पहुंच जाता है, उधर सागरिका भी इंसानी दुनिया में पहुंचती है...
...कॉलेज ...
अर्जुन : हेलो आरुषि...!
आरुषि : हाय ...अर्जुन ..!
अर्जुन : आरुषि मुझे तुमसे एक जरूरी बात करनी है..!
आरुषि : हां बोलो...;
अर्जुन : आरुषि.. यहां नहीं अकेले में...!
आरुषि : ठीक है पहले कुछ खा पी ले फिर ..ओके..!
अर्जुन : ओके ...!
अर्जुन आरुषि लंच के लिए कॉलेज की कैंटिन में पहुंचते , सागरिका जोकि अर्जुन का पीछा करते करते वही पहुंच जाती है.... अर्जुन आर्डर देकर आता है .....पर उसे क्या पता था कि सागरिका भी उसका पीछा करते हुए आ पहुंची है ....
सागरिका : अधिराज इसी लड़की के कारण हमसे विवाह नहीं करना चाहते... हंस लो आज जितना हंसना है हंस लो आज तुम्हारा मरने का समय है ....!
सागरिका वैटर का रुप बनाकर कर उनके लिए लंच लेकर पहुंचती है..!
अर्जुन : लो आरुषि ...!
आरुषि : हां ...(जूस की केन उठाती है ) वैसे अर्जुन तुम क्या बात बताना चाहते हो ...!
अर्जुन : बताता हूं पहले लंच कर लो ...!
आरुषि : ओके... (तभी आरुषि के हाथ से जूस की केन गिर जाती है....)...
अर्जुन : आरुषि आई यू ओके ...!
आरुषि : अर्जुन.... पता नहीं... च..च चक्कर ...(बेहोश हो जाती है....)....
अर्जुन : आरुषि ...क्या हुआ आरुषि....? (पानी की छिंटे मारता है पर आरुषि आंखे नहीं खोलती )…....अर्जुन बिना देर किये आरुषि को गोद में उठाकर हॉस्पिटल पहुंचता है..
अर्जुन : डाक्टर ....इमरजेंसी है...!
डाक्टर : नर्स ...इन्हे इमरजेंसी वार्ड में ले चलो .....!
...डाक्टर आरुषि का इलाज करते हैं , आरुषि के मम्मी भाई भी वहां पहुंचते हैं ....जैसे ही डाक्टर बाहर आते अर्जुन आरुषि के बारे में पूछता है...
अर्जुन : डाक्टर आरुषि ठीक है... क्या हुआ है उसे ...?
डाक्टर : देखिए अब वो खतरे से बाहर है ...!
आयुष : क्या हुआ है उसे …?
डाक्टर : इन्होनें जहर पीया है ……
अर्जुन : ये क्या कह रहो हो डाक्टर ….आरुषि जहर क्यूं पियेगी ….!
आरुष : जहर …मैं पुलिस कम्पलेन करता हूं ….!
अर्जुन : उसकी जरुरत नहीं हैं भाई ….मैं देखता हूं कौन‌ है जिसने आरुषि को मारने कि कोशिश कि है …… छोड़ूंगा नहीं उसे ….आप आरुषि का ध्यान रखना मैं अभी आता हूं....
तभी नर्स आती हैं ….
नर्स : पेसेंट को होश आ गया है आप उनसे मिल सकते है …!
आरुष : अर्जुन रुको …!
अर्जुन : हां ….!
तीनो वार्ड में पहुंचते है …
आरुषि : मां …भाई ….क्या हुआ मुझे अर्जुन ….यहां क्यूं
अर्जुन : कुछ नही आरुषि ….तुम्हें चक्कर आ गया था इसलिए यहां लाए थे ….!
आरुष : ज्यादा सोच मत ….!
आरुषि : ठीक है...
….कुछ समय बाद …
अर्जुन : मैं जाता हूं ….!
आरुषि : अर्जुन कहां जा रहे हो …!
आरुष : अर्जुन तुम यही रुको मैं मां को छोड़कर आता हूं....
अर्जुन : जी (दोनों चले जाते हैं) ….
आरुषि : अर्जुन ….
अर्जुन : तुम्हें पता है तुम्हारे अचानक बेहोश होने से मैं घबरा गया था ….
आरुषि : अर्जुन (गले लग जाती हैं) ….मैं बहुत lucky हूं
अर्जुन : नही आरुषि तुम जान हो मेरी तुम्हें कुछ नही होगा
(मन में) जिसने भी तुम्हें जहर दिया है …… अब उसके मरने का टाइम है ….पर ये जानने के लिए मुझे अपने महल जाना पड़ेगा ……
…..…क्रमश : …