The Author Datta Shinde फॉलो Current Read नागिन का आखरी महायुध्द - अंतिम भाग By Datta Shinde हिंदी लघुकथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books मंजिले - भाग 3 (हलात ) ... राजा और दो पुत्रियाँ 1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... नफ़रत-ए-इश्क - 6 अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Datta Shinde द्वारा हिंदी लघुकथा कुल प्रकरण : 4 शेयर करे नागिन का आखरी महायुध्द - अंतिम भाग (2) 1.7k 4k हमणे पिछले भाग मैं देखा राधा और शिव मर जाते हैं अब वो घडी आणे वाली हैं जो पुरे धरती केलिए खतरनाक हैं तो चलो देखे आगे क्या होता है तब देवता और रावन शिवगाव जाते हैं तब देवता बोलता है रावन मंदिर कहा गया तब रावन बोलता है वो देखो तब वो उस मंदिर मैं जाते हैं तब देवता वो मणी लेता हैं और चला जाता हैं दोसरी और एक आदमी और उसकी पत्नी शिवमंदिर मैं जाते हैं तब वो आदमी बोलता है मोहिनी आज हम बोहत खुश हैं क्यो की हमारे परिवार मैं और एक मेंबर आणे वाला हैं तब मोहिनी बोलती हैं हा मोहित तुमणे सच कहा हम कितने बरसो से रहा देख रहे थे आज वो सपना हमारा पुरा होगा तब उनके सामने एक बडा नाग आता हैं तब मोहित गाडी घुमा लेता हैं तब गाडी एक पेड से टकरा जाती हैं तब मोहिनी के पेठ मे बोहत दर्द होने लगता है तब मोहित उसे शिवमंदिर मैं ले जाता हैं तब मोहित बोलता है कोई हैं तब कोई नहीं होता तब वाहा पे एक लडकी आती है और वो बोलती हैं सुनिए क्या होवा तब मोहित बोलता है मेरे पत्नी के पेठ मे बोहत दर्द होरहा हैं तब वो लडकी बोलती हैं आप फिकर मत किजिए मैं एक डाॅक्टर हो तब मोहित बोलता है आप देखिए ना तब वो लडकी बोलती हैं इनको बच्चा होने वाला हैं तब वो लडकी अपने सब सहेलीयोको बुलाती हैं तब सब मोहिनी के बाजु मैं खडे रेहेते हैं तब वो लडकी बोलती हैं कोशिश किजिए तब मोहिनी बोलती हैं जय भोलेनाथ तब मोहिनी को बेटी हो जाती है तब वो लडकी बोलती हैं स्वागत हैं नागराणी तब वो बच्ची को मोहित के पास देती है तब मोहित बोलता है आपका नाम क्या हैं तब वो लडकी बोलती हैं मेरा नाम माया हैं तब वो लडकी चली जाती है तब मोहित और मोहिनी चले जाते हैं पच्चीस साल बाद एक लडकी मंदिर जारही थी तब एक गाडी बोहत जोरसे आती है और उस लडकी को उडा देती है तब वो गाडी आगे जाकर रुक जाती है तब गाडी से एक लडका उतरता हैं तब वो देखता हैं तब कोई नहीं होता तब वो जाता हैं तब वो लडकी उसके सामने आती है तब वो बोलती हैं क्या होवा इतने क्यो डरे हो तब वो लडका बोलता है मैं नहीं तब वो लडकी बोलती हैं फिकर मत करो मुझे कोछ नहीं होवा मेरा नाम नागेश्वरी हैं और तुम्हारा तब वो लडका बोलता है मेरा नाम शिवम हैं तब शिवम बोलता है आप मंदिर जारहे हैं चलिए मैं आपको छोड देता हो तब दोनो जाते हैं तब शिवम बोलता है आप हररोज इस मंदिर मे आते है तब नागेश्वरी बोलती हैं हा तब दोनो मंदिर के अंदर जाते हैं तब नागेश्वरी को कोछ होता है तब वो तांडव करने लगती हैं और वो एक नागिन बन जाती है तब शिवम बोलता है तुम एक नागिन हो तब नागेश्वरी बोलती हैं हा तब शिवम भी एक नाग बन जाता हैं तब उन दोनो को सब याद आता है तब नागेश्वरी बोलती हैं शिवम अब आखरी महायुध्द हम लढगे चलो तब वो देवता के घर जाते हैं तब एक लडकी आती है और वो बोलती हैं सुनिए आपने भी इस शो मैं भाग लिया हैं तब नागेश्वरी बोलती हैं कोणसा शो तब वो लडकी बोलती हैं आज जो अच्छा नाचेगा उसे बोहत शक्ती या मिलेगी आप भाग लेना चाहेगी तब नागेश्वरी हा बोलती हैं तब सब नाचते हैं तब नागेश्वरी नाचती हैं तब देवता बोलता है रावन मुझे ये ठिक लग रही है तब नागेश्वरी का डान्स खतम हो जाता हैं तब देवता बोलता है आज जिसे शक्ती या मिलेगी उसका नाम नागेश्वरी हैं तब देवता नागेश्वरी को वो मणी देता है तब उस मणी का एक भाग चमकणे लगता है तब देवता वो मणी फिरसे लेता हैं तब देवता बोलता है रावन मेने बोला था वो नागिन यही हैं देखो अब दो ही भाग बचे तब नागेश्वरी भाग जाती है तब देवता बोलता है मोरणी,रावन, महाकाल,महेश उसे पकडो तब सब जाते हैं तब देवता भी उनका पिछे जाता हैं तब सब शिवमंदिर मैं आते है तब नागेश्वरी बोलती हैं देवता देख तेरी मोत फिरसे लोटके आगइ हैं तब देवता बोलता है तु फिरसे तो आगइ लेकिन फिरसे मरने आइ हैं वो देख तब नागेश्वरी बोलती हैं शिवम तब देवता बोलता है अब बोल तब मोरणी नागेश्वरी को मारती हैं तब महाकाल बोलता है ये नागिन आज नहीं बचनी चाहिए तब रावन महाकाल और महेशासुर नागेश्वरी को बोहत मारते है तब बोहत हवा चलती है तब एक तसबीर नागेश्वरी के सामने गिरती हैं तब देवता बोलता है वो फिरसे आरही हैं तब मंदिर का दरवाजा बंद हो जाता है तब दो बडे नाग आते है और उनके पिछे और एक नाग आता हैं तब शिवजी के पास से एक नागिन आती है तब वो तिनो नाग उस नागिन को ताज पेहनाते हैं और चले जाते हैं तब वो नागिन अपना असली रुप लेती हैं तब वो बोलती हैं तुम सबका पाप का घडा भर गया है मै तुम सबको मारणे मैं फिरसे आइ हो तब देवता बोलता है ए नागिन चुप बेठ और इस मणी को अपने हाथ पर रख तब चंद्रप्रभा बोलती हैं नहीं तब चंद्रप्रभा नागेश्वरी को ठिक करती है तब नागेश्वरी बोलती हैं मा आप तब सफेरा बिन बजाता हैं तब नागेश्वरी और चंद्रप्रभा नाचते हैं तब देवता वो मणी चंद्रप्रभा के हाथ मैं रखता हैं तब देवता बोलता है मिल गइ मुझे सारी शक्ती या मिल गइ तब देवता चंद्रप्रभा और नागेश्वरी को बांधके रखता हैं तब देवता बोलता है चलो जलदी हमे पुजा करनी है तब देवता हवन करता हैं तब वो बोलता है रावन महाकाल नागेश्वरी और चंद्रप्रभा को अग्नी कोडं मैं डालो तब बोहत हवा चलती हैं तब वाहा पे दो महानाग तांडव करते हैं तब शिवजी आते है और तांडव करते हैं तब वाहा पे सर्व शक्तीशाली नागराणी आती है तब वो महाकाल और मोरणी को मार देती है तब चंद्रप्रभा बोलती हैं रावन मेने बोला था ना मैं तुझे मारके रहोगी देख तेरी मोत खडी हैं तुझे मारणे केलिए तब चंद्रप्रभा उसे मारदेती हैं तब वाहा पे नंदिनी आती है तब महेशासुर भागणे की कोशिश करता हैं तब नंदिनी बोलती हैं महेशासुर कहा भाग रहा है तब नंदिनी उसे मार देती है तब चंद्रप्रभा, नागेश्वरी , और नंदिनी त्रिशुल लेती हैं और उस देवता को मार देती है तब देवता फिरसे उठता है तब सर्व शक्तीशाली नागराणी उसे ढसती हैं तब देवता मर जाता हैं और सब राक्षस गायब हो जाते हैं तब वाहा पे शिवाय आता है और वो बोलता है आप सब मुझे जानते हैं लेकिन इनको नहीं जानते तब चंद्रप्रभा बोलती हैं शिवाय ये कोन हैं तब शिवाय बोलता है ये नागराणी राजेश्वरी हैं तब राजेश्वरी अपना रुप लेती हैं तब राजेश्वरी बोलती हैं मुझे पता हे आप सबके मन मैं एक बात है की मुझे एसा श्राप क्यो मिला क्यो मैं अपना रुप नहीं ले पाइ और पिछले जन्म मैं मेरे साथ क्या होवा था मैं आप सबको बतावोगी लेकीन मुझे सबसे पेहेले ये मणी को नष्ट करना होगा और ये मणी मैं नष्ट क्यो कर रही हो वो भी मैं बतावोगी तब राजेश्वरी बोलती हैं चंद्रप्रभा और शिवाय तुम दोनो को जाना होगा तब चंद्रप्रभा बोलती हैं शिवम मेरी बेटी का ध्यान रखना शिवम हा बोलता है तब चंद्रप्रभा बोलती हैं नागेश्वरी चलती हो तब दोनो चले जाते हैं तब राजेश्वरी बोलती हैं अब मैं मेरे काहाणी सुनाने जारही हो... ‹ पिछला प्रकरणनागिन का आखरी महायुध्द - भाग-३ Download Our App