ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी Bhanuben Prajapati द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी

ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी ...
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नीलिमा और रोहन दोनों दिवाली की छुट्टियों में घूमने गए थे ।उन्होंने ट्रेन में बुकिंग करवाई थी नीलिमा और रोहन दोनों ट्रेन में बैठे हुए थे दोनों की नई-नई शादी हुई थी इसलिए बहुत ही खुश थे ।नीलिमाने रोहन से पूछा कितना अजीब है हम दोनों के मिलना भी । हमारे घरवालेने शादी करा कर हमारी तमन्ना पूरी कर दी ।मुझे तो ऐसा लग रहा था कि घर वाले हमारे प्यार को स्वीकृति नहीं देंगे ।लेकिन सब कुछ ठीक हो गया । दोनों बातें कर रहे थे और उनके प्यार की पुरानी यादें की बातें कर रहे थे । और प्रेममें तल्लीन हो रहे थे ।तब अचानक ट्रेन रुक गई नीलिमा ने पूछा इतनी जोर से क्यों ट्रेन रुक गई है ।

"रोहन बोला नीलिमा मुझे पता नहीं और कहा ऐसा कर मैं नीचे देख कर आता हूं ।"

" मैंने मना तो कर दिया कि तुम नीचे मत जाओ मैं अकेली नहीं रह सकती मुझे डर लगता है रात को 9:00 बजे है इस रात को 9:00 में मैं अकेली में कैसे बैठूंगी "

" मैं देख कर आता हूं क्यों ट्रेन रुकी हुई है और सामने से मैं तेरे लिए थोड़ा नाश्ता लेकर आता हूं । तुम को भूख लगी होगी ।"

" मुझे भूख तो लगी है लेकिन तू मेरे नजदीक रहो ...मुजसे दूर मत जाओ ।"

रोहन बोला; अभी तक ट्रेन क्यू रुकी हुई है । मुझे देखना पड़ेगा ।

रोहन निलीमाको समझा कर ट्रेन क्यों रुकी हुई है वह देखने के लिए नीचे उतर गया ।

थोड़ी देर में ट्रेन चल पड़ी और नीचे रोहन नीचे रह गया । निलीमाने जोर से बुम
लगाई । लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था । नीलिमा डर रही थी । मैं क्या करूंगी ।मेरे साथ तो कोई नहीं है ।

रोहनने फोन किया नीलिमा चिंता मत करो ।मैं अगले स्टेशन पर आ जाऊंगा । बहुत डर लगे तो मुझे फोन फोन पर बातें करते
रहना ।ऐसी बातें कहते हुऐ रोहन ने फोन रख दिया ।

नीलिमा रोने लगी तब एक बच्चा गीत गाता हुआ वहां पर आया । वो गरीब बच्चा ट्रेन में गीत गाकर अपना गुजारा कर रहा था ।

गरीब बच्चा नीलिमा के करीब आया और कहा तुम क्यों रो रही हो ।

नीलिमाने कहा: मेरा पति नीचे मेरे लिए नाश्ता लेने गया था और ट्रेन रुकी हुई थी तो देखने गया था इसलिए मैं रो रही हूं मैं अकेली हूं ।

बच्चा बोला: तुम्हारे पति तो आ जाएंगे अगले स्टेशन पर गाड़ी रुकने वाली है वहां आ जाएंगे तुम इतनी बड़ी हो कर क्यों .. रो रही हो ।

निलीमा ने कहा क्यों !अकेली हूं तो रोना तो आएगा ।

बच्चेने कहा; तुम्हारे पास सब कुछ है मेरी बात सुनो .
नीलिमा ने कहा सुनाओ ...

गरीब बच्चे ने कहा; मेरा तो सब कुछ यहीं ट्रेन है। मेरी मां भी , मेरे पिताजी भी ट्रेन है ।

नीलिमाने कहा; क्यों ?

गरीब बच्चे ने कहा; जब से मैंने होश संभाला तबसे ऐ ट्रेन मुझे पाल रही है । मैं इसमें गीत गाता हूं और लोग मुझे खाना देते हैं और मैं वह खाना खा कर सो जाता हूं
नीलिमा ने कहा तो कपड़े कैसे लाते हो तुम्हारे सोने की व्यवस्था तो नहीं है ।

गरीब बच्चे ने कहा कुदरत ने जन्म दिया है तो सब कुछ दे देता है ट्रेन में मेरे पास कुछ नहीं है लेकिन मेरे कपड़े मेरे पास है बस इस में लिपटा हुआ मैं पड़ा रहता हूं । लोग खाना देते वह खा लेता हूं क्योंकि मैंने मां बाप का प्यार तो देखा नहीं है बस ट्रेन रुकती है तो नीचे जाकर मेरे लिए पानी की बोतल भर देता हूं ।

नीलिमा ने कहा : तुम को कैसे अच्छा लगता है ।

बच्चे ने कहा: मेरी किस्मत अच्छी नहीं है नहीं तो मेरे पास मेरे मां और बाप दोनों होते ।

नीलिम ने कहा: लेकिन मुझेअकेले डर लगता है और तुम्हें डर नहीं .

गरीब बच्चे ने कहा तूम क्यों डरती हो ' देखो सामने तुम्हारा स्टेशन आ गया ।

नीलिमा ने देखा सामने रोहन खड़ा था ।नीलिमा रोहन के बाहों में जाकर बहुत रोने लगी ।

बच्चे ने कहा तुम्हें पता चला तुम तो डर रही थी बातों बातों में तुमको तुम्हारा पति मिल गया ।आपको खुश होना चाहिए कि तुम्हारा पति तुम्हें मिल गया ।

मेरे मां-बाप कहां से मिलेंगे मेरे तो चलती गाड़ी का नाम ही जीवन है ।

निलीमाने कहा: रोहन इस बच्चे को मैं - पापा का प्यार देना चाहती हूं । वो एक गरीब बच्चा है लेकिन उसके विचार बहुत ही उच्च और अच्छे हैं । इस बच्चे को मैं पढाना चाहती हूं और उसको आगे बढ़ाना चाहती हूं रोहन भी मान गया और चलती हुई ट्रेन में वह एक बच्चे को गोद लिया है ।
प्रजापति भानूबेन बी
" सरिता "