अंतिम भाग - 6
पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुनील के एक्सीडेंट के बाद जेनिफर ने करीब एक साल तक का इंतजार किया . फिर अचानक सुनील पता मिलने पर उस से मिलने गयी . . अब आगे पढ़ें .....
तेरे सुर और मेरे गीत
“ इस से मिलो यह सैमुअल है , मेरा मंगेतर . अभी कुछ ही दिन पहले हमारी इंगेजमेंट हुई है . “
सुनील ने दोनों की अँगुलियों में वेडिंग रिंग देख कर कहा “ सगाई मुबारक हो तुम दोनों को . “
जेनिफर ने उसके निकट जा कर उसके सर और दाढ़ी सहलाये , उसकी आँखों में आँसू छलक आये . उसने कहा “ क्या हाल हो गया है तुम्हारा ? ये सब कैसे हुआ ? तुमने मुझे एक बार भी बताना जरूरी नहीं समझा . “
“ क्या बताता मैं ? वादे के अनुसार मैं उस दिन तुमसे मिलने गोल्डन गेट ब्रिज पहुँच गया था . मैं पहले ही तुम्हें दिए समय से लेट था , तुम तक जल्दी पहुँचने के चक्कर में बिना सिग्नल देखे रोड क्रॉस कर रहा था कि कार ने जोर से टक्कर मारी . इसके बाद जब मुझे होश आया , मैं अपने दोनों पैर खो चुका था . मेरा फोन भी टुकड़े टुकड़े हो चुका था . वैसे भी मैं तुम्हें क्या बोलता ? मैं तुम्हारी या किसी भी लड़की की जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहता था . “
जेनिफर उसके दोनों हाथ अपने हाथ में ले कर रो रही थी . सुनील बोला “ होनी को आजतक कोई नहीं टाल सका है . मैं तो अब इसका अभ्यस्त हो चुका हूँ . उठो , आराम से बैठो . मम्मा इन लोगों को कुछ खिलाओ पिलाओ , पहली बार आये हैं और शायद आखिरी भी . “
“ ऐसा कह कर जले पर नमक छिड़क रहे हो . मेरी कोई गलती नहीं है . मैं उस दिन देर शाम तक पार्क में तुम्हारा इंतजार करती रही . जब सेक्युरिटी ने जाने को कहा तब मैं वहां से निकली थी . “
“ मुझे तुम पर भरोसा है जेनी . “
इस बीच माँ ने कुछ स्नैक्स और जूस ला कर टेबल पर रखे और खाने को कहा . जेनिफर ने उस ओर देखा तक नहीं . वह बोली “ मुझे जरा भी तुम्हारे बारे में पता होता तो मैं तुम्हारे ठीक होने का इन्तजार करती . अभी कुछ ही दिनों से मैं और सैमुअल डेट कर रहे थे और एक सप्ताह भी नहीं हुआ सगाई हुए . नानी को ज्यादा जल्दी पड़ी थी मेरी शादी की . “
“ शादी कब कर रही हो ? “ सुनील ने पूछा
“ अगले महीने . पर अब मैं दुविधा में हूँ , शादी करूँ भी या नहीं या पोस्टपॉन करूँ फिलहाल . “
“ तुम्हें शादी की लिबास में देख कर मुझे बेहद ख़ुशी होगी . मुझे बुलाना नहीं भूलना . “
“ क्यों ताने पर ताने मारे जा रहे हो ? “
सैमुअल ने बीच में टोक कर कहा “ सुनो सुनील और तुम भी जेनी . फिलहाल मेरी सिर्फ सगाई हुई है . तुम दोनों अगर तैयार हो तो सगाई तोड़ी जा सकती है .अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है . “
सुनील ने कड़ी आवाज में कहा “ मैं इसे बेवकूफी कहूँ या बचपना पता नहीं पर जो भी हो मुझे इस से ख़ुशी नहीं होगी . मैं जेनी या किसी भी लड़की का जीवन बर्बाद नहीं कर सकता हूँ . “
सुनील की माँ ने भी सैमुअल और जेनिफर की ओर देख कर कहा “ तुम ऐसा कह कर हमें शर्मिंदा कर रहे हो और हमारी भावनाओं का अपमान भी . सुनील ऐसा सोच भी नहीं सकता है . “
“ सॉरी आंटी . “ सैमुअल बोला
सुनील ने इशारे से जेनिफर और सैमुअल को जूस पीने को कहा . दोनों ने जूस के दो सिप ले कर ग्लास टेबल पर रख दिए .
जेनिफर बोली “ सुनील तुम तो मुझे उस दिन किसी दूसरे लड़के से मिलवाने वाले थे . तुम्हारे अनुसार मैं पहले भी मिल चुकी थी और वह लड़का मुझे प्रपोज करने को तैयार था . फिर तुम क्यों मुझे प्रपोज करने वाले थे . “
“ अगर मैं कहूँ वह लड़का खुद मैं ही हूँ , टू इन वन . क्या तुम्हें यकीन होगा मेरी बात पर ? “
“ पहली नजर में तो यकीन नहीं होगा पर ये कैसे हो सकता है ?जहाँ तक मुझे अच्छी तरह याद है मैं तुमसे नहीं मिली थी ? “
“ वो ऐसे हो सकता है कि दो साल पहले न्यू ईयर में तुम सेलर क्लब में आयी थी और मैं भी वहां था . दोनों ने मुखौटे पहन रखे थे . दोनों ने कुछ देर साथ डांस भी किया था . शायद उस दिन मैंने कुछ ज्यादा पी लिया था डांस करते करते मैं तुम्हें चूम लिया . तुमने एक झटके से अपने को अलग किया और मुझे इतनी जोर से धक्का दिया कि मैं गिर पड़ा . तुमने अपना मुखौटा उतार कर मुझे गालियां भी दी , मेरा मुखौटा लगा था . मेरा दोस्त मुझे क्लब से बाहर ले गया . मैं भी चिल्ला चिल्ला कर बोल रहा था देखना एक दिन मैं तुम्हीं से शादी कर के दिखाऊंगा . और तुम चिल्लाये जा रही थी - माय फुट , शादी और तुमसे . तुम्हारी शक्ल तुम्हारे मुखौटे से अलग नहीं होगी . मैं भालू के चेहरे वाला मुखौटा पहने था . “
“ ओ , माय गॉड , वो तुम थे . अच्छा अब ये बताओ प्रदर्शनी में तुमने जो पेंटिंग लगाई है उसमें जहाँ तक मैं समझ पायी हूँ दो अधूरी तस्वीरें हैं - एक मेरी और एक तुम्हारी . मैं सही हूँ न . “
“तुम बिल्कुल सही हो . “
“ आधा दिखाने का क्या मतलब और मेरी तस्वीर के आगे मुझे एक प्रश्न चिन्ह जैसा दिख रहा था , क्यों ? “
“ मैं तुम्हारे बिन अधूरा हूँ और तुम्हारा पता नहीं , इसलिए वो सवालिया निशान था . “
सैमुअल एक बार फिर बीच में बोल पड़ा “ मैं तो अब भी तुम दोनों के बीच से हटने को तैयार हूँ . “
“ ऐसी बात फिर न करना सैमुअल . “ सुनील उस पर बरस पड़ा
जेनिफर बोली “ सुनील , मैंने करीब एक साल तक तुम्हारा इंतजार किया . मैं भी उन दिनों अपने को अधूरा महसूस कर रही थी . इसके बाद मुझे नानी की बात माननी पड़ी . “
“ मैं समझ सकता हूँ . वैसे भी मैं किसी कीमत पर तुमसे या किसी भी लड़की से शादी करने की नहीं सोच सकता हूँ . “
“ मैं तुम्हें मिस करूंगी सुनील . तुम अपने गीत मुझे दिया करो , मैं उन्हें गाया करूँगी और मैं अपनी पेंटिंग तुम्हें दूँगी उन पर तुम छोटे गीत लिख दिया करो . मैं अपनी और तुम्हारी पेंटिंग दोनों एक साथ प्रदर्शनी में रखूंगी . “
“ गुड आईडिया , तेरे सुर और मेरे गीत . दोनों एक दूसरे के परिपूरक “ सुनील बोला
जेनिफर अपनी कुर्सी सुनील के और निकट खींच कर बैठ गयी . जेनिफर ने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में थाम लिया . दोनों की आँखों से आँसू निकल कर एक दूसरे के हाथों पर गिर रहे थे . सैमुअल और सुनील की माँ मूक दर्शक बने उन्हें देख रहे थे , उनकी आँखें भी नम थीं .
सैमुअल बोला “ जेनी , अब चलना चाहिए . “
“ टेक केयर सुनील , मैं तुमसे मिलती रहूंगी . “
“ अपनी शादी में बुलाना नहीं भूलना . “
“ मुझे शर्मिंदा करते हो ? तुमने सोचा कैसे कि मैं तुम्हें बुलाना भूल जाऊंगी . तुम मेरे लिए बहुत खास मेहमान होंगे . “
इतना बोलै कर जेनिफर ने धीरे धीरे सुनील से अपना हाथ छुड़ाया , अपनी आँखें पोंछी और बाय , ‘ टेक केयर ‘ कह कर निकल गयी .
देखते देखते जेनिफर की शादी का दिन भी जल्द ही आ गया . सुनील अपनी माँ के साथ शादी में गया था . वहां जेनिफर की नानी भी थी . उन्होंने कहा “ सुनील बेटे , तुम्हारे एक्सीडेंट के बारे में जान कर हमें बहुत दुःख हुआ है . जेनिफर भी मन ही मन तुम्हें चाहने लगी थी . उसने उसने बहुत दिनों तक तुम्हारा और तुम्हारे उस लड़के का इंतजार कर रही थी जिस से तुम मिलवाने वाले थे . पर नियति को कुछ और ही मंजूर था . “
“ मैं समझ सकता हूँ . पर आप यकीन मानें मुझे जेनिफर की शादी पर बहुत ख़ुशी है . “
जेनिफर ने कहा “ नानी , हम दोनों एक दूसरे को कभी नहीं भूल सकते हैं . सुनील ने मुझसे वादा किया है . मैं पेंटिंग किया करूंगी और सुनील उस पेंटिंग पर गीत लिखेगा . फिर मैं उसके गीतों पर धुनें बनाऊंगी . कितना अच्छा होगा न मेरे सुर और सुनील के गीत . है न सुनील ? “
“ हाँ , तेरे सुर और मेरे गीत . “
वहां मौजूद सभी लोग ख़ुशी से ताली बजाने लगे .
समाप्त