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शातिराना

"शातिराना"
(1)
राज आइने के सामने खड़ा होकर शेविंग कर रहा है। तभी प्रिया की आवाज आती है।
प्रिया:-"राज जल्दी से ड्राइंगरूम में आ जाओ, चाय रेडी है। "
राज:-"बस दो मिनट मेरी जान आया। " शेविंग करते हुए बोलता है।
प्रिया चाय को कप के अंदर उड़ेल रही है और चम्मच से चीनी मिक्स कर रही है। तभी वहाँ राज आ जाता है।
राज:-" ओह गरमा गरम चाय, मजा आ गया।"
राज चाय की एक चुस्की लेता है और बोलता है-
राज:-"आह, चाय तो तुमसे भी ज्यादा गरम है प्रिया। "
प्रिया:-"राज अब मजाक छोड़ो, जरा सीरियस हो जाओ। "
राज:-"क्या बात कर रही हो। तो तुम्हारा मतलब है कि मैं सीरियस नहीं हूँ, तुम ये कहना चाहती हो। "
प्रिया:-"बिलकुल नहीं हो। "
राज:-"वो कैसे? "
प्रिया:-"देखो राज, शादी से पहले हमारे पास खुद का फ्लैट होना चाहिए, खुद की एक गाड़ी होनी चाहिए और दस बीस लाख रूपये बैंक बैलेंस। "
राज:-"बस.....मैं तो एक बंगला ढूंढ रहा हूँ और तुम फ्लैट की बात कर रही हो, मैं तो ऑडी ढूंढ रहा हूँ और तुम गाड़ी की बात कर रही हो, मैं दो चार करोड़ बैंक बैलेंस करने के बारे में लगा हूँ और तुम बस दस बीस लाख की सोच रही हो। "
प्रिया:-"राज ख्वाबों के धरातल पर जीना छोड़ दो, अब वास्तविक धरातल पर आकर जीना सीखो। समझे। "
राज:-"मुझे तो कुछ समझ में नहीं आता कि जिंदगी कैसे जीते हैं। मैं तो बस बिंदास जीना चाहता हूँ। बाकी जिंदगी कैसे जीना है तुम्हीं मुझे सीखा दो। "
प्रिया:-"मेरे जीजू आकाश से कुछ सीखों। उन्होंने करोड़ों की संपत्ति सिर्फ अपने बलबूते बनाई है। "
राज:-"जीजू, आकाश। कौन हैं ये जनाब। कहाँ रहते हैं। कैसे दिखते हैं। क्या करते हैं। कुछ बकोगी इनके बारे में। "
प्रिया:-"मेरी दीदी शालिनी की शादी जिस शख्स से हुई है उनका नाम है आकाश। वो रिस्ते में मेरे जीजू लगते हैं। करोड़ों की संपत्ति है उनके पास। एक्सपोर्ट एम्पोर्ट का बिजनेस है उनका। "
राज:-"वोह माय गॉड। फिर तो बहुत बड़े आदमी हैं तुम्हारे जीजू।वैसे रहते कहाँ हैं....एक मिनट मेरे पेट में मरोड़े उठ रहा है, जरा फ्रैश होकर के आता हूँ।"
राज वाशरूम की तरफ भागता है।
(2)
आकाश एक महंगी चमचमाती हुई कार से अपने बंगलो के सामने रूकता है।आकाश व उसकी दुल्हन की तरह सजी बीवी शालिनी कार से नीचे ऊतरते हैं।
आकाश:-"शालिनी, ये है अपना छोटा सा आसियाना। आज से इसका मालिकन तुम हो।मैं तुम्हारा गुलाम। तुम्हारी खिदमत में हमेशा हाज़िर रहूंगा, ये रही चाबी। "
आकाश बंगलो की चाबी शालिनी के हाथ में देता है। शालिनी मुसकुराती हुई आकाश के साथ बंगलो की तरफ बढ़ती है।
(3)
बाथरूम का दरवाजा खूलता है, अंदर से शालिनी निकलती है। स्नान की हुई, बाल खूले हुए, पेट की नाभि दिख रही है, बदन के तमाम अंग बाहर झांक रहे हैं। आकाश बेड पर बैठकर चाय पी रहा है। वह ललचाई आँखों से शालिनी को देख रहा है।
शालिनी:-"मुझे ऐसे क्यों घूर रहे हो? "
आकाश-"तुम्हारी मदमस्त अंगड़ाई लेती नाभि को देखकर मेरे बदन में झुरझुरी सी छूटने लगती है। तुम पता नहीं क्या चीज हो शालिनी,कि इतना करीब होते हुए भी मेरी भूख नहीं मिट रही है। "
शालिनी:-"तो चीकन बना दूं, जी भर के खा लो, पेट भर जाएगा। "
आकाश:-"मैं उस भूख की बात नहीं कर रहा हूँ शालिनी, मैं तुम्हारे बदन से उठ रही इस मस्तानी मदहोश कर देने वाली सुगंध पर फिदा हूँ, पागल हूँ, मत रोको मुझे, प्लीज मुझे समा जाने दो तुम्हारे इस तपते बदन में। "
अगले ही पल दोनों हमबिस्तर हो जाते हैं और जी भर जाने के बाद दोनों एक दूसरे से अलग होते हैं। दोनों की गहरी और तेज सांसें चल रही हैं।
(4)
राज वाशरूम से बाहर निकल कर आद्या के पास पहुंचता है।
राज:-"यार तुम्हारे जीजू की कहानी सुन कर आज मैं बहुत अच्छे से फ्रैश हो लिया। हाँ तो मैं पूछ रहा था कि तुम्हारे जीजू रहते कहाँ हैं। "
प्रिया:-"एक करोड़ों के शानदार बंगलो में। "
राज:-"यार करोड़पति हैं तो जाहिर सी बात है किसी शानदार बंगले में ही रहते होंगे। मगर मेरे पूछते का मतलब है कि वह जगह वह गाँव वह शहर कौन सा है जहाँ वे रहते हैं। "
प्रिया:-"मुंबई "
राज:-"क्या, सच। "
प्रिया:-"यस। और दीदी के साथ आज ही मुंबई आए हैं। "
राज:-"तो यार फोन लगाओ ना। "
प्रिया:-"क्यों। "
राज:-"ऐसे लोगों के साथ रिश्ता रखने में अपना बहुत फायदा है।तुम्हें हीरोइन बनना है और मुझे डायरेक्टर। बाइ द वे किस्मत ने करवट बदला और तुम्हारे जीजू ने कोई फिल्म फाइनेंस कर दी तो समझो हमारी तो निकल पड़ेगी। बात कुछ ऐसी है यार, जरा समझा करो। "
प्रिया:-"बड़े ही लालची आदमी हो तुम तो। हमेशा मतलब की ही बात करते हो। "
राज:-"यार मतलबी तो पूरी दुनिया है। मां बाप मतलबी, मियां बीवी मतलबी, यार दोस्त मतलबी, टीचर स्टूडेंट मतलबी, दुकानदार ग्राहक मतलबी, मंदिर का पूजारी और भक्त मतलबी। इसलिए जरा दिमाग का इस्तेमाल करो तो कायदे से बहुत फायदे में रहोगी, हाँ। "
प्रिया किसी सोच में डूब जाती है।
प्रिया:-"कभी कभी तुम सही भी बोल जाते हो। "
राज:-"तो इसी बात पर एक एक कप चाय हो जाए। "
प्रिया:-"जाओ बनाकर लाओ। "
राज:-"यार यही तो गड़बड़ है, चलो ठीक है। "
राज किचन की तरफ चला जाता है।
(5)
आकाश के घर की डोर बेल बजती है।
आकाश:-"इस समय कौन हो सकता है? "
शालिनी:-"रूको मैं देखती हूँ। "
शालिनी दरवाजा खोलती है।सामने उसकी कजिन सिस्टर प्रिया खड़ी है।
शालिनी:-"प्रिया तुम, अचानक ! "
प्रिया शालिनी का पैर छूती है।
प्रिया:-"क्यों दीदी, मेरा यहाँ आना आपको अच्छा नहीं लगा। "
शालिनी:-"अरे नहीं पगली, उल्टा मैं तो बहुत खुश हूँ। अकेले बोर होती, अब तुम आ गई हो तो मेरा भी यहाँ मन लगेगा। "
दोनों बातें करते हुए आकाश के कमरे में आ जाते हैं।
प्रिया:-"क्यों, जीजू के साथ रह के आपका मन नहीं भर रहा है क्या। क्यों जीजू, मेरी दीदी को ज्यादा तंग तो नहीं कर रहे हो ना। "
आकाश:-"बिलकुल नहीं। "
प्रिया:-"अभी दीदी को आदत नहीं है ना, धीरे धीरे झेलने की आदत पड़ जाएगी, मेरा मतलब समझ गए ना। "
शालिनी:-"वो प्रिया की बच्ची, अब तू ज्यादा मत बोल, तू बैठ, जीजू के साथ कुछ गप्पें लड़ा, मैं चाय बना कर लाती हूँ। " शालिनी किचन की तरफ चली जाती है।
(6)
प्रिया व आकाश गार्डन में बैठे हुए हैं। आकाश पौधों को पानी दे रहा है। प्रिया भी पौधों को पानी दे रही है। प्रिया आकाश की आँखों में खुद को एक्सपोज़ कर रही है। आकाश एक शरीफ इंसान है, अत: वह थोड़ा असहज महसूस कर रहा है।
प्रिया:-"जीजू आपकी साली इतनी खूबसूरत है उसे देखकर आपके दिल में कुछ कुछ होता है या नहीं, सच सच बोलना प्लीज जीजू। "
आकाश:-"तुम क्या बकवास कर रही हो। "
प्रिया:-"जीजू साली आधी घर वाली होती है, इसलिए मैं तो आपको फ्लर्ट करूंगी, दीदी के साथ रात के अंधेरे में पलंग तोड़ने में तो आपको शरम नहीं आती होगी, क्यों जीजू। "
ठीक इसी समय प्रिया की मोबाइल की रिंग बजने लगती है।
आकाश पौधों को पानी देने में व्यस्त हो जाता है।
प्रिया:-"हैलो राज कैसे हो? "
राज:-"तुम्हारे बगैर मैं कैसे ठीक रह सकता हूँ मेरी जान। "
प्रिया:-"तो यहीं आ जाओ। जीजू से भी तुम्हारी मुलाकात करवा देती हूँ। मेरे जीजू से मिलोगे तो खुश हो जाओगे, एक नंबर के पूरे भरपूर मर्द हैं मेरे जीजू जान। "
प्रिया की बातों को सुनकर आकाश मुसकुराता है और पुनः पौधों को पानी देने में लग जाता है।
(7)
आकाश, शालिनी, प्रिया व राज सभी नास्ता कर रहे हैं। नौकरानी कमला पराठे लाकर दे रही है।
राज:-"आकाश बाबू मेरे दिमाग में एक बहुत ही शानदार बिजनेस आइडिया आया है। अगर आप इंटरेस्टेड हों तो मैं बकूं। "
आकाश:-"मैं एक बिजनेस मैन हूँ, इसलिए नए नए आइडियाज को मैं तलाशता रहता हूँ। बोलिये, क्या है आपका आइडिया। "
राज:-"वेब सिरीज़, मिन्स नेट फ्लिक्स, एमाज़ॉन, एम एक्स प्लेयर के लिए कोई वेब सिरीज़ बनाइए। मिन्स आप फायनान्स कीजिये, बाकी का काम मेरे ऊपर छोड़ दीजिये। सुपर डुपर हिट, वारंटी नहीं साहब गारंटी के साथ। "
आकाश:-"नेवर "
राज:-"मिन्स "
आकाश:-"कभी नहीं। "
राज:-"इट मिन्स, यू आर नॉट इंटरेस्टेड। "
आकाश:-"फिलहाल फिल्मों में मेरा बिलकुल इंटरेस्ट नहीं है। "
राज:-"सोचिये साहब, न्यू एंड हिट बिजनेस है, ऐसे तीन चार और बंगलो होंगे आपके पास। "
आकाश:"बिलकुल इंटरेस्ट नहीं मिन्स, बिलकुल भी नहीं। "
आकाश उठकर बाहर चला जाता है।
प्रिया:-"राज तूने जीजू को पका दिया। यार तू अपना सड़ा गला बिजनेस अपने पास रख। "
शालिनी:-"प्रिया राज हमारा मेहमान है उसे ऐसा मत बोलो। "
राज:-"दीदी प्रिया तो बस ऐसे ही मेरी क्लास लेती रहती है। बिचारी। "
शालिनी हँसने लगती है, जबकि प्रिया राज की तरफ गुस्से भरी नजरों से देख रही है।
(8)
राज प्रिया के पास आता है और उससे बोलता है।
राज:-"यार ये तुम्हारा जिज्जू तो बहुत ही खड़ूस आदमी है। "
प्रिया:-"मुझे भी कुछ ऐसा ही लग रहा है। लेकिन कुछ सोचो, जेब खाली है, पैसा निकालना है तो दीमाग की दही को जरा फेटो। "
राज:-"हूँ, दीमाग की दही करूँगा तभी तो मलाई निकलेगी। यू आर राइट आद्या, यू आर राइट। कान इधर लाओ"
राज प्रिया के कान में कुछ फुसफुसाता है-दोनों के चेहरे पर खुशी है।
(9)
आकाश स्वीमिंग पूल के पास बैठा हुआ है। तभी वहाँ प्रिया आती है।
आकाश:-"आओ प्रिया बैठो। " प्रिया बैठ जाती है।
प्रिया:-" क्या बात है जीजू, कुछ उदास दिखाई दे रहे हो, तबियत तो ठीक है न। "
आकाश:-"वो कुछ बिजनेस के सिलसिले में सोच रहा था। "
प्रिया:-"क्या हुआ? बिजनेस तो ठीक चल रहा है न।"
आकाश:-"देखो इसका नाम बिजनेस है, थोड़ा बहुत ऊपर नीचे चलता रहता है। ये छोड़ो, अपनी सुनाओ, तुम्हारी मॉडलिंग कैसी चल रही है। "
प्रिया:-"ठीक चल रही है, बस थोड़े बहुत जेब में पैसे आ जाते हैं।" प्रिया अपनी जेब से दारू का एक बोतल निकालती है।
आकाश:-"ये तो दारू है, तुम शराब भी पीती हो? "
प्रिया:-"तो जीजू आप बिलकुल नहीं पीते क्या? "
आकाश:-"कभी कभी यार दोस्तों के साथ पी लेता हूँ, पर बस एक आध पैग, ज्यादा नहीं। "
प्रिया:-"तो आज एक एक पैग हो जाए जिजू, प्लीज! "
आकाश:-"ठीक है, पर शालिनी को पता नहीं चलना चाहिए। "
प्रिया:-"ओके जिजू, डौंट वरी! "
दोनों जी भर कर दारू पीते हैं, प्रिया चुपके से आकाश के गिलास में कोई दवा डाल देती है। जिससे आकाश के शरीर में काम वासना की तीव्र इच्छा जागृत हो जाती है।आकाश बहक जाता है और प्रिया के साथ हमबिस्तर हो जाता है।राज छुपकर के प्रिया व आकाश के बीच के शारीरिक संबंध का वीडियो बना लेता है।
(10)
आकाश जैसे ही ऑफिस की तरफ निकलने के लिए कार ड्राइविंग सीट पर बैठता है, वहाँ राज पहुंचता है, उसके हाथ में एक मोबाइल है।
राज:-"आकाश साहब, जरा दो मिनट का टाइम देंगे क्या? "
आकाश:-"क्या काम है, जल्दी से बोलो, मुझे ऑफिस के लिए लेट हो रहा है। "
राज:-"क्या साहब, कभी मालिक को भी लेट होता है क्या। "
आकाश:-"ठीक है काम की बात करो। "
राज:-"ये आप खुद देख लीजिए साहब। "
आकाश मोबाइल के अंदर इस अश्लील वीडियो को देखकर बूरी तरह से डर जाता है।
आकाश:-"ये सब क्या है! "
राज:-"रस पान आपने किया,मलाई आपने खाई, वो भी चटखारे मार मार के, पूछ मुझसे रहे हैं, क्या साहब। "
आकाश:-"तो तुम मुझे ब्लैकमेल कर रहे हो "
राज:-"बिलकुल नहीं, बस एक सौदा, वो भी छोटा सा, मिन्स मामूली साथ "
आकाश:-"कितना "
राज:-"बस पांच करोड़ साहब। पांच करोड़ तो आपके हाथों का मैल है। "
आकाश:-"पांच करोड़..... बेवकूफ हो, नेवर " आकाश गाड़ी स्टार्ट करता है।
राज:-"तो ठीक है, शालिनी दीदी को दिखा देता हूँ इस वीडियो को। और यू ट्यूब के ऊपर भी अपलोड कर देता हूँ। "
आकाश गाड़ी का इंजन बंद कर नीचे ऊतरता है।
आकाश:-"एक करोड़ दे दूंगा, मामला यहीं रफा दफा करो। "
राज:-"ठीक है साहब, माँ बाप द्वारा दिया गया संस्कार मेरे अंदर भी है, मैने माफ किया, डेढ़ करोड़ में मामला डन। "
आकाश:-"ठीक है, डन"
आकाश गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ जाता है।
राज के चेहरे पर अपनी सफलता की खुशी साफ नजर आ रही है।
(11)
प्रिया कमरे में दाखिल होती है और फिर दरवाजा राज बंद करता है।
प्रिया:-"तो आखिर बाजी मार ही गए। चलो फटाफट पिछत्तर लाख मेरे हवाले करो, यहाँ ज्यादा देर तक ठहरना सेहत के लिए अच्छी बात नहीं है। "
राज:-"ये पकड़ो और गिन लो, दो दो हजार के पूरे ३७५० नोट हैं। "
प्रिया:-"आय ट्रस्ट ऑन यू डार्लिंग। लेकिन अब हमें यहाँ से निकलना होगा। "
राज प्रिया का हाथ पकड़ लेता है ।
राज:-"अरे ऐसे कैसे निकलना होगा मेरी जान, पहले आओ जरा बदन की गर्मी तो निकाल लें। "
प्रिया:-"ओ नो राज, प्लीज। "
राज प्रिया को चुमने लगता है और फिर दोनों काम वासना के खेल में लिप्त हो जाते हैं।
(12)
शालिनी बेडरूम में है वह आलमारी के अंदर कुछ ढूंढ रही है। तभी वहाँ चाय की ट्रे लेकर प्रिया पहुंचती है।
प्रिया:-"दीदी पहले चाय पीलो। फिर कुछ करो। "
शालिनी:-"हूँ, पता नहीं क्यों चाय पीने की बहुत इच्छा हो रही है। "
प्रिया:-"वैसे भी यह आपकी आखिर चाय है दीदी। "
शालिनी:-" क्या मतलब। "
प्रिया एक चाकू निकालती है और फिर बोलती है।
प्रिया:-"सॉरी दीदी। "
प्रिया पूरा चाकू शालिनी के पेट में घुसेड़ देती है। शालिनी वहीं दम तोड़ देती है। प्रिया घर का सारा सामान इधरउधर बिखेर देती है और तत्पश्चात वह कमरे से बाहर निकल जाती है।फिर गार्डन में जाकर बैठ जाती है। वहाँ राज पहले से ही बैठा हुआ है।
(13)
थोड़ी देर बाद शालिनी के पास आकाश पहुंचता है। वह शालिनी को खून में लथपथ देखकर चीखने लगता है।
आकाश:-"शालिनी शालिनी, तुम्हें क्या हुआ, किसने मारा तुम्हें। प्रिया जल्दी आओ, देखो शालिनी को क्या हुआ। किसी ने चाकू मार दिया है। "
प्रिया व राज दौड़ कर शालिनी के पास पहुंचते हैं।
(14)
पुलिस शालिनी की डेड बॉडी का मुआयना कर रही है। आकाश और प्रिया रो रहे हैं, जबकि राज बदहवास खड़ा है।
(15)
शालिनी की तस्वीर पर फूलों का एक माला लटक रहा है। आकाश व प्रिया दोनों तस्वीर के सामने जमीन पर बैठे हुए हैं। अचानक प्रिया रोने लगती है वह अपना सिर आकाश के कंधे पर रख देती है। आकाश भी प्रिया की पीठपर थपकी देता है। उसकी भी आंखों से आँसू रूकने का नाम नहीं ले रहे।
(16)
प्रिया चाय लेकर आती है और आकाश के सामने टेबल पर रख देती है।
प्रिया:-"जीजू चाय पीजिए। "
आकाश:-"बिलकुल इच्छा नहीं है "
प्रिया:-"जीजू, आप कितना भी रो लीजिए, अपना सिर पीट लीजिए, खाना पीना छोड़ दीजिये, दीदी वापसी नहीं आने वालीं हैं। "
आकाश प्रिया की तरफ देखता है और उसे अपने गले से लगा लेता है।
(17)
प्रिया व आकाश एक दूसरे से चिपक रहे हैं, किसिंग कर रहे हैं और एक गार्डन में घूम रहे हैं।दोनों बहुत ही खुश नजर आ रहे हैं।
(18)
प्रिया की मोबाइल की रिंग बज रही है। प्रिया कॉल को रिसीव करती है।
प्रिया:-"बोलो "
राज:-"प्रिया मेरे पास कब आ रही हो। "
प्रिया:-"राज अभी जीजू बहुत डिप्रेशन में हैं। उन्हें किसी सहारे का जरूरत है। इसलिए थोड़े दिन और टालरेट कर लो, प्लीज। "
राज:-"ठीक है, लेकिन जरा जल्दी। आय लव यू टू मच। मैं जल्दी से तुमसे शादी करना चाहता हूँ। "
प्रिया:-"आय लव यू टू मेरी जान। बाय"
फोन कट हाेते ही वहाँ आकाश पहुंचता है।
आकाश:-"प्रिया, आज मुझे तुमसे कुछ बात करनी है"
प्रिया:-"बात करनी है ! क्या बात करनी है जीजू। "
आकाश:-"मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ "
प्रिया आश्चर्य चकित होकर आकाश की तरफ देखती रह जाती है।
आकाश:-"प्लीज प्रिया इंकार मत करना, मैं तुम्हें वो हर सुख दूंगा, जो शालिनी को देता था। "
प्रिया:-"जीजू " प्रिया आकाश के गले लग जाती है।
(19)
राज एक बाइक से आकाश के घर के बाहर आता है और बाइक को खड़ी कर के घर के अंदर प्रवेश करता है।घर के अंदर प्रिया आकाश की बाहों में मस्ती कर रही है।राज देखकर परेशान हो जाता है।
प्रिया पैदल चलती हुई आकाश के घर के गार्डन में पहुंचती है जहाँ नाराज होकर राज बैठा हुआ है।
प्रिया:-"राज तुम यहाँ बैठे हो, कब आए? "
राज:-"मैं तो कब का आया हूँ, तुम्हारे आैर आकाश साहब के बीच क्या चल रहा है? "
प्रिया:-"कुछ भी तो नहीं। "
राज:-"झूठ मत बोलो, मैंने अपनी आँखों से देखा है, तुम और आकाश एक दूसरे से.......शर्म आ रही है मुझे बोलने में। "
प्रिया:-"अच्छा, तो तुमने सब कुछ देख लिया है। "
ऱाज:-"अच्छा होगा कि अब तुम मेरे साथ चलो। और आकाश को भूल जाओ। अभी चलो मेरे साथ। "
प्रिया:-"अच्छा ये होगा कि तुम यहाँ से दफा हो जाओ, और मेरी जिंदगी का फैसला तुम मत करो, मुझे करने दो। "
राज:-"हाहाहाहाहा..... मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, बहुत ज्यादा, आकाश तुम्हें प्यार नहीं करता, वह तुम्हें यूज करेगा, फिर दूध से मक्खी की तरह घर से बाहर निकाल कर फैंक देगा। "
ठीक इसी समय वहाँ आकाश आ जाता है।
आकाश:-"क्या हुआ, तुम लोग किस बात पर बहस कर रहे हो। "
प्रिया चीखने लगती है।
प्रिया:-"जीजू, यही है वह आदमी जिसने शालिनी दीदी की हत्या की है। इसको पुलिस के हवाले कर दो। "
आकाश:-"क्या बोल रही हो तुम ! "
आद्या:-"हाँ जीजू मैं सच बोल रही हूँ , इसी ने दीदी का खून किया है। "
राज:-"झूठ बोल रही हो तुम, मैंने शालिनी दीदी का मर्डर नहीं किया है। "
आकाश पुलिस को फोन लगाता है।
पुलिस इंसपेक्टर:-"हैलो पुलिस स्टेशन "
इसी बीच ऱाज वहाँ से फरार हो जाता है। आकाश ऱाज को पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ता है। पर राज फरार होने में कामयाब हो जाता है।
(20)
प्रिया की मोबाइल की रिंग बजती है और वह कॉल को रिसीव करती है।
प्रिया:-"हां बोलो, मुझे बार बार फोन करके क्यों परेशान कर रहे हो "
ऱाज:-"फोन इसलिए कर रहा हूँ, क्योंकि मैं तुम्हें प्यार करता हूँ। तुम्हारे प्यार में मैं दीवाना ही नहीं, पागल भी हो गया हूँ। प्रिया प्लीज, मैं तुम्हारा पैर पड़ता हूँ, तुम मेरे पास आ जाओ। अब तो हमारे पास पैसा भी है। कोई अच्छा सा बिजनेस कर लेंगे। ठाठ की जिंदगी जिएंगे। "
प्रिया:-"एक काम करो, मेरे पास सत्तर लाख रूपये हैं, मैं तुम्हें दे देती हूँ।तुम्हारे पास कुल डेढ़ करोड़ रूपये हो जाएंगे। मार्केट में बहुत सारी खूबसूरत लड़कियां घूमती हैं। किसी को भी पटा कर उससे शादी कर लो..... लेकिन यह सोचकर कि मैं तुम्हारा एक खूबसूरत सा सपना थी, हमेशा हमेशा के लिए भूल जाओ मुझे। "
प्रिया फोन काट देती है।
राज:-"हैलो हैलो हैलो.... शीट "
राज झल्ला जाता है।
राज तीन चार बार फोन लगाता है पर हर बार प्रिया कॉल काट देती है।
(21)
आकाश अपनी अॉफिस में बैठकर लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा है, तभी मोबाइल की रिंग बजती है।
आकाश:-"हैलो कौन बोल रहा है"
राज अपनी बाइक पर बैठा हुआ है।फोन पर आकाश से बात कर रहा है।
राज:-"आकाश साहब मैं राज बोल रहा हूँ। "
आकाश (गुस्से में) :-"तुम किधर छुपे हो, अपने आपको पुलिस के हवाले कर दो, वर्ना मैं खुद अपने हाथों से तुम्हें गोलियों से भून कर खत्म कर दूंगा। "
राज:-"इंतज़ार कीजिये आकाश साहब, मैं आपकी ऑफिस में आ रहा हूँ। "
राज फोन काट देता है और बाइक स्टार्ट करके तेज स्पीड में रोड पर निकल पड़ता है। गाड़ी भीड़ भाड़ वाली जगहों से होती हुई आकाश की ऑफिस तक पहुँचती है।
(22)
राज जैसे ही आकाश की ऑफिस में घुसता है।
आकाश पुलिस वालों से बोलता है।
आकाश:-"इंसपेक्टर साहब, ये है मेरे शालिनी का कातिल, गिरफ्तार कर लो इसे। "
राज:-"रूको "
आकाश:-"नहीं इंसपेक्टर साहब, इसकी बातों में मत आइए। यह एक नंबर का फ्रॉड और मक्कार इंसान है। "
राज:-"आकाश साहब, मैं फ्रॉड और मक्कार जरूर हूँ पर कातिल नहीं हूँ। मुझे अरेस्ट करने से पहले जरा ये वीडियो तो देख लो आकाश साहब ! "
राज अपनी मोबाइल में एक वीडियो दिखाता है जिसमें प्रिया अपनी बहन शालिनी को चाकुओं से गोदकर मार डालती है।
आकाश शॉक्ड रह जाता है।
आकाश:-"फिर ये वीडियो तुमने मुझे पहले क्यों नहीं दिखायी"
राज:-"क्योंकि मैं प्रिया से बहुत प्यार करता था, मैं नहीं चाहता था कि वह जेल जाए और मैं उससे बिछड़ जाऊँ। "
आकाश की आँखें लाल हो जाती हैं।
आकाश (चीखता है) :-"प्रिया मैं तुम्हें नहीं छोड़ूँगा, नहीं छोड़ूँगा तुम्हें। "
पुलिस इंसपेक्टर व हवलदार आँखें फाड़कर आकाश की तरफ देखने लगते हैं।
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