तेरे इश्क में - 3 Jagruti Joshi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • जंगल - भाग 10

    बात खत्म नहीं हुई थी। कौन कहता है, ज़िन्दगी कितने नुकिले सिरे...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 53

    अब आगे रूही ने रूद्र को शर्ट उतारते हुए देखा उसने अपनी नजर र...

  • बैरी पिया.... - 56

    अब तक : सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भ...

  • साथिया - 127

    नेहा और आनंद के जाने  के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई...

  • अंगद - एक योद्धा। - 9

    अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था न...

श्रेणी
शेयर करे

तेरे इश्क में - 3

लास्ट चार साल से श्री दर्श को पसंद करती थी।
उसे देखते देखते कब प्यार हो गये वो उसे खूद भी मालूम नही था।
श्री ने कभी कोशिश ही नही की दर्श उस्से बात करे या फ्रेंडशिप ।
उसे तो एकतरफ़ा प्यार करने मे ही मजा आने लगा था।
वो जहा भी जाता उसे उस जगह वो फोलो करती।
ये बात अपने दोस्तो को
वो कभी भी बताने वाली नही थी की दर्श से वो प्यार करती है।
पर
एक ही पल मे बोहोत कुछ हो गया था उसके सारे दोस्त तो एसे खडे थे जेसे कोई साप सुंग गया हो।
जब वो वहा से जा रही थी तो दर्श उसे देखता ही रहा , पर श्री ने एक बार भी उसे मूड कर नही देखा।
उसके सारे दोस्त ˈस्‍टैचु बनकर खडे थे । तभी मयंक उसके पीछे भागा और श्री को रोकते हुए बोला , कहा जा रही हो ?

श्री ने चीढ ते हुए कहा होस्टल।
मयंक ने उसका हाथ पकडा ओर जहा बाकी सब खडे थे वहा ले गया ।
उसने सब को चुटकी बजाकर कहा ओ चलो होश मे आओ मूवी खतम हो गई ।
तब एक साथ सब सब श्री को ही घूर ने लगे ।
जीया ने अपना गला साफ किया ओर श्री को पूछा क्या था ये?
श्री क्या?
निसी ने कहा अरे दस मिनट पहले जो कुछ बोला वो क्या था।
श्री नजरे चुराते हुऐ बोली अच्छा वोओ, अरे कुछ नही बस उसकी थोड़ी खिचाई करी आप सब ने तो कहा था।
जीया ने कहा श्री की बच्ची तुने दर्श को नही हमे मुर्गा बनाया हे , तु उसे प्यार करती थी ओर बताया भी नही।
काया ने कहा सच मे यार अब मालूम हुआ की मुर्गा बन ने के बाद केसी फिलिंग आती है। ओर वो
गाने लगी "बडे अच्छे लगते है "
ओर ये सुन के सब एक साथ हसने लगे ।

जीया - ने श्री से कहा तुम ने क्यो नही बताया ये?

क्या बताती के देखो उस इन्सान से मुजे प्यार हुआ हे जो मुजे प्यार करता ही नही।
या फिर ये बताती की मे दर्श से प्यार करती हु,
पर एक प्रोब्लम है की वो मेरी तरफ देखता ही नही। श्री ने उदास होतेहुए कहा।
मन -ने कहा चलो यार कोई नही आज से ईस बात को ईस जगह ही दफन कर देते है ।
ओर आज के बाद कोई भी दर्श का नाम नही लेगा।
चलो मुस्कुराओ सब।
*******************************
वो आख़री दिन था उसके बाद श्री कभी भी दर्श के सामने नही आई थी ।
वो अपनी यादो मे खोई हुई थी, तब उसे लगा की कीसी ने गरम कपडा उस पर डाला हो, वो पीछे मुड़ी तो दर्श था।
श्री ने गरम शोल उसे वापस देते हुए कहा थैंक्स बट मुजे नही चाहिए ।
दर्श- ने कहा सोरी।
श्री कीस लिए ???
दर्श- उस बात के लिए जो मुजे नही कहेनी चाहिए थी।
श्री- वो तो आप ने बोल दी अब क्या ।
दर्श- क्या तुम माफ नही कर सकती मुजे???

श्री- ने मुस्कुराते हुए कहा एक बात कहे आपसे ,
हम कभी नाराज ही नही हो पाये आपसे
अगर हम नाराज ही नही थे तो माफ करने की बात ही नही आती।
दर्श उसे बस देखता ही रहा। वो कहेना चाहता था ।
की श्री जब से तुम दूर हुई तबसे मेरे दिल दिमाग, मे सिर्फ तुम ही छाई हुई हो।
ओर ये दिल सायद तुम्हे देख ने के लीये ही धड़कता है।
दर्श बोल ने जा ही रही था की वहा
काया आ गई ।
तुम दोनो यहा हो वहा जीजु ओर जीया तुम दोनो को ढूंढ रहे है ।
श्री ने कहा चलो मे आ ही रही थी।
वो काया के साथ चली पर उसने मुड़कर एक बार दर्श की ओर देखा, जेसे ही
श्री ने एक नज़र दर्श की ओर डाली उसकी काजल भरी नज़रो ने जेसे दर्श को घायल ही कर दीया।
वो भी उसके पीछे पीछे खीचा चला गया।

अनुज - ने सब को कहा अˈटे᠎̮न्‌श्‌न्‌ प्लीज ।
सब उसकी ओर देख ने लगे, अनुज ने दर्श की ओर ईशारा करते हुए कहा ;
ये मेरा बेस्ट फ्रेंड् है ओर आज वो मेरे संगित मे मेरे लिए एक सोंग सुनाएगा।
दर्श ने कहा यार बोहोत साल हो गए मेने कोई गाना नही गाया प्लीज यार रहेने दे ।

अनुज ने हसते हुए कहा , यहा थोड़ी ना कोई
ˌकॉम्‌पˈटिश्‌न्‌ है । चल शुरु हो जा।
दर्श ने देखा तो
वहा स्टेज के सामने सब उसका गाना सुन्ने के लिए जेसे बेताब खडे थे। पर उसकी नज़रे सिर्फ श्री को ढूंढ रही थी
उस ने चारो ओर नजरे घुमाई ओर जेसे ही श्री को देखा तो
गाना सुरु कीया।

बातें कुछ अनकही सी,
कुछ अनसुनी सी,
होने लगी
काबू दिल पे रहा ना,
हस्ती हमारी खोने लगी
वोह ओ ओ ओ वोह ओ ओ ओ वोह ओ ओ ओ
शायद यही है प्यार शायद यही है प्यार
कह दे मुझसे दिल में क्या है
ऐसा भी क्या गुरूर
तुझको भी तो हो रहा हैथोड़ा
असर ज़रूरहो. .
ये खामोशी जीने ना दे
कोई तो बात हो
वोह ओ ओ ओ वोह ओ ओ ओ वोह ओ ओ ओ
शायद यही है प्यार...
बातें कुछ अनकही सी,
कुछ अनसुनी सी,
होने लगी काबू दिल पे रहा ना,
हस्ती हमारी खोने लगी

जेसे ही गाना खतम हुआ सब जोर जोर से तालीया बजा ने लगे ओर once more once more कहे ने लगे।
दर्श की नजर सिर्फ श्री पर थी।
संगित सुरु हुआ कपल डांस हुआ जीया अनुज का।
काया , मयंक ,मन , निसी उन चारो ने भी अपनी परफॉर्मेंस दी। उसके मा- पापा सास-ससुर सब ने जम के डांस कीया
रात के दो बज गए थे संगित समारोह खतम हुआ । सब अपने अपने कमरे मे चले गए थे।
जीया ने श्री को अपने ही कमरे मै ठहराया था ।
दोनो फ्रेश होकर बेड पर लेट गई।
जीया ने श्री को देखते हुए, एक बात पुछु श्री?
श्री- हा पूछ।
जीया - अभी भी क्या तुम दर्श से प्यार कर ती हो?

श्री- ने मुस्कुराते हुए कहा पता नही , पर इतने सालो मे कोई पसंद भी नही आया ।
या दिल ने किसी को दील मे आने की इजाजत ही नही दी सायद।
दिन तो निकल जाता है , पर रात कई कई बार नही गुजर ती ।
"बिगड़ैल हैं ये यादे, "
" देर रात को टहलने निकलती हैं।"
ओर उसने जीया को कहा
चल सो जा अगर डार्क सर्कल पड गये तो फोटो अच्छे नही आयेंगे ।
जीया - उसे देखती रही वो कहेना तो बोहोत कुछ चाहती था पर बोल नयी पाई ।
ओके good night
सो जाना ज्यादा सोचना मत।
आराम से उठना शादी का मूहुर्त शाम का है ईस लिए।
जीया सो गई थी पर श्री की आँखो से नींद गायब थी।
ओर वहा दर्श भी अपनी करवटे बदल रहा था। उस ने अपना फोन हाथ मे लीया ओर
सुबह पांच बजे का अलार्म सेट करता है ओर सोने की कोशिश भी
उसने ठान लिया था की कल वो श्री से बात करके रहेगा। ।।।।।
क्रमश...................💞