तेरे इश्क में - 4 Jagruti Joshi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तेरे इश्क में - 4

हलकी सी धूप खिडकी से होकर श्री के चहेरे पर गीर रही थी ।
जीया बार बार परदे को उपर नीचे कर के श्री को परेशान कर रही थी,

श्री चीढ ते हुए सोते सोते ही बोली यार सोने देना काफी दीनो बाद सुकून भरी नींद आई है ।
श्री की बच्ची घडी मे देख कीतने बजे है , शादी मे आई है , या सोने चल उठ ।
श्री ने कहा यार बस दस मिनट ही।
जीया ने कहा उठ यार नही तो पानी डालुंगी।
श्री उठ ते हुए ,
छोडुंगी नही तुजे ओर वो पीलो उठाके मारती है।
जीया रुक तु ओर वो बेड पर जाके श्री के उपर चड जाती है ।
श्री ने जीया की ओर देखते हुए उसे पूछा क्या देख रही हे ।
जीया - यार तु कितनी खूबसूरत लग रही हो ,
जी करता है तुम से ही शादी करलुं।
श्री ने कहा करलो फिर,
मे जीजु को फोन करके बोल देती हुं की वो कोई ओर लडकी ढूंढ ले ओर वो आँख मारती है ।

जीया ने कहा यार बडी देर कर दी तुने।
चल अगले जनम मे शादी करते है इस जनम मे हम से ना हो पायेगा,
फीर वो दोनो जोर जोर से हसने लगती है ।
जीया ने कहा चलो अब जल्दी से तैयार होकर आ जाओ
मे तेरा ब्रेकफास्ट के लिए वेट करती हु ,
काया और बाकी सब भी आ गए है।
वो जाते जाते मूडी ओर कहा
वहा मेने जो सारी रखी है ,
वो ही पहेन कर आना वरना मै बात नही करूंगी। तुम से ।
ओर वो रुम से निकल जाती है।

श्री ने देखा तो नेवी ब्लू कलर की बोहोत ही सुंदर सारी थी , ओर उसके साथ मैच्‌ ‍ˈजूअल्‌रि। उसे बोहोत ही पसंद आया जीया का ये तोहफ़ा।
उसने कपडे हाथ मे लिये ओर वो नाहने चली ।।।।।।।
🍁🍁🍁🍁🍂🍂🍂🍂🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

उस ओर दर्श आराम से सो रहा था । फोन की रिंग बजे ही जा रही थी।
तब अनूज ने दर्श को कहा यार तेरा फोन उठाले या स्विच ओफ कर दे मेरी नींद हराम कर रहा है।

दर्श त्वरित उठ गया उस ने देखा तो दस बज गए थे।
वो सोच ने लगा की अलार्म कीस ने बंद कीया खूद मे ने ।
अनूज अंगड़ाई लेते हुए , क्या यार तु बोलता नही ओर तेरा फोन चूप नही रहेता।
पांच बजे साले अलार्म कोन रखता है।
दर्श - ओओओओओ सीट तुने बंद किया था। अब्बे साले कोई एसे ही तो अलार्म लगाके सोता नही। कुछ तो काम होगा ना मुजे।
क्या यार जगाए देता उदास होतेहुए उसने कहा।

सोरी यार मुजे लगता की तु एक्सरसाइज करता है पांच बजे उठकर उसका होगा इस लिए बंद कर दिया अनूज ने अफसोस जता हुए कहा।।।
वैसे क्या काम था अनूज ने अपनी पलके उचका ते हुए कहा।
दर्श का प्लान था की जब सब सो रहे होंगे तब वो श्री के कमरे मे जाके उसे उठाके उसको बाहर ले जाए गा फिर उसके साथ बैठ कर
सारी बाते क्लियर कर देगा ओर अपनी दिल की बात भी बोल देगा ।
इस लिए अनूज के कबट से जीया के रुम की एक्स्ट्रा "की " भी ले ली थी।
वो उदास हो गया।
कुछ नही यार बस काम था हो गया होता तो बताता।
अनूज ने कहा कोई दिक्कत नही फिर कभी कोशिश कर लेना चल मे नाहने जा रहा हु ।
तुजे जो पसंद आए वो कुर्ता तु अपने लिए निकाल ले ।

🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀

श्री वोशरुम से बाहर आई , ड्रेसिंग टेबल के सामने जो चेर पडी थी उसपे बैठी वो खूद को आईने मे निहार रही थी उसे लगा के पीछे दर्श खडा है ।
वो पीछे मूडी कोई नही था ।
उसने आँखो को बंध कर दिया फीर भी दर्श ही दीखा।
वो खुद से ही बाते करने लगी , क्यो आप हर जगह नजर आते हो ।
दिल मे तो थे ही अब दिमाग मे भी घर कर दीया है। उफ....... ये इश्क शायरी जेसा है , जीतनी भी बार करो कम होता ही नही।

बहुत बूरे हो तुम
फिर भी तुमसे अच्छा कोई नही
लगता
क्या करु अब मुझे आज रात ही निकल ना पड़ेगा वरना पागल हो जाऊंगी ।
दर्श बाबु-
तुम्हारी खुशियो के ठीकाने बहुत होंगे मगर ,
हमारी बेचैनियो की वजह........ सिर्फ तुम हो।।।

उस ने खूद को संभाला ओर रेडी होने लगी ।

श्री तैयार होकर ‍ˈकॉरिडॉर्‌ से गूजर रही थी ।
सामने से अनूज और दर्श आ रहे थे इत्तेफाक ये था की दर्श ओर श्री ने एक ही कलर के कपडे पहेने थे।
दर्श की नजर जब श्री पर गई तो वो एक पल के लिए थमसा गया , उसने अपने लंबे बालों का जूड़ा बनाया था ।
थोडे थोडे जो बाल रह गये थै वो उसके चहेरे पर बार बार आके आँख मीचोली खेल रहे थे।
ओर उसकी वजह से उसकी खूबसूरती मे चार चांद लगा रहे थे। चहरे पर हल्की स्माईल थी।

श्री फोन पर बातचीत कर रही थी ओर चली ही जा रही थी।
अनूज ने आवाज दी साली साहिबा इस तरफ
ध्यान कहा हे आप का,
अरे वाह आप दोनो मेचिंग मेचिंग खेल रहे हो क्या।
तब श्री ने दर्श की ओर देखा ओर सिर्फ स्माईल दी।
वो लोग गार्डन मे पहुंच गए जहा जीया ने एक सुंदर टेबल तैयार करवाया था।
मयंक- ने श्री को देख ते हुए कहा तुम अभी भी नही बदली वही लेटलतीफ हो ।
कबसे भूख लगी हे तेरे चक्कर मुजे तीन ग्लास पानी पी ना पडा ; ओर ये जीया मैम
उन्हो ने कहा जब तक हमारी स्टूडेंट नही आ जाती तब तक कोई कुछ भी ऑर्डर नही करेगा।
इस बात पर सब हस ने लगे ओर कहा चलो नास्ता मंगवाए अब नास्ता आया
सब ने अपनी पसंद का ब्रेकफास्ट मंगवाया था ओर वो उस पर टूट पडे।
सब आराम से नास्ता कर रहे थे तभी किसी ने दर्श की आँखो को पीछे से बंध कीया।
दर्श ने हाथो को छूते ही कहा पीहू।
पीहू ने कहा हर बार केसे पकड लेते हो।

दर्श ने श्री की ओर देखते हुए कहा
मेरी लाईफ का रुल्स हे :की एक बार कोई मेरी लाईफ मे आ जाये तो सामने वाला जबतक ना चाहे तबतक वो मेरी लाईफ से नीकल नही सकता।
अनूज ने कहा ये हमारे बचपन की दोस्त है ।
वो नही आने वाली थी पर दर्श एक ही बार कहा कहा तो आ गई हमारी तो जेसे कोई वेल्यू ही नही।

पीहू ने कहा अरे बाबा मुझे मुस्किल से दो दिन की छुट्टी मीली है सोरी यार माफ करदे।
अनूज ने कहा ओके चल तु भी क्या याद रखेगी ।
फिर अनूज ने पीहू को सबसे मीलवाया ओर वो भी सब के साथ बैठ गई।

काया ने जीया के कान मे फुसफुसा ते हुए कहा यार ये कोन है कहा हम श्री ओर दर्श को करीब लाने की कोशिश कर रहे है और ये बीच मे सरहद बन कर टपक गई।
जीया तु चूप हो जा मे कुछ करती हु। पर ये काया है चूप केसे रेह सकती है।

काया ने कहा दर्श तुम को याद हे वो गाना
बडे अच्छे लगते है , जीया की ओर देख कर वो आंख मारती है।
दर्श हा मेरा फेवरिट है।
काया ओ वाह क्या बात हे ये तो हमारी श्री का भी फेवरिट है।
उसके फोन की कॉलर ट्यून और रिंग ट्यून
दोनो यही है ।
उस ने दर्श का फोन लीया ओर श्री का नम्बर डायल कीया ओर दर्श को कहा अब सुनो।
श्री ने फोन को काया से छीन ते हुए पागल है क्या? क्या कर रही हे।
अनूज तो यार सुना दे, मजा आ जायेगा।
दर्श नही यार रात की तरह शुरु मत हो जा प्लीज।

निसी -ने कहा यार मुझे भी वो गाना बहुत अच्छा लगता हे, तुम सुना दोना।
मन ने कहा सुना ही दे यार फिर पता नही कब मीलेंगे हम दोबारा।
पीहूने कहा यार वो जो लडकी बोलती है ना लास्ट मे , वो आवाज मे दुंगी।
जीया ने कहा दर्श एक काम करो वो सोंग की लास्ट लाइन गुनगुना दो। प्लीज रिˈक्‍वे᠎̮स्‍ट्‌ 😔😔😔
ओके बाबा सिर्फ तुम्हारे लिए मेरी तरफ से ये शादी का तोहफ़ा ।
अनूज बोहोत कंजूस है साले।
दर्श- अरे ये भाभी के लिए ये गिफ्ट तेरे लिए नही।
वो श्री की ओर देखता है।
वो गाना सुरु करता हे........

बड़े अच्छे लगते हैंये धरती,
ये नदिया, ये रैना और ?
और.......... तुम........
तुम इन सबको छोड़ के
कैसे कल सुबह जाओगी
मेरे साथ इन्हें भी तो तुम
याद बहुत आओगी बड़े अच्छे........

सब एक साथ क्‍लैप्‌ करते है। सब नइ पूरानी कोई अपने बचपन की सब बाते शेर करते है , सब बातो मे मशगूल थे पर ,
श्री दर्श को देखे जा रही थी ओर लास्ट वाली लाईन उसके दिमाग मे घूम रही थी।
वो खडी हुई ओर कहा मुझे माफ करना मुझे कोल रिसीव करना पडेगा।
कोई कुछ रिएक्टर करता उस्से पहेले ही वो वहा से निकल गई।
वो रिसोर्ट के पीछे बने झील के पास बनी बेंच पर बैठ गई।
थोड़ी देर के बाद उसे लगा की कोई उसके पास आके बैठा है, वो निसी थी।

निसी- क्या हुआ कोल पूरा हो गया, ओह मे भूल गई वो तो तुम टेबल पर भूल कर आई थी लो
श्री सिर्फ नजरे झुकाए बैठी थी ।

निसी ने उसका हाथ अपने हाथ मे लेते हुए कहा
देखो श्री सबको दीखता है ओर तुम खूद भी जानती हो के तुम्हारे दिल मे सिर्फ दर्श है।
तो क्यो अपने आप को ईतनी तकलीफ देती हो। बता दो उसे
पहेले का तो पता नही पर अब वो तुम से प्यार कर ने लगा है।
मेने देखा हे वो हर बार कोशिश करता है ओर तुम टाल देती। क्यो
श्री- भारी आवाज से कहेती है, क्यु की इस बार उसने एसा कुछ बोल दिया जो मेरा दिल सुन्ना भी ना चाहता हो।
ओर इस बार बिखरी तो खूद को संभाल नही पाऊंगी।
क्रमश............