शादी तो कर ली है तुमने, मगर याद तो मेरी भी आती होगी।
बाहों में सोती होगी उसके तुम, मगर याद मेरी बाहें भी आती होंगी,
गले मिलता होगा तुमसे वो, मगर तुमको तो हमारी भी मुलाकात याद आती होगी
छूता होगा तुमको वो बड़े हक़ से, मगर तुमको तो याद मेरे हांथों की भी तो आती होगी।
गुज़ारता होगा तुम्हारे साथ रात भी वो बड़े हक़ से, मगर तुमको तो याद बिना हक़ वाली रात भी याद आती होगी।
शादी तो कर ली है तुमने, मगर याद तो मेरी भी तो आती होगी।
घूमती होगी उसके साथ बेफिक्र होकर तुम, मगर तुमको तो याद मेरे बुलेट की पिछली सीट की भी आती होगी,
और जब चाहता होगा तुमको चूम लेता होगा वो, मगर उस वक़्त तुमको याद तो मेरे होंठों की भी जरूर आती होगी,
एक ही बिस्तर में सोते होंगे साथ मे तुम लोग, मगर तुमको तो याद मेरी बाहों की जरूर आती होगी,
लगाती होगी जब सिंदूर अपनी मांग में तुम, उस वक़्त मेरी याद तो तुमको आती होगी।
शादी तो कर ली है तुमने, मगर याद तो मेरी भी आती होगी।
होंठों पे होंठ होते होंगे जब उसके तुमपर, मगर उस वक़्त तुमको याद मेरे होंठों की तो आती होगी,
छूता होगा जब अपने हांथों से वो तुमको, मगर उस वक़्त याद तो तुमको मेरे ज़िंस्म की भी आती होगी।
शादी तो कर ली है तुमने, मगर याद तो मेरी भी आती होगी
तुम्हारी जुल्फों को वो आणि उंगलियों से सुलझाता होगा, मगर याद तुमको उस वक़्त मेरी उंगलियों की भी आती होगी,
खुली जुल्फे तुम्हारी वो भी देखता होगा, मगर तुमको तो याद मुझे खुली जुल्फे पसंद थी उसकी भी आती होंगी,
तुम्हारे देखता होगा अपनी नज़रों से जब, उस वक़्त तुमको नज़र मेरी भी याद आती होगी
शादी तो कर ली है तुमने, मगर याद तो मेरी भी आती होगी।
धड़कता होगा तुम्हारा दिल जब जब, मगर उन धड़कनो में नज़र तुमको मेरी धड़कन भी आती होगी,
याद आती है मुझको जैसे तुम्हारी, ठीक वैसे ही तुमको मेरी याद आती होगी,
नही लिखा था किस्मत में हमारा एक हो जाना, मगर मगर तुमको ये बात तो सताती होगी,
रातों में जाग जाते है हम, मगर तुमको भी नींद कहा आती होगी
शादी तो कर ली है तुमने, मगर यार तो मेरी भी आती होगी।
कुछ बाते पुरानी याद आती है, मगर पुरानी बातों को याद करके आंखे तुम्हारी भी नम हो जाती होगी,
अकेला हो गया हूं तुमसे दूर होके मैं, मगर तुम भी तो खुद को अकेला महसूस करती होगी,
तुम्हारे दिए हुए तौफों तो सजा कर रखा है, मगर तुमने भी तो मेरी यादें संभाल कर रखी होगी,
शादी तो कर ली है तुमने, मगर याद मेरी भी आती होगी।
टूट चुका हूं अंदर से मैं, मगर तुम भी कहा अब पहले जैसी होगी,
मंगा था हर मंदिर में तुमको, मगर तुमने भी तो कोई कसर नही छोड़ी होगी,
चलो छोड़ो अच्छा मुझे तुमसे शिकायत नही है,मगर तुमको तो मुझसे थोड़ी शिकायत जरूर होगी,
क्योंकि शादी तो तुमने कर ली है मगर याद तो मेरी आती होगी।