लेख संग्रह - भाग 2 - अमीर और गरीब Shakti Singh Negi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लेख संग्रह - भाग 2 - अमीर और गरीब

मेरे मकान में तीन किराएदार हैं? पहला किराएदार एक मजदूर है। वह अपनी बीवी के साथ रहता है। महीने में वह कुल ₹20000 जमा कर लेता है।
दूसरा किराएदार एक सरकारी कर्मचारी है। उसकी सैलरी लगभग ₹40000 के करीब है। आधी उसकी घरवाली ले जाती है और आधा वह शराब आदि पर खर्च कर देता है। तीसरा किरायेदार एक टेलर है। वह ₹1000 प्रतिदिन कमा लेता है। टेलर सुबह से शाम शराब पीता रहता है। बहुत सी चाय नाश्ता करता रहता है। शाम तक उसके पास कुछ भी नहीं बचता।
मजदूर तो समय का किराया दे देता है। टेलर थोड़ा आगे- पीछे किराए दे देता है परंतु सरकारी कर्मचारी कई महीने तक किराया ही नहीं देता है। अब आप बताइए इनमें से इन तीनों में से कौन अमीर है और कौन गरीब।








हमारे घर के पिछवाड़े एक घनघोर रहस्यमई जंगल है। इसमें किस्म -किस्म के जंगली जानवर रहते हैं। एक बार एक प्रेमी- प्रेमिका इस जंगल में छिप गये थे। वह घर से भाग कर आए थे। बड़ी मुश्किल से उनको पकड़ा गया।


तो जंगल में शांति है, दुनिया से दूर भागने के लिये। जंगल में जंगली जानवर हैं, पशु -पक्षी हैं। पेड़ -पौधे हैं। स्वच्छ वातावरण है। शांति है, तो खतरा भी है। हर जगह के फायदे भी हैं, तो नुकसान भी हैं। इसी तरह जंगल भयानक है, तो शांति भी देता है।





सूरजमुखी और चंद्रमुखी दो बहने थी। सूरजमुखी थोड़ा उग्र स्वभाव की थी। चंद्रमुखी थोड़ा शांत स्वभाव की थी। दोनों की शादी हो गई। दोनों की शादी दो अलग-अलग राजकुमारों से हुई। 1 दिन सूरजमुखी अपने पति से नाराज हो गई और फूल बन गई। और सूरजमुखी सूरजमुखी फूल बआएंगे
















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बिन प्यार तेरा क्या जीना।


बिन धन तेरा क्या जीना।


बिन इंसानियत तेरा क्या जीना।


बिन जॉब तेरा क्या जीना।।








प्रिय पाठकों मेरी एक पुस्तक store pothi.com पर प्रकाशित हो चुकी है। आप इस पुस्तक को पढ़ना चाहते हैं तो पढ़ सकते हैं। धन्यवाद।


इस पुस्तक का नाम है "जोरावर गढ़ और रंभाला का रहस्य"।









ऊंचाइयां सबको पसंद हैं। किसी को ऊंचाई पर खड़े होकर डर लगता है। तो किसी को ऊंचाई पर जाकर घमंड आ जाता है।


परंतु सच्चा इंसान वही है, जो अपनी मेहनत से ऊंचाई प्राप्त करें। और फिर भी अपने को साधारण इंसान ही समझे।










प्रिय दोस्तों यह टॉपिक मुख्यतः छात्र छात्राओं के लिए है। तो अगर आपको अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर लाने हैं या कंपटीशन में अच्छे नंबर लाने हैं। तो निम्न बातों का ध्यान रखिए अगर आपको साल भर के कोर्स की परीक्षा देनी है, स्कूल - कॉलेज की परीक्षा देनी है, तो आप चार-पांच महीने में ही अच्छी तरह समझ कर पूरे कोर्स को पढ़ लीजिए। और उसके बाद बाकी समय उसका रिवीजन करते रहिए। परीक्षा होने पर आप के पद्धति से बहुत अच्छे नंबर आएंगे







पहले संसार में हर जगह कबीले ही कबीले थे। धीरे-धीरे सभी देश सभ्य होते गये। लेकिन अभी भी कुछ स्थान ऐसे हैं जो पिछड़े हुए हैं। वहां की व्यवस्था और अर्थव्यवस्था कबीलों के द्वारा ही चलती है।


अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि पिछडे क्षेत्रों में अभी भी कबीलों का राज चलता है।









एक स्पोर्ट्स मैन, खिलाड़ी का जीवन रोमांचक होता है। अच्छा स्पोर्ट्स मैन बनने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। खैर जो स्पोर्ट्समैन आगे बढ़ जाते हैं, उनको सरकार सरकारी नौकरी भी दे देती है।








तूफान कोई भी हो। वह विनाश का ही एक रूप है। तूफान कई किस्म के होते हैं। भौतिक तूफान, मानसिक तूफान आदि। मानसिक तूफान जैसे चिंता आदि मनुष्य का विनाश ही करते हैं और भौतिक तूफान जैसे हरीकेन आदि भैतिक संपदा, मकान आदि का नुकसान करते हैं। दोनों प्रकार के तूफानों से बचना बहुत ही कठिन कार्य है


बौद्धिक तूफान से बचना है तो मनुष्य को प्रकृति में संतुलन लाना होगा। विनाश और विकास के अंतर को पहचानना होगा। मानसिक तूफान से बचना है तो मनुष्य को आध्यात्म की शरण में जाना होगा। भौतिकता और आध्यात्मिकता में संतुलन स्थापित करना होगा।









पृथ्वी सौरमंडल के अंदर है। सौरमंडल आकाशगंगा के अंदर है। आकाशगंगा आकाशगंगाओं के समूह के अंदर है। ये समूह भी बडे समूह के अंदर है। ऐसे बहुत से समूह हैं। ये समूह ब्र्ह्मांड (अंतरिक्ष) के अंदर हैं। तो ये अंतरिक्ष किसमें है?


अंतरिक्ष में बहुत सारे ग्रह होंगे, जिनमें जीवन होगा; सभ्यताएं होंगी। तो आपकी क्या राय है इस बारे में। इस विशाल अंतरिक्ष में हमाराा क्या अस्तित्व है?










संगीत कई किस्म का होता है। मुख्यतः शास्त्रीय और सुगम। भाई मुझे तो दोनों संगीत बहुत अच्छे लगते हैं। संगीत तो संगीत है, चाहे वह शास्त्रीय हो या सुगम। बिना संगीत की जिंदगी अधूरी है। बिना संगीत का मनुष्य तो शास्त्रों में पशुओं के तुल्य ही माना गया है