The Author Datta Shinde फॉलो Current Read यार तुणे क्या किया - 2 - अंतिम भाग By Datta Shinde हिंदी लघुकथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books मंजिले - भाग 3 (हलात ) ... राजा और दो पुत्रियाँ 1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... नफ़रत-ए-इश्क - 6 अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Datta Shinde द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 2 शेयर करे यार तुणे क्या किया - 2 - अंतिम भाग (1) 1.8k 6.6k काहाणी शुरु करते हे पिछले अध्याय मे हमणे देखा की दिपक को समज आता हैं आकाश गलत नहीं था श्रावणी गलत थी तो अब हम देखेगे आगे क्या होवा दो महिने गणपती आगए थे तब मानसी बोलती हे दिपाली दिपक कहा हे तब दिपाली बोलती हे क्यो तब मानसी बोलती हे अरे गणपती बाप्पा को लाने जाना है तब दिपक आता हे और वो बोलता हे जब गणपती आए और मे नहीं आवो ये कभी भी नहीं हो सकता तब दोनो चले जाते हे तब आकाश आता हे और वो बोलता हे दिपक कैसे हो तब दिपक कोछ नहीं बोलता तब वो चले जाते हे एक घंटे बाद वो गणपती जी को लेकर आते है तब आकाश के बाबा बोलते हैं सुनो कल जो अच्छा डान्स करेगा उसे इनाम मिलेगा तब दिपक अपने घर जाता है तब श्रावणी बोलती हे दिपक तोम जाने वाले हो तब दिपक हा बोलता हे तब श्रावणी बोलती हे मे भी आवोगी तब दिपक बोलता हे इतना सबकोछ होवा फिरभी तोम वाहा पे आने वाली हो तब दिपक चला जाता है दोसरे दिन दिपक बोलता हे दिदी आपका हो गया हमे जाना हैं तब दिपाली बोलती हे हा चलो तब श्रावणी आती है तब दिपक बोलता हे दिदी ये भी आएगी तब दिपाली बोलती हे हा तब वो जाते हे तब सब नाचते हैं तब आकाश बोलता हे आज का विनर हे दिपाली और मानसी तब दिपक बोलता हे दिदी जावो तब उन्हे इनाम मिलता हे तब लाईट बंद हो जाती है तब कोई तो नाचते होए आता हे तब दिपक बोलता हे Horror गाणे पे डान्स कोण कर रहा है तब आकाश बोलता हे पता नहीं तब लाईट बंद चालो होती हैं तब सब डर जाते हे तब वो लडकी दिपक के पास आती है और उसे बोलती हे दिपक मुझे पेहचाना तब दिपक लाईट चालू करता हैं तो वो होती हे दिपक की दोस्त तब सब बोलते हैं हमे तो डरा दिया तब आकाश बोलता हे शुभांगी तोम याहा केसे तब शुभांगी बोलती हे मुझे दिपक ने बोलाया हे तब आकाश बोलता हे ठिक है तब सब अपने घर जाते हे तब शुभांगी बोलती हे दिपक मुझे एक बडी बात बतानी हे तब दिपक बोलता हे बोलो ना लेकिन याहा पे नहीं तब दोनो कमेरे मे जाते हे तब शुभांगी बोलती हे दिपक श्रावणी एक और लडके को फसा रही है तब दिपक बोलता हे ठिक है अब श्रावणी को एसे फसाएगे तब दिपक और श्रावणी क्लास जाते हे तब श्रावणी खिडकी के तरफ बेठती हे तब दिपक बोलता हे सर हमे अब मिशिन शुरु करना चाहिए तब सर बोलते हैं श्रावणी इधर आवो तब श्रावणी बोलती हे सर क्या होवा तब सर बोलते हैं मुझे सब पता चल गया है तोम राहुल से प्यार करती हो और ये सब तुम्हारे मा को पसंद नहीं हे ना सब सोनो दिपक और श्रावणी को छोडकर सब अपने घर जावो तब सब चले जाते हे तब वाहा पे श्रावणी की मा आती है तब सर बोलते हैं श्रावणी की मा श्रावणी एक लडके से प्यार करती है और वो उसे फसा रही है तब श्रावणी की मा बोलती हे उस लडके ने इसे मनाया होगा तब दिपक बोलता हे छोटी मा हर बार लडके ही गलत नहीं होते लडकीया भी गलत होते हे और इसने आकाश को प्रपोज किया था जब की आकाश बोला था ये सब गलत हे तब श्रावणी की मा श्रावणी को मारती हे और उसे लेकर चली जाती है तब कुणाल आता हे तब कुणाल बोलता हे मुझे तुमपर बोहत गर्व हो रहा है तब कुणाल घर चला जाता हे दोसरे दिन दिपक का बडे था तब आकाश उसे Instagram पे Happy Birthday Deepak भेजता हे तब दिपक Thanks बोलता हे तब कुणाल आकाश को फोन करता हैं और उसे सब बता देता है तब आकाश बोलता हे मे अपने बडे के दिन वाहा आवोगा १५/६/२०२१ को कुणाल दिपक को फोन लगता है और बोलता हे दिपक जलदी आवो तब दिपक चला जाता हे तब वाहा पे आकाश होता हैं तब आकाश बोलता हे दिपक कैसे हो तब दिपक बोलता हे ठिक हो तब दिपक बोलता हे तोम एसे क्यो बेठे हो चलो केक काटना हे तब दिपक केक लाता हे तब आकाश बोलता हे दिपक मुझे माफ करदो तब दिपक बोलता हे मुझे माफ करदो मेने सब किया तब वो केक काटते हे तब शुभांगी आती है और वो बोलती हे दिपक अब सबकोछ ठिक हो गया है ना तब दिपक बोलता हे हा तब कुणाल बोलता हे चलो हमे बाहर भी जाना है तब आकाश घर चला जाता हे दोसरे दिन दिपक के घर के सामणे बोहत बडी लढाई होती हे तब पोलिस आते है और उन लडको को पकड कर ले जाते हे तब श्रावणी की मा बोलती हे ये तो हर रोज एसी ही झगडे होते रहेगे अब हम याहा पे नहीं रहेगे तब दिपक आकाश को फोन करता हैं और उसे झगडे के बारमे बता देता है और श्रावणी याहा से जाने वाली हैं ये भी बता देता है तब आकाश बोलता हे दिपक ये झगडे होते ही रेहेगे लेकिन वो हमे कोछ नहीं करेगे तब दिपक बोलता हे ठिक है तब दिपक बोलता हे आकाश कल मेरा रिझल्ट हैं मुझे कितने मार्कस मिलेगे तब आकाश बोलता हे फिकर मत करो तुम्हे 60 ,80 marks मिलेगे तब दिपक बोलता हे शुक्रीया दोसरे दिन दिपक को रिझल्ट मिलता हे उसे 80 मार्कस मिलते हे तब आकाश आता हे तब दिपक बोलता हे आकाश मुझे 80 मार्कस मिले हैं तब आकाश बोलता हे बधाई हो तब दिपक बोलता हे क्या होवा तब आकाश बोलता हे कोछ नहीं तब दिपक आकाश को लेकर मंदिर जाता है तब आकाश बोलता हे दिपक दो महिने बाद मैं America जाने वाला हो तब दिपक बोलता हैं दो महिने बाद आकाश बोलता हे मुझे श्रावणी से शादी करनी है तब दिपक बोलता हे आकाश तुम्हे पता है ना वो लडकी कैसी है वो तुम्हे फसा भी सकती हे तब आकाश बोलता हे दिपक तुमने मुझे भी फसाया हे तब दिपक बोलता हे आकाश तुम ये क्या बोल रहे हो तब आकाश बोलता हे मुझे श्रावणी ने सब बताया हे तब वाहा पे शुभांगी आती है और वो बोलती हे आकाश ये देखो तब आकाश बोलता हे तो ये हे इसका खेल हे तब आकाश श्रावणी के पास जाता है और वो बोलता हे श्रावणी मुझे एक लाख रुपये चाहिए तब श्रावणी बोलती हे मेरे पास नहीं है तब आकाश बोलता हे तुम अपने राजा केलिए इतना भी नहीं करोगी तब श्रावणी बोलती हे निकलो तब दिपक आता हे और वो बोलता हे आकाश आजके बाद तोम याहा पे कभी मत आना अब मे तुम्हारे घर आवोगा फिर मिलिगे तब श्रावणी बोलती हे दिपक मुझे हेसास हो गया है मे गलत थी तब दिपक बोलता हे ठिक है तब दिपक बोलता हे आकाश चले तब आकाश बोलता हैं दिपक मैं चलता हो दो महिने बाद आकाश America जाने केलिए निकलता है तब दिपक आता हैं और वो बोलता हैं तुम्हारी बोहत याद आएगी तब आकाश बोलता हैं मुझे भी तब दिपक बोलता हैं all the best तब आकाश चला जाता है तब दिपक घर चला जाता हैं तब दिपक की मा बोलती हैं दिपक श्रावणी के all family दोसरी जगह रेहने जारेहे तब दिपक बोलता हैं ठिक है दोसरे दिन श्रावणी चली जाती है तब दिपक बोलता हैं कोई नहीं रहा तब शुभांगी बोलती हैं दिपक फिकर मत करो मे तो हो और याहा पे उनकी बचपन की काहाणी खतम हो जाती है ......अगले अध्याय मैं हम देखेगे ये मिलते हैं या नहीं ........ The End ‹ पिछला प्रकरणयार तुणे क्या किया Download Our App