Mayavi Emperor Suryasing - 12 books and stories free download online pdf in Hindi मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 12 (2) 1.8k 5.3k सूर्यगढ़मे खुशी का माहौल था। सम्राट की शादी होने वाली थी। गांव के लोग कुछ न कुछ सम्राट के लिए लेकर सम्राट की शादी में आए। एक सप्ताह तक सम्राट की शादी पूर्ण हुई और सब अपने अपने घर पर चले गए। गांव वालो का इतना प्यार देख सूर्या के मन में थोड़ा अभिमान और घमंड का संचार हुआ । सम्राट सूर्यसिंग अब अपनी मन मानी करने लगे । लोगो को धमकाना , कभी कभी पिटवा देना ये सब होने लगा । अपनी जादुई शक्तियों का गलत इस्तमाल करने लगा । अब सूर्यगढ़ के सम्राट के मन में छल कपट के बीज निकले। वो छल कपट से चारो और के राज्य को अपने में मिला ने लगा । अब वो शैतानी वृति वाला बनने लगा। एक दिन गांव में सबको पता चला कि अब सम्राट काफी बदल गई है। वो अब सबको पिटने ,धमकाने और अपनी जादुई शक्तियों का गलत इस्तमाल करने लगे है। उतने में सूर्यसिंग को अरूणा से एक पुत्र हुआ। उनको देखने के लिए सम्राट ने गांव में धंधोरा पिटवाया ।परन्तु गांव में से काफी लोग महेल में नहीं आए। ये देख सूर्यसिंग क्रोध से लाल पीला हो गया । अपने सैन्य के साथ वो गांव में गया और वहा जा के सम्राट ने सभी कर को बढ़ा दिया । धीरे धीरे समय बीतता गया। उसी प्रकार गांव वालो के मन में सम्राट के प्रति द्वेष और असंतोष की भावनाएं जन्म लेने लगी। सम्राट अपनी ऐयासी में गांव के दुख और सूर्यगढ़ जितने बड़े साम्राज्य के दुख को मानो भूल ही गया हो। सूर्यसिंग का पुत्र अमरसिंग अब बहुत बड़ा हो गया था ।साथ में सूर्यसिंग भी काफी बूढ़े हो गए थे। अरूणा कवर ने सूर्यसिंग को मशोरा दिया की अब सम्राट को ये सब अमर सिंग को सौप कर उनको आराम करने की जिंदगी लेनी चाहिए। ये सुन कर सूर्यसिंग ने अपनी सारी जादुई शक्तियों अमर सिंग को देदी। ।।।............ राज्याभिषेक........….।।। गांव और पूरे सूर्यगढ़ में धंधोरा पिटवाया गया की सूर्यसिंग के पुत्र, सूर्यगढ़ के होने वाले सम्राट की आने वाली विजयादशमी की राज्याभिषेक है। पूरे सूर्यगढ़ की सेना और वहा से अलग अलग राज्य के सामंत, ओर प्रजा राज्याभिषेक के दिन उपस्थित थी। अमर सिंग का राज्याभिषेक हुआ। वही पर सूर्यगढ़ की सबसे बड़ी दुश्मन नमीना आ पहुंची। सबसे ज्यादा ताकतवर होने की वजह से उनसे कोई भिड़ने की कोशिस नही करता था । सूर्यसिंग बड़े सम्राट होने की वजह से और नमिना के भाई होने की वजह से उन्होंने कहा की आज के दिन आप यहां से चली जाए। पर नमीना ने कुछ सोचे समझे बिना ही अमर सिंग पर आक्रमण कर दिया। अमर सिंग के पास भी अधिक जादुई शक्तियों भी उसी लिए नमीना ओर अमर सिंग पर के बीच में धमासन युद्ध हुआ । इस मल युद्ध में नमीना के साथ सूर्यसिंग दोनो भाई बहन शहीद हो गए। अब सूर्यगढ़ में सुख और शांति का संचार हुआ। बहुत वर्षो तक सम्राट ने सूर्यगढ़ पे राज्य किया बाद में अमर सिंग और बलदेव भानु के साथ हुए युद्ध में सूर्यगढ़ हार गया ओर वहा से सूर्यगढ़ का अंत हुआ। इस कथा में दिए गए पात्र और सभी घटनाएं काल्पनिक है। ‹ पिछला प्रकरणमायावी सम्राट सूर्यसिंग - 11 › अगला प्रकरणमायावी सम्राट सूर्यसिंग - चेप्टर 2 - भाग 1 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Vishnu Dabhi फॉलो उपन्यास Vishnu Dabhi द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी कुल प्रकरण : 13 शेयर करे NEW REALESED Love Stories प्रेम की चाय Sonali Rawat Love Stories तुर्कलिश - 3 Makvana Bhavek Love Stories पहला प्यार - भाग 5 Kripa Dhaani Moral Stories एडोप्टेड फैमिली bhagirath Horror Stories द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 31 Jaydeep Jhomte Fiction Stories द्वारावती - 11 Vrajesh Shashikant Dave Moral Stories किस्से - कहानियां दिनेश कुमार कीर Fiction Stories साथिया - 73 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Mythological Stories जयद्रथ Renu Love Stories द मिस्ड कॉल - 1 vinayak sharma