एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 61 ARUANDHATEE GARG मीठी द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 61


रूही उन लोगों को घबराकर , लेकिन खुद में पूरी हिम्मत भरकर उन्हें देखती हैं और फिर कहती है ।

रूही - देखिए...., आप लोग हमारे रास्ते से हट जाइए..., वरना आप लोगों के लिए ठीक नहीं होगा ।

पहला लड़का - हमारे लिए...., या फिर तुम्हारे लिए..???? ( अपने दोस्तों से ) वैसे कुछ भी कहो, लगती तो कमाल हो तुम , बिल्कुल राजकुमारी की तरह....।

दूसरा लड़का - हां ब्रो....., और अपनी इस खूबसूरती का मज़ा जरा हमें भी लेने दो राजकुमारी जी । ओह..., सॉरी .... सॉरी ...., क्या नाम है तुम्हारा..!!!!

तीसरा लड़का - रूही....।

दूसरा लड़का ( हंसते हुए ) - रूही....., काफी रुहाना नाम है तुम्हारा । तो अब इस रूही के रुहाने स्पर्श को हम महसूस करना चाहते हैं ।

इतना कह वो और उसके दोस्त हंस देते हैं और दूसरा लड़का हंसते हुए रूही के थोड़ा करीब आता है और रूही का दुप्पटा पकड़ लेता है । रूही ये देख घबरा जाती है और अपना दुपट्टा कस कर पकड़ लेती है । रूही को घबराया हुआ देख लड़को की हिम्मत बढ़ जाती है , और वह दूसरा लड़का रूही का दुपट्टा हाथ में लपेटकर खींचने लगता है , लेकिन वह दुपट्टा रूही के बदन से अलग होता, उससे पहले ही उस लड़के के मुंह पर जोर दार पंच आकर लगता है , जिससे वह लड़का संभल नहीं पाता और दुपट्टा छोड़ वह जमीन पर मुंह के बल गिर जाता है । बाकी दोनों लड़के और रूही उस तरफ देखते हैं ,जिस तरफ से दूसरे लड़के को पंच पड़ा था , तो वहां उन तीनों को कायरा गुस्से से आग उगलती हुई आंखों से उस दूसरे लड़के को घूरती हुई नज़र आती है , जो कि अपने होठों पर हाथ लगाकर देख रहा था , जिससे अब खून निकलने लगा था । कायरा को देख रूही के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है , वहीं वो तीनों लड़के हैरानी से कायरा को देखते हैं । इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता , कायरा उस जमीन में गिरे लड़के के पास जाती है और उसे बेतहाशा लात और घुसों से मारने लगती है । इतना ...., कि उसकी पिटाई देख बाकी के दो लड़कों के हाथ पैर फूलने लगते हैं । रूही अपना दुपट्टा संभालती है और फटाक से कायरा को रोकते हुए कहती है ।

रूही - प्लीज स्टॉप कायरा..., प्लीज....।

कायरा ( बिना रूही की बात सुने , उस लड़के को पीटते हुए बड़बड़ाती है ) - मेरी रूही...., मेरी दोस्त... के साथ बत्तमीजी करोगे तुम लोग...??? इतनी हिम्मत आ गई है तुम लोगों में , कि मेरे होते हुए उसे कोई भी लड़का हाथ लगा सके..!!!! अरे पूरे स्कूल लाइफ और पिछले कॉलेज में किसी की इतनी मजाल नहीं हुई कि मेरे रहते कोई मेरी बहन की तरफ आंख उठाकर भी देख सके और तुम नालायक लोग उसका दुपट्टा खींचोगे...., उसकी इज्जत पर हाथ डालोगे.....। तुम लोगों को मैं अब सांस लेने लायक तक नहीं छोडूंगी । पहले तू पिटेगा , फिर तेरे बाकी के बचे दोस्त.....।

कायरा की बात सुनकर बाकी के बचे लड़के घबरा गए। वहीं अब लाइब्रेरी के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई। सब तमाशा देखने लगे और कुछ वीडियो बनाने लगे , लेकिन न ही किसी ने कायरा को रोका और न ही बाद में आए दर्शकों ने ये जानने की कोशिश की , कि आखिर यहां हुआ क्या था। रूही लगातार कायरा को रोकने की कोशिशें कर रही थी , लेकिन सब नाकाम । कोई रूही को उसकी इजाजत के बैगर कायरा के सामने हाथ लगाए , और वो इंसान ऐसे ही बच जाए , ये तो आजतक हुआ ही नहीं था । भले ही दोनों दोस्त थीं , लेकिन दोनों ने एक दूसरे को बहन से कम भी नहीं माना था । भले मजबूरियों और हालातों के चलते दोनों कई सारे राज अपने सीने में दफन किए हुए थीं , लेकिन जब - जब एक दूसरे की जरूरत पड़ी , भाग कर सारा काम छोड़ कर चली आती थीं अपनी दोस्त के पास ।

रूही के लाख कोशिशों के बाद भी जब कायरा नहीं रुकी , तो रूही ने उसे अपनी कसम दे दी और रूही की कसम देते ही कायरा के हाथ रुक गए । वह उठी और उस लड़के को कॉलर से पकड़कर कहा ।

कायरा - आज के बाद किसी लड़की की तरफ नज़र उठाकर भी देखा न , तो आंखें बाहर निकाल दूंगी तुम्हारी । समझा.....।

इतना कह उसने उस लड़के को वापस धक्का दे दिया और वह लड़का एक बार फिर जमीन पर पड़ा कराह रहा था । बाकी के दोनों दोस्त तुरंत आए और उस लड़के को उठाते हुए बोले ।

लड़के ( कायरा से ) - ऐसा कभी नहीं होगा दीदी । हम तीनो में से कोई किसी भी लड़की की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखेगा ।

इतना कह वो दोनों अपने दोस्त को उठाकर वहां से चले गए और रूही के साथ बाकी , वहां खड़े दार्शनिक लोग भी उन दोनों की बात सुन , ठहाका मार कर हंस दिए । कायरा ने जब देखा, तो गुस्से से मुट्ठी भींचते हुए सभी दार्शनिक लोगों से बोली ।

कायरा - कॉमेडी चल रही है न यहां ......, तो बत्तीसी निकाल के हंस लीजिए आप सब । ( कायरा की बात सुन , वहां एक दम से सन्नाटा पसर गया ) नहीं..., हंसिए न आप सब...और हंसिए....,जमीन पर लोट - पोट होकर हंसिए । भई...., मनोरंजन तो जरूरी है न आप सभी के लिए । तभी तो सभी इतने ध्यान से देख रहे थे , कि यहां क्या चल रहा है । और उससे भी मन नहीं भरा तो वीडियो बनाने लगे । क्या करोगे इस वीडियो का आप सब..??? सोशल मीडिया में डालेंगे आप लोग..., है न....!!! फिर कितने लाइक्स आए हैं , कितने लोगों ने कमेंट किया है , कितने फॉलोअर बढ़े, तो वहीं किस - किस तरह के कमेंट आए हैं ये देखेंगे , अब तो एक और नया ट्रेंड चल गया है , कि कितने लोग इसे शेयर करते हैं ...., ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर करेंगे और फिर आपस में चर्चाएं करेंगे...., कि ठीक किया उस लड़की ने ...., नहीं.... उसे ऐसा नहीं करना था....., सही हुआ उस लड़के के साथ , ऐसे लोगों को यही जवाब मिलना चाहिए...., बस....., लगे हैं ज्ञान का पिटारा बांटने सोशल मीडिया में....। जिससे आप लोगों को कोई खास प्रॉफिट नहीं होगा , लेकिन तब भी आप सब खुशी से फूले नहीं समाएंगे । जबकि उन सोशल मीडिया की चर्चाओं में ये कहने वाला कोई नहीं है , कि जब उस लड़की के साथ इतना सब हो रहा था, तब ये जो इंसान वीडियो बना रहा है उसे जाकर बचाना चाहिए था उस लड़की को , या फिर समझता उन लड़कों को ....। नहीं ...., ये कहने वाला तो कोई होगा ही नहीं ।

अब मुझे ये बताईए...., अगर आज मैं यहां नहीं आती , अपनी बहन की इज्जत नहीं बचाती तो क्या तब भी आप सब यही करते...??? वीडियो ही बनाते रहते...??? ( इस बात पर सभी के सिर झुक गए ) हां....., यही करते आप सब । आप लोगों के झुके हुए सिर इस बात की गवाही दे रहे हैं , कि आप लोगों को सिर्फ दार्शनिक बनने का शौक है और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का ....। बस...., इससे ज्यादा आपको मतलब ही नहीं है किसी से । न किसी लड़की की इज्जत से , न किसी की जान से और न लोगों के सम्मान से । भले ही आपके वीडियो पोस्ट करने के बाद किसी लड़की की इज्जत और जान पर ही क्यों न बन आए , लेकिन नहीं , आपको तो वीडियो पोस्ट करना ही है । ( रूही की तरफ इशारा कर ) इस लड़की के साथ कॉलेज के तीन लड़के बत्तमीजी कर रहे थे और आप लोग खड़े - खड़े तमाशा देख रहे थे । एक ने भी आकर उन लड़कों को मना नहीं किया ऐसा करने से । एक ने भी आवाज उठाई होती , तो बाकी सब भी उसके पीछे चले आते , लेकिन नहीं....., हमको क्या...??? हमें तो बस वीडियो बनाना है और लड़की की इज्जत का तमाशा बनते देखना है । मतलब सीरियली गाइस...!!!! ये शिक्षा मिलती है आप लोगों को..??? ये पढ़ाई पढ़ते हैं आप..??? जो किसी जरूरत मंद के काम तक नहीं आ सकती । अरे अच्छी चीजों के वीडियो बना के डालो , कोई दिक्कत नहीं है । लेकिन आप अपनी आखों के सामने किसी को मजबूर होता या फिर मरता देख रहे हैं , लेकिन तब भी वीडियो बनाए जा रहे हैं , बशर्ते इसके कि आप उसकी हेल्प करें !!!!! ये कहां तक ठीक है..??? बताइए ज़रा आप लोग...????

( किसी ने कुछ नहीं कहा , बस चुप चाप खड़े रहे ) एक बात और...., मैं यहां आप सभी को कितना भी समझा लूं या लेक्चर दे दूं...., लेकिन अगले ही पल जब आप कॉलेज से निकलकर रोड पर जायेंगे , और वहां अगर कोई जानवर का बच्चा या इंसान का कोई बच्चा ट्रैफिक से जूझ रहा होगा , तो आप लोग जाकर दोबारा वीडियो बनायेंगे और इंतजार करेंगे उस वक्त का, जब कोई और आए और उन्हें बचाए । मतलब हद होती है ऐसी सोच और ऐसी हरकतों की । अपराधी अपराध तभी करता है, जब उसे अपराध करता देख रहे लोग खड़े - खड़े चुप - चाप तमाशा देखते हैं । हिम्मत बढ़ती है अपराधी की ये देखकर , कि इतने लोगों में से कोई उसका विरोध नहीं कर रहा । जिस तरह उन तीनों लड़कों की हिम्मत बढ़ रही थी, आप सभी को विरोध करता न देख कर । लेकिन आप लोगों को इन सबसे मतलब ही कहां है...!!! आप सबको तो अपने फॉलोअर्स बढ़ाने है , सोशल मीडिया पर चर्चा करनी है , वो भी बिना असलियत जाने । काश कि आप सभी ने उन तीनों को अच्छा सबक सिखाया होता , तो उन तीनों की क्या.... किसी भी लड़के की हिम्मत इतनी नहीं बढ़ती, कि वो चार लोगों के सामने किसी लड़की को हाथ भी लगा सके । सुधर जाइए आप सब..., बहुत जरूरी है आप सभी का सुधारना हमारे समाज और देश के लिए । जब तक अपनी सोच और ये बेहूदा हरकतें आप सभी बंद नहीं करेंगे न ...!!!! तब तक ये देश और इस देश की परिस्थिति सुधरने वाली नहीं है । मदद का हाथ बढ़ाइए...., दार्शनिक बनकर और वीडियो पोस्ट कर महानता का नहीं..। क्योंकि ऐसी महानता का कोई अर्थ नहीं है , जिससे किसी की जान और इज्जत न बचाई जा सके ।

इतना कह कायरा ने रूही का हाथ पकड़ा और उसे गार्डन ले गई । वहां जाकर उसने रूही को पानी दिया , जबकि रूही एक टक उसे देख रही थी । जब कायरा ने ये महसूस किया , तो बिना उसकी ओर देखे बोली ।

कायरा - मुझे ऐसे देखने से , मैं तुम्हें माफ नहीं कर दूंगी और न ही मेरा गुस्सा कम होगा ।

रूही ( मुस्कुराकर , पानी की बॉटल एक साइड रख, कायरा का चेहरा अपनी ओर करके बोली ) - सच में..??? ( इस बात पर कायरा उसे घूरकर देखने लगी ) अच्छा..., चलो शुरू हो जाओ , हम मना नहीं करेंगे तुम्हें ।

इतना कह , उसने कायरा के चेहरे से हाथ हटा लिया और चुप चाप शांत बैठ गई । रूही का इतना कहना था , कि कायरा गुस्से से उबल पड़ी और फिर उसने किया शुरू रूही को सुनाना ।

कायरा - दिमाग नाम की चीज़ नहीं है तुममें ...??? मतलब कोई भी लड़का आएगा और तुम्हारी इज्जत के साथ खिलवाड़ करके चला जायेगा...??? और तुम डरी सहमी सी मुंह बंद किए , घबराहट के साथ खड़ी रहोगी..???? मतलब मेरे साथ रहकर तुमने बस इतना ही सीखा है..??? कब तक...??? कब तक साथ रहूंगी मैं तुम्हारे..?? कब तक राहुल साथ रहेंगे तुम्हारे..??? कभी न कभी किसी न किसी मोड़ पर तुम अकेली होगी रूही , क्या तब भी ऐसे ही चुप चाप किसी की मदद का इंतजार करती रहोगी...??? स्कूल निकल गया , ग्रेजुएट हो गए हम और अब पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे हैं , लेकिन तुममें अब तक अकल नहीं आई , कि हमें इन जैसों से अपनी रक्षा कैसे करनी है । कितनी बार....., कितनी बार तुम्हें समझाया कि लोगों को जवाब देना सीखो , पर नहीं...। तुम्हें पता नहीं कौन सा भूत सवार रहता है , जो खुद की सेफ्टी करने में तुम घबराने लगती हो ।

रूही ( कायरा की तरफ देखकर ) - ऐसा नहीं है कायरा...। जवाब हम भी दे सकते थे , हम तो बस सही वक्त का वेट कर रहे थे ।

कायरा ( फीका हंस कर ) - सीरियसली रूही...!!!! सही वक्त...!!!! कब आता तुम्हारा सही वक्त...??? जब वो तुम्हारा दुपट्टा तुम्हारे गले से खींचकर , जमीन पर फेंक देता और फिर उसे अपने जूतों से रौंदता , तब आता तुम्हारा सही वक्त...??? जब उनमें से कोई तुम्हें अपने घिनौने हाथो से छूता...., तब...!!!! या फिर तुम्हारी इज्जत को उनमें से कोई या तीनों तार - तार करते...., तब सही वक्त आता तुम्हारा...??? ( इस बात पर रूही ने कायरा की तरफ हैरानी से देखा , कि ये हमारे बारे में ऐसा कैसे सोच सकती है..??? ) हैरानी हुई न सुनकर..., बुरा लगा न......, जब मैंने ऐसा कहा...!!! सोचो...., अगर आज तुम्हारे साथ ऐसा कुछ हो जाता तो क्या होता...??? ( रूही नजरें फेर लेती है उससे , तो कायरा रूही के कंधे पर हाथ रखकर कहती है ) यूं नजरें फेर लेने से सच्चाई तो नहीं बदल जाती न रूही । किसी को उसकी गलत हरकतों का जवाब वक्त देखकर नहीं , बल्कि सामने वाली की नीयत देखकर देना चाहिए । क्योंकि क्या पता , तुम सिर्फ सही वक्त का इंतजार करती रह जाओ और वो सही वक्त तुम्हें कभी मिले ही न । इससे तो अच्छा है न रूही , कि तुम्हारी आबरू की तरफ उठे हाथों को, तुम्हें स्पर्श करने से पहले ही तुम काट दो

( अब रूही को अपनी गलती का एहसास हो रहा था और वह अब रोने लगी , तो कायरा ने उसके गालों पर लुढ़के आसुओं को अपनी उंगलियों से साफ किया और कहा ) पछतावे से कुछ नहीं होगा रूही...., सच तो ये है कि हमें सही और सटीक जवाब देना आना चाहिए । और हर गलत हरकत को टॉलरेट करने से अच्छा है , कि हम उसका मुंह तोड़ जवाब दें । आज की इस दुनिया में कोई नहीं आता किसी को बचाने रूही , हमें खुद की रक्षा खुद करनी होती है । सच ही कहतें हैं लोग , कि लड़की की इज्जत उसके खुद के हाथ में होती है , वो चाहे तो दुर्गा बनकर खुद को बचा सकती है और वो चाहे तो बेबस लाचार बनकर सब सह सकती है , वो भी बिना किसी गुनाह के । लड़कियां तब कमजोर नहीं बनती हैं रूही , जब उनपर अत्याचार होते हैं । लड़कियां तब कमजोर बनती हैं , जब वो उन बेवजह के अत्याचारों को बिना गुनाहों के भुगतती हैं और उसके प्रतिउत्तर में वे कुछ नहीं कहती , बल्कि सहती रहती हैं असहनीय दर्द , पीड़ा..., चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक । इस लिए रूही.... , लड़ना सीखो खुद के लिए , गलत के खिलाफ विरोध करना सीखो । किसी को इतनी जरूरत ही महसूस मत होने दो , कि वो तुम्हें सहारा दे । खुद को इतना मजबूत बनाओं , कि कभी भी तुम्हें किसी के सहारे या मदद की जरूरत न पड़े । खुद में इतनी सक्षम बन जाओ , कि लोग तुमसे मदद मांगे , न कि तुम्हारी मदद के लिए हाथ बढ़ाएं ।

रूही चुप - चाप सारी बातें सुन रही थी , पछतावे की आसूं लगातार बहे जा रहे थे , जिसे कायरा वक्त - वक्त पर साफ करती जा रही थी । कायरा की बात खत्म होने पर रूही ने डबडबाई आंखों से कायरा की तरफ देखा और फिर अगले ही पल वह कायरा के गले लग गई । कुछ कह पाना उसके बस में था ही नहीं अब , तो उसे यही सही तरीका लगा कायरा से पछतावे का दर्द शेयर करने का । कायरा ने भी रूही को कसकर गले से लगा लिया , जैसे एक बड़ी बहन अपनी छोटी बहन की गलतियों का एहसास करवाने के बाद उसे मजबूती से गले लगाती है , ये बताने के लिए कि "वह हमेशा अपनी बहन के साथ है" । कायरा ने भी यही सोचकर रूही को कस लिया था अपनी बाहों में और फिर वह उसे शांत कराने लगी । रूही कुछ पल बाद शांत हुई और फिर कायरा से अलग हुई । अब थैंक्यू तो वह कह नहीं सकती थी , न ही वो कायरा की मदद को एहसान का नाम से सकती थी , वरना कायरा उसकी चटनी बना देती , इस लिए वह चुप ही रही । रूही ने अलग होकर पानी की बॉटल उठाई , तो उसकी नज़र कायरा के पीछे चली गई , जहां पर राहुल , आदित्य , नील , रेहान , सौम्या , शिवानी और अंशिका खड़े थे और वे सभी मुस्कुराकर उन दोनों को देख रहे थे । रूही को अपने पीछे देखता देखकर , कायरा ने भी अपनी गर्दन पीछे की तरफ घुमाई , तो उन सबको खुद को और रूही को देखकर उसे बड़ा अजीब लगा । उसने इशारे से चेहरा और नजरें मटकाकर उनसे पूछा।

कायरा - क्या हुआ....??? ऐसे क्या देख रहे हो तुम सब...???

सभी दोस्त उनके पास आए और सौम्या ने कायरा को और रूही को शिवानी ने गले लगा लिया । दोनों ही सौम्या और शिवानी की हरकत से भौचक्के होकर उन्हें देख रहे थे । दोनों ने दोबारा सभी को सवालिया नजरों से देखा, तो अंशिका ने मुस्कुराकर जवाब दिया ।

अंशिका - क्लास से आते वक्त मेरी फ्रेंड ने बताया , जो कुछ देर पहले लाइब्रेरी के बाहर हुआ । मैं कैंटीन गई और मैंने सभी को इस बारे में बताया , फिर हम सभी आप दोनों को ढूंढ़नें लगे । ढूंढ़ते हुए जब यहां आए , तो आपकी बातें सुनी और बस , वही सुनकर हम मुस्कुरा दिए ।

आदित्य - सच कायरा....., मतलब तुम्हें अगर ऑल राउंडर कहा जाए , तो गलत नहीं होगा । तुम्हारी बातें सुनकर सच में हमें आभास हो रहा है , कि हमारे आस - पास रह रहे लोग कितने ज्यादा सेलफिश हो चुके हैं, वो भी बेफिजूल की चीजों के लिए । काश कि तुमने जो उन सभी को लैक्चर दिया है , वो उनके कानों में अच्छी तरह से घुसा हो । जिससे वो अपनी इन आदतों को सुधार कर अपने आस - पास हो रहे अपराधो को रोक सकें ।

सभी ने आदित्य की बातों का समर्थन किया और सब कायरा की इस बहादुरी की तारीफ करने लगे । वहीं रूही और राहुल बस एक दूसरे को देख रहे थे । राहुल की आखों में रूही को अपने लिए फिक्र साफ नज़र आ रही थी । उसे इस तरह रूही को देखते देख रेहान ने देखा , तो उसके कंधे पर हाथ रखा और उसे रूही के पास जाने का इशारा किया । राहुल रूही के पास गया और उसका एक हाथ थामकर उससे कहा ।

राहुल - तुम ठीक हो रूही ...?????

रूही ने हां में गर्दन हिला दी , तो राहुल ने बैठी हुई रूही को खड़ा किया और उसके नजदीक आकर जैसे ही वह उसे इमोशनल होकर गले लगाने के लिए बढ़ा , कि सारे दोस्त एक साथ खांसने लगे । ये देख दोनों ही हड़बड़ा गए और दोनों ने एक दूसरे का हाथ भी छोड़ दिया , और उन दोनों को ऐसा करते देख सारे दोस्त जोर - जोर से हंसने लगे, जिससे राहुल और रूही दोनों ही बुरी तरह झेंप गए । फिर रूही तुरंत कायरा के पास आई और सभी का ध्यान खुद के और राहुल से हटाने के लिए उसने कायरा से कहा ।

रूही - लेकिन कायरा...!!! तुम्हें पता कैसे चला कि लाइब्रेरी के बाहर आखिर क्या हो रहा है...??? एक्सेक्ट टाइम पर तुम कैसे पहुंची ???

कायरा - तुम्हारे जाने के बाद मैंने और बुक्स कलेक्ट की और फिर उन्हें इशू करवाकर जब बाहर आई , तो मुझे वो लड़का तुम्हारी ओर बढ़ते दिखा । इससे पहले कि वो तुम्हारे दुपट्टे को हाथ लगा पता , मैंने उसका मुंह ही तोड़ दिया । ( गुस्से से भरकर ) सच रूही...., बहुत गुस्सा आया था मुझे उस वक्त । अगर आज तुम नहीं रोकती तो अब तक मैंने उसका खून कर दिया होता ।

राहुल - थैंक्यू वेरी मच कायरा...., कि तुमने आज रूही की इज्जत पर आंच आने से पहले ही बचा ली । अगर आज रूही को कुछ हो जाता , या वो लड़के इसके साथ और घटिया बिहेव करते , तो मैं खुद उन लोगों को खोज कर , उन्हें जान से मार देता । और खुद को कभी माफ नहीं करता ।

कायरा ( राहुल का मूड ठीक करने के इरादे से मुंह बनाकर बोली ) - भूलो मत , रूही तुमसे पहले मेरी दोस्त है । तो भला मैं ऐसे कैसे किसी को उसे हर्ट करने देती...???

कायरा की बात पर सभी मुस्कुरा देते हैं । तभी सौम्या कहती है ।

सौम्या - चलो गाइस...., ऑफिस का टाइम हो गया है । और हम फर्स्ट दिन ही ऑफिस के लिए लेट नहीं होना चाहते । क्यों शिवानी...???

शिवानी ( मुस्कुराकर ) - हां.....।

कायरा - क्या तुम्हारे घर वालों ने इजाजत दे दी , ऑफिस ज्वाइन करने की...???

सौम्या - जब उन्हें पता चला कि मैं आदि के साथ काम करने वाली हूं , तो मुझे उन्होंने खुशी - खुशी परमिशन दे दी और कहा कि " अगर आदि साथ में हैं, तो हमें कभी कोई परेशानी हो ही नहीं सकती । "

आदित्य ( इतराकर ) - देख लो... , मेरे ससुराल वालों को अपनी बेटी से ज्यादा अपने होने वाले दामाद पर भरोसा है ।

आदित्य की बात पर सब हंस देते हैं और सौम्या उसे बुरी तरह से घूरकत देखती है, तो आदित्य अपनी बत्तीसी अंदर कर लेता है ।

कायरा ( मुस्कुराकर ) - सच...., मैं तुम दोनों के लिए बहुत खुश हूं ।

रूही - हम भी...., काश ऐसी फैमिली भगवान सबको दे ।

इस बात पर सभी ने हैरानी से रूही को देखा , जो राहुल को देख रही थी । राहुल ने तुरंत बात बदलने के लिए सभी को ऑफिस चलने को कहा । रेहान और अंशिका को क्लास अटेंड करने का बोल वह रूही को साथ लेकर कैंटीन की ओर बढ़ गया । वह रूही के साथ कुछ वक्त बिताना चाहता था , क्योंकि उसे अब रूही की कुछ ज्यादा ही फिकर होने लगी थी । रूही ने भी जब ये ऑब्जर्व किया , तो वह भी राहुल के पीछे - पीछे चल दी । कायरा ने रूही को अपना खयाल रखने को कहा और फिर अपनी स्कूटी से ऑफिस निकल गई । आदित्य और रेहान ने उसे रोकना चाहा , क्योंकि कल मिशा वाली बात अधूरी ही रह गई थी , लेकिन उनके आवाज़ देने से पहले ही कायरा फूल स्पीड से ऑफिस के लिए निकल गई थी । शायद बहुत देर से आरव को न देख पाने की तड़प उसे ऐसा करने को मजबूर कर रही थी ।

ऑफिस पहुंचकर कायरा ने सबसे पहले आरव के बारे में पता किया और फिर आरव के केबिन की ओर बढ़ गई, लेकिन धीमें कदमों से । साथ में वह चेहरे पर असमंजस के भाव लिए खुद में बड़बड़ाए भी जा रही थी ।

कायरा - जाऊं...., कि न जाऊं...???? काम तो कुछ नहीं है मेरे पास , लेकिन उन्हें देखने का दिल कर रहा है । ( अपने सिर पर टपली मारकर ) ओफ्फो....., आखिर ये प्यार मुझे हुआ ही क्यों , क्योंकि इसकी वजह से न मैं चैन से जी पा रही हूं और न ही मर पा रही हूं । अभी भी देखो , अजीब सी उलझन में फंसी हूं । उन्हें देखने उनके केबिन में जाऊं या नहीं....। बेवजह जाऊंगी तो सौ सवाल पूछेंगे और अगर उन्हें नहीं देखूंगी तो मेरे इस नालायक दिल को चैन नहीं आएगा । अजीब - अजीब सी ख्वाहिशें करने लगा है ये आजकल ।

खुद में बड़बड़ाते हुए कायरा आरव के केबिन के बाहर तक पहुंच चुकी थी । उसने अपने हाथ दरवाजा ओपन करने के लिए बढ़ाए , फिर रोक लिए । फिर बढ़ाए और दुबारा रोक लिए । ऐसा उसने चार से पांच बार किया । फिर उसने अब हाथ बढ़ाने से पहले कांच के दरवाजे से अंदर की ओर देखा , जहां पर आरव किसी से फाइल हाथ में लिए तन्मयता से डिस्कशन कर रहा था । उसे काम में इतना बिजी देखकर कायरा का मन नहीं हुआ अंदर जाने का , कि कहीं उसके बेवजह जाने से आरव के काम में खलल न पड़ जाए । अब कायरा वहीं खड़ी हो गई और लगभग पांच मिनट तक कांच के दरवाजे के सहारे से ही आरव को देखती रही । आरव अपने काम में इतना बिजी था , कि उसका ध्यान बाहर की ओर गया ही नहीं । पांच मिनट तक जी भरकर आरव को देखने के बाद कायरा को थोड़ी संतुष्टि मिली और फिर वह अपने केबिन की ओर बढ़ गई । पंद्रह मिनट बाद , आदित्य और नील सौम्या और शिवानी को लेकर आ चुके थे । कायरा ने उन दोनों का बहुत प्यार से और फूलों के बुके देकर ऑफिस में वेलकम किया । हालांकि बाकी के एम्प्लॉयज इस बात से काफी हैरान थे , क्योंकि उनका तो ऐसा वेलकम नहीं हुआ था । और कुछ एम्प्लॉयज जल भी रहे थे । लेकिन फिर आदित्य के मुंह से, सौम्या और शिवानी का पूरा इंट्रो सुनने के बाद, सभी की जलन दूर हो गई । क्योंकि दोनों को काफी बड़ी पोस्ट मिली थी , जिसके लिए उनका वेलकम करने बनता था । दूसरा वो दोनों , आरव ,नील,राहुल और आदित्य की दोस्त थी , यही सोचकर एम्पलॉयज की जलन भी पल भर में गायब हो गई । क्योंकि आरव भले ही गुस्सा करता था, लेकिन बाकी के दोस्त हमेशा खुशनुमा माहौल बनाकर रखे हुए थे , जिसके लिए कभी आरव ने भी उन लोगों को मना नहीं किया , इस वजह से सारे एम्प्लॉयज काफी खुश रहते थे , तीनों दोस्तों से । कायरा , आदित्य और नील ने उन दोनो को उनका केबिन दिखाया । आदित्य के केबिन के बगल में सौम्या का और नील के केबिन के बगल में शिवानी का केबिन था । ये देखकर दोनों बहुत खुश हुई और दोनों ने पहले तो एकसाथ कायरा को और फिर आदित्य और नील को गले लगाया । तभी कायरा ने खांसने का नाटक किया , तो चारों झेंपकर अलग हो गए और फिर हंस दिए । उनके साथ कायरा भी हंस दी । तभी आरव अपने काम से फ्री होकर उस तरफ आया जहां ये सारे दोस्त खड़े थे । कायरा को इतना हंसते खिलखिलाते देख आरव उसे एक टक देखने लगा । क्योंकि कायरा हंसते हुए बहुत प्यारी लग रही थी , एक दम बेबी डॉल की तरह । कायरा की नजरें जब उसपर गई , तो वह आरव को देखकर मुस्कुरा दी । और बस....., फिर तो आरव की धड़कने फुल स्पीड से गोते खाने लगी और मन में उसके कुछ लाइनों ने जन्म लिया ।

आरव -
वक्त.., बेवक्त..., तुम्हारा मुझे देखकर मुस्कुरा देना,
मेरे स्ट्रेस भरे दिन को भी , खुशनुमा बना देता है❣️।

ये लाइन खुद से कहकर आरव मुस्कुरा रहा था । तभी उसके कानों में मीठी सी आवाज़ पड़ी ।

कायरा - सर...., मैं कब से आपको आवाज़ दे रही हूं और आप हैं कि बस मुझे एक टक देखे जा रहे हैं ।

ये सुनते ही आरव तुरंत होश में आया और कायरा के पीछे खड़े दोस्तों को मुस्कुराकाते हुए खुद की तरफ देखकर वह झेंप गया और फिर अपनी नजरें इधर - उधर घुमाने लगा । तो नील ने कहा ।

नील - क्यों सर जी....., दे दीजिए जवाब । कायरा कब से सवाल कर रही है ।

इतना सुनना था, कि आरव ने नील को घूरकर देखा और नील के साथ - साथ बाकी दोस्त उसके इस रिएक्शन पर मुंह दबा कर हंसने लगे । वहीं नील के ये कहते ही कायरा अपने बगले झांकने लगी , जैसे वो नील की बातों का मतलब समझ गई हो । आरव ने जब उसे चुप देखा , तो उससे कहा ।

आरव - मिस कायरा...., जल्दी ही मेरे केबिन में आइए , मिस्टर मेहरा की फाइल लेकर । लास्ट करेक्शन करने हैं उसमें ।

इतना कहकर आरव जाने लगा , कि सौम्या ने कहा ।

सौम्या - ये क्या है आरव और कायरा...??? तुम दोनों एक दुसरे को ऐसे क्यों ट्रीट कर रहे हो जैसे तुम दोनों बॉस और एम्प्लॉय के सिवा कुछ और हो ही नहीं । ( इस बात पर आरव और कायरा नासमझ से उसे देखने लगे ) अरे ...., तुम दोनों दोस्त भी तो हो , फिर ये क्या तुक बना कि कायरा तुम्हें सर और तुम उसे मिस कहकर पुकारो ।

सौम्या की बात सुनकर दोनों ने एक दूसरे को देखा , फिर दोनों ने ही एक दूसरे से नजरें हटा ली और कायरा ने सौम्या से कहा ।

कायरा - क्योंकि यहां पर आरव मेरे बॉस हैं और बॉस का सम्मान करना मेरा फर्ज बनता है ।

शिवानी - पर आरव तुम्हारा फ्रेंड भी तो है , तो फ्रेंड्स में कौन बॉस और कौन एम्प्लॉय..!!!! सब एक समान ही होते हैं इस रिश्ते में ।

कायरा - हम्म्म, तुम्हारा कहना सही है। लेकिन हमें हमेशा प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को अलग - अलग रखना चाहिए , वरना अगर दोनों मिक्सअप हो गईं , तो बहुत कुछ उलझ कर रह जाता है ।

ये कहते हुए कायरा ने आरव की तरफ देखा, जैसे उसके ही शब्दों को अपनी भाषा में पिरोकर उसे सुना रही हो । आरव ने कुछ नहीं कहा । तभी सौम्या और शिवानी एक साथ बोलीं ।

शिवानी और सौम्या - लेकिन हम तुममें से किसी को भी सर या मैम नहीं बुलाएंगे ।

सौम्या - क्योंकि हमारे लिए आरव पहले दोस्त है , बाद में हमारा बॉस ।

शिवानी - आई एम एग्री विद सौम्या ।

आरव ( मुस्कुराकर ) - तुम दोनों को जो कहना हो कहो , मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है ।

शिवानी - तो फिर कायरा को भी कहो , कि वो भी तुम्हें सर न कहकर सिर्फ तुम्हारे नाम से तुम्हें बुलाए ।

शिवानी की बात सुनकर आरव ने कायरा की तरफ देखा और कायरा ने उसकी तरफ । आंखें मिलते ही कायरा ने तुरंत नजरें आरव से हटाई और तपाक से बोली ।

कायरा - नहीं....., मैं ऑफिस में आरव को सर ही बोलूंगी । मुझे अच्छा लगता है आरव को सर कहना और इस कंपनी में काम करने के नाते मेरा ये फर्ज़ बनता है, कि मैं अपने बॉस की फुल रिस्पेक्ट करूं ।

इतना कहकर कायरा वहां से चली गई । और आरव उसे जाते देखने लगा , जैसे वो समझ रहा हो , कि कायरा ने ऐसा इस लिए कहा ताकि दोबारा आरव को उसे ये कहने की नौबत न आए कि वो बॉस है और कायरा को उसकी रिस्पेक्ट करना चाहिए । जबकि जनता तो वो भी ये था कि कायरा की तरफ से बॉस के नाते उसकी रिस्पेक्ट में कभी कोई कमी नहीं रही है । लेकिन आरव ने गुस्से में आकर कई बार कायरा को बॉस और एम्प्लॉय का तमगा दिखाकर काफी बुरा फील करवाया है । आरव चुप - चाप वहां से जाने लगा , तो आदित्य ने उससे कहा ।

आदित्य - अरे आरव...., तूने कायरा को बताया है न कि आज शाम को हमें पार्टी में जाना है ।

ये सुनते ही आरव रुक गया और उसने अपना हाथ अपने सिर कर दे मारा और कहा ।

आरव - भूल गया यार मैं....। कायरा की तबीयत के खयाल में इतना उलझा कि ये बात मैं भूल ही गया , कि उसे पार्टी के बारे में बताना भी है ।

आदित्य - कोई बात नहीं , अब बता देना ।

आरव ने हां कहा और अपने केबिन की ओर बढ़ गया । बाकी चारों भी अपने - अपने काम में लग गए । नील और आदित्य दोनों को उनका काम समझाने लगे । आरव अपने केबिन में आया , तो उसे कायरा अपने केबिन में ही बैठी मिली । आरव आकर अपनी चेयर पर बैठ गया और कायरा की तरफ देखकर बोला ।

आरव - तबियत ठीक है तुम्हारी अब...???

कायरा - हम्मम।

आरव - दवाई ली थी तुमने कल रात...???

कायरा - जी ।

कायरा ने दोनों जवाब बिना आरव की तरफ देखे दिए । और आरव अपने दोनों सवाल करते वक्त सिर्फ कायरा को ही देख रहा था । कायरा का ठंडा सा रिस्पॉन्स देखकर आरव ने आगे इस बारे में कुछ नहीं कहा और फिर दोनों काम पर ध्यान देने लगे । मेहरा कंपनी की फाइल का काम खत्म होने के बाद कायरा जाने लगी , तो आरव ने कहा ।

आरव - जिस फाइल में हम अभी करेक्शन कर रहे थे , उसे रिप्रेजेंट तुम करोगी , विद द कंप्यूटराइज्ड प्रेजेंटेशन ।

कायरा ( आरव की तरफ पलट कर हैरानी से ) - व्हाट...? बट मैं कैसे...???

आरव - तुम कर लोगी , मुझे विश्वास है और फिर मैं, आदि , नील और राहुल , हम चारों रहेंगे न वहां पर । अगर तुम्हें किसी भी चीज की जरूरत होगी तो हम हेल्प करेंगे । और जब तुम कभी रिप्रेजेंट करोगी ही नहीं , तो सीखेगी कैसे ??? इसके साथ ही आज शाम को मेहरा साहब के यहां पार्टी है , ये प्रेजेंटेशन उसी पार्टी में देना। मेहरा कंपनी की ओर से कार्ड आया है और साथ में तुम्हारे और मेरे लिए स्पेशल इन्विटेशन भी आया है , जिसमें खुद मिस्टर मेहरा ने हमें आज शाम पार्टी में इन्वाइट किया है । तुम चलोगी न...????

इतना कहकर आरव कायरा की ओर देखने लगा और उसके कुछ कहने का वेट करने लगा......।

क्रमशः