दर्द ए इश्क - 13 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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दर्द ए इश्क - 13

विकी बैचेन होकर इधर उधर घूम रहा था । वह बालकनी में से बाहर देख रहा था । हवाओ की लहरे मानो उसकी बैचैनी समझ रही थी । आधी रात हो चुकी थी लेकिन विकी के मन तो शांति नहीं थी । उसके दिल में अजीब सी बैचैनी हो रही थी। बीयर पीते हुए इसके मन में लाखो सवाल उथल पुथल कर रहे थे । वह चाह कर भी उससे रोक नही सकता था । दसवां बीयर का कैन साइड में रखते हुए । वह एक और कैन ढूंढता है लेकिन वह खाली था । विकी फिर जो भी नशीला ड्रिंक मिले उससे ढूंढ रहा था । वह बस ये जो भी बाते उससे सुनाई दे रही है । उससे रोकना चाहता था । उसका दिमाग मानो जैसे फट रहा था । विकी चिल्लाते हुए कहता है । चुप चुप अब कोई कुछ नही बोलेगा । और नही सुना जा रहा। मुझसे । वह बस तारे देखकर मुस्कुराते हुए कहता है ।

विकी: तुम तो आज बहुत खुश होगी ना । क्योंकि मैंने फिर से किसी मासूम इंसान को दर्द दिया है । क्यों ! आखिरकार क्यों मै तुम्हे नहीं भुला पा रहा । क्या यही मेरी सजा है । तुम्हे चोट पहुंचाने की । ना ठीक से जी रहा हूं और ना ही मर पा रहा हूं । पता नही मै इस दुनिया मै आया ही क्यों हूं । क्योंकि ना तो किसी को अपना सकता हूं । और जो मेरे अपने है उन्हे मै खुद ही चोट पे चोट देकर दूर कर देता हूं । काश आज तुम यहां होती कम से कम मुझे कुछ तो मशवरा देती । हाहाहाहाहा..... आज तुम वहा जशन मना रही होगी हैं ना स्तुति । क्योंकि आज ही के दिन तो मैंने इन ही हाथो से ( कापते हुए हाथो को देखते हुए ) इन्ही खूनी हाथो से .... ( विक्रम की आंखो से आंसू बह रहे थे । वह अपनी धुंधली नजरो से तारो को देखे जा रहा था। ) । ( विकी शराब की बोतल खोलते हुए तारो की ओर ही देखे जा रहा था । ) बोलो अब बोल क्यो नही रही । तुम तो कभी इतना चुप नही रहती । याद है ना हमेशा मेरा दिमाग खाती रहती थी । चाहे कितनी भी कोशिश करू तुम्हारी खटरपटर चालू ही रहती थी । ( विकी धुंधली आखोंसे देखता है की आसमान में जैसे स्तुति विकी की ऑर मुस्कुरा रही थी । ) ( वह आंखो को मलते हुए फिर से देखता है तो वहां पर कोई नहीं था। वह ग्लास में शराब पीते हुए फिर से कहता है । ) मै भी कितना पागल हूं ना । मरे हुए इंसान कभी वापस थोड़ी ही आते है । ( विकी शराब की बोतल एक ही बार में पीते हुए ) । चलो अगर ऊपर वहां भगवान है तो कहना उनसे की मुझे अगले जन्म में कभी प्यार ना होने दे । अगर हो जाए तो आम इंसान की जिंदगी दे । ये हाहाहाहाहा .... शान ओ शौकत वाली नही जहां कोई भी मेरा अपना ना हो । अगर फिर मिले ... तो ... ( लड़खड़ाते हुए कदमों से रूम के अंदर जाते हुए ) यही रुकना मै अभी आया । ( अलमारी में से एक बॉक्स निकालते हुए बालकनी की ओर जाता है । ) ये देखो .... कितना बेवकूफ हूं मै अभी भी मै दूर नहीं कर पाया ये सारी चीजे । ये तुम्हारी दी हुई पेन .... फिर ये फ्रेंडशिप बेल्ट .... ये रिंग ... और ... ( कांपते हुए हाथो से तस्वीर आसमान की ऑर दिखाते हुए ) ये तस्वीर जो की मेरी सबसे पसंदीदा यादों में से एक है । हाहाहाहाहा तुम्हे याद है ना मै जब तुम्हे मना किया करता था । की किसी के भी सामने मुस्कुराना मत । देखो खुद ही देखो कितनी खूबसूरत लगती हो तुम जब मुस्कुराती हो तो । ( विकी की आंखे लाल हो गई थी फिर भी आंसू रोकने का नाम नहीं ले रहे थे । ) मै हिम्मत ही नहीं झूटा पाया की फिर से इस तस्वीर की ओर देखू । और ये तुम्हारा टैप रेकोडर .... ( चालू करते हुए ) ....।
विकी तो जैसे अतीत में ही को गया था ।

विकी: ओय स्तुति की बच्ची कहां है । जल्दी से खोल दरवाजा।
स्तुति: ( दरवाजा खोलते हुए ) क्या है क्यो परेशान कर रहें हो मै गाना रिकॉर्ड कर रही हूं । ऑडिशन के लिए ।
विकी: ( बिना पूछे कमरे में अंदर जाते हुए )। हा तो मै कौनसा तुम्हे रोक रहा हूं । करो जो करना है । ( बेड पर आराम से लेटते हुए ) ।
स्तुति: ( दरवाजा बंद करते हुए ) ( गुस्से में ) कुछ तमीज नाम की चीज होती है । ऐसे ही किसी लड़की के कमरे में नही चले आते ।
विकी: हा..हा... ठीक है । अब लाइट ऑफ कर दे मुझे नींद आ रही है ।
स्तुति: क्या मतलब ।
विकी: मतलब वही जो तुमने सुना ।
स्तुति: तुम यहां नही सो सकते !।
विकी: वो भला क्यों!!?।
स्तुति: क्या मतलब क्यो ये मेरा कमरा है ।
विकी: हां तो !?।
स्तुति: हां तो तुम यहां नही रह सकते ।
विकी: देखो बात ऐसी है मुझे घर से निकाल दिया है । और मेरे पास कही जाने के लिए जगह नही है । तो आज रात यही रूकुगा । सुबह कुछ ना कुछ इंतजाम कर लूंगा मै ।
स्तुति: सिरियासली मैने क्या धर्मशाला खोल रखी है । और तुम्हारे दोस्त तो है उनके घर जाओ। और जरूर तुमने उल्टी सीधी हरकत की होगी ।
विकी: अरे! यार डेड ने उन्हें धमकाया है की अगर मै वहा गया और उन लोगो ने डेड को नहीं बताया तो उन लोगो की खेर नही ।
स्तुति: मतलब कुछ बड़ा करनामा किया है तुमने है ना ।
विकी: नहीं कुछ बड़ा तो नही बस जो सीमा है वह कह रही थी वह प्रेगनेंट है तो मैने सिर्फ उससे २० लाख दे दिए।
स्तुति: क्या....!?।
विकी: ( कान साफ करते हुए ) इसने चिल्लाने वाली कौनसी बात है ।
स्तुति: २० लाख पागल हो गए हो तुम । और तुम ये हरकते करते ही क्यों हो ।
विकी: अरे! मुसीबत पैसे की वजह से नहीं हुई है।
स्तुति: तो वह प्रेगनेट ...
विकी: अरे नही
स्तुति: तो फिर
विकी:अरे मेरा तो सीमा के साथ कोई रिश्ता नहीं था ।
स्तुति: तो फिर तुम मुसीबत में..
विकी: कैसे फंसा यही ना । गुड क्वेशचन!।
स्तुति: ( गुस्से में ) सीधा सीधा जवाब दो ।
विकी: राहुल ..!।
स्तुति: अब राहुल कहां से आ गया ।
विकी: आ गया नहीं वही तो मैन हीरो है ।
स्तुति: मतलब... ।
विकी: सीमा मेरे रूम थी मेरे डेड ने देख लिया उससे लगा हम दोनो का चक्कर है लेकिन हम दोनो का चक्कर नही था । चक्कर तो राहुल का था । पर हमारे मॉम डेड के सामने हमारा चक्कर था । पर असल में राहुल का चक्कर सीमा के साथ था जब की सीमा का चक्कर मेरे साथ था । पर मेरे साथ नहीं था ।
स्तुति: क्या बोले जा रहे हो मुझे कुछ समझ नही आ रहा।
विकी: बिल्कुल सही मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा क्या हुआ कैसे हुआ । बस डेड की एक करोड़ की डील गई और साथ ने सालो की दोस्ती भी । और आगे मै यहां।
स्तुति: जो भी है मुझे सुबह होने से पहले यहां से चले जाना । वर्ना मै खुद अंकल को फोन करके बता दूंगी ।
विकी: ( मुंह बनाते हुए ) ठीक है ठीक है चला जाऊंगा तुम्हारी कसम!! ।
स्तुति: ( गुस्से में विकी की ऑर देखते हुए कंबल और तकिया बेड पर से लेती है )। लाखो दफा खा चुके हो मेरी कसम। और हर बार ही तोड देते हो ।
विकी: ( मासूम चहेरा बनाते हुए ) वैसे तुम्हे फिर भी कुछ नही हुआ । मतलब मै सच्ची वाली दोस्ती निभाता हूं । पर तुम कहां जा रही हो । ( कंबल और तकिए की ओर इशारा करते हुए ) ।
स्तुति: सोफे पे ।
विकी: ( श्यतानी मुस्कुराहट के साथ ) नही अगर तुम चाहो तो हम बेड शेयर कर सकते है । आई केन कंट्रोल माय सेल्फ हा ये बात अलग है की शायद तुम से कंट्रोल नही होगा ।
स्तुति: ( तकिए को विकी के मुंह पर फेकते हुए ) एक और घटिया बात की ना तो रूम से बाहर मिलोगे मे।
विकी: ओके सॉरी ... गुड नाईट और जरा लाइट ऑफ कर देना ।
स्तुति: ( गुस्से में ) आहहाहा... ।

स्तुति गुस्से में अपने बाल पकड़ते हुए गुस्से को काबू में करने की कोशिश करती है । तभी विकी मुस्कुराते हुए जानता था की उसने स्तुति को काफी परेशान कर लिया है। वह बस मुस्कुराते हुए कहता है । गुड नाईट स्विटी तभी स्तुति गुस्से में चिल्लाते हुए कहती है । जहन्नम में जाओ तुम कुत्ते ।

विकी यह रिकॉर्डिंग सुनते सुनते बालकनी में ही सो गया था । उसके चेहरे पे एक मुस्कुराहट थी । नशे की हालत में उससे लग रहा था की जैसे स्तुति सच में उसके सामने है वह उससे बात कर रही है ।