रिस्की लव - 60 Ashish Kumar Trivedi द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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रिस्की लव - 60


(60)

अंजन की गिरफ्तारी के बाद सिंगापुर पुलिस की खूब तारीफ हो रही थी। खासकर सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज और उसकी टीम को खूब बधाइयां मिल रही थीं। इस समय सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज इंस्पेक्टर हान लिम के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहा था। एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए वह कह रहा था,
"मैं अंजन विश्वकर्मा की गिरफ्तारी पर अपनी टीम, मेरे साथी इंस्पेक्टर हान लिम को बधाई देता हूँ। भारत से भागकर आया यह अपराधी हमारे देश में एक नकली पासपोर्ट के माध्यम से दाखिल हुआ था। मैं पूरी कोशिश करूँगा कि अंजन विश्वकर्मा को इस जुर्म के लिए हमारे देश के कानून के हिसाब से सज़ा दिला सकूँ। पिछली बार हमसे थोड़ी चूक हो गई थी। यह अपराधी बचकर निकल गया था।‌ लेकिन इस बार हमने इसे बड़ी सावधानी के साथ घेरा था। अंजन विश्वकर्मा के एक साथी प्रवेश गौतम से हमें उसके छिपने के ठिकाने का सही पता चल गया था। हमने बिना कोई देरी किए उसे गिरफ्तार कर लिया।"
एक पत्रकार ने सवाल किया,
"प्रवेश गौतम के पकड़े जाने की खबर पहले ही मीडिया में आ गई थी। आपको नहीं लगता कि यह ठीक नहीं था। इस बार भी अंजन के भाग निकलने के पूरे चांसेज़ थे।"
एक दूसरे पत्रकार ने कहा,
"वह भाग रहा था। उसे अपनी कार में बैठते समय पकड़ा गया। मीडिया में उसके साथी की गिरफ्तारी की खबर क्यों दी गई ?"
सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज ‌ने गंभीरता से कहा,
"हमें भी इस बात का आश्चर्य है कि मीडिया तक खबर किसने पहुँचाई। पर हमारे ‌लिए अंजन विश्वकर्मा की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण थी। अब वह पकड़ा जा चुका है। हम इस बात का भी पता लगा लेंगे। पर यह सवाल आप लोग अपने सहयोगियों से भी पूँछिए कि क्या कोई भी खबर ब्रेक करने से पहले ज़िम्मेदारी से उस पर विचार करना ज़रूरी नहीं है।"
पत्रकारो में खामोशी छा गई। कुछ देर बाद एक महिला पत्रकार ने पूँछा,
"भारत से भी एक टीम अंजन विश्वकर्मा को गिरफ्तार करने आई थी। क्या इस गिरफ्तारी में उनकी तरफ से भी कोई सहयोग मिला ?"
सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज ने कहा,
"हाँ मुंबई पुलिस की तरफ से एसीपी सत्यपाल वागले अपनी टीम लेकर आए थे। हमने उन्हें पूरा सहयोग दिया। लेकिन उनकी तरफ से ऐसी कोशिश नहीं हुई। पर हम अपने देश में गैरकानूनी तरीके से आ गए अपराधियों को पकड़ने में सक्षम हैं। हमने अंजन विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया।"
उसके आगे प्रेस कॉन्फ्रेंस की कमान इंस्पेक्टर हान लिम ने संभाल ली। उसने बताया कि किस तरह उनकी टीम प्रवेश गौतम तक पहुँची। हान लिम ने यह भी बताया कि प्रवेश गौतम कुछ गैर कानूनी कामों में लिप्त है। उस पर अब अलग से जांच होगी।

एसीपी सत्यपाल वागले अपनी टीम के साथ कमरे में बैठे प्रेस कॉन्फ्रेंस देख रहा था। सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज ने सारा श्रेय सिंगापुर पुलिस को दिया था। उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत से आई पुलिस टीम ने उनका कोई सहयोग नहीं किया। यह सुनकर उन्हें बहुत गुस्सा आ रहा था। उन्होंने ने कहा,
"शर्म नहीं आती है इसे। बार में अंजन विश्वकर्मा के होने की खबर हमने इसे दी थी। तब इसने लापरवाही दिखाई और अंजन विश्वकर्मा भाग निकला। उसके बाद भी हमने कितनी बार मदद के लिए हाथ बढ़ाया। लेकिन अपने अहंकार में इसने हमारी तरफ ध्यान ही नहीं दिया। अब इस तरह की बात कर रहा है।"
इंस्पेक्टर नदीम अंसारी ने कहा,
"सर सही कह रहे हैं आप। बहुत ही बेशर्म इंसान है।"
एसीपी सत्यपाल वागले ने कहा,
"हमारी टीम भी तो निकम्मी साबित हुई। नहीं तो सेहरा हमारे सर सजता। अब तो मुंबई जाकर जवाब देते हुए नहीं बनेगा। लेकिन अब कोशिश करनी है कि अंजन विश्वकर्मा को लेकर ही जाएं।"
इंस्पेक्टर नदीम अंसारी ने कहा,
"सर सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज क्या यह होने देगा।"
उसके इस सवाल पर एसीपी सत्यपाल वागले खीझकर बोला,
"वो क्यों करने देगा। लेकिन क्या हम बेशर्मों की तरह मुंबई लौट जाएंगे।‌ वहाँ जाकर अपना जुलूस निकलवाएंगे।‌ ऐसा समझो कि अब बस लंगोट बची है। कोशिश करना है कि यह बची रहे।"
पहली बार एसीपी सत्यपाल वागले ने गुस्से में इस तरह की भाषा का प्रयोग किया था। उसकी टीम के मेंबर्स चुप हो गए।

मुंबई में अंजन विश्वकर्मा की गिरफ्तारी मीडिया में सुर्खियां बनी हुई थी। एक तरफ तो गिरफ्तारी के लिए सिंगापुर पुलिस की तारीफ हो रही थी वहीं दूसरी तरफ एसीपी सत्यपाल वागले और उसकी टीम की खूब लानत मलामत हो रही थी। एक बार फिर यह बात चर्चा में थी कि मुंबई पुलिस की वह टीम सिर्फ सैर सपाटे के लिए गई थी। उन लोगों ने अंजन विश्वकर्मा की गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किए थे।
सिंगापुर पुलिस के सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज की तारीफ के साथ इस बात पर भी चर्चा हो रही थी कि वह अंजन विश्वकर्मा को पहले अपने देश में गैरकानूनी तरीके से घुसने के लिए सज़ा दिलाएगा। लोग इसे भी एसीपी सत्यपाल वागले की हार ही मान रहे थे।
लेकिन कुछ लोग एसीपी सत्यपाल वागले और उसकी टीम का समर्थन भी कर रहे थे। उनका कहना था कि यह एसीपी सत्यपाल वागले के ही प्रयास थे जिनके कारण अंजन विश्वकर्मा के काले कारनामों पर से पर्दा हट सका। अंजन ने तो अपने काले कारनामों को दिखावे के कुछ अच्छे कामों के पीछे छिपा रखा था। जो लोग पहले अंजन का समर्थन कर रहे थे। एसीपी सत्यपाल वागले के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे वो सभी अब शांत हो गए थे।‌ वो ना तो अंजन के समर्थन में आ पा रहे थे और ना ही एसीपी सत्यपाल वागले की नाकामी पर उसे घेर पा रहे थे।

नफीस और शाहीन बालकनी ‌में बैठे चाय पी ‌रहे थे। शाहीन अब पूरी तरह से ठीक थी। उसे किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं थी। नफीस के क्राइम पर आधारित प्रोग्राम का अंतिम एपीसोड प्रसारित हो चुका था। इस समय वह एक नए शो की तैयारी में जुटा था।‌ यह शो अभी वह प्रयोग के तौर पर बनाना चाहता था। इसलिए यह मात्र ग्यारह एपीसोड की एक सीरीज़ होने वाली थी।‌ उसके चैनल से उसे हरी झंडी मिल गई थी। अब वह आरंभ के कुछ एपीसोड्स की कहानी लिख रहा था।
उसके नए शो का नाम भटकी राहें था। इस शो के माध्यम से नफीस कुछ ऐसे नौजवानों की कहानी लोगों के सामने पेश करने वाला था जो हालात का शिकार होकर जुर्म के रास्ते में आगे बढ़ गए थे। इन कहानियों के लिए रीसर्च का काम विनोद के ज़िम्मे था। विनोद ने उसे अब तक चार नौजवानों के बारे में जानकारी एकत्र करके दी थी। नफीस अब उनकी कहानी पर काम कर रहा था।
शाहीन ने चाय पीते हुए उससे पूँछा,
"तुम्हारे आने वाले शो की क्या प्रोग्रेस है ?"
"दो कहानियों पर काम पूरा हो गया है। उनका स्क्रीनप्ले लिख रहा हूँ। उसके बाद शूटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। मैं बाकी की कहानियां तैयार करता रहूँगा।"
शाहीन ने सोचते हुए कहा,
"कॉन्सेप्ट तो नया है।"
नफीस गंभीर होकर बोला,
"इन कहानियों को लिखते समय मैं उन नौजवानों के बारे में सोचकर दुखी हो रहा था। कई बार ज़िंदगी ऐसे हालात पैदा कर देती है कि इंसान अपने आप को बेबस समझने लगता है। वह कर बैठता है जो वह कभी नहीं करना चाहता है।"
शाहीन ने उसकी तरफ ‌देखकर कहा,
"लेकिन सभी सिर्फ मजबूरी में अपराध का रास्ता नहीं अपनाते हैं। कुछ लोग जानबूझकर इस रास्ते पर आते हैं।"
नफीस समझ गया कि उसका इशारा अंजन की तरफ है। उसने कहा,
"तुम अंजन विश्वकर्मा की बात कर रही हो। बिल्कुल सही बात है। अंजन विश्वकर्मा जानबूझकर अपराध की दुनिया में आया। उसने जो किया सिर्फ अपने फायदे के लिए किया।"
"तब भी तुम उसके बारे में किताब लिख रहे हो‌ ?"
शाहीन ने अपनी बात कहकर उसकी तरफ सवालिया निगाहों से देखा।‌ नफीस ने कहा,
"उसने गलत किया तो आज कानून की गिरफ्त में है। उसकी किताब के ज़रिए यही संदेश लोगों तक जाएगा कि अपराध करने वालों का बुरा इल्ज़ाम होता है।"
शहीन अभी भी हार मानने वाली नहीं थी। उसने कहा,
"अगर अंजन पकड़ा ना जाता तो ? तुमने तो पहले ही किताब लिखना शुरू कर दिया था।"
"ठीक है कि वह अभी पकड़ा गया। पर मैंने अब तक उसके बारे में जो लिखा कहीं भी उसके गलत कामों को ग्लोरीफाई नहीं किया। अपनी पिछली किताबों में भी मैंने अपराधियों के जीवन के अंधेरे पहलू दिखाए हैं। मेरे पिछले शो के हर एपीसोड के अंत में भी मैं यही कहता था कि गुनाह हमेशा दुर्गति के रास्ते पर ले जाता है।"
नफीस का यह तर्क सुनकर शाहीन कुछ नर्म पड़ी। वह सोचने लगी कि आज तक उसने यह कहकर कि उसे क्राइम पर लिखी किताबें और प्रोग्राम पसंद नहीं हैं, ना तो नफीस की किताबें पढ़ी थीं और ना ही प्रोग्राम देखा था। फिर भी उससे ऐसी बातें कर रही थी। उसने कहा,
"एक बात बताओ पिछली बातें तो तुम्हें पता थीं‌। अब नया जो कुछ भी अंजन विश्वकर्मा के साथ हुआ है उसके बारे में कैसे लिखोगे।"
"कोशिश करता हूँ कि ‌अंजन विश्वकर्मा के बारे में सबकुछ पता कर सकूँ।"
नफीस की चाय खत्म हो चुकी थी। खाली प्याला ट्रे में रखकर वह अंदर अपनी स्टडी में चला गया।