एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 38 ARUANDHATEE GARG मीठी द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 38




अगली सुबह सभी क्लास अटैंड करने के बाद , कैंटीन में बैठे थे । कैंटीन इन लोगों की फेवरेट जगह थी , जिसके लिए ये सारे दोस्त बाकी के काम छोड़ कर , यहां बैठना पसंद करते थे । एक सच्ची बात बताऊं......., दोस्तों के साथ जो मस्ती कैंटीन में बैठ कर होती है , बाय गॉड ......., वो मस्ती किसी रेस्टोरेंट में बैठ कर हाई - फाई फूड खाने से , या फिर दारू पी के तेज़ आवाज़ के डीजे के गानों पर डांस करने से नहीं होती । दोस्त ना खुशियों की वो चाभी होते हैं , जिनके सिर्फ सानिध्य और थोड़ा सा उनके हंसाने से ही , हम अपनी सारी दुख तकलीफ भूल कर , उनके मस्ती के रंग में रंग जाते है , और सच में ये मस्ती, ये यारी ना बहुत सुकून देती है । इन्सान अगर अपने दोस्तों के साथ बैठा हो ना , तो वह कभी दुखी नहीं हो सकता ।

और ऐसा ही कुछ हाल इस समय कायरा और आरव का था । दोनों ही अपनी सारी टेंशन और सारी प्रॉब्लम्स को छोड़ कर , नील और आदित्य के जोक्स पर खिलखिला कर हंस रहे थे । इन दोस्तों में से कई लोगों के तो, पेट में दर्द होने लगा था , नील और आदित्य के जोक्स सुन - सुनकर । कुछ पल के लिए माहौल शांत हुआ , अरे जोक्स का और हंसने का.....। तब कहीं किसी और को कुछ बोलने का मौका मिला । अब जब मिला ही तो बोलने के लिए हमारी शिवानी तो आगे ही थी , तो बस उसने बोलना चालू किया । अच्छा एक चीज थी वहां ......, वो ये कि वहां पर मिशा नहीं थी । और अंशिका तो अपनी क्लास में थी ,जो अभी कुछ देर पहले ही कॉलेज आयी थी । शिवानी ने हल्का सा मुंह बनाते हुए कहा ।

शिवानी - यार बहुत दिन हो गए , हम लोग कहीं घूमने नहीं गए । न ही किसी टूर या पिकनिक पर गए हैं और न ही कोई पार्टी वगेरह की है ।

आरव - अरे......, कैसे पार्टी नहीं की ???? अभी फ्रेशर्स पार्टी तो परसों ही निकली है । और तुमको फिर से पार्टी करनी है ।

आरव की बात सुनकर , कायरा को छोड़ कर सभी ने अपना सिर पकड़ लिया । और सौम्या ने चिढ़ते हुए कहा ।

सौम्या - प्लीज़ ........, कॉलेज के टॉपर और प्रिंसिपल के भक्त आरव शर्मा........!!!!! वो कोई पार्टी नहीं , बल्कि एक तरह से एनुअल फंक्शन था । क्योंकि पार्टीस ऐसी नहीं होती है , डूड …....।

आरव - पर इंजॉय तो तुम सब ने किया है ना ....????

शिवानी - मजबूरी वाला इंजॉय किया है हम सबने । जैसे हमें जबरदस्ती बैठाकर , बत्तीसी फाड़ने के लिए कहा गया हो ।

शिवानी की बात सुनकर , सभी को हंसी आ गई । जिसमें से कायरा को बहुत ज्यादा हंसी आ रही थी । क्योंकि शिवानी की बात सुनकर , आरव का मुंह जो बन गया था । आरव ने मुंह बना कर कहा ।

आरव - अच्छा ठीक है । तुम लोग सही , मैं गलत .....। अब खुश ......???

कायरा को छोड़ कर सभी एक साथ बोले - बहुत ज्यादा... , ज्यादा …....खुश 😄😆😅😂🤣।

क्या है कि आरव की कही गई बातें बहुत कम गलत होती थी । और जब होती थी , तब सारे दोस्त ऐसे रिएक्ट करते थे, जैसे उन्होने कोई जग जीत लिया हो । यही हाल अभी सारे दोस्तों के साथ हो रहा था । जबकि आरव और कायरा उन्हें देख कर बस हंसे जा रहे थे । फिर आरव ने ही कहा ।

आरव - अच्छा बताओ क्या करना है ???? क्या चाहते हो अब तुम लोग ....??? अपनी लिस्ट ओपन करो .....😄।

कायरा ( असमंजस की स्थिति में ) - लिस्ट ......???? किस बात के लिए ...????

आरव - तुम बस शांति से बैठ कर सुनो । थोड़ी देर में पता चल जाएगा , मैं किस लिस्ट की बात कर रहा हूं ।

कायरा ने उसकी बात सुनी , तो चुप - चाप सारे दोस्तों की शक्ल देखने लगी । तभी शिवानी ने बोलना स्टार्ट किया ।

शिवानी - मेरी तमन्ना है , कि हम लोग कहीं बाहर घूमने चलें । लाइक , मुंबई से कहीं बाहर ।

नील - नो यार , मुझे लगता है कि हमें किसी रेस्टोरेंट जाकर लंच या डिनर करना चाहिए और वहीं पर पार्टी करनी चाहिए ।

सौम्या - नहीं यार ....., उस तरह की पार्टी में कोई मजा नहीं रहता । ऐसा लगता है ,कि जैसे किसी ऑफिस मीटिंग में आए हों । बोरिंग रहता है यार वहां दोस्तों के साथ जाना । हम अच्छे से मस्ती भी नहीं कर सकते , क्योंकि बाकियों को हमारे चिल्लाकर मस्ती करने से प्रॉब्लम होती है ।

आदित्य ( धीरे से ) - अब तुम शांत जगह में, शेरनी की तरह दहाड़ोगी , तो नॉर्मल सी बात है लोग डर जायेंगे । और बेचारे डिस्टर्ब तो होंगे ही ।

आदित्य ने ये बात खुद से धीमी आवाज़ में कहीं थी , पर ये बात राहुल के कानों तक पहुंच गई थी, क्योंकि इस वक्त वह आदित्य के बगल में ही बैठा था । उसने तुरंत सौम्या से कहा ।

राहुल - सौम्या ......, ये आदि तुमसे कुछ कह रहा है ।

आदित्य ने जब राहुल की बात सुनी , तो हैरानी से अपनी गर्दन राहुल की तरफ घुमा दी । तो राहुल ने अपनी बत्तीसी चमकाते हुए , आदित्य को एक आंख मारी । आदित्य बेचारा कभी राहुल को, तो कभी सौम्या को देख रहा था और सोच रहा था कि राहुल ने उसे आज सौम्या से पिटवाने का ही सोच रखा है शायद । तभी सौम्या ने कहा ।

सौम्या - क्या हुआ आदि ...???? बोलो ना .…...। क्या कह रहे थे तुम ?

आदित्य ( जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ) - वो मैं ....., मैं वो ......। बस ऐसे ही ........। अरे हां याद आया , मैं ये कह रहा था कि किसी शांत जगह चलते हैं । तुम्हें भी पसंद आएगी ।

राहुल ने जब देखा , कि आदित्य ने बात ही पलट दी है , तो उसने आदित्य को गुड का साइन अपने हाथों से बनाते हुए इशारा किया । जिसपर आदित्य अपनी कॉलर को ठीक करके , अटिट्यूड दिखाकर इतराने लगा । ये सारी कारस्तानी आरव देख रहा था , पर वह कह कुछ नहीं रहा था। बल्कि मन ही मन दोनों को इस तरह इशारों में बात करते देखकर, हंस रहा था । तभी रेहान ने कहा ।

रेहान - आई थिंक हमें , किसी पहाड़ी एरिया में चलना चाहिए । क्योंकि मैंने सुना है , घाटियों में घूमने का अपना एक अलग ही मजा है ।

राहुल - है तो , पर मैदानी एरिया में ज्यादा मजा है । तो मेरा तो मन किसी गार्डन या पार्क जाने का है ।

नील ( खुद से ) - हां, ताकि भाई साहब को रोमांस करने का मौका मिल सके, अपनी वाली के साथ ।

शिवानी ( जो कि नील के बगल में ही बैठी थी । नील से, कंफ्यूज होकर कहती है ) - तुमने कुछ कहा ?

नील ( साफ मुकरते हुए ) - नहीं ....., बिल्कुल नहीं ....। लगता है तुम्हारे कान बज रहे हैं ।

शिवानी ( मासूम सी शक्ल बना कर ) - या राइट......., हो सकता है ।

शिवानी की बात पर नील को हंसी आ रही थी, तो वहीं उसके बगल में बैठे रेहान ने , नील को कोहनी मारी और उससे धीरे से कहा ।

रेहान - बेटा, शिवानी के जरूर कान बजने लगे होंगे । पर मेरे कान सही सलामत है। मैंने सुन लिया , जो तूने कहा । अब बता .…!!! बताऊं राहुल को ? ताकि वो तेरी बैंड बजाए?

नील ( रेहान को देख कर , गिड़गिड़ाते हुए ) - नहीं ...., नहीं भाई !!!! ऐसा मत कर । बड़ी मुश्किल से बचा हुआ हूं , उसकी मार से । तू याद मत दिला , वरना यहीं पर चालू हो जाएगा वो ।

रेहान को उसकी बात पर हंसी आ गई और उसने उसके पीठ पर एक धौक जमा दी । पर नील कुछ रिएक्ट करता , उससे पहले ही राहुल ने उसे रेहान से बातें करते हुए देखा, तो कहा ।

राहुल - क्या हुआ नील ??? तू किसके बारे में ऐसे , रेहान से बात कर रहा है ?

नील ( सकपकाते हुए ) - कु....., कुछ नहीं भाई ......। बस ऐसे ही ।

रूही ( मासूमियत से ) - क्या बात है , सब बस ऐसे ही ....., ऐसे ही बोले जा रहे हैं..... ।

रूही की बात पर आदित्य, राहुल , रेहान और आरव को, रूही की बात सुनकर, नील के ऊपर हंसी आ गई । और उन्हें हंसते देख , नील भी हंसने लगा । जबकि सारी गर्ल्स हैरानी से, सारे बॉयज को देख रही थी और सोच रही थीं , कि सब किस बात पर हंस रहे हैं ???? जब सब बॉयज ने लड़कियों को खुद को देखते पाया, तो अपनी हंसी कंट्रोल कर ली और फिर से अपनी लिस्ट बताने लगे। आरव, जो कायरा के बगल में ही बैठा हुआ था । उसने धीरे से सभी से बच कर , कायरा के कान में कहा ।

आरव - अब तो तुम्हें समझ आ गया होगा , कि मैं किस लिस्ट की बात कर रहा था ।

कायरा ( सभी की ओर देखते हुए ) - हम्ममम , समझ गई । कि आप इन सभी की घूमने की फरमाइशों की लिस्ट के बारे में बात कर रहे थे ।

आरव ( एक - टक प्यार से, कायरा को देखते हुए ) - काफी अच्छे से समझने लगी हो तुम मुझे ।

कायरा ( हैरानी से आरव को देखते हुए कहती है ) - क्या कहा आपने ..???? ज़रा फिर से बोलिए तो .....!!!!!

आरव कायरा के लास्ट लाइन सुनने के बाद , झेंप गया । और अपनी नजरें सारे दोस्तों की ओर घुमा कर बोला ।

आरव ( गला साफ करते हुए कहता है ) - अहम्......,अहम्....। तो गाइस .....!!!! कुछ डिसाइड किया तुम सब ने ??

सौम्या - कहां कुछ डिसाइड किया ???? ये बॉयज कुछ और कह रहे हैं और हम कहीं और जाना चाहते हैं ।

आदित्य - एक काम करते हैं , कायरा और रूही से पूछते हैं । वो लोग इसी साल हमारी फ्रेंड्स बनी है , तो इस बार इन दोनों की मर्ज़ी के हिसाब से डिसाइड करेंगे, कि हमें कहां जाना चाहिए ।

कायरा और रूही आदित्य की बात सुनकर एक दूसरे का चेहरा देखने लगी । आदित्य की बात का , राहुल और आरव को छोड़ कर बाकियों ने भी समर्थन किया । तो रूही ने सभी की तरफ देख कर , असमंजस की स्थिति में कहा ।

रूही - हम कैसे ..????

शिवानी - अरे हम कैसे का, क्या मतलब है ???? अरे डरो मत , अगर तुम लोगों का आइडिया हमें पसंद नहीं आएगा , तो हम और कोई जगह चूज़ कर लेंगे । सिम्पल ......।

सौम्या - बट , प्लेस एक दिन के घूमने लायक होनी चाहिए ।

कायरा ( कुछ सोचते हुए ) - एक जगह है , जहां हम एक दिन में ही घूमकर आ सकते हैं । जैसे कि रेहान भाई ने कहा था पहाड़ी एरिया , तो वो एक छोटा सा हिल स्टेशन है । जैसे कि सौम्या ने कहा था , कि उसे वहां मस्ती करने टाइप की जगह चाहिए , तो वो मस्ती करने के लिए , पिकनिक मनाने के लिए भी बेस्ट है । शिवानी ने कहा था , कि प्लेस मुंबई से बाहर हो , तो वो मुंबई से बाहर भी है । राहुल पार्क टाइप की जगह की बात कर रहा था , तो वहां पर घूमने के लिए ,और क्वालिटी टाइम बिताने के लिए पार्क भी हैं । आदित्य ने जैसे कहा , शांत जगह , तो मेरे हिसाब से उससे शांत और अच्छी जगह तो हो ही नहीं सकती । और नील के अकॉर्डिंग रही लंच करने की बात , तो वहां पर छोटे - मोटे रेस्टोरेंट तो होंगे ही और अगर नहीं भी होंगे ,तो हम खाने का सामान ले जाएंगे । सिम्पल .....। वहां पर घाटियां भी हैं , बहुत ही बढ़िया प्राकृतिक नजारा भी है , सुकून भी है और न्यू - न्यू चीज़ें भी हैं देखने के लिए और घूमने के लिए ।

सभी एक साथ कहते हैं - पर वो जगह है कौन सी ???

कायरा - मुंबई से नाईंटी फोर ( 94 / चौरान्वे ) किलोमीटर की दूरी पर , एक बहुत ही सुन्दर सा, माथेरान नामक हिल स्टेशन है । वहां पर रेलवे भी है और बहुत सारे पिकनिक स्पॉट भी हैं , और व्यू पॉइंट्स भी हैं , जैसे लुईस पॉइंट , ईको पॉइंट एक्सेक्ट्रा । और प्रकृति का मनोरम दृश्य भी वहां पर देखने को मिलता है । अगर किसी को हैवन ( स्वर्ग ) देखना हो ना , तो माथेरान हिल स्टेशन जाना चाहिए । और सबसे बढ़िया बात पता है क्या है ???

शिवानी - क्या है?

कायरा - वो जगह इस टाइम , मतलब कि मानसून के टाइम पर घूमने के लिए बेस्ट है । वहां पर , इस टाइम पर घना कोहरा रहता है , बादल एक दम पहाड़ों के करीब रहते हैं , इतना की आपको लगेगा, कि आप सब उन बादलों में हैं । जैसे उनमें घूम रहे हैं , उनके साथ चल रहे हैं या फिर उनमें झूला - झूल रहे हैं । मतलब की बादल ना, हवा में तैरते हैं और उन्हें देख कर लगता है, जैसे आप भी उनके साथ तैर रहे हों । इस टाइम का, वहां का भीगा - भीगा मौसम , एक अलग ही सुकून कि अनुभूति देता है । आप लोगों के घूमने के लिए वो जगह , बेस्ट है । आप लोग वहीं जाइए ।

सौम्या - व्हाट डू यू मीन बाय , कि आप लोग वहीं जाइए । तुम भी तो हमारे साथ चलोगी ।

कायरा ( आखें बड़ी - बड़ी करते हुए ) - व्हाट....???? मैं ....!!!! मैं नहीं जा सकती ।

शिवानी - पर क्यों ?

कायरा - मेरे पास बहुत सारा वर्क है । मैं नहीं जा पाऊंगी ।

शिवानी - तो अपना वर्क जल्दी कंप्लीट कर लेना ।

आदित्य - और अगर तुम ऑफिस वर्क के लिए कह रही हो , तो हम ऑफिस डे की जगह , किसी हॉलीडे में जाएंगे । लाइक सन्डे .....।

नील - राइट ....., सन्डे बेस्ट रहेगा जाने के लिए ।

कायरा - पर ......।

इससे आगे वह कुछ बोल ही नहीं पाई, क्योंकि सारे लोग उसे घूर रहे थे और उस वक्त कायरा को कुछ सूझ ही नहीं रहा था , बहाना बनाने के लिए । आरव उसकी प्रॉब्लम समझने की कोशिश कर रहा था , कि वो क्यों जाने से मना कर रही है । तभी उसकी नजर रूही पर गई , जिसने इस बारे में अभी तक अपनी कोई भी राय नहीं दी थी । उसने कायरा की प्रॉब्लम को साइड में रखकर , रूही की तरफ ध्यान दिया और कहा ।

आरव - रूही , तुम बहुत देर से चुप हो । तुमने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी , इस मैटर में । क्यों ...???? क्या हम जान सकते हैं ????

रूही , आरव के सवाल करने पर, अपनी सोच से बाहर आती है । क्योंकि सभी बातें कर रहे थे , पर रूही को अपने घर वालों का डर था । क्योंकि उसके बापू सा तो उसे दोस्तों के साथ , मुंबई से बाहर क्या , मुंबई में भी घूमने की इजाजत नहीं देने वाले थे । यही सब खयालों से बाहर आकर रूही आरव से कहती है ।

रूही - क्योंकि मैं भी तुम लोगों के साथ , मुंबई से बाहर घूमने नहीं जा सकती ।

राहुल को छोड़ बाकी सब हैरानी के साथ बोले - पर क्यों???

शिवानी - पहले कायरा ने माना किया और अब तुम भी । जब तुम लोगों को जाना नहीं था , तो फिर प्लेस क्यों बताई ? ये भी कोई बात हुई भला, कि हम जाएं और तुम दोनों हमारे साथ न जाओ ।

रूही - समझने की कोशिश करो शिवानी .....। लाइफ में हमारे हिसाब से सब हो , ये जरूरी नहीं होता । कायरा एक बार को अगर चली भी गई, पर तब भी मैं नहीं जा पाऊंगी ।

इतना कह कर रूही ने राहुल की तरफ देखा । राहुल उसकी प्रॉब्लम बहुत अच्छे से जनता था , इस लिए उसने रूही का सपोर्ट करते हुए कहा ।

राहुल - रहने देते हैं ना गाइस , रूही को शायद कोई इंपोर्टेंट वर्क होगा । इस लिए वो शायद जाने के लिए मना कर रही होगी ।

सौम्या - दिस इज नॉट फेअर यार .....। आदि ने पहले भी कहा था , कि ये दोनों डिसाइड करेंगे हम कहां जाएंगे । उसके कहने का मतलब साफ था , कि इस फ्रेंड्स ग्रुप में रूही और कायरा भी शामिल हैं । और हमने उन्हीं को ध्यान में रख कर , ये प्लानिंग की है । अगर ये लोग नहीं जाएंगे , तो मतलब ही क्या है फिर हमारी प्लानिंग का ???

कायरा - देखो सौम्या , हम दोनों के कुछ न कुछ अपने रीजन्स हैं । इस लिए हम तुम लोगों के साथ नहीं जा पाएंगे । पर तुम लोग हमारे कारण अपना मूड खराब मत करो । हम नहीं जाएंगे तो क्या हुआ , हमारे बिना भी तो तुम लोग जा सकते हो , मस्ती कर सकते हो , एन्जॉय कर सकते हो ।

शिवानी - नेवर कायरा ......। अगर तुम और रूही नहीं जाओगे , तो हम भी नहीं जाएंगे । क्योंकि इस फ्रेंड्स ग्रुप के मेंबर तुम दोनो भी हो , और अब हमारी ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बन चुके हो । हम अपनी ज़िन्दगी के इस अहम हिस्से को छोड़ कर एन्जॉय, किसी भी हालत में नहीं कर सकते ।

रूही - पर बात तो सुनो.........।

सौम्या , आदित्य , नील और रेहान ( बीच में ही ) - हमें कुछ नहीं सुनना । वी एग्री विथ शिवानी । अगर जाएंगे तो सब साथ , वरना कोई कहीं नहीं जाएगा .....। इज़ डेट फाइनल ...।

कायरा - पर ऐसे ....…!!!!!

आरव ( गुस्से से कायरा की बात काटते हुए ) - सभी जा रहे हैं , और वो भी सन्डे को । इस बारे में अब कोई भी मना नहीं करेगा , क्योंकि ये मेरा फैसला है । जिसे सभी को मानना होगा । और इस मैटर में अब सिर्फ तैयारियों की बातें होगी । उसके अलावा, इस मैटर से रिलेटेड और कोई बात नहीं होगी ।

कायरा - आप समझ क्यों नहीं रहे हैं , आप ऐसे कैसे अपना फैसला हम पर थोप सकते हैं ? हम कैसे जायेंगे , आई मीन हमारी अपनी प्रॉब्लम्स हैं , वर्क्स हैं । जिन्हें सॉल्व करना .......।

आरव ( कायरा की बात बीच में ही काट कर ) - मुझे नहीं पता कायरा , कि तुम और रूही अपने वर्क्स कैसे पूरे करती हो और अपनी प्रॉब्लम्स कैसे सॉल्व करती हो । मुझे अब इसके आगे कुछ भी नहीं सुनना है । सो आई थिंक हम ये बहस यहीं पर खत्म करते हैं , यही हमारे लिए बेस्ट होगा ।

कायरा ने जब आरव की बात , या ये कहें कि एक हिसाब से ऑर्डर सुना । तो अब उसकी भी आगे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई । क्योंकि कहीं ना कहीं कायरा आरव के गुस्से से थोड़ा बहुत तो डरती ही थी । रूही ने भी अब कुछ नहीं कहा , क्योंकि जहां कायरा कुछ नहीं कह पाई, वहां तो रूही की भी चलने से रही ....। दोनों ही अब अपनी - अपनी सोच में डूब गए । एक तरफ रूही ये सोच रही थी , कि वो अपने बापू सा से इजाजत कैसे लेगी , बाहर जाने की । तो वहीं कायरा को अब ये टेंशन थी , कि घर पर बाहर जाने की इजाजत लेने पर , उसकी दादी एक बार फिर घर में बखेड़ा खड़ा करेंगी । लेकिन ये बात कायरा और रूही दोनों जानती थी , कि कुछ भी हो जाए , जाना तो दोनों को होगा ही , वरना आरव के साथ - साथ बाकी सारे दोस्त भी उन लोगों से गुस्सा हो जाएंगे । इन दोनों की सोच से बेखबर , बाकी के दोस्त माथेरान में घूमने की प्लानिंग कर रहे थे , कि वो लोग क्या - क्या ले जाएंगे , कहां - कहां घूमेंगे एक्सेक्ट्रा - एक्सेक्ट्रा । तभी आदित्य ने रेहान कि तरफ देखकर बत्तीसी दिखाई , जिसे रेहान समझ नहीं पाया और वह आदित्य को हैरानी से देखने लगा । और आदित्य ने उसके एक्सप्रेशन को इग्नोर कर सभी से कहा ।

आदित्य - क्यों ना हम लाडो ( अंशिका ) को भी साथ में ले चलें । वो भी बहुत दिनों से कहीं घूमने नहीं गई है । इसी बहाने वो भी हमारे साथ मस्ती कर लेगी और उसे अच्छा भी लगेगा ।

रेहान को अब समझ में आया , कि आदित्य ने उसे देख कर बत्तीसी क्यों दिखाई थी । वह मन ही मन खुश हो गया , ये सोच कर कि अंशिका भी उनके साथ जाएगी । मन ही मन रेहान आदित्य को कह रहा था , कि जिओ मेरे लाल , मेरे मुंह की बात छीन ली तूने और मेरा काम बना दिया । आदित्य उसकी भावनाओं को समझ रहा था , और अब वह इशारों - इशारों में ही रेहान को छेड़ रहा था । तभी नील ने कहा।

नील - हां यार ....., स्वीटी बहुत दिनों से कह भी रही थी, कहीं घूमने जाने के लिए । उसे भी साथ ले चलते हैं ।

सौम्या - इसमें ले चलते हैं वाली क्या बात है ??? अंशिका के बिना हम आज तक कहीं गए हैं , जो अब जाएंगे । है ना आरव .....!!!!

आरव - हम्मम वो तो है । अगर अंशिका जाना चाहती है , तो उसे भी ले चलते हैं । वैसे मिशा को कौन इनफॉर्म करेगा ??? वो भी तो हमारे साथ जाएगी ।

सौम्या ( मुंह बना कर बेपरवाही से ) - वो हमारे साथ नहीं जाएगी ।

आरव ( हैरानी से ) - पर क्यों ????

आरव के इस तरह तुरंत रिएक्ट करते ही शिवानी ने सौम्या के हाथ पर हाथ रखा , तब सौम्या को होश आया कि वो क्या बोल गई । शिवानी ने बात संभालते हुए कहा ।

शिवानी - हां ..... याद आया......., उसने मुझे बताया था , कि वो इस वीक अपने पैरेंट्स के साथ , आउट ऑफ़ इंडिया जा रही है ।

शिवानी सफेद झूठ बोल गई थी , जबकि आरव कायरा और रूही को छोड़ कर, सभी उसे हैरानी से देख रहे थे , और सोच रहे थे कि मिशा से इसकी कब बात हुई ।

आरव - ओह......, ठीक है फिर । अब उसे डिस्टर्ब न करना ही बेटर रहेगा ।

शिवानी - हम्मम ।

इतना कह कर शिवानी ने बाकी के दोस्तों की ओर देखा , जो कि बस उसे ही घूरे जा रहे थे । अब क्या है न , जिस इन्सान से सभी को खुन्नस हो और अगर उससे उसी के किसी फ्रेंड ने बात की हो , जिसे सारे दोस्तों में से कोई पसंद नहीं करता , तो बाकी के दोस्तों की क्यूरिओसिटी बढ़ जाती है ये जानने की , कि उनके फ्रेंड ने बिना सारे दोस्तों को बताए , उस इन्सान से बात कैसे कर ली , जिसे कोई भी अपने सामने बर्दास्त नहीं कर सकता। शिवानी ने सभी की तरफ एक नज़र डाल कर देखा और फिर अपनी नजरें झुका ली । सभी समझ गए , कि शिवानी ने झूठ बोला है । क्योंकि एक खासियत थी सारे दोस्तों में , कोई भी झूठ नहीं बोलता था। और अगर बोल दिया , तो ऐसे ही मुंह लटका लेता था । खास कर कि , सौम्या और शिवानी । वो बात अलग थी कि बॉयज थोड़ा सा शैतान थे । वो अपनी गलती कई बार छुपा लेते थे ।

जबकि आरव के लिए सारे दोस्त इंपोर्टेंट थे , भले ही वो मिशा ही क्यों न हो । अगर किसी भी एक दोस्त का दिल दुखता था , तो तकलीफ आरव को होती थी । इसी लिए उसने शिवानी और सौम्या का दिल न दुखे , इस कारण कायरा को भी स्ट्रिक्टली अपना फैसला सुना दिया था ।

खैर सारे दोस्तों की पिकनिक की प्लानिंग हुई और उसी में ऑफिस जाने का वक्त हो गया । और आरव कायरा आदित्य राहुल नील ऑफिस चले गए। रूही किसी काम से कैंटीन से बाहर चली गई । उसके जाते ही सौम्या शिवानी की ओर मुड़ी और कहा ।

सौम्या - क्या....???? क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग में ? झूठ क्यों बोला तुमने ???

शिवानी - अरे यार सौम्या ........, क्या बताऊं, झूठ बोलना पड़ा । तुम लोग तो जानते हो , आरव कायरा और रूही को नहीं पता है , कि मिशा ने फंक्शन वाले दिन कैसी हरकत की थी । और तुम आरव को भी जानती हो , उसे अपने सारे दोस्त दूध से धुले हुए लगते हैं । अब सच्चाई तो बता नहीं सकते थे , कि हम मिशा को अपने साथ पिकनिक पर नहीं ले जाना चाहते । इस लिए मैंने झूठ कहा ।

रेहान - ठीक ही किया तुमने , झूठ बोलकर । आरव बहुत भोला है , दोस्ती के नाम पर..... । वो बिना सबूत के कभी भी किसी भी चीज पर भरोसा नहीं करता । और एक तरह से मिशा का जाना , कायरा के लिए प्रॉब्लम बढ़ा सकता है । इससे अच्छा यही है , कि मिशा हमारे साथ न जाए ।

शिवानी और सौम्या ने उसकी बातों में सहमति जताई और तीनों एक बार फिर अपनी जाने की प्लानिंग लेकर बैठ गए ।

इधर राजवीर ने मिशा को कॉल किया । पहले तो मिशा ने कॉल नहीं उठाया । पर राजवीर ने जब सेकंड बार कॉल किया , तो मिशा ने कॉल अटेंड किया और गुस्से से भरकर कहा ।

मिशा - कहो....!!!

राजवीर - अरे तुम कहां हो मिशा ? कल से तुम्हें कॉल कर रहा हूं । और इतना एंग्री टाइप से क्यों साउंड कर रही हो।

मिशा - क्योंकि , मेरी नजरों के सामने से अभी भी कायरा और आरव का डांस ओझल नहीं हो रहा है । मेरा दिल कर रहा है , कि मैं एक झटके से दोनों को अलग कर दूं और अपने आरव को अपना बना लूं । इस बात का गुस्सा मेरे जहन में इतना ज्यादा है, कि मैं फंक्शन से आने के बाद से ही अपने रूम में ही बंद हूं । जब तक वो दोनों साथ हैं , तब तक मेरा ये सपना पूरा नहीं होगा । किसी भी तरह मुझे , उन दोनों को अलग करना होगा ।

राजवीर ( फोन की दूसरी तरफ से ,जहरीला मुस्कुराते हुए ) - उसकी टेंशन तुम मत लो मिशा.... । मैंने तो उन्हें अलग करने के लिए , अपनी बिसात भी बिछाना शुरू कर दी है । एक बिसात में तो दोनों फंस भी चुके हैं ।

मिशा ( राजवीर की बात पर गौर करते हुए ) - ऐसा क्या कर दिया है राजवीर तुमने , जो तुम ये दावा कर रहे हो कि दोनों तुम्हारी पहली बिसात पर फंस चुके हैं ...!!!???

मिशा के ये सवाल करने पर, राजवीर उसे कल रात जो राजवीर ने कायरा पर हमला करवाया था , उसके बारे में सब बता देता है । मिशा बस शांति से उसकी बात सुन रही थी , पर उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया। जब राजवीर की बात खत्म हुई , तो मिशा ने कहा ।

मिशा ( दीवार के सामने टेबल पर रखे हुए , फ्लॉवर पॉट को देखते हुए बोली ) - हम्ममम ........., किया तो तुमने सही है , पर अब मेरी बारी है ।

राजवीर - क्या करने वाली हो तुम मिशा ।

मिशा ( फ्लॉवर पॉट से नजरें हटाते हुए ) - नथिंग , कुछ खास नहीं । अच्छा तुम्हारी बात खत्म हो गई?

राजवीर - हां ।

मिशा - तो मैं फोन रखती हूं , मुझे इस वक्त बहुत काम है । जिसे पूरा करना , मेरे लिए बहुत इंपोर्टेंट है ।

इतना कह कर उसने , बिना राजवीर का रिप्लाई सुने ही कॉल कट कर दिया । और अपना फोन चार्जिंग में लगा कर , अपने रूम से बाहर निकली । कुछ कदम चलकर वह रुक गई और फिर वापस अपने कमरे में आयी। कमरे में आकर उसने , दीवाल के सामने, टेबल रखे फ्लॉवर पॉट को हल्का सा अपने हाथ से धक्का दिया । जिससे फ्लॉवर पॉट फर्श पर गिर कर , चकना चूर हो गया । ये वही फ्लॉवर पॉट था , जिसे मिशा राजवीर से बात करते वक्त देख रही थी । मिशा उस बिखरे हुए फ्लॉवर पॉट को देख कर , तीखा सा मुस्कुरा दी और वापस रूम के बाहर चली गई । उसके घर वाले आउट ऑफ़ मुंबई गए हुए थे । इसी लिए घर के नौकरों के अलावा , और किसी को ये पता नहीं था , कि मिशा ने खुद को पिछले दो दिनों से, अपने रूम में बंद कर रखा था । वह सीढ़ियों से नीचे , अपने घर के बड़े से लिविंग रूम में आई , जो कि बहुत बड़ा हॉल टाइप का था । उसने अपने घर के नौकर रामू से, अपने लिए एक स्ट्रॉन्ग ब्लैक कॉफी मंगाई और फिर एक गहन सोच में डूब गई ।

इधर राजवीर ने कॉल कट होने के बाद , अपना फोन टेबल पर रखकर खुद से कहा ।

राजवीर - आखिर ये लड़की प्लान क्या कर रही है ...!!?? खैर जो भी हो , मुझे अब अपनी अगली बिसात की तैयारी करनी होगी । और जल्द ही मुझे आरव के ऑफिस भी जाना होगा , वरना आरव एक सेकंड नहीं लगाएगा मुझे ऑफिस से बाहर खदेड़ने में । ( खुद से हंसते हुए कहता है ) पर वो ये भूल गया है , कि वो सिर्फ मुझे खोखली धमकी ही दे सकता है । क्योंकि जब बात रिश्तेदारी की आती है, तो इन्सान को खुद के सिक्के में खोट दिखने लगता है । जैसे मिस्टर और मिसेज शर्मा को खुद के बेटे में दिखेगा , जब उनका बेटा मुझे अपने ऑफिस से निकालने की कोशिश करेगा ।

अपनी ही बात को कह कर , राजवीर ठहाका मार कर हंसने लगा । और फिर किसी गहरी सोच में डूब गया ।

इधर आरव कायरा और उनके दोस्त अपने ऑफिस पहुंच चुके थे । ऑफिस पहुंचने के एक घंटे बाद आरव ने कायरा को अपने केबिन में बुलाया । कायरा उसके केबिन में आयी, तो आरव ने उसे बैठने को कहा । कायरा बैठ गई और सोचने लगी , कि आरव ने उसे आखिर क्यों बुलाया होगा । तभी आरव ने कायरा के सामने सैलरी सीट रखी , और उसे अपने नाम के सामने साइन करने के लिए कहा । कायरा बस असमंजस की स्थिति में साइन कर रही थी , और सोच रही थी कि आरव अब बताएगा , कि वो किस पर साइन करवा रहा है । क्योंकि कायरा ने सैलरी सीट की हैडिंग नहीं देखी थी , इस लिए उसे पता नहीं था , कि वह किस पर साइन कर रही है । साइन करने के बाद कायरा ने सीट आरव की ओर बढ़ा दी , और पेन टेबल पर रख दिया और आरव को देखने लगी । आरव ने मुस्कुराकर लेपटॉप पर उंगलियां चलाते हुए कहा ।

आरव - कांग्रेचुलेशन ..., तुम्हें तुम्हारी फर्स्ट सैलरी थोड़ी देर में ही मिल जाएगी । मैं बस तुम्हारे अकाउंट में, तुम्हारी सैलरी ही ट्रांसफर कर रहा हूं ।

कायरा ने जैसे ही सुना, कि उसे उसकी फर्स्ट सैलरी मिलने वाली है , वह बहुत खुश हुई । क्योंकि किसी भी इन्सान की पहली कमाई , बहुत अहम होती है । और इसके लिए, उसकी खुशी भी बहुत ज्यादा होती है , जो कि इस वक्त कायरा के चेहरे पर दिख रही थी । पर तभी उसे कुछ ध्यान आया , और उसने आरव से कहा ।

कायरा - आरव सर...!!! आप मेरी सैलरी , मेरे अकाउंट पर ट्रांसफर मत कीजिए ।

आरव ने जैसे ही कायरा की बात सुनी , उसके हाथ लेपटॉप पर चलते - चलते रुक गए । क्योंकि उस वक्त वो कायरा की ही अकाउंट में सैलरी ट्रांसफर कर रहा था , और सिर्फ एक बटन के प्रेस होते ही , सैलरी कायरा के अकाउंट में ट्रांसफर होने वाली थी । आरव ने हैरानी से कायरा की ओर देखा और कहा ।

आरव - पर क्यों कायरा.......???? कोई प्रॉब्लम है क्या ? तुम मुझे बता सकती हो । आई नो , कल रात जो कुछ भी हमारे बीच में हुआ , वो नहीं होना चाहिए था । कहीं इसी वजह से तुम , ये सैलरी लेने से मना तो नहीं कर रही हो......???

कायरा ने आरव की बात सुनकर , उसे एक पल देखा और फिर कहा ........।

क्रमशः