Risky Love - 53 books and stories free download online pdf in Hindi

रिस्की लव - 53



(53)

प्रवेश गौतम और अंजन विश्वकर्मा की शुरुआत लगभग एक साथ ही हुई थी। दोनों राजन भाई के गैंग में काम करते थे।‌ उसके बाद अंजन अपने दोस्त पंकज सुर्वे के साथ रघुनाथ परिकर के लिए काम करने लगा।
प्रवेश गौतम कुछ सालों तक राजन भाई के लिए काम करता रहा। लेकिन वहाँ उसके तरक्की करने की कोई संभावना नहीं थी। उसी समय प्रवेश गौतम ने सुना कि रघुनाथ परिकर ने अंजन को अपनी कंपनी का हिस्सेदार बनाने ‌के साथ साथ अपना बहनोई बनाने का ऐलान किया है। उसे हैरानी हुई कि अंजन विश्वकर्मा जो कभी उसके साथ ही राजन भाई के गैंग में काम करता था ने इतनी सफलता हासिल कर ली।
प्रवेश गौतम भी अंजन की तरह उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखता था। राजन भाई के गैंग में काम करते हुए दोनों में इसी आधार पर दोस्ती हो गई थी। हालांकि अंजन पंकज के साथ अधिक रहता था। जब प्रवेश ने अंजन की सफलता के बारे में सुना तो वह उससे जाकर मिला। उससे कहा कि वह उसे भी कोई काम दिलवा दे।
अंजन रघुनाथ परिकर के लिए पहले जो काम करता था वह काम उसने प्रवेश गौतम को दिलवा दिया। वह उसके लिए सही तरह से काम कर रहा था। पर कुछ समय बाद अंजन ने महसूस किया कि प्रवेश गौतम को इस काम की जगह किसी और काम में बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। उसने तरुण काला की फिशिंग कंपनी की आड़ में मानव तस्करी का काम शुरू किया था। उसने प्रवेश गौतम को उस काम में प्रयोग करना शुरू कर दिया।
नए काम में प्रवेश गौतम और भी अच्छा साबित हुआ। उसका काम नौकरी या दूसरी चीज़ों का झांसा देकर लोगों को बाहर जाने के लिए तैयार करना था। यह काम वह बहुत अच्छी तरह से कर रहा था। पर दो साल पहले एक समस्या आ खड़ी हुई।
एक आदमी के बेटे को प्रवेश गौतम ने नौकरी के बहाने बाहर भेजा था। उसने पुलिस में शिकायत कर दी। उसका कहना था कि उसके बेटे को धोखे से बाहर ले जाकर उसे गुलाम बनाकर रखा गया है। उस समय मामला तूल पकड़ता उससे पहले ही अंजन ने अपनी जान पहचान का इस्तेमाल करके मामले को दबा दिया।
उसके बाद प्रवेश गौतम का उस काम में रहना अंजन को ठीक नहीं लगा था। उसने उसे कुछ पैसे देकर कहीं दूर चले जाने की सलाह दी। प्रवेश गौतम पैसे लेकर चला गया था। उसके बाद अंजन को इस बात की कोई खबर नहीं थी कि वह कहाँ है।
प्रवेश गौतम गली में अचानक उससे टकरा गया। वह उसे यहाँ ले आया। यहाँ आकर अंजन ने उसे सारी बात विस्तार से बताई। अंजन ने उसकी आड़े वक्त में मदद की थी। इसलिए प्रवेश गौतम उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गया। अब वह उसके लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था करने गया था।
अंजन यह नहीं जानता था कि प्रवेश गौतम सिंगापुर कैसे और कब आया। यहाँ आकर वह क्या कर रहा है। लेकिन जिस तरह से उसने आत्मविश्वास के साथ उसकी मदद करने की बात कही थी उससे स्पष्ट था कि उसकी यहाँ बहुत जान पहचान है।
अब अंजन से इंतज़ार मुश्किल हो रहा था। उसने माइकल को आवाज़ देकर बुलाया। उसने माइकल से कहा कि प्रवेश को फोन मिलाकर पूछे कि क्या बात है। माइकल ने कहा कि कुछ ही समय पहले प्रवेश का फोन आया था। वह कुछ देर में आ जाएगा।

हान लिम बार के आसपास जितने भी सीसीटीवी कैमरे थे उनकी फुटेज जुटाकर सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज के पास पहुँचा। दोनों ध्यान से उन फुटेज को चेक करने लगे। अंजन उन्हें बार से निकलता हुआ दिखा। पहले वह पार्किंग की तरफ बढ़ रहा था फिर अचानक मुड़ कर दूसरी तरफ भागने लगा। एक सीसीटीवी फुटेज में वह गली में घुसता दिखाई पड़ा। उस फुटेज को देखकर सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज ने कहा,
"इस गली की सीसीटीवी फुटेज दिखओ।"
हान लिम ने लैपटॉप पर उस गली के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकाली। अंजन उस गली में भागता हुआ दिखा। कुछ दूर जाकर वह एक मोड़ में मुड़ गया। सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज ने कहा,
"इसके आगे की सीसीटीवी फुटेज दिखाओ।"
एक बार फिर हान लिम ने लैपटॉप पर उसके आगे की सीसीटीवी फुटेज तलाशने की कोशिश की। लेकिन कोई फुटेज नहीं मिली। उसके बाद उन लोगों ने बाकी की बची हुई फुटेज देखी। किसी में भी अंजन दिखाई नहीं पड़ा।
सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज अपनी जगह उठकर कमरे में टहलने लगा। टहलते हुए वह कुछ सोच रहा था। कुछ देर बाद वह वापस अपनी जगह पर आकर बैठ गया।‌ उसने हान लिम से कहा,
"अंजन गली में घुसा। कुछ आगे जाकर मुड़ गया।‌ लेकिन किसी भी सीसीटीवी फुटेज में वह निकलते हुए नहीं दिखा। इसका मतलब अंजन उसी गली में कहीं है। हो सकता है कि उस गली में उसका कोई पहचान वाला है। तभी उसमें घुसा होगा।"
वह एक बार फिर सोचने लगा। कुछ सोचकर उसने कहा,
"तैयारी करो....हम उस गली के हर घर की तलाशी लेंगे। इससे पहले कि अंजन निकल जाए हमें उसे पकड़ना है।"
हान लिम फौरन उसके आदेश का पालन करने के लिए चला गया।

सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज ने अपनी टीम के साथ उस गली को पूरी तरह घेर लिया।‌ उन लोगों ने हर घर में पूँछताछ करनी शुरू कर दी। बहुत देर तक पुलिस उस गली में और उसके आसपास अंजन की तलाश करती रही। पर उनके हाथ केवल निराशा ही लगी। एक और बार मात खाने से सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज उस घायल शेर की तरह था जो अपने शिकार को हासिल करने की ज़िद ठान लेता है।
सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज की हार केवल उसकी हार ही नहीं थी। एसीपी सत्यपाल वागले जानता था कि बार बार अंजन का इस तरह बचकर निकल जाना उसके लिए भी परेशानी पैदा कर रहा है। उसके सिंगापुर में रहने की अवधि समाप्त हो रही है। अगर वह अंजन के बिना मुंबई गया तो वहाँ उसकी भी खूब छीछालेदर होगी। उसने तय किया कि वह सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज के साथ मिलकर काम करेगा।

प्रवेश गौतम और अंजन एक फ्लैट में बैठे शराब पी रहे थे।‌ सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज के अपनी टीम के साथ पहुँचने के कुछ ही मिनटों पहले प्रवेश गौतम अंजन को लेकर निकल गया था। इस समय वह दोनों ईशन शहर में थे।
यह फ्लैट प्रवेश गौतम के एक दोस्त का था। उसने अपने दोस्त से बात की कि कुछ समय के लिए वह अपने एक जानने वाले को यहाँ ठहराना चाहता है। वह मान गया। प्रवेश उसे लेकर यहाँ आ गया।
अंजन जानता था कि अभी भी निश्चिंत होने का समय नहीं आया है। सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सेल्वाराज अपनी इज्ज़त बचाने के लिए ‌उसे गिरफ्तार करने की हर संभव कोशिश करेगा। उसकी समस्या केवल वही नहीं है। उसे गिरफ्तार करने के लिए मुंबई से एसीपी सत्यपाल वागले भी अपनी टीम के साथ आया हुआ है। इसलिए अब उसे यहाँ से निकलने के लिए प्रवेश गौतम की मदद लेनी होगी। शराब पीते हुए उसने कहा,
"प्रवेश तुमने मेरी बहुत मदद की है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। मुझे किसी भी तरह सिंगापुर से बाहर निकलना है। क्या तुम मेरे थाईलैंड जाने की व्यवस्था कर सकते हो। वहाँ सोम आर्य नाम का एक होटल व्यापारी है। उसके होटल में मेरी भी हिस्सेदारी है। उससे पैसे लेकर मैंने वहीं काम शुरू करने के बारे में सोचा है जो फिशिंग बिज़नेस की आड़ में करता था। तुम बस एक बार मुझे यहाँ से निकलना दो।"
प्रवेश गौतम ने कुछ सोचकर कहा,
"तुम एक नई शुरुआत करना चाहते हो।"
इस सवाल पर अंजन उदास हो गया। वह सोच रहा था कि कैसे दिन आ गए हैं। कभी जो उसकी सफलता को देखकर अचंभित था। जो कभी उसके लिए काम करता था। आज उसके ही सामने मदद मांगनी पड़ रही है। लेकिन वह जानता था कि यह सह सोचकर कुछ हासिल नहीं होगा। एक बार मौका मिल जाए तो वह सबकुछ फिर हासिल कर लेगा। फिर सब लोग आश्चर्य से आँखें फैला कर उसकी सफलता देखेंगे। उसने कहा,
"करनी ही पड़ेगी। मेरा जो कुछ था वह छूट गया। अब तो यह पहचान भी छोड़नी होगी। लेकिन नई पहचान के साथ मैं फिर से सफल होकर दिखाऊँगा। बस यहाँ से निकल जाऊँ एक बार।"
"ठीक है मैं कोशिश करता हूँ कि तुम्हें थाईलैंड भिजवा सकूँ।"
"कोशिश करना जल्दी हो जाए।"
"मैं भी समझ रहा हूँ। तुम्हारी मदद इसलिए की कि तुमने मुंबई से भागने में मेरी मदद की थी। उसकी बदौलत ही मैं यहाँ आकर अपने दम पर कुछ कर पाया हूँ।"
प्रवेश गौतम से अपनी मदद का आश्वासन मिलने के बाद अब अंजन को तसल्ली हुई थी। इसके साथ ही उसके मन में यह जानने का कौतुहल जागा था कि आखिर प्रवेश गौतम यहाँ क्या काम करता है। ऐसा क्या है जिसके कारण वह आत्मविश्वास के साथ उसकी मदद करने की बात कर रहा है।
प्रवेश गौतम चुपचाप शराब पी रहा था। अंजन अपना कौतुहल शांत करना चाहता था। उसने कहा,
"एक बात पूँछूँ प्रवेश...."
प्रवेश गौतम ने उसकी तरफ देखकर कहा,
"मैं समझ रहा हूँ कि तुम क्या जानना चाहते हो। तुम सोच रहे हो कि मैं यहाँ क्या करता हूँ ? सिर्फ दो सालों में ही ऐसा क्या हो गया कि मैं तुम्हारी मदद करने के लायक बन गया ?"
"हाँ.... मैं जानना चाहता हूँ कि तुम यहाँ कैसे आए ? क्या काम करते हो ?"
प्रवेश गौतम ने अपना और अंजन का गिलास भरा। उसके बाद अपनी कहानी सुनाने लगा।


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