मुक्ति Rohit Kishore द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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मुक्ति

भाग 1.) सुहाना सफर

दिल्ली की सर्दियों की सुहानी सुबह की बात ही कुछ और है,आपको लेकर चलते है एक मल्टी नेशनल कंपनी Comsoft प्राइवेट लिमिटेड में जिसके CEO है युवा नवजवान “आदित्य महरा ”, हमारे हीरो, अपनी पढाई लंदन से कम्पलीट करके अपने डैड का बिज़नेस सँभालने दिल्ली आ गए, इनको जाना जाता है इनके सख्त attitude और बिज़नेस शार्प माइंड के लिए, कई अवार्ड्स से भी सम्मानित रह चुके आदित्य, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की इंडस्ट्री के लीडर बनना चाहते है। आदित्य को हर काम में परफेक्ट रहना पसंद है और एक भी गलती उसे बर्दाश्त नहीं होती। हर कोई ऑफिस में उनसे बहुत घबराता है। जितना भी फीमेल स्टाफ है वो उनपर मरता भी है। इतने smart और handsome जो है। हर एक स्टाफ का इंटरव्यू लेना उन्हें खुद पसंद है ताकि अपने जैसे intelligent स्टाफ को भी रख सके।
उधर हमारी हीरोइन “काव्या ” साधारण घर की लड़की , आज अपने पहले जॉब इंटरव्यू के लिए जाती है, काव्या पढाई में बहुत होशियार रही है। अपने कॉलेज की topper, इन्होने दिल्ली के बड़े ही अच्छे कॉलेज से B. Com. किया हुआ है।
काव्या की मम्मी - “काव्या , अरे रुक रुक दही खाती जाओ बेटा , शुभ होता है।
काव्या - “मम्मी , दही की वजह से मैं लेट हो जाउंगी।
मम्मी - नहीं रुक बस 1 सेकंड
काव्या दही खाके , इंटरव्यू के लिए पहुंच जाती है Comsoft, जी हाँ आदित्य की कंपनी। काव्या बहुत नर्वस हो रही होती है , क्योंकि ये उसका पहला इंटरव्यू है। मगर अपनी डिग्री और पढाई पे भरोसा भी है। काफी देर रिसेप्शन पर वेट करने के बाद।
काव्या - “Excuse me, सर कब तक बुलाएंगे , काफी देर हो गई है ”
Receptionist- “सर मीटिंग में है अभी आपको बुलाएंगे ”
आदित्य अपनी मीटिंग से बड़े ही ख़राब मूड में होता है और फोन करके बुलाता है इंटरव्यू के लिए।
काव्या - केबिन में अंदर आते ही पूछती है “may I come in sir”
आदित्य - तुम already अंदर आ चुकी हो। ये बात आने से पहले पूछी जाती है।
काव्या और नर्वस हो जाती है।
काव्या - Sorry सर .. बोल कर उनके सामने वाली सीट पर बैठ जाती है।
आदित्य - मैंने तो नहीं बोला बैठने को … तुम खुद कैसे बैठ गई।
काव्या फिर sorry बोलके खड़ी हो जाती है।
आदित्य - ओके बैठ जाओ।
काफी देर इंटरव्यू के बाद .. काव्या निकलती है और घर चली जाती है वापस।
काव्या की मम्मी - “आ गई , बहुत देर लगा दी बेटा .. कैसा हुआ ?
काव्या - अरे मम्मी पूछो मत , इतना खड़ूस बॉस। मुझे नहीं लगता होगा मेरा। पता नहीं क्या क्या पूछा जो मैंने पढ़ा भी नहीं और इतना गुस्सैल बॉस … बाप रे ।
मम्मी - कोई बात नहीं बेटा , फिर कहीं हो जाएगा … एक ही कंपनी थोड़ी है।
अगले दिन काव्या के पास Comsoft से फ़ोन आता है , Congratulations काव्या , आपका सेलेक्शन हो गया है। आप कल से
ज्वाइन कर सकती हैं।
काव्या भी चौक जाती है, कि इंटरव्यू इतना ख़राब गया फिर selection कैसे हुआ। खैर काव्या मंदिर में होकर आती है और अगले दिन की तैयारी कर लेती है।
पहले दिन काव्या के ऑफिस का … जाते ही उसे आदित्य बुला लेता है अपने केबिन में।
आदित्य - Ohh काव्या , Congratulations and welcome to comsoft.
काव्या - थैंक यू सर
आदित्य - Sorry, वो इंटरव्यू वाले दिन मैं थोड़ा rude था , actually मेरा मूड थोड़ा ख़राब था और शायद तुम्हारे ऊपर गुस्सा निकल गया, मुझे तुम्हारे जवाब पसंद आये थे जो तुमने दिए।
काव्या - Ok, thank you sir.
आदित्य को काव्या का काम धीरे धीरे बहुत अच्छा लगने लगा , क्यूंकि उसके काम में भी गल्तियां नहीं होती थी। आदित्य ने फिर कुछ ही महीनो में काव्या को promote करके अपना assistant बना लिया।
आदित्य और काव्या दोनों ही काफी comfortable हो गए एक दूसरे के साथ।
आदित्य - काव्या , तुम बहुत अच्छा काम कर रही हो , I am very happy, शाम को तुम्हारी success celebrate करे .. कॉफ़ी पीने चले।
काव्या - हां जी सर , बिलकुल चल सकते है।
आदित्य - hey, don’t call me sir, मुझे आदित्य बुलाओ वो better है।
काव्या - Ok आदित्य , मिलते हैं।
शाम को दोनों coffee पे मिलते हैँ। coffee house में एक लड़का काव्या को बहुत देर से घूर रहा होता है , काव्या notice नहीं करती … मगर आदित्य देख लेता है।
आदित्य उसके पास जाता है और उस लड़के पे हाथ उठा देता है।
काव्या थोड़ी shock हो जाती है कि इतना क्यों गुस्सा आ गया आदित्य को फिर ignore कर देती है।
ऐसी ही एक बार दोनों पार्क में टहलने जाते है और वहां एक लड़का गलती से काव्या से टकरा जाता है, आदित्य ये देख कर, उसे इतना मारता है कि वो बेहोश हो जाता है।
काव्या - आदित्य ..? वो गलती से टकराया था … इतना मारने की क्या ज़रूरत थी।
आदित्य - नहीं काव्या , बस मुझे पसंद नहीं और चला जाता है।
आदित्य काव्या को बहुत पसंद करने लगा था इसलिए इतना possessive हो गया था उसके लिए और काव्या भी मन ही मन आदित्य को पसंद करने लगी थी।
आदित्य काव्या की success के लिए एक छोटी सी पार्टी रखता है और सबको बुलाता है ।
उसी पार्टी में सबके सामने , वो काव्या को propose करता है।
आदित्य - काव्या , जब से तुम मेरी कंपनी और लाइफ में आयी हो बहुत कुछ बदलने लगा है , मैं शायद और सवरने लगा हूँ। इस ख़ास मौके पे मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ।
Will you marry me..??
काव्या - ख़ुशी से shocked हो जाती है और अपना सर हाँ में हिलाकर उसका proposal accept कर लेती है।
काव्या के घर वाले भी खुश होते है कि इतने बड़े घर में काव्या की शादी होगी और दोनों की शादी तय हो जाती है ।।
आज दोनों की शादी का दिन है। बहुत सजावट है धूम धाम है। दोनों आदित्य और काव्या मंडप में बैठे है तभी entry होती है करन की ।
करन (जो कि काव्या का बहुत पुराना स्कूल का दोस्त है और फॅमिली फ्रेंड है), उसे काव्या की शादी का पता चलता है तो सीधा शादी पे चला आता है काव्या के मम्मी पापा बहुत खुश होते है उसे देख कर।
और काव्या उसे देखते ही मंडप से चिल्लाती है … Kaarrraaaaaannn…. और कस के स्माइल करती है करन भी हाथ हिलाकर हेलो करता है और स्माइल करता है।
ये देखकर आदित्य , जो नहीं जानता है दोनों के बारे में गुस्सा जाता है और गुस्से में उसी मंडप की अग्नि में अपना हाथ जला लेता है ।
काव्या - अरे आदि ., देखो अपना हाथ सम्भालो ।
आदित्य - ठीक है .. कुछ नहीं हुआ ।
और दोनों की शादी इधर पूरी हो जाती है और आदित्य के दिमाग में करन घर कर जाता है।

X---------भाग १ की समाप्ति ----------------X




भाग -२ ( भरोसा )

आदित्य और काव्या की शादी हो गई और दोनों honeymoon के लिए पेरिस गए। काफी खुश थी काव्या उसको मनचाहा साथी मिल गया , और आदित्य भी खुश था , मगर क्या करे कोई अपनी फितरत और nature कभी नहीं बदल सकता।
अब ऑफिस में कोई भी काम हो तो लोग काव्या से ज्यादा पूछने लगे , कयोंकि काव्या हर problem को अच्छे से सुलझा लेती थी जबकि आदित्य गुस्से से काम ख़राब कर देता था और काव्या अब कंपनी ओनर की वाइफ थी तो उसकी पूछ भी ज़ादा हो गई।
लोगो का धीरे धीरे आदित्य से कटना और काव्या के पास जाना, आदित्य को अखरने लगा, और वो चिड़चिड़ा हो जाता था। उसे लगा जिस कंपनी में हमेशा उसकी चली उसमे कोई और कैसे उसे ऊपर हो रहा है।
ऐसी ही कुछ बातों में आदित्य और काव्या का झगड़ा शुरू होने लगा।
आदित्य - काव्या , मुझे लगता है अब तुम्हे घर पे ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है माँ डैड भी अकेले रहते हैं।
काव्या - नहीं , आदित्य मैं manage कर लेती हूँ अभी मुझे ठीक लग रहा है ऑफिस।
आदित्य ने ड्रिंक करना भी शुरू कर दिया और एक दिन-
काव्या ऑफिस से थोड़ा लेट आयी , एक ज़रूरी client से उसकी मीटिंग थी ऑफिस में और आदित्य जल्दी घर आ चुका था आदित्य बहुत गुस्से में और ड्रंक था।
काव्या जैसे ही घर पे आयी उसके उपर चिल्लाने लगा।
आदित्य - काव्या , तुम्हे तो घर की कोई फ़िक्र ही नहीं … देर देर तक ऑफिस से आना .. ये सब क्या है??
काव्या - अरे आदित्य , आपको पता तो था आज Malaysia वाले client से मीटिंग थी।
आदित्य - तुम्हे मेरी और फॅमिली की कोई फ़िक्र ही नहीं .. और उस पर हाथ उठा देता है। काव्या कुछ नहीं बोलती और चली जाती है।
ये सिलसिला कुछ दिन चलता रहा , और आदित्य उसपर अक्सर हाथ उठाने लगा और एक दिन
आदित्य - काव्या , मुझे नहीं लगता अब तुम्हे ऑफिस जाने की ज़रूरत है घर पर रहो कोई काम नहीं तुम्हारा ऑफिस में।
काव्या को बहुत बुरा लगता है , पर घर बिखरता देख , वो मान जाती है . और ऑफिस छोड़ देती है।
मगर ऑफिस वाले , फिर भी हर problem के लिए उसे ही कॉल करते , और वो फ़ोन पे ही solution दे देती है।
काव्या को समझ नहीं आता, कि वो क्या करे। घर पे बताएगी तो मम्मी पापा परेशान होंगे, घुट रही थी अंदर ही अंदर। बहुत परेशान होने के बाद , एक दिन वो करन को फ़ोन करती है … करन उसे मिलने आता है।
करन और काव्या घर पे ही चाय पी रहे होते है कि आदित्य आ जाता है , और कारन को देख के गुस्सा जाता है।
आदित्य - करन, तुम यहाँ कैसे अचानक .??.
करन - अरे आदित्य ..? कैसे है आप ..? बस दिल्ली आया हुआ था तो सोचा काव्या से मिल लूँ।
आदित्य - अच्छा , काव्या तुमने मुझे तो नहीं बताया …??
काव्या - नहीं , मैंने सोचा शाम को बता दूंगी आपको।
आदित्य - हाँ , ऐसे न जाने कितने लोग आते रहते होंगे घर पे , जिससे तुम मिलती होगी , और शाम का सोच के अभी तक नहीं बताया।
काव्या - ये आप कैसी बात कर रहे है आदित्य ।
करन को ये सुनकर बहुत ख़राब लगता है , मगर वो कुछ नहीं बोलता।
काव्या रोते हुए रूम में चली जाती है , और करन भी चला जाता है।
उधर काव्या के पापा की तबियत काफी ख़राब हो जाती है , काव्या की मम्मी उसे फोन पे बताती है , काव्या आदित्य को बताती है और घर जाने को कहती है।
मगर आदित्य मना कर देता है।
आदित्य - ठीक है , हल्का सा दर्द ही है न सीने में … अभी घर जाने की ज़रूरत नहीं।
मगर काव्या से नहीं रहा जाता और वो करन को बुलाके , चली जाती है पापा को देखने। शाम को जब आदित्य घर आता है और उसे पता चलता है कि मना करने के बाद भी काव्या करन के साथ चली गई घर, वो गुस्से से फूट जाता है। देर रात जब काव्या वापस आती है , वो उसे बहुत मारता है। इस बार आदित्य सारी हद्द पार कर जाता है , और बेल्ट से काव्या को मारता है। काव्या के पूरे शरीर में बेल्ट के निशान बन जाते है और आदित्य फिर काव्या के पापा को फोन करता है।
आदित्य - आपको पता है आपकी लड़की का करन के साथ affair चल रहा है उससे वो दिन रात मिलती रहती है।
काव्या के पापा - नहीं आदित्य जी , वो तो उसका बचपन का सिर्फ दोस्त है।
आदित्य - हाँ पता है कितनी दोस्ती है। मैं रह नहीं पाऊंगा आपकी लड़की के साथ .और छोड़ने की धमकी देता है।
ये सुनते ही काव्या के पापा को दिल का दौरा पड़ जाता है और उनका देहांत हो जाता है। इधर काव्या की तबियत भी थोड़ी ख़राब होती है , और पता चलता है वो माँ बनने वाली है।
मगर हालात देखते हुए , काव्या न खुश हो पाती है न रो पाती है , उसे बहुत दुःख होता है पापा के जाने पे , और ये भी जानते हुए , कि ये सब आदित्य की वजह से हुआ।
अगले दिन काव्या , आदित्य को खबर देती है के वो माँ बनने वाली है। आदित्य ये सुन कर खुश होने के बजाये शक करता है कि ये बच्चा ज़रूर करन का है। काव्या को बहुत गुस्सा आता है, उसे समझाती है मगर आदित्य नहीं समझता और ऑफिस चला जाता है।
काव्या की पूरी ज़िन्दगी पलट जाती है वो भी शादी के 2 साल में ही। बस गुस्सा ही tha जो अंदर ही अंदर बढ़ता जा रहा था काव्या के। शाम को आदित्य जब ऑफिस से आता है , तो फिर से ड्रिंक और cigratte पीने बैठ जाता है। काव्या सोचती है, फिरसे बात करती हूँ आदित्य से इतनी ख़ुशी की बात पे ऐसे क्यों react कर रहा।
काव्या - आदित्य , तुम्हे ख़ुशी नहीं हो रही तुम पिता बनने वाले हो।
आदित्य - मेरा होता , तो खुश होता।
काव्या - आदित्य , मेरी बात तो सुनो ऐसा नहीं है।
आदित्य को इतना गुस्सा आता है के वो काव्या के पेट पे ही अपनी जलती cigratte छुआ देता है।
काव्या जोर से चिल्लाती है … आह्।
आदित्य चला जाता है वहां से आदित्य एक दम पागल सनकी सा हो चुका है।
ऐसा रूप उसका किसी ने नहीं देखा।
काव्या बहुत रोती है और रोते रोते सोने की कोशिश करती है मगर उसे कहाँ नींद आएगी। आदित्य उस बच्चे को अपनाने को तैयार ही नहीं मगर काव्या की जान बस रही है उसमे।
काव्या को अपने बच्चे के भविष्य की चिंता और बढ़ जाती है और आदित्य जिस तरह से उसे मार रहा था उसे डर लगने लगा कि कहीं आदित्य इस बच्चे को मार ही न दे। ये सोच सोच के वो सो जाती है।
अगले दिन सुबह आदित्य अपने कमरे से बाहर नहीं निकलता। काव्या अपने कमरे में सो रही होती है। आदित्य का ड्राइवर भी उन्हें ऑफिस लेने आता है मगर आदित्य नीचे नहीं उतरता। काव्या उठती है और आदित्य का रूम खोलती है। रूम में बाथरूम लॉक होता है काव्या ड्राइवर को बुलाती है दरवाज़ा खुलवाने को। काफी देर खटखटाने के बाद ज़ोर लगा कर दरवाज़ा खुलता है तो अंदर क्या देखते है।
आदित्य की लाश मिलती है पूरी बॉडी से खून आ रहा होता है सब चौंक जाते है।

-----------भाग २ की समाप्ति ------------------

भाग ३ .) आज़ाद पंछी।।

आदित्य की लाश देख कर सब घबरा जाते है। काव्या पुलिस को फोन करती है।
काव्या - हेलो , please जल्दी आइये , मेरे हस्बैंड की मौत हो गयी है।
पुलिस - आप कौन और कहाँ से बोल रही है ? काव्या अपना address और डिटेल देती है।
पुलिस घर आती है तो आदित्य की लाश देखती है और काव्या से पूछती है।
पुलिस - काव्या जी , ये सब कैसे और कब हुआ ?
काव्या - मुझे कुछ पता नहीं चला , रात को मैं सोई , और सुबह बाथरूम का दरवाज़ा नहीं खुला ड्राइवर की मदद से खुलवाया तो अंदर आदित्य की लाश देखी।
पुलिस - अच्छा .. किसी से कोई दुश्मनी इनकी या कुछ भी?
काव्या - नहीं , किसी से कुछ भी नहीं था। क्योंकि ये एक अलग सा मर्डर केस था , तो इसके लिए स्पेशल अफसर को बुलाया जाता है अफसर अमृता .!!
अमृता अगले दिन काव्या के घर आती है , डिटेल में पूछ ताछ करने।
अमृता - हेलो काव्या जी , I am अमृता , इस केस को मुझे स्पेशल सेल की तरफ से दिया गया है।
काव्या - जी अच्छा अमृता जी।
काव्या - अमृता जी, रोज़ की तरह मैं जल्दी सो गयी थी , और आदित्य देर से ऑफिस से आये। सुबह मुझे आदित्य दिखे नहीं , और ड्राइवर भी आ चुका था , उन्हें ऑफिस लेने के लिए , जब काफी देर आदित्य रूम से नहीं निकले , तब मैंने अंदर जाकर देखा तो बाथरूम लॉक्ड था मैंने ड्राइवर को बुलाकर ज़ोर लगवाया और अंदर देखा तो उनकी बॉडी मिली।
अमृता - काव्या की प्रेग्नेंट हालत देखते हुए थोड़ा तरस आता है .. I am sorry ऐसी हालत में सवाल पूछने पड़ रहे है मुझे मगर एक बात बताइये , आप लोग शादी शुदा है right..? तो फिर अलग अलग क्यों सोते है?
काव्या - जी वो आदित्य को अकेले रहना ज्यादा पसंद है इसलिए मैं अपने रूम में रहती हूँ ज्यादातर वो अपने।
अमृता को कुछ हज़म नहीं होता और वो वहां से चली जाती है।
अगले दिन अमृता आदित्य के ड्राइवर को पुलिस स्टेशन बुलाती है।
अमृता - ये आदित्य के बारे में कुछ बताओ मुझे , तुम ड्राइवर हो सब पता रहता है तुम्हे तो।
ड्राइवर - जी मैडम , साहब तो अच्छे थे , बस थोड़ा गुस्सा जल्दी आ जाता था।
अमृता - और काव्या मैडम के साथ .?
ड्राइवर - जी मैंने काफी टाइम से दोनों को साथ गाडी में नहीं देखा ।।
अमृता - मतलब ??
ड्राइवर - मतलब - काव्या जी पहले इसी ऑफिस में काम करती थी तो काफी आना जाना था दोनों का साथ में, फिर आदित्य सर ने मैडम से शादी कर ली। कुछ टाइम तक तो ठीक था मगर फिर सुनने में आया मैडम ने ऑफिस छोड़ दिया और दोनों का साथ में आना जाना भी नहीं हुआ।
अमृता को थोड़ा डाउट होता है?
अमृता घर के नौकर को भी स्टेशन बुलाती है ।
अमृता - तुम्हारे साहब और मैडम में क्या अनबन रहती थी …?
नौकर - जी जी … नहीं ….तो ।
अमृता - एक थप्पड़ मारती है और कस के चिल्लाती है ।।
नौकर - जी मैडम … आदित्य सर और काव्या मैडम में बहुत लड़ाई होती थी और काव्या मैडम कुछ नहीं बोलती थी। आदित्य सर अक्सर रात को दारु पीकर आते थे और मैडम पे हाथ उठाते थे मैडम बाद में रोती रह जाती थी।
अमृता - मगर लड़ाई होती किस बात पे थी क्यों मारते थे ?
नौकर - जी काव्या मैडम ऑफिस में बहुत अच्छा काम कर रही थी सब उनकी तारीफ करते थे और उनसे ही पूछा करते थे, आदित्य सर को ये अच्छा नहीं लगता था। आदित्य सर , मैडम को उनके घर भी नहीं जाने देते थी। उनके पापा के देहांत के समय भी साहब ने उन्हें जाने नहीं दिया था।
अमृता - अच्छा …!!
मगर फिर भी अमृता को ये नहीं समझ आता कि आदित्य की death हुई कैसे …?
अमृता फिर काव्या से पूछ ताछ करने आती है।
अमृता - काव्या जी सॉरी आपसे कुछ बात करनी थी तो आ गई।
काव्या - जी कोई बात नहीं …
अमृता - मुझे पता चला कि आदित्य आपके ऊपर हाथ उठाते थे, शराब पीते थे, मगर क्या होता था मुझे please ज़रा डिटेल में बताइये ..?
काव्या की आँखों में आंसू आ जाते है और उसकी साड़ी का पल्लू भी साइड हो जाता है तो अमृता उसका ciggrate वाला ज़ख्म देख लेती है।
अमृता - ये कैसी चोट है काव्या जी ..??
काव्या - उसे फ़ौरन छुपाती है …
अमृता - नहीं आपको सब बताना होगा काव्या जी …
काव्या - फिर अमृता को सब कुछ बताती है कि कैसे आदित्य उसे परेशान।करता था , घर नहीं जाने देता था .. प्रेग्नेंट वाली खबर सुन कर उसने कैसे शक किया और जलती ciggrate उसके पेट पे छुआ दी।
अमृता - ये सब सुनके बहुत परेशान होती है।
अमृता - जी ठीक है .. फिर ज़रूरत पड़ेगी तो बात करती हूँ आपसे …
अमृता पुलिस स्टेशन पहुँचती है और अपनी टीम से कहती है सारी कहानी clear है मगर ये मर्डर है या क्या नसमझ नहीं आ रहा फोटोज दिखाओ मुझे सारी crime scene की।
पूरा बाथरूम साफ़ दीखता है कोई तोड़ फोड़ के निशान नहीं बस उसके हाथ के पास साबुन पड़ा होता है।
अमृता - कुछ समझ नहीं आता … सारा सामान दिखाओ ज़रा जो custody में लिए था बाथरूम से और पोस्ट मोर्टेम की रिपोर्ट क्यों नहीं आयी अभी तक।
टीम - जी मैडम बस अभी आयी है।
पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में आता है बहुत ज्यादा ब्लड loss की वजह से आदित्य की death हुई और हाथ की नस के पास कुछ छिलने के निशाँ थे जिससे ब्लड loss हुआ।
अमृता सारा सामान देखती है .. और वो साबुन देखती है और shock हो जाती है। उस साबुन को फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट के पास भेजते है तो उसमे दो लोगों के फिंगर प्रिंट मिलते है।
अमृता को थोड़ी गुत्थी सुलझती दिखती है। अमृता के पास आदित्य के घर के सब लोगों का फिंगर प्रिंट होते है जो उसने पहले ही ले लिए थे उसमे से एक का फिंगर प्रिंट मिल जाता है।
अमृता अगले दिन काव्या से मिलने आती है।
अमृता - अब कैसी है काव्या जी …?
काव्या - जी बस ठीक हूँ …
अमृता - कुछ पूछना था आपसे … आपने उस दिन सुबह सुबह आदित्य की बॉडी देख कर एम्बुलेंस को न फोन करके सबसे पहले पुलिस को क्यों फोन किया।
काव्या --- जी .. जी … मुझे लगा उसकी डेथ पहले ही हो चुकी है .
अमृता - काव्या जी , जिस वक़्त आपने आदित्य को देखा था उस वक़्त उसकी साँसे थोड़ी थोड़ी चल रही थी अगर एम्बुलेंस बुलाते तो शायद वो बच सकता था।
काव्या घबरा जाती है …
अमृता को पूरा केस आईने की तरह साफ़ दिख जाता है।
मगर वो सब कुछ जानकर भी काव्या से कुछ नहीं कहती और बस कहती है “अब आप सुकून से जी सकते हो , अपनी और अपने बच्चे के साथ अपनी ज़िन्दगी"
और वहां से चली जाती है केस को suicide बताके क्लोज कर दिआ जाता है।
मगर आखिर हुआ क्या गुत्थी सॉल्व हुई कैसे और मर्डर हुआ कैसे।
तो चलिए फ्लैशबैक में दिखते है के उस दिन हुआ क्या था।
“ काव्या जब बहुत परेशान हो गई थी आदित्य को लेकर , उसके कुछ समझ नहीं आ रहा था वो करे क्या भाग के जाएगी तो आदित्य उसे ढूंढ लेगा , अपने घर जा नहीं सकती और अब उसे डर भी लगने लगा था , कि आदित्य कहीं उसके बच्चे को उससे दूर न कर दे। उसे एक ही रास्ता समझ आता कि उसे आदित्य को ही ख़त्म करना होगा। मगर ऐसी हालत में वो करेगी क्या तो वो एक प्लान बनाती है और आदित्य के बाथरूम में उसके साबुन के अंदर बहुत धारदार ब्लेड लगा देती है। उसने ये काम शाम को ही कर दिया और जाकर सो गई। रात को जब आदित्य फिर से शराब पीकर आया और नहाने के लिए बाथरूम गया और उसने साबुन इस्तेमाल किया , थोड़ा सा ही गलने के बाद उसकी ब्लेड ने आदित्य के शरीर में बहुत वार कर दिए , उसकी ब्लेड उसके हाथ की नस को काट गयी और हर तरफ खून ही खून हो गया। आदित्य नशे में होने की वजह से कुछ कर ही नहीं पाया और गिर पड़ा। उसकी बॉडी से ब्लड निकलता रहा और सुबह जब सबसे पहले काव्या ने उसे देखा उसकी सांस बहुत हल्की चल रही थी। उसने जानकर हॉस्पिटल न फोन करके पुलिस को फोन किया थोड़ा टाइम और मिल गया और इतनी देर में आदित्य की मौत कन्फर्म हो गयी।
अमृता ये सब जान गयी थी , मगर काव्या ने किन हालातों में ये किया उसे ये भी पता था तभी वो उसे बोल कर गयी …” अब आज़ादी से अपनी ज़िन्दगी सुकून से जीयो ”.. और केस को भी क्लोज करवा दिया।
कुछ ही दिनों में अमृता ने एक खूबसूरत बेटी को जन्म दिया और उसका नाम उसने “मुक्ति ” रखा जो आज़ादी में पैदा हुई और जिसे अब सिर्फ प्यार और प्यार ही मिलेगा।
अमृता को आदित्य की कंपनी में फिर से उसी पोजीशन पे बैठा दिया गया और कंपनी भी नयी ऊंचाइयों पे फिर से जाने लगी।
ये थी हमारी कहानी “मुक्ति ” जो एक नारी की इच्छा शक्ति और सहनशक्ति को दर्शाती है … वैसे तो नारी बहुत शांत रहती है मगर जब अपने बच्चे पे आये तो वो एक चंडी भी बन जाती है … !!!

------X --- आखिरी भाग समाप्त ------------X---