एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 22 ARUANDHATEE GARG मीठी द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 22







अंशिका रेहान की बताई हुई बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी । जब रेहान ने अपनी बात ख़तम की तो अंशिका ने मुस्कुराते हुए उससे कहा ।

अंशिका - ओह....! तो ये बात है । एक प्रकार से अच्छा ही हुआ , कि आपकी लाइफ में बहन की कमी पूरी हो गई और कायरा और रूही दीदी को एक बड़ा भाई मिल गया ।

रेहान ( कायरा और रूही को देखते हुए ) - हम्ममम , बात तो सही है ।

अंशिका ( भी रूही और कायरा को देखते हुए ) - वैसे कितनी अच्छी है ना दोनों , दूसरों की ज़िन्दगी में पसरी हुई कमी और खाली पन को भरना, बखूबी आता है दोनों को।

रेहान ( मुस्कुराकर कायरा और रूही को देखते हुए ) - सही कहा तुमने , ( मीशा को याद करते हुए ) काश दुनिया में हर इन्सान इन्हीं की तरह होता , तो शायद मुझे ये रिश्ते, पहले ही नसीब हो गए होते ।

अंशिका ( नासमझी से ) - मतलब !!!!

रेहान ( अंशिका की ओर देख कर बात को पलटते हुए ) - कुछ नहीं ....., वैसे तुम बताओ !!! तुम आज यहां कैसे ????

अंशिका - अपनी फ्रेंड्स के साथ आयी थी , आप लोगों को देखा तो चली आयी , आप लोगों से मिलने ।

रेहान - हम्मम।

दोनों वहीं बैठकर बातें करने लगते हैं । रेहान बहुत कम ही बोल रहा था , पर वो अंशिका को सुन ज्यादा रहा था और बार - बार उसकी बातों में भी खो रहा था । और उसको होश तब आता था , जब अंशिका या तो उसके आंखों के सामने चुटकी बजाती थी या फिर उसे तेज़ आवाज़ में चिल्ला कर होश में लाती थी ।

इधर कायरा रूही के हाथों में अपना हाथ रख कर कहती है ।

कायरा ( आरव के खयालों में खोई हुई ) - तुझे पता है रूही , उनकी आंखों में ना एक कशिश सी है , जो मुझे उनकी ओर बेवजह है खींचती रहती है । उनकी छुअन में एक ऐसा एहसास है, जो मुझे किसी और के छुअन से कभी महसूस ही नहीं हुआ । ( रूही की ओर देखते हुए, आंखों में चमक लिए ) तुझे याद है रूही , जब हम पहली बार मिले थे , उस दिन भी पता नहीं मुझे क्या हो गया था , मैं उनकी आंखों में डूब सी गई थी , जिसका मुझे बिल्कुल भी भान नहीं था , पर जब मैंने उस पल को, उस दिन के बाद से हर एक दिन जिया , तो मुझे समझ आया, कि जो इस हर एक पल में उनके साथ होने से महसूस हो रहा है , वो एहसास उस दिन भी मुझे महसूस हुआ था , पर मैं उसे समझ नहीं पाई थी । तू कह रही थी ना , के मैंने उस दिन कॉफी जान बूझ कर पी थी , ( हल्का मुस्कुराते हुए ) तू सही थी रूही , मैंने वो कॉफी जान - बूझकर पी थी । ( जब कायरा ने आरव की जूठी कॉफी पी थी, उस पल को याद करते हुए ) मुझे पता था , कि आरव ने मेरे चाए का कप , अपने कॉफी के कप से चेंज कर दिया है । तेरा जरूर सिर्फ मेरी बातों पर ध्यान था , पर मेरा तेरे साथ - साथ आरव पर भी ध्यान था । पर पता नहीं क्यों , मैं ये बात तुम सब से छुपाना चाहती थी , कि मेरा ध्यान तेरी बातों के अलावा आरव पर भी है । जब मैंने कॉफी के कप को, अपने चाए के कप की जगह पर देखा , तो मैं एक पल को सोच में पड़ गई , कि मैं इसे पियू या नहीं । पर दूसरे ही पल पता नहीं मुझे क्या हुआ और मैंने वो कॉफी एक झटके में उठाकर पी ली । ये जानते हुए भी, कि वो कॉफी आरव की जूठी थी और मुझे वो कॉफी नुकसान भी करेगी । ( रूही के कंधे पर हाथ रख कर ) अब तू ही बता, मैं क्या करूं ??? सोते - जागते , उठते बैठते मेरे जहन में बस उनका ही खयाल रहता है । उनकी ही केयर याद आती है , जो उन्होंने हॉस्पिटल में की थी । हर पल मेरी आंखों के सामने उनकी ही आंखों की गहराई का पहरा रहता है । मैं ना...., अगर सच कहूं , तो मैं अपने आपको हमेशा उनकी यादों के या यूं कहूं कि मैं खुद को हमेशा, उनके आस - पास ही पाती हूं । जकड़ सी गई हूं मैं , उनके एहसासों में ।

रूही कायरा की बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी और उसे देख मुस्कुरा भी रही थी । जब कायरा की बात ख़तम हुई तो रूही ने मुस्कुराते हुए कायरा का हाथ अपने हाथों में लिया और बड़े ही प्यार से, उससे बोली ।

रूही - कायरा !!!! ( कायरा उसकी ओर देखने लगी ) इसे ही प्यार कहते हैं । ये सब, जो भी तू महसूस कर रही है , जिसका तूने अभी जिक्र किया , उसे ही प्यार कहा जाता है । और अब तू इस बात को झुठला नहीं सकती , कि तुझे आरव से बेइंतहा मोहब्बत हो गई है ।

कायरा ( रूही को हैरानी से देखते हुए ) - क्या ....., क्या कहा तूने ???? इसे ही मोहब्बत कहते है ??? इसे ही इश्क़ कहते हैं ??? इसे ही प्यार कहते हैं, रूही ????!!!! ( रूही ने मुस्कुराते हुए अपनी पलकें झपकाईं, तो कायरा उसकी आंखों के द्वारा मिली हां को देख बहुत खुश हुई, इतनी के उसके पैर सब जमीन पर नहीं पड़ रहे थे , वह चेयर से उठकर, आंखों में खुशी के आंसू लिए, रूही को कसकर गले लगाते हुए बोली ) रूही ...., रूही ......, रूही .....!!!!!! तुझे नहीं पता तूने मुझे आज किस बात से रूबरू करवाया है । ( रूही से अलग होकर , बड़ी सी मुस्कान के साथ कहती है ) मैंने तो अपनी पूरी लाइफ में कभी नहीं सोचा था , कि मुझे भी प्यार होगा । पर आज जब मुझे अपने दिल के जज्बातों का एहसास हुआ है , तो मेरा मन आसमान में उड़ने को कर रहा है , मैं बता भी नहीं सकती रूही , कि मैं आज कितनी खुश हूं ।

रूही ( उसकी बात पर अपने होठों पर बहुत बड़ी सी मुस्कान लिए चेयर से उठकर, उससे कहती है ) - मैं भी बहुत खुश हूं तेरे लिए कायरा । आखिर मेरी नकचढ़ी को भी प्यार हो गया , और वो भी एक बहुत ही अच्छे लड़के से , जो करोड़ों में एक है । ( आंखों में हल्के आंसू लेकर , प्यार से कायरा को देखते हुए ) तू हमेशा ही, ऐसे ही हंसती मुस्कुराती रहा कर , क्योंकि मैं तुझे हमेशा खुश देखना चाहती हूं ।

रूही की बात सुनकर कायरा भी थोड़ी इमोशनल हो जाती है । और उसे एक बार और गले लगा लेती है और मुस्कुराते हुए कहती है ।

कायरा - मुझे भी तेरी मुस्कुराहट पसंद है, मेरी जान!!!! बस पता नहीं क्यों, तू उसे हमेशा छुपा कर रखती है ।

कायरा की बात सुनकर , रूही सकपका जाती है । और आंखें चुराते हुए , जबरदस्ती होंठो पर मुस्कान बिखेरने की भरपूर कोशिश करते हुए कहती है ।

रूही - ए....ए..... ऐसा कुछ नहीं है, कायरा !!!! मैं तो हमेशा ही खुश रहती हूं ....।

उसकी बात पर कायरा कुछ बोलने को होती है कि उसकी नज़र बाहर से आ रहे आरव और मीशा पर पड़ती है । वो एक टक उन्हें देखने लगती है, और उसकी नज़रों का पीछा करते हुए रूही भी उस ओर जब आरव और मीशा को आते हुए देखती है, तो हैरान हो जाती है ।

यहां ऑडिटोरियम के गेट की सीढ़ियों पर जैसे ही मिशा और आरव पहुंचते हैं, मीशा आरव का पीछे से हाथ, पकड़ लेती है । ऐसे अचानक से मीशा के हाथ पकड़ने से , आरव हैरानी से उसकी ओर पलट कर देखने लगता है, और वहीं ऑडिटोरियम के अंदर खड़ी , रूही और कायरा भी मीशा की इस हरकत पर हैरानी से उसे देखने लगती है । मीशा सहमी हुई और उदास नज़रों से आरव को देख कर कहती है ।

मीशा ( आंखों में हल्के आंसू लिए ) - आरव !!!!! सभी मुझे माफ तो कर देंगे ना ....??????!!!!!!!!!

आरव ( मीशा के नजदीक आकर , उससे कहता है ) - अगर माफी दिल से मागोगी , तो वे सभी तुम्हें माफ़ भी करेंगे और अपनी पुरानी दोस्त को अपनी ज़िन्दगी में, वापस दिल से जगह भी देंगे । ( मीशा का हाथ, अपने हाथ से अलग कर आरव उससे आगे कहता है ) पर अगर तुम उस जगह की हकदार रहो , तब .......। ( थोड़ा रुक कर ) ये तुम्हारे ऊपर निर्भर करता है मीशा , के तुम उनकी दोस्ती को दिल से निभा पाओगी या फिर वापस कल जैसी हरकत करके , अपना दर्जा एक बार फिर खो दोगी ।

इतना कह कर , मीशा से नजरें फेर कर, आरव ऑडिटोरियम के अंदर चला आता है । मीशा भी बिना कुछ कहे ऑडिटोरियम के अंदर आ जाती है । कायरा और रूही उन्हें देख कर एक दूसरे की ओर हैरानी भरी नजरों से देख रहे थे , और इशारों में ही एक दूसरे से पूछ रहे थे, कि ये आखिर हो क्या रहा है ???

तभी आरव सभी के पास स्टेज में आता है , और सारे दोस्तों को आवाज़ देकर अपने पास आने को कहता है । सभी आरव के पास आ जाते हैं। अंशिका और रेहान भी अपनी बातों को अधूरा छोड़ कर आरव के पास आ जाते हैं । जबकि कायरा और रूही अपलक कभी आरव को , तो कभी मीशा को देख कर, माजरा समझने की कोशिश कर रही थी ।

सभी दोस्तों ने जब, आरव के पीछे मीशा को खड़े देखा , तो वे सब भी हैरान हो गए । आरव ने जब देखा के कायरा और रूही यहां सभी के साथ नहीं है , तो उसने उस तरफ नजरें दौड़ाई , जहां वह कायर को छोड़ कर गया था । उसने उन दोनों को देखा , जो किसी स्टैंच्यू की तरह एक जगह पर खड़ी , बस एक - टक आरव और मीशा को देख रही थी । आरव स्टेज से उतरकर उनके पास आया और कायरा के नजदीक आकर उससे बोला ।

आरव - तुम ठीक हो ??? ( कायरा की आंखों में देखते हुए ) तुम्हारी आंखें....... ठीक है ??? तुम्हें ईचिंग हो रही थी ना आंखों में !!! ( पानी की बॉटल कायरा की ओर बढ़ाते हुए ) लो , मैं पानी ले आया हूं , तुम इससे अपनी आंखें धोगी, तो तुम्हें आराम मिलेगा ।

कायरा ने पानी की बॉटल ले ली , और वहीं खिड़की के पास जाकर , अपनी आंखों पर , पानी के छींटें मारने लगी। उसे अब अपनी आंखों पर आराम मिल रहा था ।

इधर कायरा के खिड़की के पास जाने के बाद , आरव की नजर रूही की ओर गई, जो कब से , हल्के गुस्से से, आरव को ही देख रही थी । तभी कायरा उनके पास आयी , और उसने आरव को थैंक्स कहा । आरव ने बदले में कुछ नहीं कहा , और बस दोनों को स्टेज पर चलने के लिए कहा । क्योंकि उसके दिमाग में अभी सिर्फ , यही चल रहा था , कि सभी दोस्तों का रिएक्शन क्या होगा , मीशा के माफी मांगने के बाद । आरव स्टेज पर आया , और उनके साथ ही कायरा और रूही भी स्टेज पर आए । आरव ने एक नजर मीशा को देखा और फिर सभी को देखा । फिर अपनी टेंशन को साइड में रखकर उसने सभी से कहा ।

आरव ( मीशा की ओर इशारा कर ) - मीशा तुम सभी से कुछ कहना चाहती है । ( मिशा से ) कहो मीशा .....।

मिशा ( अपनी नजरें शर्मिंदगी से झुकाते हुए कहती ) - मैं तुम सबसे माफी मांगना चाहती हूं , ( कायरा , रूही और रेहान की ओर बारी - बारी से नजरें दौड़ते हुए ) और स्पेशली तुम तीनों से । मैंने कल बहुत गलत तरह से तुम लोगों से बात की , और साथ ही गलत इल्जाम भी लगाया । ( अपने दोनो हाथो को जोड़ कर , कायरा , रूही और रेहान से ) इस लिए हो सके तो तुम लोग मुझे माफ कर दो ......। मैं ये......!!!

मिशा के इस तरह माफी मांगने से , और आरव के उसको सबके सामने लाने से , सभी आश्चर्य से आरव और मीशा को देखने लगते हैं, सभी को आश्चर्य होता है, कि इतना सब होने के बाद भी आरव उसे यहां सबके सामने कैसे ला सकता है । मिशा आगे कुछ कहती , तभी नील उसे गुस्से से भरी नजरों से देखते हुए कहता है ।

नील - मीशा !!!! बंद करो अपनी बकवास ...., और दफा हो जाओ यहां से । तुमने जो कल तमाशा किया है, उसे दोबारा बर्दाश्त करने की कैपिसिटी, अब हम लोगों में नहीं है ।

मीशा ( नील के सामने हाथ जोड़कर आंखों में आंसू लिए हुए कहती है ) - प्लीज नील , एक बार मेरी बात तो सुन लो .....।

राहुल ( मीशा की बात काट कर गुस्से से मीशा को आंखें दिखाते हुए कहता है ) - हमें कुछ ......, कुछ भी नहीं सुनना है मीशा । तुम यहां से चली जाओ बस ।

आरव ( बीच में , सभी से ) - तुम लोग , एक बार उसकी बात तो सुन लो ....।

आरव की बात सुनकर सभी उसे हैरानी से देखने लगते हैं । कायरा आरव को मीशा का सपोर्ट करते देख , आश्चर्य से उसे देख रही होती है । रूही को आरव की बात सुन बहुत ज्यादा गुस्सा आ जाता है । वह आरव का हाथ पकड़ कर , सीधा ऑडिटोरियम के बाहर , वहां के बरामदे में लेकर जाती है । और झटके से आरव का हाथ छोड़ कर , गुस्से से उसे देखने लगती है । आरव हैरानी से उसे देख रहा होता है । रूही गुस्से से उससे कहती है ।

रूही - ये क्या है आरव , ( तेज़ आवाज़ में चिल्लाते हुए ) क्या है ये ???? तुम क्यों उस लड़की को वहां लेकर आए ???? और क्यों उसका सपोर्ट कर रहे हो ???? क्या हम दोस्तों की , कायरा की और रेहान, जो तुम्हारा दोस्त से बढ़कर भाई जैसा है , उसकी भी कोई अहमियत नहीं रही क्या, तुम्हारे दिल में ??? जो तुम बिना सोचे समझे ले आए, उस बत्तमीज़ लड़की को हम सभी के सामने ।

आरव ( रूही के , मीशा के प्रति , मनोभावों को समझ कर , उसे समझाते हुए कहता है ) - रूही ....!!!! तुम समझने की कोशिश तो करो ......।

रूही ( बीच में ही उसकी बात काट कर कहती है ) - क्या समझूं आरव मैं ???? क्या समझूं .....!!!! अरे, उसने अगर सिर्फ मुझे बोला होता , तो भी मैं तुमसे कुछ न कहती । लेकिन उसने सिर्फ मुझे ही नहीं , बल्कि तुम्हारे प्यार को , और भाई जैसे दोस्त पर भी इतना घटिया लांछन लगाया है , जिसे मैं सपने में भी नहीं सोच सकती । अरे उस लड़की को तो रिश्तों की भी कदर नहीं है । और तुम उसको हम सभी की ज़िन्दगी से दूर करने की जगह , हमारे सामने लाकर खड़ा कर , मुझे समझा रहे हो ???

आरव ( एक बार फिर रूही को समझाते हुए ) - पर रूही , उसे अपनी गलती का एहसास है , वो शर्मिंदा है अपने किए पर , उसने खुद मुझसे कहा है ।

रूही - उसने कहा और तुमने मान लिया आरव ???

आरव - उसके कहने भर से मैंने नहीं माना है रूही , बल्कि मैंने उसकी आंखों में शर्मिंदगी देखी है , तभी मैंने उसे इजाजत दी सभी से माफी मांगने के लिए ।

रूही ( गुस्से से ) - तुमने उसकी आंखों में शर्मिंदगी देखी , जो कि वो तुम्हें दिखाना चाहती थी , और तुमने उसे माफ कर दिया । ( रूही अपने हाथों से, तालियां बजाते हुए ) वाह ....., आरव वाह ......., कितने ज्यादा स्टुपिड हो ना तुम। आरव !!!!! उसने तुम्हारे सामने नाटक किया , और तुमने उसके नाटक को सही मान लिया ।

आरव ( हल्के गुस्से में ) - रूही ....!!! मैंने उसे अभी तक माफ नहीं किया है ।

रूही - तुमने उसे माफ नहीं किया है ???? रियली आरव !!!!! अगर तुमने उसे माफ नहीं किया है , तो क्यों लाए हो उसे हमारे पास ??? उसके नाटक का लाइव शो दिखाने ??? और जब तुमने उसे माफ नहीं किया है , तो हमसे कैसे उम्मीद रख सकते हो तुम , कि हम उसकी कही गई बातों को भूल कर, उसे माफ कर देंगे ???? ज़रा सा भी तुम्हें कायरा का , अपने प्यार का खयाल नहीं है ना आरव , कि तुम्हारी ऐसी हरकत से उसे कैसा फील होगा । अरे उसे कैसा लगेगा!!! जब वो तुम्हें गलत इन्सान का सपोर्ट करते हुए देखेगी । इसका जरा सा भी अंदाज़ा नहीं है ना तुम्हें आरव , कि उसके दिल पर क्या बीतेगी , जब वो तुम्हें ऐसी लड़की का सपोर्ट करते देखेगी , जिसने अभी जुम्मे - जुम्मे कल ही , उसके कैरेक्टर पर, सभी के सामने उंगली उठाई थी , ( आरव की आंखों में चिढ़ और गुस्से से देखते हुए ) और बीतेगी क्या!!! बीत रही होगी उस पर, इस वक्त !!!! ( हल्की गुस्से वाली मुस्कान से ) पर तुम्हें क्या ??? तुम तो करो अपनी ऐसी फ्रेंड का सपोर्ट, जो सपोर्ट के और हमारी दोस्ती के लायक भी नहीं है ।

आरव ( गुस्से से अपनी मुट्ठी भींचते हुए ) - गलत बोल रही हो तुम रूही , मुझे कायरा का और सभी का खयाल है ......।

तभी शिवानी की आवाज़ आती है , जो उन्हें बुलाने आई थी और जब उसने दोनों को बात करते देखा , तो न जाने कब से वो दोनो की बातें खड़ी सुन रही थी । अब उसे भी गुस्सा आया और वह दोनों के पास आकर आरव से बोली ।

शिवानी ( गुस्से से ) - रूही गलत नहीं बोल रही है आरव !!!! एकदम सही बोल रही है। ( शिवानी को देख कर आरव और रूही हैरान हो जाते है , पर शिवानी दोनों के एक्सप्रेशन को निग्लेक्ट कर , आगे कहती है ) तुमने मीशा का सपोर्ट करके , अच्छा नहीं किया । अरे तुम इतने बेवकूफ कैसे हो सकते हो ??? जो उसका नाटक नहीं समझ पाए । ( अपने हाथो की घड़ी बना कर ) तुम ही सोचो !!! उसने इस बारे में किसी और से क्यों नहीं कहा !!! क्योंकि वो जानती थी , कि कोई भी उसकी बातों पर यकीन नहीं करेगा । पर तुम उसका जरूर साथ दोगे ।

आरव ( हैरानी से ) - तुम भी शिवानी !!!! रूही मुझे नहीं समझ रही है, क्योंकि वो अभी हम सभी को अच्छे से नहीं जानती है , पर तुम तो समझो शिवानी । वो हमारी पुरानी दोस्त है , उसे उसकी गलती का एहसास है । उस नाते हमें उसे एक मौका देना ही चाहिए ना , उसकी की गई गलतियों को उसे खुद से सुधारने का ।

शिवानी ( झल्लाते हुए ) - व्हाट्स रोंग विथ यू आरव ????? ( रूही की ओर देखते हुए ) रूही तुम्हें कब से एक ही बात समझाने की कोशिश कर रही है , ( आरव की ओर देखकर ) और मैं भी तुम्हें वहीं बात समझा रही हूं , पर तुम्हें हमारी बातें समझ ही नहीं आ रही हैं। ( आरव के दोनों कन्धों पर अपने हाथ रखकर , उसे झकझोरते हुए ) फॉर गॉड सेक आरव !!! ट्राय टू अंडरस्टैंड । मिशा सिर्फ और सिर्फ नाटक कर रही है , तुम्हें और हम सभी को बेवकूफ बना रही है । आज तक उसने कभी किसी से भी माफी नहीं मांगी , इवन गलती करने पर , प्रोफेसर से भी नहीं । तो वह आज हमारे सामने माफी क्यों मांगेंगी !!!! ये सिर्फ उसका नाटक है , हम सभी के दिल में, फिर से अपनी जगह बनाने का । और उसका रीयल इरादा क्या है , ये अभी हममें से किसी को भी पता नहीं है ।

आरव ( झटके से , शिवानी का हाथ झटकते हुए कहता है ) - ओके , फाइन .. , फाइन..........!!!! अगर ये उसका सिर्फ नाटक है , तो मैं उसे उसके किए की सजा जरूर दूंगा । और अगर वो सच कह रही है , तो उसका मैं साथ भी जरूर दूंगा । चलो मेरे साथ , उसके माफी मांगने के स्टाईल से ही पता चल जाएगा , के वो सच बोल रही है या फिर झूठ ।

रूही और शिवानी कॉन्फिडेंस से उसकी हां में हां मिलाते हैं , और तीनों ही अन्दर सभी दोस्तों के पास आ जाते हैं । जब तक तीनों बाहर थे तब तक मीशा से किसी ने भी बात नहीं की थी , और मीशा सभी से बार - बार माफी मांग रही थी । अब मीना को, अपनी चाल के सफल होने के चांसेस कम लग रहे थे । जब तीनों आते हैं , तो मीशा आरव को आया हुआ देख कर , उससे कहती है ।

मिशा ( रोते हुए ) - समझाओ ना आरव , सभी को । कोई भी मेरी बात सुनने को तैयार ही नहीं है ।

आरव ने, मीशा से कुछ भी नहीं कहा , वह आने के बाद खाली आंखों से सिर्फ और सिर्फ कायरा को देख रहा था और रूही की कहीं गई बातों को सोच रहा था , जो रूही ने कायरा को लेकर कही थी । जब कायरा ने आरव को अपनी ओर देखते पाया, तो वह आश्चर्य से उसे देखने लगी और उसने अपने पास में खड़ी रूही से, आरव को देखते हुए ही पूछा ।

कायरा ( रूही से कानाफूसी करते हुए ) - रूही ....!!!!! तू आरव को कहां लेकर गई थी ??? ( आरव की ओर इशारा कर ) और ये मुझे इस तरह से क्यों देख रहे हैं ??? तूने कुछ बताया है क्या इन्हें ????

रूही ( एक नजर आरव को देखती है , और फिर कायरा से कहती है ) - डोंट वरी, कायरा !!! मैंने तेरे आरव जी को , तेरी उनके लिए मोहब्बत के बारे में, कुछ नहीं बताया है ।

कायरा ( असमंजस की स्थिति में रूही से कहती है ) - तो फिर ये मुझे क्यों इस तरह देख रहे हैं , जैसे मुझसे कुछ कहना चाहते हों।

रूही ( मुस्कुराते हुए ) - खुद ही पूछ ले.....। हमें तो नहीं, पर तुझे जरूर बता देगा ।

कायरा उसकी बात से, हैरानी से रूही को देखने लगती है , और रूही की बातों का मतलब निकालने की कोशिश करने लगती है । इधर मीशा आरव के हाथ पकड़ कर उसे झकझोरते हुए फिर से कहती है ।

मिशा - आरव तुम कुछ कहते क्यों नहीं , समझाओ ना सभी को .....। ये लोग मुझसे बात तक नहीं कर रहे हैं ।

मिशा के आरव को ऐसे झकझोरने से आरव , अब मीशा की ओर देखने लगता है । और फिर गुस्से से कहता है ।

आरव ( एक झटके से मीशा को खुद से दूर करता है , और उसे आंख दिखाते हुए कहता है ) - मुझे जो कहना था , मैं कह चुका हूं तुम्हें, पहले ही । ( मिशा को उंगली दिखा कर गुस्से से देखते हुए ) अब उसे अमल करने की बारी तुम्हारी है । अगर तुम्हें ( कायरा , रूही और रेहान कि ओर इशारा करते हुए ) इन तीनों ने माफ नहीं किया , तो तुम मुझसे किसी भी प्रकार की उम्मीद मत रखना , और न ही ये उम्मीद रखना , के मैं ज़िन्दगी में कभी भी तुम्हारा एक दोस्त के रूप में साथ दूंगा । मार्क माय वर्ड्स मीशा कपूर ......।

मिशा आरव का , फिर से गुस्से वाला रूप देख कर डर जाती है । और फिर अपनी आंखों में आसूं लिए उससे कहती है ।

मिशा - नहीं आरव!!! मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगी , मैं तीनों से माफी मागूंगी , पर तुम सभी की नफ़रत मैं कभी बर्दास्त नहीं कर पाऊंगी ।

इतना कह कर मीशा रेहान के पास आयी और उससे रोते हुए हाथ जोड़ कर कहा ।

मिशा - रेहान !!!!! प्लीज मुझे माफ़ कर दो । मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । मुझे पता है , मैं माफी के काबिल नहीं हूं , पर तब भी मुझे माफ कर दो । मैं तुम सबकी नफ़रत बर्दास्त नहीं कर पाऊंगी ।

रेहान ( मीशा की बात पर मुंह फेर कर कहता है ) - मीशा !!! तुमने अगर सिर्फ़ मुझे कहा होता , तो एक बार क्या ......, मैं तुम्हें हर बार माफ कर देता । पर तुमने कल हमसे बेज्जती भरे लहजे में जो बात की , उसके बाद तुम सिर्फ़ मेरी ही नहीं , यहां पर खड़े सभी लोगों की नज़रों से गिर गई हो । अगर तुमसे हमारी नफ़रत बर्दास्त नहीं होती , तो मेरी जगह बाकी सभी से माफी मांगो । अगर सब तुम्हें माफ कर देंगे, तो मैं भी तुम्हें माफ कर दूंगा ।

मिशा रेहान की बात सुन कर , कायरा के पास आती है । और उससे रोते हुए हाथ जोड़ कर कहती है ।

मिशा - प्लीज कायरा तुम तो मुझे माफ कर दो । मैंने तुम्हे बहुत गलत बातें कहीं । पर सच बताऊं , तो मैं अपनी गलती पर बहुत शर्मिंदा हूं । मैं अपनी गलती सुधारना चाहती हूं, कायरा !!!! पर उसके लिए तुम सभी का मुझे माफ़ करना बहुत जरूरी है। प्लीज कायरा मुझे माफ़ कर दो .....। ( कायरा के हाथ को पकड़ कर उससे कहती है ) मैं प्रॉमिस करती हूं , आगे से ये गलती कभी नहीं दोहराऊंगी ।

कायरा ( एक नजर उसे देखती है , और फिर उसे गले लगा कर कहती है ) - मीशा ....., तुम मत रो ....। तुम्हें अपनी गलती का एहसास है , यही सबसे बड़ी बात है मेरे लिए । ( उसे खुद से अलग कर उसके हाथो को अपने हाथ पर लेकर कहती है ) और तुम हम सभी की अपनी हो , ( सभी दोस्तों की ओर देखते हुए ) और अपनों से भला नाराज़गी कैसी ???? ( मिशा के गालों पर हाथ रखते हुए ) मैं बहुत खुश हूं , कि तुम अपनी गलती को सुधार कर हम सभी से के साथ आगे बढ़ना चाहती हो । मैंने तुम्हें माफ किया । और मैं तुम्हारे साथ हर पल हूं , तुम जब चाहो तब मुझसे मदद मांग सकती हो।

मिशा कायरा की बात सुन कर मुस्कुरा देती है , और मन ही मन अपनी आधी योजना सफल होने की खुशी मना रही होती । जबकि आरव को छोड़ कर , बाकी सभी उसे हैरानी से देखते हैं । और मन ही मन सोच रहे होते है , कि ये इतनी जल्दी कल की बात को कैसे भूल सकती है !!?? कैसे ये मीशा को माफ कर सकती है ??? आरव मुस्कुराते हुए रूही और शिवानी को कायरा की कहीं बात पर इशारा करता है , कि देख लो , अगर कायरा को कोई प्रॉब्लम होती , तो वह मीशा को माफ नहीं करती । रूही और शिवानी आरव के इशारों को बखूबी समझ रही होती है और वहीं आरव की टेंशन कायरा को लेकर, थोड़ी कम हो जाती है । मिशा कायरा का हाथ छोड़ , बगल में खड़ी रूही के पास आती है , और जैसे उससे कुछ कहने को होती है , रूही तुरंत मुंह फेर कर खड़ी हो जाती है । कायरा रूही को हैरानी से देखती है , तो रूही कायरा से कहती है ।

रूही - तेरा दिल बहुत बड़ा है, कायरा !!!! तू आसानी से हर किसी को माफ कर सकती है । पर माफ करना , मुझसे ये नहीं होगा ।

कायरा उसकी बात पर आगे कुछ नहीं कहती । मिशा राहुल के पास आती है , वह भी मुंह फेर लेता है । मिशा एक - एक करके राहुल, नील , शिवानी , आदित्य और सौम्या के पास भी आती है । वे सब भी अपना मुंह फेर लेते है । अंशिका कब से ये सब हैरानी से देख रही थी , और समझने की कोशिश कर रही थी , कि आखिर ऐसी क्या गलती कर दी मीशा ने , जो उसे सभी से माफी मांगनी पड़ रही है , और सभी उसकी तरफ देख तक नहीं रहे हैं। कायरा से अब बर्दास्त के बाहर हो रहा था । सभी का मीशा के प्रति व्यवहार देख , उसे अच्छा नहीं लग रहा था । उसने एक नजर आरव की ओर देखा , कि कम से कम वह ही कुछ कहे । पर उसने भी नजरें फेर रखी थी । कायरा से जब सहन नहीं हुआ, तो वो मीशा के पास आकर, सभी से कहती है ।

कायरा ( चिल्लाते हुए ) - बस, बहुत हुआ आप सभी का । अरे मीशा को अपनी गलती का पछतावा है , उसकी आंखों में शर्मिंदगी देख सकते हैं आप लोग , फिर भी कोई उसे माफ नहीं कर रहा । मैं जान सकती हूं क्यों ????

सौम्या ( मीशा को गुस्से से देखते हुए ) - क्योंकि कायरा !! मीशा ने हम सभी का ट्रस्ट तोड़ा है । नॉर्मल झगड़े लड़ाई तो हर दोस्त में होते हैं, पर इसका मतलब ये नहीं है , कि मीशा अपनी लिमिट्स क्रॉस कर , किसी भी व्यक्ति को कुछ भी बोले । पिछले कुछ दिनों से हम सभी इसका रवैया देख रहे हैं , पर कल ...., कल तो इसने हद ही कर दी । बर्दास्त के बाहर हो गई इसकी बातें अब..... ।

राहुल ( बीच में , गुस्से से कायरा से कहता है ) - इसका क्या भरोसा है , कि ये दोबारा तुम लोगों को अपशब्द नहीं कहेगी ???? और दोबारा ऐसी हरकत नहीं दोहराएगी ।

कायरा - क्या इसके आंसू इस बात के गवाह नहीं है , कि ये अपने किए पर शर्मिंदा है ??? और राहुल रही बात भरोसे की , तो वो करने से बनता है । और अगर तुम लोग इस पर भरोसा करोगे , तो वो उसे निभाएगी । ( मीशा की तरफ देख कर ) निभाओगी ना मीशा !!!!

मिशा अपना सिर हां में हिला देती है , पर तब भी कोई कुछ नहीं कहता तो , अंशिका मीशा और कायरा के पास आकर सभी से कहती है ।

अंशिका - माफ कीजिएगा , आप सभी मुझे । क्योंकि मैं ये तो नहीं जानती, कि मीशा दी से क्या गलती हुई है । पर हां तब भी मैं बीच में बोल रही हूं , कि आप सभी को दी को माफ कर देना चाहिए । दी ने अगर गलती की है , तो उन्हें उसका पछतावा भी है , और अगर उन्हें अपनी गलती का पछतावा है , और वे दिल से आप सभी से माफी मांग रही है , तो आप लोगों को भी इनकी गलतियों को साइड मे रख कर , इन्हें माफ कर देना चाहिए । और अपनी दोस्ती की नई शुरुवात करना चाहिए ।

अंशिका की बात ख़तम होने से पहले ही नील उससे कहता है ।

नील ( गुस्से से ) - स्वीटी !!! तू अभी इस बारे में नहीं जानती , तो बीच में मत बोल ।

अंशिका नील की बात सुन , सहम जाती है , और अपने कदम पीछे ले लेती है । तभी रेहान सभी से कहता है ।

रेहान - आई थिंक , कायरा और अंशिका , ठीक कह रही हैं । हमें इतना भी ज्यादा बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए । और मीशा खुद अपनी गलती मान कर, हम सभी से जाने कब से माफी मांग रही है । इस लिए हमें भी सारी बातें भुला कर, इसे माफ कर देना चाहिए ।

रेहान की बात सुन कोई कुछ बोलने को होता है , तो रेहान सभी को फिर से यही बात कहता है । शिवानी और रूही तो मीशा को गुस्से से देख रही होती है । पर बाकी सब रेहान की बातों से सहमत होकर मीशा को माफ कर देते है । मिशा तो अपनी चाल के सफल होने पर फूली नहीं समा रही थी । क्योंकि उसे आरव के साथ - साथ सभी ने माफ कर दिया था । कायरा उसे प्यार से गले लगा लेती हैं , तो मीशा उसके गले लगे ही मन ही मन जहरीला मुस्कुरा कर मन में कहती है ।

मिशा ( मन में ) - फाइनली, मेरा और राजवीर का प्लान काम कर गया । ( कायरा को और कस कर गले लगाते हुए ) याद रखना तुम कायरा , अभी जितनी खुशी तुम मेरे लिए मना रही हो , जल्द ही वो वक्त भी आएगा , जब तुम मेरे दिए गए ज़ख्मों के कारण आसूं बहाओगी । पर उस वक्त तुम्हारे पास कोई नहीं होगा । ना ही आरव , ना ही सारे दोस्त और ना ही मैं । क्योंकि मैं तो खुद तुम्हें आरव की ज़िन्दगी से धक्के मार कर बाहर फेकूंगी । और बाकी सब भी तुमसे नफ़रत करने लगेंगे । और तुम्हारे ज़ख्मों का कारण मैं बनूंगी ....., सिर्फ और सिर्फ मैं .........।

कायरा मीशा को मुस्कुराते हुए खुद से अलग करती है । मिशा रेहान के पास जाती है और कहती है ।

मिशा - रेहान !!!! ( रेहान मीशा की ओर पलटता है ,तो मीशा कहती है ) थैंक्यू वेरी मच रेहान , तुमने मुझे माफ़ कर दिया और सभी को मेरे लिए समझाया भी।

रेहान ( उसे गुस्से से, आंखें दिखाते हुए कहता है ) - अभी तो मैंने तुम्हें माफ कर दिया है , पर मैं तुम्हें बहुत अच्छे से जनता हूं, मीशा !!! तुम आरव और कायरा को बेवकूफ बना सकती हो , पर हम सभी को नहीं । दोनों ही बहुत ही ज्यादा भोले हैं , गलतियों को भुलाकर , उसे सुधारने में विश्वाश रखते हैं। लेकिन मैं और उनके अलावा बाकी सब , ये बात बहुत अच्छे से जानते हैं, कि तुम्हारी हर एक हरकत के पीछे कोई न कोई वजह होती है । और अगर ये सब किसी वजह की के कारण तुमने किया है , तो याद रखना , जो अगर तुमने सारे दोस्तों में से और खास कर कायरा और रूही में से किसी को भी तकलीफ पहुंचाने की कोशिश की , तो मुझसे बुरा तुम्हारे लिए कोई नहीं होगा ।

इतना कह कर रेहान मीशा को साइड कर , आरव के पास चला जाता है । मिशा उसे जलती हुई आंखों से देखते हुए कहती है ।

मिशा ( मन में ) - कारण और वजह, दोनों ही बहुत बड़ी है मेरे पास, रेहान !!!!! पर अफसोस , उस वजह के कारण , सिर्फ तुम्हारी कायरा ही नहीं , तुम सब भी उसका खामियाजा बहुत अच्छे से भुगतोगे । और तुम जो अभी धमकी देकर गए हो ना मुझे , जब मैं अपने पांसें फेकुंगी , तो तुम भी मुझे मात नहीं दे पाओगे , और तब तुम्हारी ये धमकी धरी की धरी रह जाएगी ।

इतना कह कर मीशा हल्का सा मुस्कुरा देती है । सभी घड़ी में टाइम देख कर , ऑडिटोरियम से बाहर निकल कर , कैंटीन में बैठ जाते हैं । आरव , कायरा , आदित्य , राहुल और नील ऑफिस के लिए जाते हैं । रूही का मीशा को देखकर कॉलेज में मन नहीं लग रहा था , तो वह मार्केट का बहाना बना कर, अपने घर चली जाती है ।

अंशिका अपनी फ्रेंड के बुलाने पर , उसके साथ चली जाती है । तो रेहान भी बहाना बना कर , उसके पीछे चल देता है पर अंशिका को इस बात की खबर नहीं रहती । बाकी सब भी अपने - अपने कामों में बिज़ी हो जाते हैं ।

क्रमशः