रिस्की लव - 43 Ashish Kumar Trivedi द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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रिस्की लव - 43



(43)

अंजन ने गौर किया। सिक्योरिटी इंचार्ज के अलावा दो लोग और थे। उसने अपनी गन सागर खत्री के सर से सटाकर कहा,
"मुझे मीरा को लेकर यहाँ से जाने दो नहीं तो इसका सर उड़ा दूँगा।"
सागर खत्री पहले ही नशे में था। मार खाने के बाद उसमें अंजन का विरोध करने की क्षमता नहीं बची थी।‌ पर उसका दिमाग चल रहा था। उसने सोचा कि अगर अंजन को रोकने की कोशिश करेगा तो वह उसे जान से मार सकता है। उसे जाने देना ही अक्लमंदी है। अंजन यहाँ किसी को जानता भी नहीं है। उसके पास साधन भी नहीं हैं। यहाँ से निकल भी गया तो कहाँ जाएगा। उसने सिक्योरिटी इंचार्ज से कहा,
"इसे इस लड़की के साथ जाने दो।"
सिक्योरिटी इंचार्ज और उसके साथी पीछे हट गए। अंजन ने उनसे कहा कि वह अपनी गन ज़मीन में रखकर पीछे दीवार की तरफ मुंह करके खड़े हो जाएं। उन्होंने अंजन की बात मान ली। उसके बाद अंजन ने मीरा से कहा कि वह एक गन उठा ले। अंजन ने उसे गन सागर खत्री के सर पर लगाने को कहा।
मीरा ने गन सागर खत्री के सर पर लगा दी। अंजन ने फुर्ती दिखाते हुए अपनी गन से सिक्योरिटी इंचार्ज और उसके साथियों को मार दिया। उसके बाद उसने गन सागर खत्री पर तान दी। वह घबरा गया। उसने कहा,
"ये क्या है ? मैंने तुम्हें जाने की इजाज़त दे दी थी। इन लोगों को क्यों मारा‌ ?"
"इन्हें छोड़ देता तो ये लोग मेरे पीछे आते। मैं अपने रास्ते में कोई खतरा नहीं छोड़ना चाहता हूँ।"
"अंजन.... तुम पहले ही मुसीबत से घिरे हुए थे। यह सब करके तुमने बड़ी गलती की है। तुमको क्या लगता है कि अब तुम्हारा रास्ता आसान हो गया। गोलियों की आवाज़ सुनकर सिक्योरिटी के दूसरे लोग ऊपर आते होंगे।"
अंजन ने कहा,
"सिक्योरिटी में पाँच लोग थे। एक को यहाँ आते समय मार दिया था। तीन अब मर गए। एक बचा है। निपट लूँगा। फिर तुम तो हो मेरी ढाल बनने के लिए।"
अंजन ने मीरा से कहा कि वह गन लेकर सावधान रहे। अंजन सागर खत्री को अपनी गन प्वाइंट पर लेकर दरवाज़े की तरफ बढ़ा। उसने मीरा से कहा कि वह सावधानी से दरवाज़ा खोले। मीरा ने दरवाज़ा खोला और उसकी आड़ में छिप गई। अंजन ने कहा,
"सागर ‌मेरे निशाने पर है। इसलिए अगर कोई घात लगाए बैठा है और उसने कोई हरकत की, तो समझ ले कि ‌सागर की मौत का ज़िम्मेदार वह होगा।"
अंजन ने मीरा को तैयार रहने के लिए कहा। वह सागर खत्री को लेकर दरवाज़े की तरफ बढ़ा। सागर खत्री को आगे किए हुए वह बाहर निकला। लॉबी में बचा हुआ सिक्योरिटी का आदमी था। वह अपनी गन उसकी तरफ तान कर बोला,
"सर को छोड़ दो।"
अंजन ने हंसकर कहा,
"छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा है। लेकिन तुमने अगर कोई हिमाकत‌ की तो इसके लिए अच्छा नहीं होगा।"
इसी बीच मीरा ने बाहर आकर उस आदमी पर गोली चला दी। लेकिन गोली उसके बाजू पर लगी। गन उसके हाथ से छूटकर गिर गई। अंजन ने अपनी गन से उसे मार दिया। लेकिन इस बीच में मौका देखकर सागर खत्री ने अंजन को धक्का दिया। वह लड़खड़ा गया। सागर खत्री ने ज़मीन पर गिरी गन उठाकर उस पर तान दी।
सागर खत्री की तरफ मीरा और अंजन दोनों की गन्स का निशाना था। सागर खत्री अंजन पर निशाना लगाए खड़ा था। अंजन की निगाह सागर खत्री पर टिकी हुई थी। वह उस पल की राह देख रहा था जब सागर खत्री कुछ गलती करे। मीरा समझ रही थी कि अंजन बस एक मौके की तलाश में है। वह जानबूझकर सागर खत्री की तरफ बढ़ी। सागर खत्री की निगाह उसकी तरफ गई। अंजन ने कोई चूक नहीं की। सागर खत्री ज़मीन पर गिरा था। गोली उसके सर पर लगी थी।

अंजन मीरा के साथ नीचे आया। अलीशिया उसकी राह देख रही ‌थी। सागर खत्री के मारे जाने की बात सुनकर वह बहुत खुश हुई।

सागर खत्री मारा गया था। लेकिन अंजन जानता था कि उसके लिए यहाँ रहना उचित नहीं होगा। सागर खत्री के वफादार उसे नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए उसने जल्दी से जल्दी वहाँ से निकलने के बारे में सोचा। पर समझ नहीं पा रहा था कि कहाँ जाए। मीरा ने उसे बताया कि किडनैप होने से पहले वह निर्भय के दिए घर में रह रही थी।‌ वहाँ उसका सामान और कुछ पैसे हैं। वो लोग वहाँ जा सकते हैं।
अंजन उसकी बात पर राजी हो गया। वह सागर खत्री के कमरे में गया। अलीशिया की मदद से उसकी अलमारी से कुछ पैसे निकाले। उसने अलीशिया को भी अपना कुछ ज़रूरी सामान रखने के लिए कह दिया। उसके बाद वह मीरा और अलीशिया के साथ निर्भय के घर के लिए निकल गया।

एसीपी सत्यपाल वागले ने हर उस व्यक्ति पर नज़र बना रखी थी जो अंजन से जुड़ा हुआ था। इनमें विधायक दिनेश कांबले भी था। एसीपी सत्यपाल वागले को विधायक दिनेश कांबले और अंजन के बीच हुई कॉल के डीटेल मिल गए। उस डीटेल के बल पर एसीपी सत्यपाल वागले ने विधायक दिनेश कांबले को पूँछताछ के लिए बुलाया।
विधायक दिनेश कांबले ने स्वीकार कर लिया कि ‌अंजन ने उससे मदद मांगने के लिए फोन किया था। लेकिन उसने मदद करने से इंकार कर दिया।
पुलिस ने उस नंबर के ज़रिए पता कर लिया कि कॉल सिंगापुर से आई थी। मुंबई पुलिस ने फौरन अंजन के डीटेल्स सिंगापुर भिजवाए ताकी अंजन को पकड़ने में मदद मिल सके। सिंगापुर पुलिस की तरफ से मदद का आश्वासन मिलने पर मुंबई पुलिस अपना एक दल सिंगापुर भेजने के लिए तैयार हो गई। एसीपी सत्यपाल वागले अपने कुछ चुने हुए लोगों के साथ सिंगापुर जाने की तैयारी करने लगा।

निर्भय के घर पहुँचने के बाद अंजन को एक ठिकाना मिल गया था। पर वह जानता था कि उसके लिए चैन से बैठने का समय नहीं है। उसे जल्द ही कुछ भी करके यहाँ से निकलना होगा। ताकी अपना सबकुछ फिर से पा सके। लेकिन उससे पहले उसे मीरा को सुरक्षित करना था। वह नहीं चाहता था कि उसके कारण मीरा पर कोई मुश्किल आए। उसका एक ही तरीका था। मीरा लंदन वापस चली जाए।

मीरा अपने कमरे में बैठी थी। उसके दिमाग में अंजन ही घूम रहा था। जिस बहादुरी के साथ उसने उसे सागर खत्री के जुल्म से बचाया था। उससे वह बहुत प्रभावित हुई थी। अंजन का यह कहना उसके दिल को छू गया था कि मीरा को वह इसलिए बचाना चाहता है क्योंकी उसने उससे प्यार किया था। उसे अपनी पत्नी बनाना चाहता था। इसलिए उसके रहते सागर खत्री उसे हाथ भी नहीं लगा सकता है।
उस पल के बाद से ही जैसे मीरा ने खुद को अंजन के लिए समर्पित कर दिया था। अब वह बाकी की ज़िन्दगी उसके साथ बिताना चाहती थी। उसे पता था कि अंजन इस वक्त मुश्किल दौर से गुजर रहा है। लेकिन उसे इस बात का पूरा यकीन था कि एक दिन वह अपना सबकुछ दोबारा पा लेगा। वह उसके साथ आने वाले जीवन के सपने देखने लगी थी।
उसके कमरे के दरवाज़े पर नॉक हुई। उसने दरवाज़ा खोला तो अंजन था। अंजन ने उससे कहा,
"मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी।"
"तो अंदर आ जाओ।"
कहकर मीरा दरवाज़ा छोड़कर खड़ी हो गई। अंजन भीतर जाकर बैठ गया। मीरा उसके ‌पास बैठते हुए बोली,
"कहो क्या बात करनी है।"
अंजन सोचकर आया था कि उसे अपनी बात कैसे कहनी है। उसने सीधे सीधे कहा,
"मैं सोच रहा था कि अब तुम अलीशिया के साथ लंदन वापस चली जाओ। वहांँ तुम सुरक्षित रहोगी और अपना जीवन फिर से शुरू कर सकती हो। इसलिए जाने की तैयारी करो।"
उसकी बात सुनकर मीरा ने कहा,
"अंजन मानती हूँ कि मैंने तुम्हारे साथ धोखा किया था। लेकिन मुझे उस बात का बहुत पछतावा है। अब मैं तुम्हारे साथ अपना जीवन बिताना चाहती हूंँ। क्या तुम मुझे माफ नहीं कर सकते ?"
अंजन गंभीर हो गया। कुछ सोचकर बोला,
"इस वक्त मैं यह सब सोच सकने की स्थिति में नहीं हूंँ। अभी तो मुझे अपने लिए ज़मीन तलाश करनी है। मेरा सबकुछ छिन गया है। जब तक उसे दोबारा पा ना लूँ इन सब बातों के बारे में सोचना ही नहीं है। इसलिए तुम यह सब छोड़कर चुपचाप लंदन जाने की तैयारी करो।"
मीरा को अच्छा नहीं लगा। उसने कुछ कहना चाहा तो अंजन ने उसे रोककर कहा,
"मीरा बात को समझो। अगर अभी भावनाओं में पड़ गया तो अपना कुछ भी वापस नहीं ले पाऊंँगा। ना खुद खुश रहूँगा और ना तुमको रख पाऊँगा।"
यह‌ कहकर अंजन उसके कमरे से चला गया।
मीरा उसकी इस बात पर विचार करने लगी। ढंग से सोचने पर उसे इस बात में अपने लिए एक उम्मीद नज़र आई। वह सोचने लगी कि अगर उसे अंजन का साथ चाहिए तो उसकी कमज़ोरी बनने की बजाय उसकई सहायता करनी चाहिए। वह उसे निश्चिंत छोड़ दे अभी यही उसके लिए सबसे बड़ी सहायता होगी।
वह लंदन वापस जाने को तैयार हो गई।

अलीशिया भी अब अपने आगे के जीवन के बारे ‌में सोच रही थी। वह सागर खत्री के साथ यह सोचकर आई थी कि वह उसे प्यार करता है। लेकिन सच तो यह था कि वह बस उसके शरीर को खिलौना मान कर खेलता था। अब वह एक नए सिरे से अपनी ज़िंदगी शुरू करना चाहती थी। अंजन ने जब उसे मीरा के साथ लंदन जाने को कहा तो वह मान गई।