प्यार Ka જાદુ - 1 Arya Shah द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार Ka જાદુ - 1

जब तक ज़िंदगी मैं कुछ जादू ना हो तब तक ज़िंदगी निकलती नहीं है। कुछ ऐसा ही मेहसूस कर रहा था सेम। १६ वर्ष पूर्ण करके वो १७ साल का होने वाला था।और ये १६ से लेकर २२ साल तक सबकी जिंदगी में एक जादू तो अवश्य होता है, और वो जादू और किसी का नही बल्कि प्यार का जादू होता है।और सेम को भी ये जादू होगया था। जब वो ११ वी मैं था तब इसको एक लड़की पसंद आई उसका नाम संजना था पर उसे प्यार से संजू बुलाते थे। सेम और संजना एक सादी में मिले थे। वैसा दोनो बचपन के दोस्त रह चुके थे। सेम जब ८ साल का था तब ही उसने अपना गांव छोड़ कर शहर आ गया था अपने परिवार के साथ।और संजना भी इसी गांव में रहती थी।संजना और सेम दोनो बचपन से ही अच्छे दोस्त रह चुके है। लेकिन जब सेम शहर चला गया तो वो एक दूसरे को कॉन्टैक्ट नही कर पाए। पर आज जब इतने सालो के बाद मिले तो वो बोहत खुश हुए। वो पूरी सादी एक दूसरे के साथ ही रहें, इस बार सेम और संजू ने एक दूसरे के कॉन्टैक्ट मैं रहने के लिया अपना फोन नंबर दे दिया। इसी साल सेम को आपने गांव जाना पड़ा। और वो दोनों वहा पे वापिस मिले उसी दौरान कब सेम को संजू से प्यार होगया उसका पता ही ना चला। वो मन ही मन उलझता गया की उससे बताया जाय या ना बताया जाय, ये सोचत सोचते दीवाली आगाई, और सेम ने ते कर दिया की वो उससे बताएगा, और उसने लाभ पंचमी के दिन उसने बोला के "पता नही कब और कैसे पर तुम्हारे प्यार का जादू मुजपे हो गया है।"
ये सुनके संजू थोड़ी देर चुप रही और सोचने लगी, आखिर मैं संजू ने सोच कर बोला की " सेम मुझे भी नही मालूम है कि तुमें कैसे मेरा प्यार का जादू चल गया, पर मुझे माफ करना मैं आपने मां बाप जहां कहेंगे वहा ही सादी करूंगी।"
ये सुनते ही पांव तले जमीन ही निकल गई..….…..…
सेम को इस बात का इतना दर्द हुवा की वो आगे कुछ बोल ही न पाया, और बोल भी कैसे पता आखीर में पहला प्यार मैं ही ठुकरा गया था, सेम ने ३ महीने लगातार कोशीस की वो ना को हा में बदल दे, पर हर कोशीस नाकाम्यब हुई, आखिर मैं सेम हार मान ली, और वो कोशीसे छोड़ दी, आखिर मैं सेम ने पूछा "चलो कोई बात नही हम दोस्त तो है ना?"
उस वक्त संजू ने हा तो बोला पर अब वो बाते पहले जेसी नही थी। कुछ महीनों के बाद दोनो ने एक दूसरे के साथ बात करना ही छोड़ दिया। सब जगा से दोनों ने एक दूसरे को ब्लॉक कर दिया। सेम उसके और संजू के साथ बिताए हुवे पल को डोरा रहा है और वो पल को सोच कर अंदर ही अंदर रो रहा था। वो हसीन पल, वो खूबसूरत यादें, सब खत्म अब तो संजू से बाते भी कैसे करू? अब तो वो मुजे देखना भी पसंद नही करती।समय बीतता गया और सेम के दिमाग में संजू की यादें और बस्ती गई, पर ये जादू ऐसा है की दूसरे के आ जाने से पहला वाला का जादू चला जाता है, और वैसा ही कुछ हुवा, सेम जहां पे रहता था वो जगा पे एक लड़की रहने आई, और लड़की भी परी जैसी दिखने वाली और उसका नाम रंजन, सेम और रंजन की दोस्ती थोड़े ही दिन मैं घेरी हो गई, वो एक दूसरे को अपनी सारे बाते शेयर करते थे।
वक्त बीत ता गया और सेम ने आपने प्यार का इजहार किया, इस बार भी सेम का इजहार मंजूर नही हुवा, पर रंजन सेम के साथ जीवन भर की दोस्ती रखने का वादा करती है, और ये वादा वो निभा रही है। समय निकले मैं देर कैसी होती है, सेम कुछ महीनों से अब मायूस सा होगया था। उससे परिवार, दोस्त, सब से चीड़ सा गया था। एक दिन सेम को उसके एक मित्र का फोन आया.......




To Be Continued.......