जिन और एक मासूम लड़की की कहानी afrose द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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जिन और एक मासूम लड़की की कहानी

एक दीन एक आदमी एक मोलाना के पास आकर अपनी आप बीती बताता है वह बताता है की में अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हु हमारी शादी को 14 साल हो गये है पर हमे कोई बच्चा नही है जिससे मेरे घर वाले बहुत परेशान रहते है वो मुझे आपने पास नही आने देती पूरा दीन वो ठीक रहेगी पर शाम होते होते या तो में ठीक नही रहता या उस की तबियत बिगड़ जाती है पता नही वह किस के लिए हर वक़्त सजी सवरी रहती है मोलाना ने उस आदमी से बोला अपनी उसकी को कल मेरे पास ले कर आना अगले दीन वह आदमी अपनी बीवी को मोलाना साहब के पास चलने को बोलता है तो वह जाने से साफ़ मना कर देती है वह आदमी फिर से मोलाना के पास आकर बोलता है की उसने आने से मना कर दिया मोलाना साहब ने कहा जब तक आप उन्हें नही लाओगे हम केसे पता लगायेगे की बात क्या है वह आदमी सारी बात अपने घरवालो को बताता है घर वाले सब मिलकर उसे समझाते है तो वह चलने को तयार हो जाती है मोलाना साहब उन से पूछते है की आप एसा क्यू करती हो तो वह कुछ नही बोलती मोलाना साहब फिर दोबारा पूछते है कहती है एसा कुछ नही जेसे इन्होने आप को बताया है मोलाना साहब कहते है आप झूट किस से बोल रही है मुझ से या उपर वाले से वह तब भी चुप रहती है मोलाना साहब बोलते है की तुम जिस के लिए झूट बोल रही हो में उसे मार दूंगा तभी वह तेजी से रोने लगती है और बोलती है की आप ऐसा मत करे में उसे बहुत मुहब्बत करती हु में मर जाउंगी उस के बगेर मोलाना साहब बोले कोन है वो और कितने दीन से तुम उस के साथ हो में बहुत ही चुप रहा करती थी न मेरा कोई भाई बहन था न ही कोई सहेली में बिलकुल अकेली थी और न ही मेरी अम्मी मुझ पर कोई खास ध्यान देती थी में हमेशा खाली वक़्त में घुटनों में सर देकर बेठी रहती या अपनी पड़ाई करती एक हमारे घर के आंगन में एक जामुन का घना पेड़ था जिस के नीचे में अक्सर बेठा करती थी एक दीन में नहा कर जामुन के पेड़ के निचे अपने बाल तोलिये से झाड़ रही थी मेरी अम्मी मुझे अक्सर एसा करने से मना किया करती थी पर मुझ पर उन की बातो का कोई असर न होता उस दीन मुझे अपने कंधो पर अजीब सा वजन महसूस हुआ काफी देर तक में अपने सर और कंधो को झटक रही थी पर मुझे वही भारीपन महसूस होता रहा ये बात मेने अपनी अम्मी से बोली पर उन्होंने मेरी बात नही सुनी और मुझे डाट कर अपने कमरे में जाने को कहा में अपने कमरे में आकर अपनी पड़ाई करने लगी पड़ते -पड़ते मेरी आंख लग गयी और में सो गयी काफी देर बाद मुझे महसूस हुआ की कोई मेरे बिस्तर पर मेरे साथ लेटा हुआ है और मेरे बालो में हाथ फेर रहा है तभी मेरी घबरा कर आंखे खुल गयी फिर मेने देखा मेरे पास कोई नही है में बहुत डर गयी थोड़ी देर बाद में फिर से सो गयी उस दीन के बाद में अपने आस पास एक अजीब सा एहसास महसूस करती थी की कोई मेरे साथ रहता है मेरे सारे काम खुद में खुद हो जाते मेरे मन में जो भी बात आती वो बगेर मेरे करे अपने आप ही हो जाती अगर मुझे प्यास लगी है तो मेरे हाथ में पानी का गिलास अपने आप ही आ जाता मेरा घर का स्कूल का सारा काम अपने आप ही हो जाता अब मेरे इम्तिहान में भी अच्छे नंबर आने लगे थे अब हर कोई मुझ से दोस्ती के लिए कायल रहने लगा ये तो मुझे पक्का पता चल गया था की कोई मेरे साथ रहता है में उसे हमेशा अपने साथ महसूस करती मेरे कमरे में वह मुझे अपनी मोजुदगी का महसूस कराता था कभी हल्का सा हवा का झोका देकर कभी पर्दे हिलाकर तो कभी चीजो को छेड़ कर पहले पहले तो मुझे बहुत डर लगता था फिर मुझे उस का साथ अच्छा लगने लगा और उस की वजह से हमारे घर के हालात भी काफी बेहतर हो गये थे एक बार वह कही चला गया मुझे उस की कमी बहुत महसुस हुई एक दीन में अकेली उदास अपने कमरे बेठी हुई थी तभी खिड़की से तेज हवा का झोका आया मेरे मन को लगा जेसे वो आ गया है मेने अपने मन में सोचा काश कोई खुबसूरत सा इन्सान मेरी इतनी प्रवाह करता मेरा इतना ख्याल रखता जिस के साथ में अपनी सारी जिंदगी बिता सकती ये बात मेरे मन में ही थी तभी एक बहुत ही खुबसुरत नोजवान मेरे सामने खड़ा हुआ है और मेरी तरफ देख रहा है में तो सुन्न होकर उसे देखती ही रही मेरे तो जेसे हॉट सिल ही गये हो और वो धीरे -धीरे मुस्कुरा रहा था फिर वो मेरे पास आकर बोला क्या हुआ में इन्सान नही हूँ प्यार तो तुमसे बहुत करता हूँ में तुम्हारा बहुत ख्याल रखूँगा हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा तुम्हे कभी अकेला नही छोडूगा आज से तुम्हारी सारी परेशानी तुम्हारे सारे दुःख मेरी है ये कह कर मुझे गले से लगा लिया अब हम दोनों साथ रहते वो मेरे साथ कॉलेज भी जाता था मेरे कॉलेज का आखरी साल चल रहा था मेरी पड़ाई और मेरी खूबसूरती को देखते हुए मेरे काफी रिश्ते आने शुरू हो गये मेने अपने कॉलेज में टॉप किया था और में एक अच्छी डोक्टर बन गयी थी हम दोनों का रिश्ता भी काफी आगे पहुँच गया था हुम दोनो एक दुसरे के बिना नही रह सकते थे

मेरी अम्मी इन सब चीजो को भांप गयी थी की हमारे घर के हालात और मेरी कमियाबी के पीछे किसी जिन का हाथ है जो हर पल मेरे साथ रहता है एक दीन मेरी अम्मी ने मुझे बुलाकर कहा की तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा रिश्ता आया है में मना ही करने वाली थी तभी अम्मी बोली मुझे सब पता है तुम्हारे और उस जिन के बारे में ये गलत है अबतक जो होना था हो चूका अब वो होगा जो में कहूंगी में अम्मी की बात न टाल सकी और अपने कमरे में आ गयी तभी उसने मुझे कहा जो तुम्हारी अम्मी जो कह रही है ये नही हो सकता में तुम्हारे घर को आग लगा दूंगा में ये सब नही होने दूंगा में तुम्हारे घर के हालात पहले जेसे ही कर दूंगा मेने कहा तुम ऐसा कुछ नही करोगे मेरी अम्मी मुझे वेसे ही पसंद नही करती में सारी जिंदगी अपनी माँ के प्यार को तरसी हूँ में अपनी अम्मी को अपने से और ज्यादा दूर नही कर सकती उन की बात न मानकर मेरी अम्मी दिल की मरीज है अगर उन्हें मेरी वजह से कुछ हो गया तो में अपने आप को कभी माफ़ नही कर पाउंगी में शादी जरुर करूंगी लेकिन में सारी जिंदगी तुम्हारी ही रहूंगी तुम मेरे साथ ही रहोगे ठीक है में तुम्हारी बात मानता हूँ तभी से वो मेरे साथ ही है वो कभी भी इन्हें मेरे नजदीक नही आने देते ये कभी भी मेरे नजदीक आने की कोशिश करते तो इन्हें कुछ न कुछ करदेता था और ये पीछे हट जाते और फिर हम दोनों साथ ही रहते में उस के बगेर नही जी सकती में मर जाउंगी अगर आप ने उसे कुछ भी किया तो मोलाना साहब ने कहा बेटी इन्शान और जिन का मिलन कभी नही हो सकता उन की दुनिया अलग है और हमारी दुनिया अलग है ये दोनों एक साथ नही चल सकते वो लड़की मोलाना साहब की बात सुनते और अपनी बात