रिस्की लव - 25 Ashish Kumar Trivedi द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

रिस्की लव - 25


(25)

अंजन ने सागर को सबकुछ बता दिया। कैसे उसने मानवी को अपने प्यार के जाल में फंसा कर शादी की थी। उसके ज़रिए उसके भाई की दौलत और बिज़नेस पर कब्ज़ा किया। पहले दोनों भाइयों को मरवाया और फिर मानवी को उसके प्रेमी निर्भय के साथ मरवाने का प्रयास किया। पर दोनों बच गए। उन दोनों ने मिलकर ही उस पर हमला किया था।
अंजन ने सागर से कहा,
"एक बात और मुझे परेशान करती है। आखिर वह कौन है जिसने ‌मेरे शिमरिंग स्टार्स में होने की खबर उन दोनों को दी होगी।"
सागर अपनी सीट से उठकर खड़ा हो गया। वह कमरे में इधर उधर टहलने लगा। वह एकदम शांत था।‌ अंजन समझ रहा था कि उसका दिमाग किसी एक दिशा में काम कर रहा है। इसलिए वह उसे डिस्टर्ब नहीं कर रहा था।‌ करीब दस मिनट तक सागर अपने मन में कुछ हिसाब किताब लगाता रहा।‌ उसके बाद वापस आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गया। उसने अंजन की तरफ देखकर कहा,
"मुझे ऐसा लगता है कि लंदन वाली बात हमें गुमराह करने के लिए की गई है। मानवी और निर्भय कहीं और ही हैं। जिसने तुम्हारे बीच हाउस में होने की खबर दी वह भी उनके साथ मिला हुआ है।"
अंजन ने कुछ सोचकर कहा,
"तुम्हारा अंदाज़ा सही है। तभी इतना तलाशने पर भी दोनों लंदन में नहीं मिले। मेरी खबर पहुँचाने वाले ने ही यह सब किया होगा।"
सागर ने गंभीर आवाज़ में कहा,
"तुमको क्या लगता है कि तुम्हारे बीच हाउस में होने की खबर किसने दी होगी ?"
सागर ने जिस गंभीरता से यह बात कही थी उसे सुनकर अंजन परेशान हो गया। वह बोला,
"यही तो समझ नहीं आ रहा है। मुझे पंकज और तरुण पर शक था। लेकिन वह शक बेकार था।"
"हाँ.... क्योंकी दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं। जबकी अभी भी तुम्हारा मुखबिर उन लोगों के साथ है।"
"हाँ यह बात तो है। वैसे मैंने सोचा था कि मानवी और निर्भय का पता चल जाएगा तो वह आदमी भी पकड़ा जाएगा।"
सागर ने फिर कुछ सोचकर कहा,
"सही है। ऐसा करो कि तुम उस जासूस एंथनी से कहो कि वह होटल के सिक्योरिटी इंचार्ज दर्शन वशिष्ठ पर निगाह रखे। मुझे लगता है कि वह उन दोनों के इशारे पर काम कर रहा है।"
"ठीक है मैं अभी उसे फोन करता हूंँ।"
"अंजन... मेरी मानो तो तुम भी इंडिया लौट जाओ। वहाँ रहकर तुम अपनी कोशिश करो। मैं यहाँ से अपनी कोशिश करता हूँ।"
अंजन को सागर की बात में दम लगा। उसने कहा,
"बात तुम्हारी सही है। पर मैं सोच रहा था कि एक बार मीरा से मुलाकात हो जाती। उससे बात करना ज़रूरी है। सागर मैं उसे बहुत चाहता हूँ।"
सागर ने अंजन को गौर से देखा। उसके बाद बोला,
"मीरा के आते ही मैं तुम्हें खबर कर दूँगा। लेकिन तुम्हारा इंडिया जाकर पता करना ही ठीक होगा।"
अंजन को लगा कि जिस तरह उसने उसकी तरफ देखकर यह बात कही है उसके कुछ मायने हैं। उसने कहा,
"कोई खास बात है सागर ?"
"जो भी है अब जल्दी ही सामने आ जाएगा।"
"ठीक है तो फिर मैं इंडिया के लिए निकलता हूँ।"
अगली फ्लाइट से ही अंजन इंडिया लौट गया।


मानवी और ‌निर्भय डिनर कर रहे थे।‌ तभी निर्भय का फोन बजा। सही सिग्नल ना आने के कारण वह बाहर जाकर बात करने लगा। मानवी का मन भी खाने में नहीं लगा। वह भी उठकर निर्भय के पीछे चली गई। जो आवाज़ें उसके कानों में पड़ रही थीं उससे मानवी को अंदाज़ा लग गया था कि किसका फोन है। वह आदमी अपने पैसों के लिए तकाज़ा कर रहा था। निर्भय समझा रहा था कि जो ‌थोड़े से पैसे बचे हैं वह भी जल्दी ही मिल जाएंगे।
बात समाप्त कर निर्भय मुड़ा तो पीछे मानवी को खड़ा हुआ पाया। मानवी ने कहा,
"अभी कितना देना है उसे ?"
"अधिक नहीं है। पर वह फिर भी पीछे पड़ा है।"
मानवी परेशान हो गई। निर्भय ने कहा,
"परेशान ना हो। वह कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा। उसे नहीं पता है कि हम यहाँ हैं। वैसे भी मैंने उसके पैसों का इंतज़ाम सोच लिया है।"
निर्भय ने मानवी का हाथ पकड़ा और उसे ‌अंदर ले गया। दोनों दोबारा खाना खाने लगे। पर दोनों का ही मन अब खाने में नहीं लग रहा था। दोनों ने ही थोड़ा सा खाना खाया फिर उठ गए। निर्भय ने एक एक ड्रिंक बनाया। एक ड्रिंक मानवी को देते हुए बोला,
"तुम चिंता मत करो। मैं सब संभाल लूँगा। अंजन को चैन से नहीं बैठने देंगे। उस पर हमला करने वाले हम दोनों हैं यह जानने के बाद वह बहुत तड़प रहा है।"
मानवी ने अपना ड्रिंक सिप करते हुए कहा,
"अभी तो जब उसे पता चलेगा कि हमारा साथ देने वाला कौन है तो उसका और भी बुरा हाल होगा। हम अब उसे इसी तरह झटके देकर कमज़ोर कर देंगे।"
"तुम चाहती थी ना उससे अपना सबकुछ छीनना। अब हम उसे मानसिक रूप से कमज़ोर कर तोड़ देंगे।"
दोनों कुछ देर ड्रिंक पीते हुए इसी तरह बातें करते रहे।‌ ड्रिंक खत्म करके निर्भय बेडरूम में चला गया। लेकिन मानवी ने कहा कि वह कुछ देर बाहर गार्डन में टहलेगी।
गार्डन में टहलते हुए मानवी एक बार फिर बीते वक्त को याद करने लगी।

नाइट क्लब में अंजन को उस लड़की के साथ देखने के बाद से ही मानवी का मन बदला लेने के लिए तड़पने लगा। पर अकेली वह कुछ करने की स्थिति में नहीं थी। उस समय उसे लग रहा था कि काश निर्भय उसके साथ होता। उसी समय एक बहुत ही सुखद इत्तेफाक उसके साथ घटा।
लंदन में वह लोगों के लिए मार्वल डिसूज़ा की विधवा जेनिफर थी। ऐसे में मार्वल के कुछ नज़दीकी लोगों के फंक्शन्स में उसे जाना पड़ता था। वह मार्वल के एक नज़दीकी दोस्त की शादी की बीसवीं सालगिरह की पार्टी में गई थी। वहाँ उसकी मुलाकात निर्भय से हो गई।
पार्टी के होस्ट ने जब मानवी का परिचय मार्वल की विधवा जेनिफर के रूप में कराया तो निर्भय ने अपने मन का अचरज छिपाते हुए उससे उसी रूप में मुलाकात की। पर मानवी और निर्भय दोनों ही एक दूसरे से अकेले में मिलकर एक दूसरे पर बीती सुनना चाहते थे। मौका देखकर निर्भय ने उसे अपनी कॉटेज का पता दे दिया जहाँ वह ठहरा हुआ था।
अगले दिन मानवी निर्भय से मिलने कॉटेज पहुँच गई। मानवी ने अपने पर बीती हर एक बात विस्तार से बता दी। उसे बताया कि किस तरह मार्वल की पत्नी बनकर वह लंदन आई।‌
निर्भय ने उसे बताया कि अपने एक दोस्त की मदद से वह सिंगापुर चला गया। वहाँ अपनी जान पहचान के कुछ लोगों से ‌सहायता लेकर अपना व्यापार शुरू किया। जल्दी ही उसमें सफल हो गया। लंदन वह किसी काम से आया था। कल की पार्टी के होस्ट से परिचय था। उसके बुलाने पर पार्टी में गया था।
उसने मानवी को बताया कि व्यापार में उसकी सफलता का कारण अंजन के लिए उसकी नफरत है। वह अंजन से बदला लेना चाहता था। अंजन की वजह से उसका सबकुछ बर्बाद हो गया। उसे मृत समझकर उसके माता पिता उसके गम में चल बसे। वह अंजन से बदला लेने के लिए तड़प रहा है।
मानवी ने उसे नाइट क्लब वाली बात बताई। उसे बताया कि अंजन शायद लंदन में ही है। यह खबर सुनकर निर्भय ने कहा कि मानवी अगर उसका साथ दे तो दोनों मिलकर अपने दुश्मन को सबक सिखा सकते हैं। मानवी तो खुद यही चाहती थी।

निर्भय ने मानवी के बताए हुए हुलिए के हिसाब से नाइट क्लब में उस लड़की के बारे में पता करवाया। उसे पता चला कि उस लड़की का नाम मीरा आसवानी है। वह एक स्कल्पचरिस्ट है। निर्भय ने ‌मीरा पर नज़र रखना शुरू कर दिया। उसने देखा कि अंजन दिन पर दिन मीरा के करीब आ रहा है। वह भारत लौटने से पहले उसके घर भी गया था।
उसने सारी बात मानवी को बताई। मानवी ने कहा कि अंजन एक दिलफेंक आशिक है। कुछ दिनों तक वह किसी लड़की के पीछे दीवाना बना फिरता है।‌ जब मन भर जाता है तो उसे अपनी ज़िंदगी से निकाल कर फेंक देता है। वह मीरा के साथ भी ऐसा ही करेगा। निर्भय को इस बात में एक अवसर नज़र आया। उसने मानवी से कहा कि वो दोनों मीरा को अपनी ओर करके अंजन के विरुद्ध इस्तेमाल कर सकते हैं। मानवी को उसकी बात समझ आ गई।
मानवी और निर्भय मीरा से मिले। मानवी ने उसे अंजन और अपनी कहानी सुनाई। उसे बताया कि कैसे अंजन ने उसके पिता समान भाइयों की हत्या कर उसका सबकुछ हड़प लिया। निर्भय अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने में उसकी मदद कर रहा था। अंजन ने उसे और निर्भय को जान से मरवाने का प्रयास किया। किस्मत अच्छी थी कि दोनों बच गए। अब दोनों उस अंजन से बदला लेना चाहते हैं। मानवी ने मीरा से कहा,
"अंजन भरोसे के लायक नहीं है। तुम उस पर भरोसा ना करके हमारा साथ दो।"
उसकी बात सुनकर मीरा कुछ देर तक सोचती रही। उसके बाद बोली,
"आप दोनों की बात पर मैं भरोसा क्यों करूँ ? आप लोगों का साथ देने में मेरा क्या फायदा है ?"
मीरा ने अपनी बात कहकर अपनी आँखें मानवी और निर्भय पर जमा दीं। उसके कहने का अंदाज़ बता रहा था कि वह उनकी मदद में अपना फायदा तलाश रही है। निर्भय ने कहा,
"तुम बताओ हमारी मदद करने के बदले में क्या चाहती हो ?"
निर्भय के इस सीधे प्रस्ताव पर मीरा मुस्कुरा दी। उसने बेझिझक कहा,
"मुझ पर कुछ कर्ज़ है। मैं पैसों के लिए अंजन के साथ नज़दीकी बढ़ा रही थी। आप लोग मेरे काम आइए और मैं आप लोगों के काम आ जाऊँगी।"
मानवी और निर्भय मीरा के काम आने को तैयार हो गए। उन्होंने उसका कर्ज़ उतार दिया। इसके अलावा भी पैसों से उसकी मदद करने की बात कही।
मीरा उनके साथ हो गई। उसने मानवी और निर्भय के कहने पर अंजन को अपना दीवाना बना लिया।