ज़ेब्रा क्रासिंग Sandeep Shrivastava द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ज़ेब्रा क्रासिंग

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रघुवन में दोपहर का समय था| झबरु ज़ेब्रा झाडिओं के बीच मजे से हरी हरी घास चर रहा था | टोनू तोता उसकी पीठ पे बैठा, अपनी चोंच से उसकी पीठ खुजा रहा था | दोनों अपनी मस्ती में मस्त थे | तभी थोड़ा दूर से झबरु को किसी ओर ज़ेब्रा के रोने की आवाज़ आई |

टोनू ने भी आवाज़ सुनी और बोला "झबरु क्या हुआ रो क्यों रहा है?"
झबरु बोला "अरे यह मैं नहीं हूँ आवाज़ कहीं दूर से आ रही है| "
टोनू ने बोला "चलो फिर चल कर देखते हैं|"

दोनों आवाज की दिशा में चल दिए | आवाज का पीछा करते हुए थोड़ा चलने पर वो नदी किनारे पुल के पास पहुंचे| उन्होंने देखा की नदी में दो आदमी नहा रहे थे और मस्ती कर रहे थे| सड़क के किनारे एक ट्रक खड़ा हुआ था | ज़ेब्रा की आवाज उसी ट्रक में से ही आ रही थी|

टोनू ने बोला "झबरु तू इधर ही रुक मैं पहले जा कर देख कर आता हूँ की क्या चक्कर है?"

टोनू उड़ते हुए ट्रक के पास पहुंचा| ट्रक के पीछे एक खिड़की थी जिसमें लोहे के सरिये लगे हुए थे | टोनू ने खिड़की में बैठ के अंदर झाँका| ट्रक के अंदर एक ज़ेब्रा बैठा हुआ था और वो रो रहा था |

टोनू ने उससे बोला "अरे सुनो, तुम कौन हो इस ट्रक मैं कैसे आये | "
उसने जवाब दिया "मेरा नाम ज़ेबा है और दूर जनक वन उधर रहती थी| मुझे एक शिकारी ने अपने जाल में फसा लिया था और अब मुझे किसी सर्कस में बेचने ले जा रहा है| मैं यहाँ से निकलना चाहती हूँ ? क्या तुम मेरी मदद करोगे?"
टोनू बोला "ज़ेबा, मैं जरूर तुम्हारी मदद करूँगा? मैं अपने साथी झबरु ज़ेब्रा के साथ कुछ योजना बनाता हूँ|" ऐसा कह कर टोनू चला गया | ज़ेबा को अँधेरे में एक आशा की किरण दिखाई दी|

टोनू, झबरु के पास पहुंचा और सारी बात बताई | दोनों बात चीत करते हए रघुवन के अंदर चले गए |

कुछ देर के बाद ट्रक चलने को तैयार हुआ | ड्राइवर ने ट्रक स्टार्ट किया और रेस दी | पीछे से उसे दो लड़कियों के बात करने की आवाज आई | उसने अपने साथी से पूछा "क्या तुम्हे पीछे से कुछ आवाज आई है?" इतने में पीछे से फिर से आवाज आई | आवाज एकदम साफ़ थी ऐसा लगा की कोई दो लड़कियां बात कर रही हैं | ड्राइवर ने खिड़की से झांक कर देखा, उसे कोई दिखाई नहीं दिया, ज़ेबा अकेले सो रही थी| आवाजें अब भी आ रही थीं| उनका कौतुहल बढ़ता जा रहा था |

दूसरा आदमी बोला "लगता है ज़ेब्रा सो रहा है, क्यों ना एक बार ट्रक का दरवाजा खोल के जांच कर ले| कहीं कोई अंदर ना घुस गया हो| जल्दी से दरवाजा फिर बंद कर देंगे| " ड्राइवर को सलाह ठीक लगी| दोनो मिल कर दरवाजा खोलने लगे|

जैसे ही दरवाजा खुला ज़ेबा ने छलांग लगाई और रघुवन में भागते भागते दूर चली गई | पीछे पीछे बबली गिलहरी छलांगे मारती हुई और टोनू तोता के साथ मिनी मैना उड़ते हुए बाहर निकल गए | तोता और मैना दोनों इंसानों जैसी आवाज की नक़ल कर सकते हैं, दोनों ने ही ट्रक के पीछे आवाजें निकाल कर उनको चकमा दिया | बबली ने ज़ेबा को बंधी हुई रस्सियां काट दीं थीं| यह तीनों ही ट्रक के पीछे खिड़की से प्रवेश कर गए थे| सब योजना टोनू और झबरु की थी| ड्राइवर और उसका साथी कुछ देर उधर उदास खड़े रहे फिर ट्रक में बैठ कर चले गए|

ज़ेबा अब रघुवन में सुरक्षित और स्वतन्त्र थी | रघुवन वासी भी उसे अपने बीच पाके खुश थे | सबसे ज्यादा खुश झबरु था, क्यूंकि उसे एक साथी मिल गई थी| ज़ेबा ने सबका धन्यवाद किया और सबने ज़ेबा का स्वागत किया|

फिर सबने मिलकर पार्टी करी |