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दिलसे रिशता

काहाणी शुरु करते हे . शिवांगी को बच्ची होती हे तब शिवांगी मर जाती हे तब उसका असली नाम राधा था तब दिपक बोलता हे राधा तब वो भी मर जाता है तब राधा टिव्ही मे काम करती थी तब उसे वीर से प्यार हो जाता है तब दोनो मे दोस्ती हो जाती है तब राधा बोलती हे आप मुझसे शादी करगे तब वीर बोलता हे मे शादी शुदा हो तब वीर बोलता हे लेकिन वो बोलता हे मेरी पत्नी बानी मर गइ तब मे शादी नही करुगा तब दोनो घर जाते हे तब वीर बोलता हे मा मे आगया हो तब उसकी मा बोलती हे दुसरी शादी करलो तब वो बोलता हे नही तब बानी बोलती हे नही मे शादी नही होने दुगी तब वीर कि मा बोलती हे तुम मेरे भाई के लडकी के साथ शादी करूगे तब वो उसे काबुब मे करलेती हे तब आती है राधा तब वो होश मे आता हे तब उसकी मा उसे बोलती हे तुम कोण हो तब वो बोलती हे मे वीर की दोस्त हो तब बानी बोलती हे ये लडकी वीर की जान बचाइ गी तब आती है बेला और बोलती हे ममजी मे वीर को बना लुगी तब बानी राधा के शरीर मे प्रवेश करती है और तब बेला उसके पास जाती हे तब राधा पेर से उसे गिराती हे तब उसे बोहत चोट लगती हे तब राधा बोलती हे वीर के मा से कि तुम वीर को कोछ भी नही कर सकती अब मे आगइ हो तब वीर की मा बोलती हे मे देखती हु तु इस घरसे केसे नही जाती तब राधा उसका हाथ पकडती हे और उसे बोलती तु मेरा कोछ नही कर सकती क्योकी मे बानी हो तब वीर की मा बोलती हे क्या तब बानी राधा के शरीर से बाहर आती है तब राधा बोलती हे क्या होवा तब वीर की मा बोलती हे कोछ नही तोम घर जाओ तब राधा घर जाती हे तब उसे कोछ तो होता हे उसे तब उसकी मा दिखती हे और दिपक भी तब वाहा बानी आती है और बोलती हे तुमे क्या हो रहा है तब दिपक बोलता हे मे इसे दुर लेने आया हुं तब बानी बोलती हे नही इसे नही ले जाओ तब बानी बोलती हे राधा को कोछ भी नही होगा मे वादा करती हु तब वो दोनो चले जाते हे दुसरे दिन बेला बोलती हे वीर हमे शादी करलेणी चाहिए तब वीर बोलता हे नही तब उसकी मा उसे काबुमे करलेती हे तब वो शादी केलिए तयार हो जाता है तब दोसरे दिन शादी थी तब सब चले जाते हे शादी के मंडप पे तब वाहा आती है राधा तब वीर हुश मे आता हे तब वीर की मा जादु करती है तब राधा के उपर बडा पथर गिरणे वाला था की तब वीर उसे खिच लेता हे तब वो बोलता हे मे राधा से शादी करूगा तब दोनो कि शादी हो जाती है तब बानी बोलती हे राधा के अंदर ऐसी शक्ती या हे जो किसको भी मार दे और बुराई से अच्छा मे लाए तब सब घर जाते हे तब बेला सिडियो पे तेल गिराती हे तब राधा आती है तब वो कुद जाती हे तब बेला कि मा और वीर की मा आती है और वो दोनो गिर जाते हे तब बेला कि मा बोलती हे तेल किसणे डाला तब राधा बोलती हे आपकी बेटी ने तब राधा को केसी तो आवाज आती है तब उसे एक कमरा दिखता हे तो वो वाहा जाती हे तब उसे वीर की मा दिखती हे तब बानी आती है और बोलती हे राधा ये वीर की असली या हे और वो नकली तब राधा वीर की असली मा को वीर के पास ले जाती हे और सब सच बता देती है तब सब मिलकर उस नकली मा के पास जाते हे तब वो बोलती हे अब सबको मार डालुगी तब वो बोलती हे बानी भी हे तब बोहत लढाई होती हे तब राधा बोलती हे बानी हमे वो शक्ती वापस लानी हुगी तब बानी और राधा तब दोनो मिलकर कैसा तो मंत्र बोलती हे तब बानी इनसान बन जाती है और दोनो के पास बोहत शक्ती या आया जाती हे और दोनो मिलकर उसे मार देते है और बेला को भी मार देते है तब बानी बोलती हे राधा चलो अब मुझे मुक्त मिल गइ हे तो तोम दोनो खुश रहो तो मे चलती हो तब वीर और राधा को बच्ची हो जाती है और वो बडी हो जाती है और वो बानी के जेसे दिखती थी और उसका नाम राणी रखा था तो इस तरहसे तो ये काहाणी याहा पे खतम हो जाती है THE END.

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