दोस्तो सबसे पहले तो आप सभी को रंगो से भरे होली के त्यौहार की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
दोस्तो होली का नाम सुनते ही पहला खयाल रंगो का आता है ,
हर दिशाओं में जगमगाता इन्द्रधनुष का सात रंगो से भरा त्यौहार है होली ।
और जब बात इस त्यौहार की आती है तो उसमें एक स्थान ऐसा भी है जहा की होली इतनी मशहूर है कि हर कोई एक बार तो वहां जाकर होली जरूर खेलना चाहेगा जी दोस्तो मैं बात कर रही हूं बृज की होली की ।
दोस्तो होली का जिक्र बरसाने की होली के उत्सव के बिना अधूरा है जहां राधा जी के गांव बरसाने की पावन धरती पर हर व्यक्ति धरता है स्त्री का रूप , क्यूंकि ऐसा करने से पुरुषों को अहसास होता है स्त्रियों की महत्ता का, उनके गुणों का, उनकी सुंदरता का ।
और होली वाले दिन तो बरसाने में आपको ऐसी ही खूबसूरती हर घर में देखने को मिलती है ।और बृज की होली तो होती ही स्त्रीवादिता के उत्सव को मनाने की ।
और राधा जी के गांव तो इस दिन बस स्त्री रंग ही नजर आता है ।
राधा रानी के मंदिर में खेली जाने वाली यह होली महिलाओं के गुणों की महत्ता को भी दर्शाती नज़र आती है तो जरूरत है इसके पीछे के कारण को जानने कि, की होली उत्सव को प्रेम के रंग में रंग जाने का त्यौहार क्यूं कहा जाता है ?
दोस्तो होली का त्योहार सबके प्रेम में रंग जाने का त्यौहार है और इसके पीछे एक बहुत ही ख़ूबसूरत कहानी भी है ।
दोस्तो ये बात तो आपने भी सुनी होगी कि जब राधा जी मजाक- मजाक में श्री कृष्ण को उनके सांवले रंग के लिए ताना देती थी तो एक दिन श्री कृष्ण ने मां यशोदा से शिकायत करते हुए कहा कि मैया राधा मुझे मेरे रंग के लिए चिढ़ाती है मेरा मजाक उड़ाती है ।तो मैया यशोदा ने भी कान्हा को बड़ा ही ख़ूबसूरत जवाब दिया कि कान्हा तुम भी राधा के मुख पर वही रंग लगादो जो तुम्हे भाता है ।
फिर क्या था चल पड़े नटखट कन्हैया अपनी राधा को अपने रंग में रंगने ।
दोस्तो होली रंगो का त्यौहार है,सबके प्रेम में रंग जाने का त्यौहार है तो इस दिन को "बुरा ना मानो होली है" के बहाने जबरदस्ती किसी को भी रंगने की कोशिश ना करे और अगर आपका भी कीसी से रंग लगवाने का मन नहीं हो तो उसे साफ मना करदे ।
किसी के साथ रंग को लेकर जबरदस्ती करने से आप उसके त्यौहार को फिका कर रहे है, उसकी खुशी को कम कर रहे है तो ऐसा कारण बिल्कुल ना बने ।
क्योंकि इस रंग लगाने के बहाने महिलाओं के साथ जो अभद्रता होती है वो सही नहीं है जरा सोचिए जिसके साथ ऐसा होता होगा तो उसे तो इतने खूबसूरत त्यौहार से भी डर लगने लग जाता होगा ,और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि वो इस दिन अपने आपको ऐसे रंग लगवाने से कितना बचती होगी ।
और हो सकता है फिर वो अपने घर वालो के साथ भी होली खेलने से मना कर देती होगी ।
तो मेरी आप सबसे यही गुजारिश है कि किसी का भी त्यौहार फीका ना करे सबको खुशियां मनाने का पूरा अधिकार है , इन रंगो में रंग जाने का पूरा अधिकार है तो किसी भी महिला के साथ अभद्रता बिल्कुल ना होने दे ।
माथे पर तिलक लगाकर इस त्यौहार की शोभा और अपने रिश्ते की गरिमा बनाए रखे । हर इंसान का आदर गले मिलकर करे और इस दिन को खूब इंजॉय करे ।
अपना पूरा ध्यान रखे कोविड की गाइडलाइन का पालन करना बिल्कुल न भुले ।