जीवन का रंगोत्सव Sonal Singh Suryavanshi द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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जीवन का रंगोत्सव

आधुनिक होली

सबसे रंगीन होली तो बच्चों की होती है। होली के दिन आने के दस बीस दिन पूर्व ही उनकी पिचकारी निकल जाती है। उनके शोर से घरवालों को पता चलता रहता है कि होली आने में अब कितना दिन है। बच्चे घरवालों को भी उत्साहित कर देते हैं। बच्चे एक-दूसरे को रंग लगाने की होड़ में रहते हैं। होली बीतने के बाद भी कुछ दिनों तक उनकी होली चलते रहती है। वहीं बड़े लोगों की अपनी टोली होती है जिसमें अब शालीनता नहीं रही।


मुझे याद है जब मैं छोटी थी। एकबार अपने काॅलोनी के बड़े लड़कों के साथ होली खेलने निकल गई थी। उस टोली में अकेले मैं ही बच्ची थी। मैं ठीक ठाक घर भी वापस आ गई। परंतु आज के जमाने में हम अगर उस घटना की कल्पना करेंगे तो यह संभव ही नहीं कि कोई मां बाप अपने बच्चे को उनके साथ जाने देते। त्योहार में भी असुरक्षा की भावना हमारे अपने समाज की ही देन है। आज लोग केवल अपने मस्ती के लिए नए नए नियम शुरू कर दिए हैं। कोई किसी को नाली में फेंक देता है तो कोई गोबर लपेट देता है। कपड़े फाड़ने का तो प्रचलन हो गया है। कुछ लोगों के लिए ये सब मस्ती है। ठीक है त्योहारों में मस्ती करनी चाहिए पर वो मस्ती ऐसी हो जिसमें सभ्यता हो। आज ऐसी फूहड़ता वाली हरकत करके हम अपने चरित्र का प्रमाण देते हैं व अपने त्योहार को भी बदनाम करते हैं। दूसरी तरफ लोग अश्लील गाने बजाकर डांस करते हैं।


जिस होली में पवित्र भगवान श्रीराम जी के गाने गाए जाते थे, कृष्ण जी के होली खेलने का वर्णन किया जाता था उसी त्योहार में हम आज ऐसी नीच हरकत करते हैं। जरूरत है हम अपने त्योहारों की गरिमा बनाए रखें और असमाजिक तत्वों से दूर रहें।

सभी रंग सकारात्मकता को दर्शाते हैं। लाल प्रेम दर्शाता है तो पीला उत्साह, गुलाबी रोमांच से भरता है तो नारंगी आशा में रहना सिखाता है। नीले रंग का भी प्रयोग होता है पर बहुत कम। बस यही रंग हमें अपने जीवन में भी भरना है। हम सकारात्मक रहें, और जीवन में सुख दुख तो जीवन का हिस्सा है पर जिस तरह हम नीला रंग बहुत कम लगाते हैं उसी तरह दुख भी आएंगे पर हम उसमें कम से कम विचलित हों। जैसे ज्यादातर लोग लाल रंग लगाते हैं उसी तरह हम अपने जीवन में भी प्यार ही प्यार बिखरने दें। दूसरे के उत्साह को देखकर हम भी उत्साहित हो, खुश हो ना कि ईर्ष्या करें। इस होली हम अपने जीवन का भी रंगोत्सव मनाए। जिसमे सकारात्मकता के रंग हो फिर आपका चेहरा भी इस रंग से खूबसूरत लगने लगेगा।


इस होली रंग जाओ प्रेम के रंग में

लेकर दया उदारता को संग में।

इंसानियत का रंग फैले हर तरफ

काम क्रोध जलाओ होलिका दहन में।।


आसमां के सातों रंग

आज जमीं पर छाए हैं।

लेकिन ये इंद्रधनुष नहीं

होली के रंग कहलाए है।।


गगन में गुलाल उड़े

धरती रंग से भीगे

बस यही होना चाहिए

खुशरंग हर जगह दिखे


आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं। जोगिरा सा...रा...रा...रा...होली है।