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पुरानी खबरों को खंगालते हुए नफीस के हाथ एक छोटी सी खबर लगी।
'शूटिंग में माहाराष्ट्र स्टेट स्तर के खिलाड़ी को गैर इरादतन हत्या के प्रयास में तीन साल की सजा।'
यह खबर 2011 की थी। जिस खिलाड़ी को सजा मिली थी वह तरुण काला था। नफीस को याद आया कि उन दिनों वह मुंबई के मराठी दैनिक शहर च्या दर्पण में ही था। उन दिनों अंजन ने तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ना शुरू किया था।
नफीस ने अब पुराने अखबारों से तरुण काला के बारे में और खबरें खंगालनी शुरू कीं। काफी खोजने के बाद उसे तरुण से संबंधित एक और खबर मिली।
2015 के एक मराठी अखबार में एक छोटा सा लेख था। इस लेख में बताया गया था कि तरुण काला को अच्छे बर्ताव के कारण डेढ़ साल की जेल के बाद ही छोड़ दिया गया था। उसके बाद तरुण ने एक नई पारी शुरू की। उसने फिश एक्सपोर्ट के बिज़नेस में कदम रखा। कुछ ही समय में इस बिज़नेस में अच्छी सफलता प्राप्त कर ली।
इसके अलावा नफीस को तरुण काला के बारे में कोई और खबर नहीं मिली।
कावेरी हॉस्पिटल के वॉर्ड ब्वॉय ने कहा था कि पंकज किसी तरुण काला के साथ बात कर रहा था। नफीस अब अंजन, पंकज और तरुण काला के बीच की डोर को पहचानने की कोशिश कर रहा था।
बहुत सोचने पर केवल एक बात उसकी समझ में आई। जिस अवधि में तरुण ने फिश एक्सपोर्ट के बिज़नेस में कदम रखा था उसी अवधि में अचानक रघुनाथ परिकर और उसके छोटे भाई यदुनाथ परिकर की रहस्यमय तरीके से हादसे में मौत हो गई थी। नफीस का क्राइम रिपोर्टर वाला दिमाग सक्रिय हो गया। उसने इन दो अलग अलग बातों को जोड़ने वाली डोर का पता लगाने का निश्चय किया।
शाहीन ने जॉर्ज एसोसिएट्स में दोबारा फाइल क्लर्क का जॉब शुरू कर दिया था। वैसे रोज़ सात बजे तक घर आ जाती थी। पर आज उसने फोन करके बता दिया था कि अपने अम्मी अब्बू से मिलने घर जा रही है। कुक खाना बनाकर रख जाएगी। उसे देर हो सकती है इसलिए खाने के लिए उसका इंतज़ार ना करे। खाना खा ले।
कुक टेबल पर खाना रख गई थी। नफीस को भूख लग रही थी। फ्रेश होने के बाद वह खाना खाने लगा। खाते हुए वह शाहीन के बारे में सोच रहा था। जबसे उसने दोबारा काम शुरू किया था नफीस से उसे वक्त ना देने की शिकायत करना बंद कर दिया था। अब वह खुद ही व्यस्त हो गई थी। वैसे बात सिर्फ इतनी नहीं थी। वह खुद भी प्रयास करता था कि समय मिलने पर उसके साथ वक्त बिताए। कहीं घुमाने के लिए ले जाय। वह शाहीन को खुश रखने की कोशिश करता था।
खाना खाकर वह प्लेट रखने किचन में गया था तभी उसका फोन बजा। उसने आकर फोन उठाया तो विनोद का फोन था। विनोद ने बताया कि उसने अपने खबरियों को काम में लगा दिया है। कोशिश कर रहा है कि जल्दी ही मुकेश के बारे में कुछ पता चल जाए।
विनोद से बात करने के बाद नफीस अपने स्टोररूम में गया। यहाँ एक कबर्ड था जिसमें उसने अपनी कुछ पुरानी फाइलें रखी हुई थीं। इन फाइलों में पुरानी खबरों के बारे में जानकारियां थीं। उसने वह फाइल निकाली जिसमें रघुनाथ परिकर और उसके भाई की मौत की खबर थी। उसने खबर पढ़नी शुरू की।
'मशहूर उद्योगपति रघुनाथ परिकर और उनके छोटे भाई यदुनाथ परिकर की एक हादसे में मौत हो गई। कंस्ट्रक्शन बिज़नेस में अपना अहम स्थान रखने वाले रघुनाथ परिकर अपने भाई के साथ अपने पैतृक गांव में कुलदेवी की पूजा करके लौट रहे थे। हाईवे पर अचानक उनकी कार अनियंत्रित होकर सामने से आ रही एक ट्रक से टकरा गई। दोनों भाइयों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। गाड़ी का ड्राइवर भी मारा गया।'
नफीस ने खोजकर देखा। सिर्फ एक और खबर थी। उसमें बताया गया था कि अंजन ने रघुनाथ और यदुनाथ का अंतिम संस्कार किया। अंजन परिकर बंधुओं की छोटी बहन मानवी का पति है। अंजन ने बड़े दुखी स्वर में बताया कि वह बड़े भाई रघुनाथ परिकर को अपने गुरु की तरह मानता था। अभी कुछ ही महीनों पहले उन्होंने अपना आशीर्वाद देकर उसे अपना बहनोई बनाया था। लेकिन अचानक उनके परिवार पर इतना बड़ा दुख आ पड़ा।
नफीस ने उस वक्त को याद करने का प्रयास किया। लगभग हर अखबार और न्यूज़ चैनल में सिर्फ हादसे की बात कही गई थी। हादसे की कोई जांच हुई हो ऐसा नहीं हुआ था। हाँ कुछ लोगों ने दबी जुबान से इस विषय में बात ज़रूर की थी कि दाल में कुछ काला है। पर कोई खुलकर सामने नहीं आया था।
उस समय नफीस ने भी इस बात पर खास ध्यान नहीं दिया था। पर अब उसे भी दाल में कुछ काला नज़र आ रहा था।
दो दिन और बीत गए थे लेकिन पंकज अभी तक कोई नई खबर लेकर नहीं आया था। अंजन के लिए हॉस्पिटल में टिकना मुश्किल हो रहा था। उसने डॉक्टर मेहरा को बुलाकर कहा कि उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज दे दें। डॉक्टर मेहरा ने समझाना चाहा कि अभी घाव गहरा है। कुछ दिन और हॉस्पिटल में रहना आवश्यक है।अंजन ने फैसला सुनाते हुए कहा,
"मेरे लिए अब और अधिक यहाँ रहना कठिन हो रहा है। आप ऐसा इंतजाम करें कि आगे की देखभाल मेरे बंगले पर हो सके।"
डॉक्टर मेहरा ने बहुत कोशिश की लेकिन अंजन नहीं माना। डॉक्टर मेहरा ने उसे डिस्चार्ज दे दिया। लेकिन साथ ही हीदायत दी कि जब तक घाव पूरी तरह भर नहीं जाता है उसे दवाएं लेते रहना पड़ेगा। उसे जो भी करना है अपने घर में रहकर करे। कहीं बाहर ना जाए। यह भी इंतजाम किया गया कि एक नर्स उसकी देखभाल के लिए उसके घर पर रहेगी। एक डॉक्टर आकर उसका चेकअप कर जाया करेगा।
इन सब इंतजामों के साथ अंजन अपने बंगले पर आ गया। आते ही उसने अपना काम संभाल लिया। इधर पंकज का व्यवहार उसे सही नहीं लग रहा था। इस मामले में वह जिस तरह की ढिलाई बरत रहा था वह शक पैदा करने वाली थी। पंकज उसका खास साथी रहा था। अंजन जानता था कि अगर वह चाहे तो कुछ ही समय में सब पता कर सकता था। लेकिन अभी वह पंकज पर किसी तरह का शक जाहिर नहीं करना चाहता था।
पंकज के अलावा भी कई ऐसे लोग थे जो अंजन के लिए काम करते थे। जिन पर वह भरोसा कर सकता था। उनमें से एक था एंथनी जैकब। एंथनी पेशे से एक जासूस था। वह पहले भी कुछ मामलों में उसके लिए जासूसी कर चुका था। अंजन ने एंथनी से संपर्क किया।
एंथनी उसके बंगले पर आकर उससे मिला। अंजन ने उसे सारी बात बताई। उसने एंथनी से कहा कि जितनी जल्दी हो सके उसे सच का पता लगाकर बताए।
अंजन अपनी बीती हुई ज़िंदगी में झांककर उस शख्स को तलाशने की कोशिश कर रहा था जो उसका दुश्मन हो सकता था।
मानवी से शादी करने के पीछे उसका मकसद रघुनाथ परिकर की बराबरी तक पहुँचना ही था।
लेकिन शुरू से ही वह इस मंसूबे के साथ मानवी की ओर बढ़ा हो ऐसा नहीं था। उस दिन जब पार्टी के बाद मानवी ने उसे मिलने के लिए बुलाया था तब उसके इतने नज़दीक रहते हुए वह उसकी खूबसूरती का दीवाना हो गया था। उस अवसर की तलाश में था जब वह मानवी से नज़दीकी बढ़ा सके।
जब उसे पता चला कि नवीन सौरांग मज़ागाओं में यॉट पर पार्टी कर रही मानवी का अपहरण करना चाहता है तो उसके हाथ अच्छा मौका लगा। फिल्मी हीरो की तरह वहाँ पहुँच कर उसने मानवी को नवीन के चंगुल से बचा लिया।
मानवी उसे दिल दे बैठी। दोनों एक दूसरे से मिलने लगे। अंजन जानता था कि मानवी अपने भाइयों की लाडली है। खासकर रघुनाथ परिकर उसे अपनी बेटी की तरह मानता है। वह कभी भी उसके और मानवी के रिश्ते को कबूल नहीं करेगा। यही हुआ भी। उसके और मानवी की रिश्ते की भनक पड़ते ही रघुनाथ परिकर ने उसे बुलाकर धमकाया और मानवी से दूर रहने को कहा।
अंजन अब तक विपरीत परिस्थितियों से लड़कर ही आगे बढ़ा था। रघुनाथ की इस धमकी से डरने की जगह उसके मन में आया कि मानवी रघुनाथ की कमज़ोरी है। उसके माध्यम से वह रघुनाथ के बिज़नेस और उसकी ज़िंदगी में दखल बना सकता है।
उसने अपनी चाल चलनी शुरू की। मानवी को फोन करके कहा कि वह उसे दिल की गहराई से चाहता है। लेकिन उनका रिश्ता आगे नहीं बढ़ सकता है। मानवी का भाई रघुनाथ ऐसा नहीं होने देगा। इसलिए वह बहुत दूर चला जाएगा। मानवी भी उसे भूल जाए। मानवी ने बताया कि उसके भाई ने उससे भी ऐसी ही बात की थी। लेकिन वह उसे नहीं भूल सकती है।
अंजन समझ गया था कि मानवी उसके प्यार में अपने भाई से बगावत भी कर सकती है। उसने मानवी को अपने प्लान में शामिल कर लिया। उसके कहने पर मानवी ने दबाव बनाने के लिए खुद को कमरे में बंद कर लिया। खाना पीना छोड़ दिया। आखिरी दांव अपने हाथ की नस काट कर खेला। उसने वह वक्त चुना जब नौकर खाना लेकर आता था।
मानवी को बचा लिया गया। अंजन ने डॉक्टर के साथ मिलकर उसके प्रैगनेट होने की बात कही। मानवी ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया।
रघुनाथ परिकर के लिए मानवी ही सबकुछ थी। वह झुक गए। अंजन को अपने बिज़नेस में हिस्सेदारी दी और उसकी शादी मानवी से करा दी।
अंजन बड़ी चालाकी से रघुनाथ परिकर का बहनोई बन गया। ना सिर्फ उसके परिवार में बल्कि उसके बिज़नेस में भी उसने अपना दखल बना लिया था। उसे वह सीढ़ी मिल गई थी जिसे चढ़कर वह उस ऊँचाई को छू सकता था जिसके वह सपने देखता था।
उसने मिले हुए अवसर का पूरा लाभ भी उठाया। रघुनाथ परिकर के सहारे तेज़ी से आगे बढ़ना शुरू कर दिया।
अपनी इस यात्रा में वह मानवी को एकदम भूल गया था। वह उससे शिकायत करने लगी। अपने सपनों को पूरा करने में व्यस्त अंजन को यह अच्छा नहीं लगता था।
उसके और मानवी के बीच झगड़े होने लगे।