रिस्की लव - 4 Ashish Kumar Trivedi द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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रिस्की लव - 4




(4)


रघुनाथ घर पहुँचा तो वह बहुत परेशान लग रहा था। नौकर उसके पास चाय लेकर पहुँचा तो उसने मानवी को बुला कर लाने का आदेश दिया। नौकर मानवी को बुला लाया। कमरे के बाहर पहुँच कर उसके कान में अंजन का नाम पड़ा तो वह रुक कर सुनने लगा। जो कुछ उसने सुना उसके हिसाब से रघुनाथ ने मानवी को अंजन से दूर रहने के लिए कहा। इस पर मानवी ने कहा कि वह अंजन को बहुत प्यार करती है। वह एक अच्छा इंसान है। इसलिए वह उसे छोड़ नहीं सकती है। नौकर को किसी के कदमों की आहट सुनाई पड़ी तो वह फौरन वहाँ से हट गया। उसने यदुनाथ को कमरे में जाते देखा था।
आधे घंटे तक कमरे में दोनों भाई मानवी को समझाते रहे। नौकर कुछ सुन नहीं पाया। लेकिन उसने मानवी को आँखों में आंसू भरकर कमरे से बाहर निकलते देखा था।
उसके बाद कई दिनों तक मानवी ने खुद को अपने कमरे में कैद कर लिया था। अक्सर जो खाना उसे कमरे में दिया जाता था वह वैसे ही ढका रखा रहता था जैसा नौकर छोड़ कर आता था। इस तरह एक हफ्ता बीत गया था।
एक दिन जब नौकर खाना लेकर गया तो घबराया हुआ वापस आया। मानवी ने अपने हाथ की नस काट ली थी। उसे फौरन अस्पताल पहुँचाया गया। कुछ देर की जद्दोजहद के बाद मानवी की जान बचाई जा सकी।

कुशल कहानी बताते हुए रुक गया। नफीस ने कहा,
"तो मानवी की आत्महत्या की कोशिश के कारण रघुनाथ को झुकना पड़ा।"
नफीस ने देखा कि कुशल कुछ सोच रहा है। उसने पूँछा,
"क्या बात है ? मैंने जो कहा उसके अलावा भी कुछ था क्या ?"
कुशल कुछ देर उसकी तरफ देखता रहा। वह मन में कुछ हिसाब लगा रहा था। जैसे सोच रहा हो कि कहा जाए या नहीं। उसकी उधेड़बुन देखकर नफीस बोला,
"कोई बात तो है। तुम गहरी सोच में हो। बताओ क्या सोच रहे हो ?"
"नफीस जो मैं कह रहा हूँ उसके बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह सकता। पर मानवी की आत्महत्या की कोशिश ही एक वजह नहीं थी। सुनने में आया था कि अस्पताल में डॉक्टरों ने जब मानवी का इलाज किया तो पाया कि वह प्रैगनेंट है। लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूँ कि यह बात मैंने सिर्फ सुनी है। कितनी सच है यह बात कह नहीं सकता हूँ।"
कुशल ने जो बताया वह चौंकाने वाला था। नफीस उस पर विचार करने लगा। कुछ सोचकर उसने पूँछा,
"तुम बता सकते हो कि मानवी को किस अस्पताल में भर्ती कराया गया था ?"
कुशल ने उसे अस्पताल का नाम बता दिया। नफीस ने उसे मांगी गई रकम दे दी। अपने बॉस को उसने आत्महत्या वाली बात ही बताई और उसके हिसाब से रिर्पोट बना कर छाप दी।
नफीस ने अपने स्तर पर पता लगाने की कोशिश की कि क्या मानवी सचमुच प्रैगनेंट थी। लेकिन इस विषय में उसे कुछ भी पक्के तौर पर पता नहीं चल पाया।

बेडरूम से कुछ आहट सुनाई पड़ी तो नफीस को लगा कि शाहीन जाग गई है। वह लैपटॉप बंद करके बेडरूम में गया। शाहीन वॉशरूम में थी। वहाँ से निकल कर बोली,
"क्या बात है नफीस ? तुम्हें नींद नहीं आ रही है। पहले भी लिविंग एरिया में थे। अभी उठी तो फिर नदारद थे। काम के चक्कर में अपनी तबीयत ना बिगाड़ लेना।"
"काम के कारण नहीं बस यूं ही नींद नहीं आ रही थी।"
"रात के ढाई बज रहे हैं। अब सो जाओ।"
शाहीन बेड पर लेट गई और करवट बदल ली। नफीस भी बेड पर लेट गया। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं। पर अभी भी दिमाग में अंजन ही था। वह मन ही मन उसके बारे में सोच रहा था।

मानवी की प्रेग्नेंसी का सच तो सामने नहीं आया पर कुछ ही दिनों में उसकी और अंजन की शादी हो गई। पर शादी के कुछ ही महीनों के बाद रघुनाथ और उसका भाई यदुनाथ एक हादसे में मारे गए। लोगों के बीच कई तरह की कहानियां कही जाने लगीं। बहुत से लोग मानते थे कि वह हादसा करवाया गया था। शक की सुई अंजन पर भी।
लेकिन इन सब से परेशान हुए बिना अंजन अपनी राह पर चलता रहा। जल्दी ही वह कंस्ट्रक्शन्स की दुनिया में छा गया। अब उसके बारे में बातें करने वाले भी चुप हो गए।
अंजन विश्वकर्मा अब एक सफेदपोश बिज़नस मैन था। अपनी छवी को सुधारने के लिए उसने लोगों की भलाई के काम भी शुरू कर दिए थे।
लेकिन बिज़नेस मैन की छवि एक आवरण थी जिसके पीछे काले कारोबार का डॉन अंजन विश्वकर्मा छिपा हुआ था।
शादी के दो साल बाद मानवी कहीं गायब हो गई। उसने किसी भी बच्चे को जन्म नहीं दिया था। अंजन ने सबसे कह दिया था कि उन दोनों की पटी नहीं इसलिए वह उसे छोड़कर विदेश चली गई है।

नफीस ने तब मराठी अखबार छोड़कर एक लोकल न्यूज़ चैनल ज्वाइन कर लिया था। वहाँ वह क्राइम से संबंधित एक प्रोग्राम करता था जो लोगों को बहुत पसंद था। इन सबके बीच अंजन से संबंधित अनसुलझे सवाल जानने की उसकी इच्छा थी। वह इस बारे में जानने की कोशिश भी कर रहा था।
उसी समय उसके व्यक्तिगत जीवन में कई समस्याओं ने दस्तक दी। उसका और शाहीन का डेढ़ बरस का बेटा चल बसा। यह एक बहुत बड़ा धक्का था। आवश्यक था कि शाहीन को उस माहौल से दूर ले जाया जाए।
वह मुंबई छोड़कर दिल्ली चला गया। अभी साल भर पहले ही वह वापस मुंबई आया था। इस बार उसने एक अच्छे न्यूज़ चैनल को ज्वाइन कर लिया था। फिर से एक क्राइम आधारित प्रोग्राम शुरू किया था। एक किताब लिख चुका था जो जुर्म की दुनिया की अंदर की झांकी प्रस्तुत करती थी।
एक बार फिर अंजन विश्वकर्मा ने उसे अपनी तरफ आकर्षित करना शुरू कर दिया था। अब वह पहले से भी अधिक बड़ा और रहस्यमई हो गया था। उसने अपने सहयोगी विनोद के साथ अंजन के बारे में पता करना शुरू किया था।

कुछ समय पहले मुंबई के वन संरक्षित इलाके में 600 करोड़ की ज़मीन के गैरकानूनी तरीके से अधिग्रहण का मामला बहुत ज़ोर से चर्चा में था। यह ज़मीन अंजन विश्वकर्मा की कंस्ट्रक्शन्स कंपनी कावेरी कंस्ट्रक्शन्स को मिली थी। इस ज़मीन को पाने की कोशिश अंजन का प्रतिद्वंदी जगजीत अहलूवालिया भी कर रहा था। उसके बाद उनके बीच की कड़वाहट कई मौकों पर सामने आने लगी। अंजन ने अपने प्रभाव से उस मामले को दबा दिया था।
नफीस इसी सिलसिले में पड़ताल कर रहा था जब अंजन के बीच हाउस शिमरिंग स्टार्स में गोलीबारी की खबर मिली।

जब नफीस सोकर उठा तो सुबह के सवा आठ बजे थे। अपने फोन की घंटी सुनकर उसकी नींद खुली थी। जब तक वह फोन उठाता कॉल कट गई थी। नफीस ने चेक किया। फोन विनोद का था। उसने कॉल बैक किया। फोन लेकर वह बेडरूम की बॉलकनी में आकर खड़ा हो गया। विनोद ने उससे कहा कि उसे एक खबर देनी है। नफीस जल्दी ऑफिस पहुँचे।

विनोद दिल्ली में भी नफीस के साथ काम कर चुका था। जब नफीस मुंबई में इस न्यूज़ चैनल के लिए काम करने आया तो विनोद भी उसके साथ आ गया। यहाँ वह एक अखबार में काम कर रहा था। साथ ही नफीस की मदद भी करता था। नफीस ने खासतौर पर उसे अंजन के बारे में पता करने का काम सौंपा था।
कल नफीस के ऑफिस से जाने के बाद से ही विनोद ने इस बात का पता करना शुरू कर दिया था कि अंजन का ड्राइवर मुकेश उसे गोली लगने के बाद कहाँ ले गया था। उसे अपने सूत्रों से कुछ बातों का पता चला था। वह उन्हीं के बारे में बताने के लिए नफीस से मिलना चाहता था।
नफीस के सामने बैठा विनोद अपनी पड़ताल की जानकारी दे रहा था।
"सर यह पक्का है कि अंजन को कावेरी देवी मेमोरियल हॉस्पिटल में ही ले जाया गया है। मैंने वहाँ के एक वार्ड ब्वॉय से बात की है।"
नफीस कुछ सोचते हुए बोला,
"पहले ही इस बात पर ध्यान जाना चाहिए था। गोलीबारी के कांड को गुप्त रखने के लिए अपने खुद के अस्पताल से अच्छी जगह क्या होगी। अंजन की सेहत के बारे में कुछ पता चला ?"
"डॉक्टर ने ऑपरेशन के बाद 24 घंटे क्रिटिकल बताए थे। पर अभी तक कोई खबर नहीं है।"
"उस लड़की के बारे में कुछ पता चला ?"
"नहीं सर। उसके बारे में तो कुछ भी पता नहीं चला।"
"उसके बारे में जानने में समय लगेगा। फिलहाल यह पता करो कि गोलीबारी के पीछे कौन है ?"
"सह...कहीं जगजीत अहलूवालिया तो नहीं है ?"
नफीस ने कहा,
"अगर हम उस ज़मीन की बात करें तो उसका अंजन के हाथ लगना जगजीत की हार ज़रूर थी। लेकिन जगजीत इस बात के लिए उस पर जानलेवा हमला नहीं कराएगा। वह जो भी करता है सामने से आकर करता है। अपनी हार का बदला वह भी उससे कोई बिज़नेस का मौका छीन कर लेगा।"
"सर फिर अंजन पर और कौन हमला करवा सकता है ?"
नफीस ने विनोद की तरफ देखा। फिर गंभीर आवाज़ में बोला,
"विनोद यहाँ आते वक्त मैं इसी विषय में सोच रहा था। मुझे तो यह बहुत गहरा मामला लगता है। अंजन की गतिविधियों का पता उसके बहुत नज़दीकियों को ही रहता है। ऐसे में सोचने वाली बात है कि उसके बीच हाउस शिमरिंग स्टार्स में होने की बात उस पर हमला करने वालों तक कैसे पहुँची ? ज़रूर यह काम उसके किसी करीबी का है जिसने अंजन के बारे में खबर दी।"
नफीस की बात सुनकर विनोद भी सोच में पड़ गया। वह बोला,
"अंजन का सबसे करीबी तो उसका दोस्त पंकज सुर्वे है। वही उसके साथ हर जगह साए की तरह रहता है। तो क्या पंकज वह शख्स हो सकता है ?"
"एकदम से किसी फैसले पर पहुंँचना जल्दबाजी होगी। लेकिन ऐसा हो भी सकता है।"
"सर... अगर ऐसा है तो फिर वह लड़की पंकज के साथ ही होगी। लेकिन पंकज अपने दोस्त के साथ ऐसा क्यों करेगा ?"
नफीस ने कहा,
"यही तो पता करना है कि अंजन के बारे में खबर किसने और क्यों दी ?"
कुछ सोचकर नफीस ने कहा,
"मुझे लगता है कि अंजन का ड्राइवर मुकेश इस संबंध में बहुत कुछ जानता है। तुम उसके बारे में पता करो।"
विनोद चला गया। नफीस अंजन के बारे में सोचने लगा।