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Human Relationship

Human Relationship

જगडे, मारपीट, खून-खराबा, युद्ध, हार-जीत, संबंधों में
कड़वाहट, दुश्मनी... आखिर क्यों? भाई-भाई के खून का
प्यासा, धर्म के नाम पर अधर्म, वर्ग व वर्ग भेद चहूँ ओर क्यों?
मकान-मालिक, किराएदार, नौकर-मालिक, शिक्षक-
विद्यार्थी, ग्राहक-उपभोक्ता, पति-पत्नी, भाई-बहन, माता-
पिता, पिता-पुत्र... असंतोष व आक्रोश की त्रासदी क्यों? आखिर
हमारे संबंध दूसरों से क्यों बिगड़ जाते हैं? क्या बिगड़े हुए संबंधों को
सुधारा नहीं जा सकता है? क्या मानव-मानव के साथ अच्छे
संबंधों के सृजन के प्रयास नहीं कर सकता? सभी दुखों की एक ही
दवा... मानव-संबंध। अच्छे संबंधों की स्थापना के लिए अच्छे
मानव संबंधों की आवश्यकता है।
मानव संबंध क्या?
शिक्षण, प्रशिक्षण, समर्पण, त्याग, ईमानदारी, विश्वसनीयता ही
सफलता के आवश्यक कारक हैं। व्यापार हो, व्यवसाय हो या राजनीति,
जिस व्यक्ति में अतिरिक्त ज्ञान-योग्यता और अच्छी-अच्छी बात करने की
कला हो, वह दूसरों को जीत सकता है। अच्छी तरह व्यवहार करने पर ही
सफलता होती है। हमें बेहतर संबंधों की आवश्यकता है। संबंध होना
पर्याप्त नहीं है', 'संबंध, बनाए रखना महत्वपूर्ण है।'
मानव संबंध से आशय?
Concept of Human Relations?
यदि मानव संबंध को शब्दों में जाना जाए तो मा-मानवता, न-नम्रता, व-वात्सल्य, सं-संस्कार, बं- बंधुत्व, ध-धैयर्ता का बोध करता है।
अन्य अर्थों में मानव संबंध से आशय निम्नांकित बातों से है-
1. यह मानव सभ्यता के कारणों का अध्ययन है।
2. मानव व्यवहार को प्रभावित करने की कला है।
3. बेहतर ढंग से कार्य करने का प्रशिक्षण है।
4. अपने विचारों से दूसरों को सहमत करा लेने का श्रेष्ठ नुस्खा है।
यह अन्य व्यक्तियों से अच्छा रहने की योग्यता दर्शाता है।
अपने विचार, आशाएँ, कल्पनाएँ तथा आकांक्षाओं को गति देने मन, हृदय व व्यवहार से अच्छे आचरण की कल्पना करना बताता है।
अच्छे मानव संबंधों से क्या होगा?
Outcome of Better Human Relations
अच्छे मानव संबंधों से निम्नांकित परिणामों की प्राप्ति हो सकेगी-
घर, कार्यालय व समाज में प्रभाव होगा व लोकप्रियता बढ़ेगी।
अच्छे नियोक्ता, अच्छे कर्मचारी व प्रत्येक कार्य के अंतर्गत श्रेष्ठता ।
मुस्कुराहट (Smile) : मुस्कुराहट एक ऐसा जादू है, जो गैरों को
की तरकीब बताता है।
अन्यों से प्रगाढ़ मित्रता स्थापित हो सकेगी।
कठिन व पेचीदी परिस्थितियों में जीवटता स्थापित होगी।
हासिल कर सकेगा।
व्यक्ति, पति-पत्नी, माता-पिता, पुत्र-पुत्री के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त कर सकेगा।
समस्याओं को सरलता के साथ सर्व सामान्य हल के रूप में निपटा तनाव युक्त जीवन से मुक्ति प्राप्त कर सकेगा।
मानवीय संबंधों को मधुर कैसे बनाएँ
Sweet Human Relations
मानवीय संबंधों को मधुर बनाने के लिए एक सतत् प्रक्रिया की
आवश्यकता होती है। किसी व्यक्ति से एक दिन मुलाकात होने पर स्थिर मानव संबंध नहीं बन जाते हैं। मधुर मानवीय संबंधों के लिए निम्नांकित बातों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है-
सकेगा।

अपना बना लेता है। प्रसन्नचित रहने से निम्नांकित रूप से लाभ
Hote hai.

बिना कुछ व्यय किए दूसरा प्रसन्न हो जाता है।
लेने व देने वाले दोनों के लिए आत्मीय प्रसन्नता होगी।

3.क्षणिक मुस्कुराहट का प्रभाव हमेशा के लिए हो सकता है।
घर, समाज व कार्यालय में प्रसिद्धि है।
हँसी खरीदी नहीं जाती, बिक्री नहीं हो सकती, दान नहीं दी जा
सकती और न ही चोरी हो सकती है।
। दूसरों पर कभी मत हँसिए हाँ, उनके साथ अवश्य हँसिए।
और...
1. अहम् का त्याग करें।
2.व्यक्ति का महत्व स्वीकारें, उसे मान्यता दें तथा उसके अच्छे कार्यों
की प्रशंसा करें।
3.नाम से संबोधित करें।
4. दूसरों में रुचि लें, वे स्वयं आप में रुचि लेंगे।
5. दूसरों के कार्यों में सहयोगी बनें।

आलोचना (Criticism) : आलोचना तथा कटु आलोचना ही
संबंधों में टकराहट का एक प्रमुख कारण है अतः-
1. जहाँ तक हो सके मित्रों की बुराई नहीं करें।
2.यदि आवश्यक हो तो पहले उसके अच्छे कार्यों की प्रशंसा करें।
3.अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना का विषय बताएँ।
4. पहले स्वयं की गलती बताएँ।
5. आदेश कभी न दें,, प्रश्न, धनात्मक रूप से करें, ऋणात्मक रूप से नहीं।
6. मित्रों को प्रसन्न रखें और सुधार की पहल करें।
7. कड़क बोली, व्यंगात्मक भाषा से दूर रहें। 'जुबान' ही वह
महत्वपूर्ण अस्त्र है, जिसके संवाद बाण आदमी से दोस्ती करा
सकते हैं या दुश्मनी। आओ मनसा-वाचा, कर्मणा हम अन्यों से
बेहतर संपर्क बनाने के लिए ‘मानव संबंध' पर सृजनात्मक कार्य
करें।
Ashish Shah
9825219458

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