इश्क़ सूफियाना? अब लावारिश है।। Aníruddhα "कौशल्य" "ֆ" द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ सूफियाना? अब लावारिश है।।

१.गाऊं मैं जो एक गज़ल, पर गज़लों में तुम मत पड़ना...
अश्क छलक जाए यूं, पर ग़ज़लों में विघ्न ना करना!
मैं अभिलाषी सी पुस्तक था,अंत समय में तुम मत पढ़ना...
अश्क छलक जाए यूं, पर गज़लों में विघ्न ना करना!
कहीं सुना तुम लिखते मुझपर, उन ग़ज़लों में हमको मृत घोषित करना!
अश्क छलक जाए यूं, पर ग़ज़लों में विघ्न ना करना!
तुम मुझपर! मैं ज़ख्मों पे! संदेशों का मिलना जुलना...
मैं तुमसे ग़जलों में मिलता, तुम हमको ज़ख्मों में मिलना...
चलो लिखूं कुछ प्रेम कहानी पर उसमें अब तुम मत पड़ना...
अश्क छलक जाए यूं, पर ग़ज़लों में विघ्न ना करना!
विरह लपटों मेरे आंगन में, पर उसमें भी तुम ही जलना...
लिख दूंगा गज़लों में अपनी, प्रेम दिवानी तुमको मरना...
छलकाना अपनी आंखों को, इस जन्म बस वियोग ही करना...
फिर कहीं जब जन्म लिया तो, पंछी ही तुमको बनना...
प्रेम प्यास जो रही अधूरी, पर खामोशी से तुमको जलना...
लिख रहा मैं गज़ल पुराने, पर उन गज़लों में अब तुमको मरना...
अश्क छलक जाए यूं, पर ग़ज़लों में विघ्न ना करना!
है एक गुज़ारिश आपसे मेरी, पहले जैसे अब मत तड़पाया करना!!
है एक गुज़ारिश ईश्वर से मेरी, जहां भी रखना बस खुश रखना...



२.हम तेरे गुनाहों में शमिल हो गए...
तेरे हर दर्द के कातिल हो गए😭
मेरे अश्कों पर मत जा तू👍🏻...
हम तेरे गम में शमिल हो गए
मै तेरा कातिल हूं पगली😶😶
तेरे मुशाफिर खो गए...
चल बूला ले तेरे वफादार😭
हम तो मुशफिर थे मुशफ़िर हो लिए...


3.दबे अहशासो से एक मर्ज कहूं
पुराने दर्द कहूं या नए ज़ख्म लिखूं
या जिसने दिए उसका ज़िक्र कहूं😢
खमोश है लब चुप है कलम
जिसमे तेरे गुरूर का जाखुम
अब तू ही बता कैसे लिखूं🤒
गिर पड़ते है मेरे आशु मेरे कागज़ पर
लगता है कलम की स्याई में दर्द जादा है
बस यूं तुझे सोच कर लिख देता हूं🙌🏻🙌🏻


4.मैं खुद भी सोचता हूँ ये क्या मेरा हाल है...
जिसका जवाब चाहिए, वो क्या सवाल है...
घर से चला तो दिल के सिवा पास कुछ न था...
क्या मुझसे खो गया है, मुझे क्या मलाल है...
आसूदगी से दिल के सभी दाग धुल गए...
लेकिन वो कैसे जाए, जो शीशे में बल है...
बे-दस्तो-पा हू आज तो इल्जाम किसको दूँ...
कल मैंने ही बुना था, ये मेरा ही जाल है...
फिर कोई ख्वाब देखूं, कोई आरजू करूँ....
अब ऐ दिल-ए-तबाह, तेरा क्या ख्याल है...
😢



5.काश! इस दिल से लगी गुहार आप सुन तो लेती...
दिन-रात इन आँखों से हुयी आंशूओं की बौछार...
आप देख तो लेती...
अरे मोहब्बत तो दूर की बात सर...
दो शब्द दुश्मनी के ही सही आप बोल तो देती...
इतना बड़ा कौन सा गुनाह कर दिया हूँ सर...
कम से कम आप बता तो देती...
जो निकल जाता इस दिल से आपके सिवाय...
किसी और का नाम...😭
सजा-ए-मौत दे देती-सजा-ए-मौत दे देती...
क्या पता, किस्मत की चाँदनी कब चमक जाये...
आज हम गुहार लगा रहे हैं, कल आप देखने को तरस जायें...
हमारे पास भी दिल है सर,हम भी बहुत रोते हैं...
ये चीज आप समझ तो लेती...
काश! इस दिल से लगी गुहार...😢
आप सुन तो लेती-आप सुन तो लेती??



6.वो चाँद जैसा चेहरा बहुत याद आयेगा!!
ये पड़ोसी उनका खुद चला जायेगा...
वो ⓢⓥⓜ की गलियाँ, उनमें पड़ते उनके कदम...
उन कदमों दिखती जन्नत, बहुत याद आयेगा...
ये पड़ोसी उनका खुद चला जायेगा...
उनकी फूल जैसी आँखे, उनके बड़े-बड़े nσѕє...
उनकी कोमल जैसी बोल, सुनने को तरस जायेगा...
ये पड़ोसी उनका खुद चला जायेगा...
वो मदहोश होती शामें, उन शामों में रोते हम...
वो अंधेरी रातें, उन रातों में खिड़कियों को देखते हम...
जब हुयी सुबह, उनसे पहले निकलते हम...
सब छोड़ जायेगा...
ये पड़ोसी उनका खुद चला जायेगा..
वो G का सेक्शन, वो वन्दे मातरम् के बोल...
वो उनका हसीन नाम, लेने को तरस जायेगा...
ये पड़ोसी उनका बात उनकी मानेंगा...😢
"∂σит ¢σитα¢т мє αgαιи"
याद करके जायेगा...
ये पड़ोसी उनका कभी लौट के ना आयेगा...
ये पड़ोसी उनका खुद चला जायेगा...
वो चाँद जैसा चेहरा...
बहुत रूलायेगा-बहुत रूलायेगा!!


-⚡ⓐníruddhα "कौशल्य" "ֆ"