वेलेंटाइन डे...! - 5 Deepak Bundela AryMoulik द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • स्वयंवधू - 31

    विनाशकारी जन्मदिन भाग 4दाहिने हाथ ज़ंजीर ने वो काली तरल महाश...

  • प्रेम और युद्ध - 5

    अध्याय 5: आर्या और अर्जुन की यात्रा में एक नए मोड़ की शुरुआत...

  • Krick और Nakchadi - 2

    " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क...

  • Devil I Hate You - 21

    जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन...

  • शोहरत का घमंड - 102

    अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो...

श्रेणी
शेयर करे

वेलेंटाइन डे...! - 5

पार्ट -5

दूसरे दिन

रीटा मेन गेट पर ख़डी हैं और गार्ड से रोहन के वार्ड में जानें के लिए गार्ड से रिक्वेस्ट कर रही हैं वही गार्ड रीटा को वहां के नियमों को उसे बता रहा हैं...

गार्ड - मैडम जी ये प्राइवेट वार्ड हैं... मैं इस बारे में आपको कोई भी जानकारी नहीं दे सकता जब तक पेसेंट या पेसेंट के घर वाले नहीं कहते.

रीटा - अच्छा आप इतना तो बता सकते हैं क्या यहां कोई रोहन मखीजा नाम का कोई हैं क्या...?

गार्ड -मेडम ऐसे तो मैं किसी रोहन मखीजा को नहीं जानता.. आप वेबजह मेरा समय बर्वाद कर रही हैं... प्लीस मेम आप जाइये मैं आपकी कोई मदद नहीं कर सकता यहां के रूल बहुत अलग हैं प्लीस मेम...

रीटा असहाय हो कर रह जाती हैं... और कुछ देर वही खडे होकर सोचने लगती हैं..

रीटा - आखिर कैसे पता चलेगा...वो अपने हाथों को वेबसी से मसलती रह जाती हैं तभी उसके दिमाग में कुछ कोधता हैं...

रीटा- अच्छा भईया... क्या आप मेरी इतनी भी मदद नहीं कर सकते...?

गार्ड - देखिएगा मेम मैं आप से हाथ जोड़ कर विनती करता हूं मैं आपकी कोई भी मदद नहीं कर सकता... प्लीज..!

रीटा उसका ये अनुरोध देख कर... चुपचाप वहां से चली जाती हैं.

-----------------

रोहन को मुकुंद के आने का इंतज़ार हैं.. तभी रूम का दरवाजा खुलता हैं मुकुंद अंदर आता हैं.

रोहन - जानकारी मिली..?

मुकुंद रोहन के पास आ कर

मुकुंद - हा भईया जी सारी डिटेल ले आया हूं..आपका शक सही हैं भईया मयंक वर्मा नाम का आदमी न्यूरो वार्ड में एडमिट हैं उसकी एक किडनी खराब हो चुकी हैं दूसरी भी डेमेज होने की कगार पर हैं डायलसिस पर हैं वो अभी भईया रीटा वर्मा उसकी वाइफ हैं भईया...

रोहन कुछ सोचता हैं....

रोहन - ठीक हैं अभी दोपहर के बाद जाना और आर्गेन डोनेसन डिपार्टमेंट से एक फॉर्म लेते आना

मुकुंद-जी भईया... क्या आपको कुछ तकलीफ हो रही हैं.

रोहन -हां थोड़ा सिर में दर्द हो रहा हैं

मुकुंद - मैं अभी डॉ खन्ना को बताता हूं भईया

और मुकुंद वहां से जल्दी निकल कर चला जाता हैं..

रोहन - (दर्द को पीते हुए थोड़ा सा मुस्कुराता हैं ) ये पगला भी ना इतना घवरा जाता हैं.. काश के ये मौत भी अपनों के सामने ना होती तो कितना अच्छा होता...

सोचे हैं तिरि आरज़ू में मरने की
कम्बख्त मौत हैं कि आती नहीं...!
-----------------
शाम हो चली हैं रीटा हॉस्पिटल के परिवेश की गेलरी में घूम रही हैं.. उसे आज फिर उस धुन का इंतज़ार हैं... वो कुछ सोचते हुए एक पिलर से टिक कर ख़डी हो जाती हैं और सोच में डूब जाती हैं...

------------------

रोहन गिटार प्ले कर रहा हैं और रीटा अपनी आंखे बंद करके बैठ कर सुन रही हैं..रीटा आंखे बंद करके ख़डी हैं मानो वो अभी भी वही उस वादियों में रोहन के साथ हैं कैमरा ज़ूम बेक तो मिड मास्टर शॉट सिजेसन में हॉस्पिटल कर्मचारी खड़ा हैं

कर्मचारी- मैडम जी... मैडम जी...

कर्मचारी की आवाज़ सुनते ही रीटा की तन्द्रता टूटती हैं वो आंखे खोलती हैं

रीटा- जी..?

कर्मचारी - मेडम ये इंग्लिशजेक्शन ले आइयेगा

रीटा उससे पर्चा लेती हैं और वो पर्चा देकर चला जाता हैं...

रीटा कुछ पल वही रुकी रहती हैं और फिर लम्बी सांस भरते हुए केमिस्ट की शॉप की तरफ चली जाती हैं...
-----------------
दस दिन बाद

रोहन के रूम में अफरा तफरी मची हैं... रोहन अचेत बेड पर पड़ा हुआ हैं डॉ. रोहन के पास खडा उसकी पल्स चेक कर रहें हैं..

डॉ. - (मुकुंद से ) इनकी प्लस बहुत कम आ रही हैं इन्हे जल्दी आइसीयू में सिफ्ट करना पड़ेगा (डॉ. वार्ड बॉय से) पेसेंट को जल्दी आइसीयू में शिफ्ट करो...

इतना सुनते ही वार्ड बॉय जल्दी से बाहर जाता हैं तभी रोहन में थोड़ी चेतना लौटती हैं

रोहन- मुकुंद

मुकुंद- जी भईया.. आपको कुछ नहीं होगा डॉ सहाब आ गए हैं..

रोहन डॉ. को देख थोड़ी स्माइल करता हैं

रोहन- अब इससे ज्यादा क्या होगा इसका अंतिम सफर मौत ही हैं, क्यों डॉ. सहाब...?

डॉ रोहन को इशारे से चुप रहने को कहते हैं

रोहन- इसमें इतना क्या घवराना सब को जाना हैं किसी ना किसी कारण से... मेरे जाने का भी शायद यही कारण हो... हे ईश्वर कुछ दिन और रहने दे किसी को दिया हुआ वादा पूरा कर सकूं...

मुकुंद- देखा डॉ. भईया जी कुछ दिनों से ऐसी ही बहकी बहकी बातें कर रहें हैं आप समझाइए ना इन्हे...

रोहन फिर मुस्कुराता हैं और फिर अचेत हो जाता हैं
---------------
क्रमशः -6