क्या बचपन अब ज़िंदा है? - 1 Heena_Pathan द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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क्या बचपन अब ज़िंदा है? - 1

क्या बचपन अब ज़िंदा है ? हमारी ज़िन्दगी की सबसे हसीन और ज़िन्दगी के सफर कि शुरुआत है बचपन । हम सबकी ज़िंदगी मे कुछ ना कुछ यादगार होगा किसी के बचपन कि बुरी कुछ अच्छी यादे जो हमे ज़िंदगी से जोड़े रखती है! लेकिन लगता है कि आजकल के बच्चों का 'बचपन' (भोलापन), 'पचपन' (जल्दी बड़े होने या हो जाने) के चक्कर में कहीं खो-सा गया है। इसका कारण तेजी से बदलता समय व माता-पिता की अपेक्षाएं हैं। अपनी उम्र से अनजान वो बच्चा खेलने की उम्र में खिलौने बेच रहा था। वो बच्चा मजबूर मज़दूर का है, उसका बचपन भी हमारी जवानी से भारी है। बचपन भी सब बच्चों का एक सा नहीं होता एक बच्चा कंचे खेलने जा रहा है, तो दूसरा कंचों के कारखाने जा रहा है।

ऐसा ही एक बच्चा देखा देखा मैने जो अपनी मासूमियत कि हद तक मासूम था पर ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबा हुआ था ! लॉकडाउन के बाद जब फिर ज़िंदगी वहीं लौट गए अपने काम और अपनी ज़िन्दगी की और बात है कोरोनाकाल कि जहा सब मास्क में और सेनेटाइजर को एहमियत दे रहे थे ! वहीं कहीं मासूम ऐसे भी थे जो सेनिटाइजर से परे थे ना मास्क बस रोड पर बैठे थे और खुश थे फिर भी मौसम बारिश का था वह बारिश में ऐसे भीग रहे थे मानो कोई मौर पहली बारिश में नाच रहा हो अपने पंख फैलाकर ना भीगने का डर ना कोई ग़म था क्यू के वोह बचपन था ! वह भीगे बच्चे कैफे मे जा रहे थे ! कैफे के मालिक ने उसे गुस्से मै निकाल दिया बहार निकालो इनको कहा से आ जाते है !
वेटर उन्हे बहार निकाल देता है इतने में खिड़की से अन्दर देखते मासूम निगाहे उस खाने को देखती कि काश कोई हमे भी खाने को दे इतने में वह बच्चा जाके उस कैफे की सीढ़ियों पर बैठा है ! इतने में एक आदमी आता है कार में और वह लड़का वह कार वाले के पास भागता है ! " साहब कुछ दे दो ना बहुत भूख लगी है! और वह उसे दूर भगा देता है कि जो दूर मुझे टच मत करो मास्क नहीं पहना ! दूर रहो तुम बीमारी फैलाओगे ! कुछ लोग ऐसे भी होते है जो सिर्फ पैसों से अमीर होते है पर दिल से गरीब होते है! उन्हें कोन समझाए कि बीमारी उनकी सोच है ना कि कोई गरीब बच्चा उस मासूम को नहीं पता कि मास्क क्या ? क्या कोरोना ?क्या बीमारी?
वह फिर वही जाकर बैठता है ! उसका एक दोस्त उसे गुबारे ले कर आता है को इसके को रख किसी को दे देना और पैसे ले लेना ! पर अब लोग नहीं खरीदते कुछ हमसे! अरे लेगा कोई तो ! रख तू मे दे दुगा तुम्हे कुछ मेरे मे से ! फिर उस जगह पर एक लड़का आता है जो उसे पूछता तो है पर अपना कैमरा ओन कर के बेटा तुम गरीब क्यू हो? क्या उस मासूम कि गलती कि वह गरीब है !

भाग -२ ........

आगे देखिए क्या है आखिर उस मासूम कि कहानी और क्या वजह है उस मासूम के बचपन ना जी पाने की वजह !