एक रात का खेल Shalini Singh द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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एक रात का खेल

एलिजाबेथ औऱ जेम्स दोनों एक कपल थे और जेम्स गाड़ी चलाये जा रहा था अपने गावँ की तरफ।
आज लगभग पांच साल बाद वो एलिजाबेथ यानी अपनी बीवी को लेकर घर जा रहा था,परिवार से मिलवाने। दरअसल उन्होंने जेम्स के घरवालों के खिलाफ जाकर शादी की थी और घरवाले एलिजाबेथ को पसंद नही करते थे। वजह बस इतनी सी थी कि वो जेम्स से 5 साल बड़ी थी और अनाथ थी।
जेम्स का गावँ अब कुछ ही दूरी पर था और एलिजाबेथ उसके साथ वाली सीट पर बैठी गावँ की ताजी हवा के मजे ले रही थी।
जेम्स को बहुत प्यास लग रही थी और दोनों लगभग 8 घंटे से बस चले ही जा रहे थे। पानी भी 2 घण्टे पहले खत्म हो चुका था और उन्हें रास्ते मे कोई दुकान या रेस्टोरेंट भी नही मिला। शहरी इलाकों में तो सबकुछ मिल जाता है लेकिन ये ठहरा गावँ का इलाका। यहाँ शहरी लोगो का रहना मतलब जंगल मे रहने जैसा था।
जेम्स को फाइनली एक छोटी सी दुकान दिख ही गयी और वो साइड में गाड़ी लगाते हुए बोला:: कुछ खाना है तुम्हे?
एलिजाबेथ सीट बेल्ट हटाते हुए:: मुझे फ्रेश होना है,जगह है क्या यहाँ?
जेम्स गाड़ी से बाहर आते हुए:: हाँ वाशरूम है,तुम फ्रेश हो जाओ औऱ मै कुछ सामान ले लेता हूँ।
एलिजाबेथ 35 साल की आम सी औरत थी और उसके हालात बया कर रहे थे,जैसे वो जेम्स के परिवार से मिलने में डर रही हो। उसकी आँखों के नीचे काले घेरे थे और वो हर पल कही खो सी रहती थी। इसलिए जेम्स को उसका खास ख्याल रखना पड़ता था।
एलिजाबेथ फ्रेश होकर वापस उस छोटी सी दुकान के बाहर पड़े टेबल पर आ बैठी औऱ जेम्स उसे सैंडविच,कोल्डड्रिंक देता हुआ बोला:: इन्हें खाओ फिर दवाई का भी वक्त हो गया है।
एलिजाबेथ:: मै बिल्कुल ठीक हूँ जेम्स,तुम हमेशा मेरी मेडिसिन के पीछे कयू पड़े रहते हो।
जेम्स कोल्ड्रिंक पीते हुए:: तुम्हारी फिक्र है इसलिए।
एलिजाबेथ चिढ़ते हुए:: अगर ऐसा होता तो तुम मुझे यहाँ लेकर नही आते। तुम जानते हो अपने घरवालों को औऱ मेरे हालातों को? फिर मुझे लेकर कयू आये,अकेले आ जाते मैंने मना तो नही किया न कभी।
जेम्स उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए:: सब ठीक होगा,तुम चिंता मत करो समझी।
एलिजाबेथ सैंडविच खाते हुए इधर उधर देखने लगी और उसकी नज़र दुकान के ठीक दूसरी तरफ बने घर पर पड़ी।
उस पुरे उजाड़ से मैदान में बस वही एक घर था जो बेहद पुराना था। दीवारें का पेंट तो एक असरे पहले ही झड़ चुका था और आसपास के पेड़ पौधे भी सूखकर झड़ चूके थे। दो मंजिला बना ये घर शायद बहुत पुराना था और उसकी डिजाइन भी बहुत पहले के जमाने मे चलती थी। उस घर के बाहर एक पुराना ट्रक खड़ा हुआ था और वो भी लगभग खत्म हालत में। टायर तो गायब थे और वो काफी विंटेज ट्रक था पीले से रंग का।
एलिजाबेथ अभी उस घर को देख ही रही थी तभी जेम्स गाड़ी को देखते हुए बोला:: अरे यार एक गड़बड़ हो गयी?
एलिजाबेथ सैंडविच खाते हुए:: अब क्या हुआ?
जेम्स:: फ्यूल खत्म हो रहा है और आगे कोई गैस स्टेशन भी नही है। हम इतने कम फ्यूल के साथ घर नही पहुँच पाएंगे और ठीक 2 किलोमीटर पर घर है।
एलिजाबेथ सर पकड़ते हुए:: अब क्या करे?
जेम्स अपने फोन में उंगली घुमाते हुए:: ठीक 1 किलोमीटर पीछे गैस स्टेशन है,मुझे पीछे जाना होगा। एक काम करो तुम आराम से खाओ औऱ अपनी दवाई लो। मै अभी गया और अभी आया,लेकिन यहाँ से हिलना नही समझी।
एलिजाबेथ ने कोल्ड्रिंक पीते हुए सर हिलाया औऱ जेम्स उसका फोन उसके हाथों में देकर गैस स्टेशन की तरफ निकल गया।

उसके जाते ही एलिजाबेथ अपनी जगह से उठी और दुकान वाले अंकल के पास आकर बोली:: ये किसका घर है अंकल? कोई रहता है क्या वहाँ?
अंकल उस घर को देखकर डरते हुए:: बेटा उस घर का बहुत ही खतरनाक इतिहास है।
एलिजाबेथ को अब अंकल की बातों में इंटरेस्ट आ रहा था और उस घर के बारे में जानने के लिए वो बहुत बेचैन हो रही थी। एलिजाबेथ:: बताइये न अंकल क्या है ऐसा उस घर मे जो आप डर रहे हो।
अंकल:: बेटा आज से ठीक 30 साल पहले वो घर एक साइको किलर का हुआ करता था। वो लोगो को मारता और उसकी बीवी भी एक कल्ट का हिस्सा थी। लोग तो ये भी कहते है कि वो एक विच (डायन) थी। उस किलर की बीवी को बच्चा नही हो रहा था और वो दोनों पागल हो चुके थे इस वजह से। फिर वो किसी शैतानी कल्ट का हिस्सा बने और उन्होंने लोगो को मारकर उनकी बलि देना शुरू कर दिया सैटन (शैतान) को। पहले वो दोनों छुप छुप कर ये काम करते और जब मौते ज्यादा बढ़ गयी। लोग ज्यादा गायब होने लगे तो गाँववालो का शक इनपर गया। लोगो ने भी इन्हें रिचुअल करते रंगे हाथ पकड़ा और उन्हें ज़िंदा जला कर मार डाला।
एलिजाबेथ का दिल दहल गया ये सुनकर औऱ वो घर के बाहर खड़े ट्रक को देखते हुए बोली:: वो ट्रक किसका है?
अंकल:: वो उसी आदमी का है और उस तरफ अब कोई जाता भी नही है। कहते है कि फुल मून के वक्त वो आदमी बहुत से लोगो को दिखता है गावँ में,उसकी आत्मा आज भी भटकती है गावँ में।

तभी अंकल को उनके बेटे ने आवाज़ लगाई और वो दुकान के पीछे चले गये। एलिजाबेथ को जैसे कोई उस घर की तरफ खींच रहा था और वो भी उस घर के तरफ बढ़ गयी। एलिजाबेथ पुरे घर मे बड़े आराम से घूम रही थी और हर चीज़ को बड़े ध्यान से देख रही थी। वो बिल्कुल आम घरों जैसा बिल्कुल भी नही था और वहाँ की दीवारों पर अजीब से औजार टँगे हुए थे। कही कुल्हाड़ी तो कही हथौड़ी,कही लोहे का कांटेदार फावड़ा तो कही कांटेदार छैनी।
एलिजाबेथ को भी बहुत इंटरेस्टिंग लग रहा था ये सब औऱ वो एडवेंचर लवर थी कुछ साल पहले तक। जिसकी कीमत भी उसने 3 साल पहले बहुत बड़ी चुकाई थी और आज भी वो अपने उसी गिल्ट में जी रही थी।
एलिजाबेथ ने अपने फोन से कुछ फोटोज ली और घर के बाहर आ गयी। एलिजाबेथ ने ट्रक के पीछे के हिस्से को देखा जो खुला हुआ था। न कोई दरवाजा और न कुछ औऱ। एलिजाबेथ ने उस हिस्से में नज़र घुमाई औऱ हाथ लगाकर उस हिस्से की मिट्टी को हटाने लगी। एक मोटी परत हटाने के बाद उसकी नज़र वहाँ जमे खून पर गयी और उसकी उंगली में भी कुछ चुभ गया। उसकी उंगली का खून भी निकलकर वही गिर रहा था और एलिजाबेथ ने अपना हाथ पीछे खींच लिया।
एलिजाबेथ उस ट्रक को आगे से आकर देखने लगी और ये सब करते हुए उसकी आँखों मे एक अजीब सी बेचैनी थी।

तभी घर के अंदर से कुछ गिरने की आवाज़ आयी और एलिजाबेथ डरकर दुकान की तरफ भाग पड़ी। दुकान के बाहर आकर वो हाँफने लगी और दुबारा जब उसने घर की तरफ देखा तो घर के दरवाजे से एक काली बिल्ली निकलकर जा रही थी।
एलिजाबेथ खुद पर हँसते हुए:: ओहो तो बिल्ली थी,मुझे तो लगा कही वो साइको किलर जिन्दा घूम रहा है अबतक।

ये कहकर एलिजाबेथ खुद पर हँसने लगी और जेम्स भी वहाँ आ चुका था। वो दोनों गाड़ी में निकल पड़े अपने गाँव की तरफ जो दो किलोमीटर दूर था। जेम्स आराम से गाड़ी चला रहा था क्युकी गाँव आते आते रास्ता कच्चा हो चला था। वही एलिजाबेथ अपने लैपटॉप में उस साइको किलर के बारे में सर्च कर रही थी और न जाने कयू उसे इन चीजों को जानने में बड़ी दिलचस्पी थी।
किलर की कुछ पुरानी फ़ोटो मिली 30 साल पहले की औऱ उस वक्त कैमरा क्विलिटी ज्यादा सही नही थी। इसलिए किलर औऱ उसकी बीवी की फ़ोटो भी ब्लर थी। एलिजाबेथ बार बार उस किलर के फेस को जूम करके देखती औऱ वो 40 उम्र के आसपास रहा होगा उस वक्त। उसकी बीवी भी उसकी हमउम्र ही थी।
एलिजाबेथ ने केस के बारे में थोड़ा और सर्च किया और पाया उस जोड़े ने 40 से भी ज्यादा लोगो की जान ली थी। वो साइको किलर उन्ही सब हथियारों से अपने विक्टम को मारता था जो उस घर मे अब भी मौजूद थे। बड़ी ही बेदर्दी से मारा गया था लोगो को। किसी का पैर तोड़ दिया तो किसी का हाथ अलग कर दिया। किसी के सर के बीचों बीच कुल्हाड़ी मारी तो किसी की गर्दन ही अलग कर दी थी फावड़े से। एलिजाबेथ उन लाशों के फोटो को बड़े ध्यान से देख ही रही थी तभी इंटरनेट बंद हो गया।
जेम्स ने एक घर के बाहर आकर गाड़ी रोकी औऱ बोला:: देखो हम आ गये।
एलिजाबेथ चिढ़ते हुए:: यार यहाँ तो नेटवर्क भी नही है और म ही फोन में सिग्नल। इस तरह की जगहों पर कौन रहता है आज के जमाने मे।
जेम्स ने लंबी सांस ली और एलिजाबेथ का लैपटॉप ऑफ करके रख दिया। जेम्स ने एलिजाबेथ के हाथों को अपने हाथों में कसा औऱ उसकी आँखों मे देखते हुए बोला:: कोई कुछ भी बोले ध्यान मत देना तुम। बस चुप रहना ये सोचकर कि बस कुछ दिन ही रहना है हम्हे यहाँ। तुम जानती हो सब तुम्हे नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे,लेकिन तुम्हे डिप्रेस बिल्कुल भी नही होना समझी। मै तुम्हारे साथ हूँ तुम्हारे पास हूँ तो कोई टैंशन वाली बात ही नही है।
एलिजाबेथ मुस्कुराई औऱ जेम्स उसका माथा चूमकर गाड़ी से सामान निकालने लगा।

एलिजाबेथ ने भी लंबी सांस ली और खुद को तैयार करने लगी घर के माहौल के लिए। सामान लेकर दोनों अंदर पहुँचे तो जेम्स की माँ,पापा,बहन बहुत खुश हो गये। जेम्स उन सभी के गले लगा लेकिन एलिजाबेथ दरवाजे पर ही खड़ी थी। जेम्स उसका हाथ पकड़कर अंदर ले आया और एलिजाबेथ सबकी तरफ मुस्कुराहट के साथ देख रही थी। लेकिन जेम्स के घरवालों का अलग ही हाल था एलिजाबेथ को देखकर औऱ उनके चेहरे पर एक नफरत आ गयी।
जेम्स की माँ मुँह बनाते हुए बोली:: तू अकेला आ जाता न? इस मनहूस को कयू लेकर आया?
ये सुनकर एलिजाबेथ के चेहरे की झूठी मुस्कुराहट पल में चली गयी और उसने अपना सर झुका लिया। जेम्स एलिजाबेथ का हाथ पकड़कर बोला:: माँ ये मेरी बीवी है तो इसे अकेला छोड़कर कैसे आता?
जेम्स के पापा:: जो हम्हे एक पोते पोतियों का सुख नही दे सकती,उसे हम बहु नही मानते।
जेम्स:: डैड ऐसे मत कहिये,उस हादसे में जितनी गलती एलिजाबेथ की है उतनी मेरी भी है। मुझे जिद ही नही करनी चाहिये थी एलिजाबेथ की प्रेग्नेंसी के चौथे महीने वहाँ जाने की। खैर आप लोगो को लड़ना है मुझसे तो बता दीजिए,मै जैसे आया हूँ वैसे ही चला जाऊंगा।
जेम्स की बहन:: भाई अब आप अपनी इस बूढ़ी बीवी के लिए हमसे लड़ेंगे।
जेम्स अपने गुस्से पर काबू करते हुए:: जुबान संभाल कर बोल,तेरी भाभी है समझी।
जेम्स आगे कुछ बोलता उससे पहले ही एलिजाबेथ जेम्स को रोकते हुए बोली:: हम पहली बार गाँव आये है तो लड़ते नही है। तुम मुझे अपना कमरा नही दिखाओगे जेम्स।
जेम्स मुस्कुराते हुए:: हाँचलो,इनका तो चलता ही रहेगा ये सब ड्रामा।
जेम्स ने बैग संभाला और अपने कमरे की तरफ बढ़ गया। जेम्स को अपने कमरे की तरफ जाते हुए देख जेम्स के पापा अपनी बीवी से बोले:: लेकिन अंदर तो केन्डी है,फिर ये सब।
जेम्स की माँ:: अरे जाने दीजिए,एक दिन तो ये होना ही है तो आज हो जाये तो बेहतर है।

ये सुनकर सब चुप हो गये औऱ जेम्स कमरे में चला आया। अभी उन दोनों ने अपना अपना सामान रखा ही था तभी उनकी नज़र खिड़की पर पर। जहाँ एक लड़की खड़े होकर बाहर मक्के के खेतों को देख रही थी।
जेम्स हैरानी से:: केन्डी ये तुम हो न?
जेम्स की आवाज़ सुनकर वो लड़की पलटी औऱ भागकर जेम्स के गले लग गयी। एलिजाबेथ ये देखकर चुप रही और जेम्स,केन्डी की बातें चल पड़ी। उन दोनों की बातों लगा कि ये दोनों स्कूल फ्रेंड्स है औऱ एलिजाबेथ थोड़ी सी जलन महसूस करने लगी थी केन्डी को देखकर।
केन्डी 29 उम्र की जवान औऱ खूबसूरत लड़की थी और इसमें शक वाली बात बिल्कुल नही थी। केन्डी का ध्यान जब एलिजाबेथ पर गया तो केन्डी उसके भी गले लग गयी और हाल चाल पूछने लगी।
केन्डी आगे कुछ कह पाती उससे पहले ही एलिजाबेथ जेम्स से बोली:: हम काफी दूर से ट्रेवल करके आये है तो हम्हे फ्रेश होना चाहिये।
केन्डी भी उनके लिए चाय लाने का बोलकर उस कमरे से चली गयी और जेम्स भी नहाने के लिए बॉथरूम में चला आया। खिड़की पर खड़ी एलिजाबेथ के कानों में बाहर से कुछ आवाज़ आई और वो कमरे के दरवाजे से कान लगाकर बाहर की बातें सुनने लगी।
ये जेम्स के परिवार की आवाज़ थी जो आपस मे प्लान बना रहे थे जेम्स औऱ केन्डी की शादी करवाने का। एलिजाबेथ ने खुद को शांत करने की कोशिश की औऱ सोचने लगी कि जेम्स को इस बारे में पता भी है या नही।
कुछ देर में केन्डी चाय देकर चली गयी और एलिजाबेथ उसे नफरत भरी निगाहों से देख रही थी। केन्डी ने उसपर ज्यादा ध्यान नही दिया और वो बाहर चली आयी।
जेम्स जब बाहर आया तो एलिजाबेथ उसे शक की निगाहों से देखते हुए बोली:: तो तुम इस केन्डी से शादी करना चाहते हो,मुझे छोड़कर।
एलिजाबेथ की आंखों में खून उतर आया था और उसकी आंखें लाल हो चुकी थी। उसकी पूरी बॉडी जैसे करंट के लगने से हिल रही थी और वो खाने वाली निगाहों से जेम्स को देखते हुए उसके पास आ गयी। जेम्स ने उसे कंधों से पकड़कर हिलाया औऱ उसके गाल थपथपाते हुए बोला:: एलिजाबेथ,सुनो देखो मेरी तरफ,एलिजाबेथ देख़ो मेरी आँखों मे।
एलिजाबेथ उसकी आँखों मे देखने लगी तो जेम्स उसके हालातों को समझते हुए बोला:: मै तुम्हारा हूं और मुझे तुमसें कोई अलग नही कर सकता समझी। केन्डी मेरी दोस्त थी स्कूल में औऱ इससे ज्यादा कुछ नही।
एलिजाबेथ दरवाजे की तरफ उंगली घुमाते हुए:: लेकिन बाहर अभी बातें हो रही थी केन्डी औऱ तुम्हारी शादी को लेकर।
जेम्स उसे गले लगाते हुए:: वो पागल है कुछ भी बोलते है। मै केन्डी से बात करूंगा औऱ बाकी सबसे भी। तुम खुद को सँभालो औऱ दवाई ली तुमने अपनी।
एलिजाबेथ गुस्से में:: बात को घुमाओ मत तुम।
जेम्स उसकी दवाई उसकी तरफ बढ़ाते हुए:: लो पहले इन्हें खाओ औऱ शांत रहो।
एलिजाबेथ बाहर की तरफ इशारा करते हुए:: जाओ जाकर अभी बात करो सबसे,नही तो अच्छा नही होगा कुछ भी यहां। तुम मेरे हो बस औऱ कोई तुम्हे मुझसे अलग नही कर सकता।
जेम्स उसके चेहरे को छूकर:: मै अभी बात करूंगा सबसे औऱ शादी वादी कुछ नही होगी मेरी। तुम खुद को सँभालो औऱ अपनी दवाइयां लो वक्त पर।
एलिजाबेथ को जेम्स ने दवाई उसके हाथ मे दी औऱ पानी की बोतल देकर बाहर की तरफ दौड़ पड़ा। एलिजाबेथ ने गुस्से में दवाई फेंक दी और बेड पर बैठ गयी। बाहर से लड़ने झड़ने की आवाजें एकदम साफ सुनाई दे रही थी और एलिजाबेथ खुद को संभालने की कोशिश कर रही थी।

कुछ देर बाद माहौल में शांत हुई और वो फ्रेश होकर कमरे से बाहर आई। हॉल में जेम्स औऱ केन्डी को छोड़कर सभी लोग बैठे हुए थे और एलिजाबेथ फीकी तरह मुस्कुराते हुए उनके बीच आकर बैठ गयी। उसके बैठते ही जेम्स की माँ औऱ बहन उसे बाझ होने पर ताना देते हुए किचेन में चली गयी। किचेन से भी उनकी आवाज़ बिल्कुल साफ साफ सुनाई दे रही थी और एलिजाबेथ भी झूठी मुस्कुराहट के साथ इन सब चीजों को झेल रही थी।
जेम्स के डैड जानबूझकर केन्डी के परिवार से फोन पर बात कर रहे थे उनकी शादी की औऱ बड़े ही खुश हो रहे थे। फोन कटने के बाद एलिजाबेथ फीकी तरह मुस्कुराते हुए बोली:: डैड अगर मै माँ नही बन सकती तो इसमें मेरी क्या गलती है? आप कयू हम दोनों को अलग करना चाहते है,हम दोनों एक दूसरे के साथ खुश है।
जेम्स के डैड अपना चश्मा ठीक करते हुए:: लेकिन मै खुश नही हूँ तुम्हारे साथ अपने बेटे को देखकर। उम्र में बड़ी हो ये भी झेल लिया हमने,लेकिन बिना बच्चे के हम नही रह सकते। तुम्हे ज़रा भी शर्म नही आई अपने से पांच साल छोटे लड़के पर डोरे डालते हुए। तुम्हारे इस जादू ने हमसे हमारा बेटा छीन लिया। अब चुपचाप डिवोर्स दो और दफा हो जाओ यहाँ से।
एलिजाबेथ कुछ बोलती उससे पहले ही जेम्स की बहन और माँ के तानों की आवाज़ तेज़ हो गयी। वो लोग अब भी बहुत बुरा भला सुनाए जा रहे थे एलिजाबेथ को औऱ वो कानों पर हाथ रखें इन्हें इग्नोर करने की कोशिश कर रही थी।

तभी घर के दरवाजे को तोड़कर कोई अंदर आया और एक ही झटके में अपनी कुल्हाड़ी से जेम्स के डैड की गर्दन अलग कर दी। सारा खून उड़कर एलिजाबेथ के ऊपर आ गिरा और वो एकदम से जम गई। घर की सारी लाइट्स जल बुझ रही थी और तभी कोई मास्क पहना साया एलिजाबेथ को दिखाई दिया। उसके हाथ मे खून से सनी कुल्हाड़ी थी और उसने जेम्स की माँ के सीने को चीरकर रख दिया पलक झपकते ही। जेम्स की बहन ने भागने की कोशिश की तो उस साये ने उसके पीठ के ठीक पीछे वार किया और जेम्स की बहन फर्श पर गिर पड़ी। जेम्स की बहन तड़प रही थी औऱ एलिजाबेथ को देख रही थी। उस साये ने कुल्हाडी वापस उसकी पीठ से निकाली और एक जी झटके में उसका सर काटकर अलग कर दिया। इतना भी कम नही था कि उस साये ने उसके धड़ के नीचे का हिस्सा अलग करके जेम्स की बहन को तीन हिस्सों में बांट दिया। वो साया एलिजाबेथ की तरफ बढ़ने लगा और एलिजाबेथ बाहर की तरफ भाग पड़ी।

उसने पास पड़े औजार ने से एक कुल्हाड़ी उठाई औऱ उस साये पर दे मारी। लेकिन वो साया तो जैसे हवा हो गया और पूरे घर की लाइट्स वापस आ गयी। एलिजाबेथ ने देखा पुरा घर जैसे खून से लाल हो चला था और जेम्स का परिवार मारा जा चुका था।
एलिजाबेथ ने अपनी सेफ्टी के लिए कुल्हाड़ी उठाई और बाहर की तरफ चिल्लाते हुए भागने लगी। ये घर मक्के के खेतों के ठीक बीचों बीच बना हुआ और बाहर उसे जेम्स या केन्डी नही दिखे।
तभी उसे अपने पीछे कुछ महसूस हुआ और उसने पीछे मुड़कर देखा तो चाँदनी रात में उस साये का चेहरा देखकर उसका दिल हलक में आकर अटक गया। ये वही साइको किलर था जो 30 पहले ही मर चुका था तो ये अब कैसे औऱ कयू? एलिजाबेथ ने आसमान में देखा तो आज फूल मून नाईट थी और वो साया कंधे पर खून से सनी कुल्हाड़ी रखे उसे ही देख रहा था। उसका चेहरा तो साफ दिखाई नही दे रहा था न जाने कयू?लेकिन इंटरनेट पर मिली कुछ तस्वीरों से वो काफी मिलता झूलता था।

वो साया एलिजाबेथ की तरफ दौड़ पड़ा और एलिजाबेथ चिल्लाते हुए खेत के अंदर भागने लगी। कुछ दूर भागने पर उसे जेम्स औऱ केन्डी दिखे,जो किन्ही बातों पर बड़े सीरियस होकर बात कर रहे थे। एलिजाबेथ उनकी तरफ बढ़कर कुछ बोल पाती उससे पहले ही एक कुल्हाड़ी आयी और एक ही झटके में उसने केन्डी की गर्दन को अलग कर दिया। जेम्स की चीख निकल गयी और वो भी पल भर में खून से सन गया। एलिजाबेथ उसके पास आई औऱ वो जेम्स को लेकर भागने लगी। जेम्स उससे अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगा तब एलिजाबेथ उसे लेकर एक पेड़ के पीछे छुप गयी। जेम्स डरकर हाथ पैर चलाने लगा और वो चीख पड़ा:: यहाँ हो क्या रहा है?

वो आगे कुछ बोलता इससे पहले ही एलिजाबेथ ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया और धीरे से बोली:: वो वापस आ गया है? उसने घर मे सबको मार दिया और अब वो हम सभी को मार डालेगा। वो हमारा पीछा कर रहा है जेम्स,हम्हे निकलना होगा यहाँ से अभी।
जेम्स की आंखे डर से फैल गयी और वो पत्थर की तरह जम गया। जब चीजे उसकी समझ मे आई तो उसने अपना फोन निकाला पुलिस को फोन करने के लिए। लेकिन फोन की लाइट देखकर वो किलर यहाँ न आ जाये ये सोचकर एलिजाबेथ ने उसका फोन सामने चल रहे ट्यूबवेल में फेंक दिया। जेम्स चीखने चिल्लाने लगा तो एलिजाबेथ डर गई और उसने पास पड़ा पत्थर जेम्स के सर पे मारकर उसे बेहोश कर दिया।

एलिजाबेथ दस मिनट तक खुद को शांत करने लगी और देखने लगी कि कही वो किलर आसपास तो नही है। लेकिन हर जगह अजीब सा सन्नटा पसरा हुआ था और इस माहौल में जानवरों औऱ कीट पतंगों की ही आवाज़ आ रही थी। जेम्स को अब भी हल्का होश था और वो बस हल्की खुली आंखों से डरते हुए एलिजाबेथ को ही देख रहा था।

एलिजाबेथ ने उसे उठाया और किसी तरह गाड़ी तक ले आई। गाड़ी की चाबी जेम्स की जेब मे थी और जेम्स उससे गाड़ी की चॉबी छीनने की कोशिश करने लगा। एलिजाबेथ उसे गाड़ी के पीछे वाली सीट पर लिटाते हुए बोली:: हम अभी निकलेंगे यहाँ से,नही तो मार देगा हम्हे।
जेम्स ने एलिजाबेथ के पैर पर लात मार दी और चीखते हुए बोला:: पुलिस को बुलाओ,तुम पागल हो गयी हो?
जेम्स की आवाज़ उस सन्नते में गूँज उठी और ये देखकर एलिजाबेथ आसपास देखने लगी। उसने जल्दी से डिक्की से एक कपड़ा निकाला और जेम्स के हाथ पैर बांध दिए। जेम्स कुछ बोलता या चीखने की कोशिश करता तो वो किलर फिर आ सकता था,इसलिए एलिजाबेथ ने जेम्स के मुँह में भी कपड़ा ठूस दिया।

एलिजाबेथ ने अपनी कुल्हाड़ी आगे की सीट पर रखी और गाड़ी लेकर तेज़ी से उस जगह से निकल गयी। उसने गावँ के बाहर जाने वाले कच्चे रास्ते गाड़ी घुमा दी और बार बार पीछे मुड़कर देखने लगी। उसकी आंखों में डर था वो बहुत अजीब तरह से घबरा रही थी और बार बार उसकी आँखों के आगे उस किलर का चेहरा आ रहा था।

वही जेम्स खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रहा था और लेकिन उसके हाथ पैर कुछ ज्यादा बढ़िया ही तरह से बांधे थे एलिजाबेथ ने। थोड़ी दूर चलने पर एलिजाबेथ ने पीछे मुड़कर देखा तो उसे वही किलर अपने पुराने से ट्रक उनका पीछा करते हुए दिखाई दिया।
ये देखकर एलिजाबेथ चिल्ला पड़ी डर से औऱ उसने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। थोड़ी देर चलने पर उसे लगा जैसे गाड़ी के टायरों की हवा निकल गयी हो। एलिजाबेथ ने मुड़कर पीछे देखा तो अब कोई ट्रक उसका पीछा नही कर रहा था।
उसने चैन की सांस ली और एक गैस स्टेशन पर गाड़ी रोक दी। एलिजाबेथ सर से पाँव तक खून में सनी हुई थी और उसके हाथ में किलर से बचने के लिए खून से सनी कुल्हाड़ी भी थी।
एक लड़का चुपचाप उसके टायरों में हवा चैक करने लगा और एलिजाबेथ के हाथ पर एक गहरा घाव था। इतना गहरा की उसकी बाजू के हिस्से का सारा मास बाहर लटक रहा था और बस हड्डी दिखने वाली थी हाथ की।
एलिजाबेथ अपना हाथ संभालते गैस स्टेशन के कोने पर बनी एक दुकान पर आई और घबराते हुए बोली:: अंकल पुलिस को फोन लगाइये,एक साइको किलर हमारे पीछे पड़ा है। अंकल ने उसे कुर्सी पर बैठाया औऱ पीने के लिए पानी दिया।
एलिजाबेथ बैठकर पानी पीने लगी और अंकल अपने काउंटर के लैंडलाइन के पास गये। उन्होंने पुलिस का नंम्बर डायल किया ही था तभी एक कुल्हाड़ी आयी और उन अंकल की गर्दन काउंटर पर उछल कर गिर पड़ी। गर्दन अलग करने के बाद भी किलर को चैन नही मिला उसने अंकल के एक पैर को अलग कर उनके जिस्म को।

हम देख पाते है उस काली रात की सबसे भयानक सच्चाई। कुल्हाड़ी किसी साइको किलर के हाथ मे नही थी वो एलिजाबेथ के हाथों में थी। एलिजाबेथ की आंखों में खून उतर आया और सर से पाँव तक जैसे वो खून में नहाई हो।
एलिजाबेथ बाहर आई और वो गैस स्टेशन वाला लड़के ने अंदर का सारा नज़ारा देख लिया था। वो डरते हुए पीछे हटने लगा औऱ एलिजाबेथ से जान की भीख मांगने लगा।

लेकिन एलिजाबेथ उसकी तरफ कुल्हाड़ी लेकर दौड़ पड़ी और वो उस लड़के पर वार करने ही वाली थी। तभी एक गोली चलने की आवाज़ आयी और वो दोनों गोलियां एलिजाबेथ के दोनों पैरों में जा लगी। एलिजाबेथ के हाथों से कुल्हाड़ी जा गिरी औऱ वो वही बेहोश होकर गिर गयी।

उस रात के 3 दिन बाद
जेम्स एक हॉस्पिटल के कमरे में बैठा था औऱ सामने की तरफ देख रहा था। उस कमरे की एक दीवार शीशे की बनी थी और उसपार कुछ पुलिस वाले,डॉक्टर एलिजाबेथ से पूछताछ कर रहे थे। जेम्स के सर पर बहुत गहरी चोट की वजह से उसे आज ही होश आया था और उसका बहुत खून बह चुका था इस हादसे में। जेम्स आंखों में आंसू लिए शीशे की दीवार से उसपार देख रहा था जहाँ एलिजाबेथ को रखा गया था। एलिजाबेथ के हाथो औऱ पैरों को कसकर बाँधा गया था कुर्सी पर बिठाकर। जेम्स को अंदर की बातें सुनाई तो नही दे रही थी लेकिन वो देखकर सबकुक महसूस कर सकता था। अंदर बैठे पुलिस,डॉक्टर्स एलिजाबेथ से कुछ पूछ रहे थे लेकिन एलिजाबेथ एक ही बात पर अड़ी हुई थी। ये सबकुक उसने वही बल्कि साइको किलर ने किया है।

कुछ देर बाद डॉक्टर्स औऱ एक पुलिस ऑफिसर बाहर आया और जेम्स को कुर्सी पर बैठाकर उसके सामने बैठते हुए बोले:: आप जानते है जेम्स सच क्या है।
जेम्स ने आंखों में आंसू भरे चेहरे को हां में हिलाया औऱ डॉक्टर उसकी तरफ पानी का ग्लास सरकाते हुए बोला:: वो उस साइको किलर की कहानी से प्रभावित हुई कि वो खुद को ही साइको किलर मानने लगी। जैसे साइको की बीवी को कभी बच्चा नही हो सकता था,कुछ इसी तरह एलिजाबेथ ने अपनी जगह उस आदमी को रखा। उसके दिमाग मे उससे ज्यादा वो किलर है औऱ इसी के चलते उसने पांच मर्डर किये। आपको खोने का डर औऱ केन्डी से शादी करने वाली बात एलिजाबेथ के बीमार दिमाग मे घर कर गयी। ऊपर से आपके घरवालों के तानों ने उसके दिमाग को आदेश सा दिया ये सब करने के लिए। एलिजाबेथ ने खुद को साइको किलर बनाकर लोगो को मारा और आपको एलिजाबेथ बनकर बचाया खुद से।
पुलिस वाला:: शुक्र है वो तो कि गैस स्टेशन वाले अंकल का फोन हम्हे लग गया और हम पेट्रोलिंग पर उस जगह से कुछ दूर। हो सकता था कि आप भी मारे जाते और वो लड़का भी। गैस स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज से साफ दिखाई दे रहा है कि एलिजाबेथ ने ही दुकान वाले अंकल को मारा है वो भी बेवजह।
हम कुछ नही कर सकते और इन्हें अब मेंटल हॉस्पिटल में डालना होगा। इनकी इस हालत के चलते फाँसी तो नही होगी लेकिन इन्हें छोड़ना भी नही हो पायेगा।
बेहतर होगा आप इस शहर से जल्द से जल्द चले जाएं। क्युकी अपने एक रात में सबकुक खो दिया अपना।
डॉक्टर्स वहाँ से चले गये औऱ पुलिस वाला भी कुछ पेपर्स पर साइन लेकर वहाँ से चला गया। जेम्स खुद को संभालते हुए वापस उसी कमरे में आया जहाँ शीशे की मदद से एलिजाबेथ को देखा जा सकता था। इस कमरे की एक खास बात थी कि उसपार का जेम्स सबकुक देख पा रहा था,लेकिन एलिजाबेथ नही।

कुछ लोगों ने एलिजाबेथ को खोला पेपर पर साइन करवाने के लिए औऱ तभी एलिजाबेथ की गर्दन शीशे पर आकर टिक गई। वो भागती हुई आयी और उसने अपना हाथ जोर से उस शीशे पर दे मारा और जेम्स भी डरकर पीछे हट गया। एलिजाबेथ को लोगो ने वापस पकड़कर बाँध दिया और एलिजाबेथ के बस वो जेम्स से बहुत प्यार करती है यही बोले जा रही थी।

उसी दिन रात का समय।
उस साइको किलर का घर और ट्रक धू धू करके जल रहा था और उसे जलाया था जेम्स ने। आग लगाने के बाद जेम्स अपनी गाड़ी में आ बैठा औऱ रोते हुए उस शहर से बाहर निकल गया। वो खुद को जिम्मेदार मान रहा था इन चीजों के लिये औऱ एलिजाबेथ के कभी माँ ना बन पाने के लिए। उसने ही ज़िद की थी 3 साल पहले घूमने फिरने की और एलिजाबेथ को उसकी बात माननी पड़ी। इसी एडवेंचर के चलते एलिजाबेथ ने अपना बच्चा खो दिया और फिर कभी माँ बनने का सपना भी खो गया उसका। इसी के चलते वो मानसिक तौर पर बीमार रहने लगी और अब भी उसकी हालातों में सुधार नही था।
जेम्स ने सबकुक खो दिया था यहाँ आकर,परिवार,दोस्त औऱ सबसे खास चीज वो थी एलिजाबेथ। जिससे वो बेहद प्यार करता था। अब इस जगह उसका कोई काम नही था ये सोचकर जेम्स की गाड़ी शहर वाले रास्ते पर चल पड़ी।

((समाप्त))
©शालिनी सिंह