लंदन टूर की यादें - भाग 1
पेरिस टू लंदन ट्रेन यात्रा
पेरिस से लंदन यूरोस्टार ट्रेन से सफर बहुत अच्छा रहा….
कुछ वर्ष पूर्व मुझे पेरिस जाने का मौका मिला था . उन दिनों मेरी बेटी पेरिस के पास एक अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध बिजनेस स्कूल में पढ़ रही थी . उसके दीक्षांत ( कन्वोकेशन ) समारोह के अवसर पर मैं पति के साथ वहां गयी थी . इरादा तो यूरोप के कुछ अन्य देश घूमने का भी था . हमारा शेनजेन वीजा था पर उन दिनों स्विट्ज़रलैंड और UK इस वीजा में कवर्ड नहीं थे . UK का वीजा तो अलग से ले लिया था पर दिल्ली में समय की कमी के कारण स्विस वीजा नहीं ले सकी .
जब मैं पेरिस पहुंची उस समय बेटी के कन्वोकेशन में एक सप्ताह बाकी था . इस बीच हमने लंदन घूमने का प्रोग्राम बनाया . हालांकि प्लेन से सफर कुछ सस्ता ही पड़ता फिर भी बेटी ने पेरिस से लंदन जाने के लिए ट्रेन बेहतर समझा . उसने यूरो स्टार ट्रेन से फर्स्ट क्लास के तीन टिकट बुक कर रखे थे .
पहला दिन
नियत समय पर सुबह में हम लोग पेरिस गार डु नॉर्ड स्टेशन ( जिसका मतलब पेरिस नार्थ होता है ) जा पहुंचे . हालांकि 9 / 11 का आतंकी हमला वर्षों पहले हो चुका था पर हमें कहीं किसी ख़ास चेकअप से नहीं गुजरना पड़ा . प्लेटफॉर्म पर ट्रेन खड़ी थी , हम अपनी कोच पर गए . लेडी कंडक्टर ने हमारा स्वागत किया और बोर्डिंग पास देख कर अंदर गाइड किया . फर्स्ट क्लास में हम तीन के अलावा मुश्किल से चार पांच और लोग थे . ट्रेन स्टार्ट होने के कुछ मिनट बाद होस्टेस ने ब्रेकफास्ट और कोल्ड ड्रिंक सर्व किया . नाश्ता खत्म कर कुछ गपशप करते करते अनाउंस हुआ “ अब ट्रेन समुद्र के अंदर टनल में प्रवेश कर रही है “ हालांकि ट्रेन के अंदर ऐसा कुछ आभास नहीं हुआ कि हम समुद्र के नीचे से गुजर रहे हैं . दरअसल अंडर सी यह टनल 50 किलोमीटर लम्बी है . आमतौर पर ट्रेन की स्पीड करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है पर टनल में इसकी स्पीड करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाती है . खैर पता ही नहीं चला और हम पेरिस से लंदन पहुँच गए मात्र 2 घंटा 15 मिनट में .
बाद में हमें अहसास हुआ कि ट्रेन ही अच्छा रहा क्योंकि यह आरामदेह था और इसमें काफी समय की बचत भी थी . पेरिस बेटी के अपार्टमेंट से एयरपोर्ट और लंदन के एयरपोर्ट से अपने होटल तक पहुँचने में ही चार घंटे का समय लग सकता था और ऊपर से एयरपोर्ट पर औपचारिकताएं अधिक होती हैं .
लंदन के किंग क्रॉस स्टेशन पर उतरने के बाद हमें लगा कि कस्टम और इमिग्रेशन में समय लगेगा पर ऐसा कुछ नहीं हुआ . बस अधिकारियों ने पासपोर्ट पर स्टैम्प लगा कर दे दिया और किसी सामान को किसी चेकिंग से भी नहीं गुजरना पड़ा था . स्टेशन शहर के मध्य में ही था तो कुछ मिनटों में टैक्सी ले कर वेस्टमिंस्टर होटल पहुंचे , यहीं हमारी बुकिंग थी . जुलाई का प्रथम सप्ताह था और काफी गर्मी पड़ रही थी , बल्कि उन दिनों पूरे यूरोप में ही गर्मी थी . यहाँ आमतौर पर जुलाई में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से कम ही रहता है पर इस बार 30 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा था जो यहाँ के हिसाब से बहुत गर्म कहा जाता है .
हमारा होटल अच्छा था और प्रसिद्ध हाइड पार्क से कुछ ही दूरी पर था . दोपहर हो चला था , कमरे में गर्मी महसूस हो रही थी . होटल अच्छा था और कमरा भी अच्छा था पर कमरे में सिर्फ पंखा था . मैंने रिसेप्शन से एयर कंडीशन रूम के लिए पूछा तो उसने जो कहा उसका मतलब हम नहीं समझ सके , उसने जवाब दिया “ लंदन और एयर कंडीशनर ,नो वे ? “ बाद में मुझे पता चला कि इस मौसम में लंदन के होटलों में एयर कंडीशनर की सुविधा नहीं होती है पर सर्दियों में रूम को गर्म रखा जाता है . खैर पहले दिन हमने कुछ आराम कर शाम को आस पास घूमने का फैसला किया .
दूसरा दिन
सुबह होटल में हमने कंप्लीमेंट्री ब्रेकफास्ट लिया और हाइड पार्क घूमने निकल पड़े . पार्क होटल से ज्यादा दूर नहीं था इसलिए पैदल ही चल दिए . अभी थोड़ी दूर ही गए थे कि एक आलिशान कार पास में आ कर रुकी . हम लोग उसे नजरअंदाज कर चलते रहे . कार वाला भी हमारे साथ धीरे धीरे बढ़ा और फिर रुका . गाड़ी से कीमती सूट बूट में एक अंग्रेज निकल कर हमारे पास आ कर बोला “ एक्सक्यूज़ मी, वन मिनट . “ हम लोग रुक गए . “
उसने अंग्रेजी में पूछा “ आप लोग इंडिया से आये हैं ? “
वैसे मेरी साड़ी देख कर यह कोई भी कह यह सकता था , फिर भी मेरे हाँ कहने पर बोला “ सोनिया गाँधी के देश से . “
मैंने उसका तात्पर्य समझ कर हाँ कहा . तब वह बोला “ मैं इटैलियन हूँ , सोनिया के जन्म स्थान से . “
‘ ओके ओके ‘ मेरी बेटी ने कहा और हम आगे बढ़ते इसके पहले ही वह बोला “ मेरे पास आपके लिए कुछ अच्छे सामान हैं . “ बोल कर उसने अपनी कार का ट्रंक खोला और उसने कुछ वूलन जैकेट दिखाते हुए कहा
“ इन्हें मैं इटली से ले कर आया हूँ . यहाँ एक प्रदर्शनी में ले कर आया था . कुछ बच गए हैं , इनमें जो भी आपको पसंद हो सस्ते में ले सकती हैं मात्र 100 पाउंड में . वैसे इसकी कीमत 250 पाउंड है . “
हमने कहा “ नहीं , गर्मी में जैकेट ले कर क्या करेंगे ? “ और आगे बढ़ने लगे
उसने कहा “ सुनिए तो सही , आप कुछ कम दे देंगीं . 80 पाउंड . “
हमलोग उस से अपना पिंड छुड़ाना चाहते थे मगर वह बोला “ मैडम , मेरे पास वापस इटली जाने के लिए पैसे नहीं हैं , इसीलिए मैं इतना सस्ते में दे रहा हूँ . चलो आप 50 पाउंड ही दे देना . “
मेरी बेटी ने अपनी भाषा में कहा “ मम्मी चलो , दाल में कुछ काला है . ऐसा नहीं है कि लंदन में सभी अच्छे लोग ही हैं . “
उसने फिर कहा “ अच्छा 25 पाउंड ही दे देना , मेरी कार में पेट्रोल भी नहीं . कम से कम फ़िलहाल उसका खर्च तो निकल आएगा . “
हमने अब एक पल भी रुकना अच्छा नहीं समझा और ‘ नो थैंक्स ‘ बोल कर चलने लगे .
वह बिलकुल पीछे पड़ गया “ अच्छा लास्ट प्राइस 20 पाउंड . “
मेरी बेटी ने कड़ा हो कर कहा “ इस सड़क पर और लोग भी तो हैं , आप उन्हें भी बेच सकते हैं . सिर्फ हमारे पीछे क्यों पड़े हैं ? हमें नहीं चाहिए . “ चलिए मम्मी , पापा रुकिए नहीं
वह तथाकथित इटैलियन गुस्से में कुछ बड़बड़ाने लगा पर हमलोग नहीं रुके और हाइड पार्क की ओर निकल पड़े . गर्मी काफी थी . एक बोतल ड्रिंकिंग वाटर देखते देखते खत्म हो गया था . पार्क में लगे नल से ही खाली बोतल में पानी भर कर हमने अपना काम चलाया .
एक घंटा पार्क में रहने के बाद हमलोग लंदन के मशहूर बिग बस से पिसाडिल्ली सर्कस और ट्रैफलगर स्क्वायर के लिए निकल पड़े . पिसाडिल्ली सर्कस लंदन का टाइम स्क्वायर कहा जाता है . वहां से फिर वेस्टमिनिस्टर पैलेस - बिग बेन देखते हुए होटल लौट गए
तो यह लंदन टूर की शुरुआत थी .
क्रमशः