लंदन टूर की यादें - भाग 2 S Sinha द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

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लंदन टूर की यादें - भाग 2

लंदन टूर की यादें - भाग 2

बस में लंदन घूमना और ऑस्ट्रेलियन लड़की से मुलाकात। ....


तीसरा दिन

लंदन के दर्शनीय स्थान घूमने के लिए हमने होटल से ही दो दिनों के लिए “ बिग बस “ के टिकट ले ली थी . इसमें यह सुविधा थी कि दिन भर जहाँ चाहें बस से ट्रेवल कर सकते थे और जहाँ रुक कर घूमने की इच्छा हो वहां उतर सकते थे . फिर वहां से दूसरी किसी जगह जाने के लिए बस पकड़ सकते थे . थोड़ी थोड़ी देर के अंतराल पर बस मिल जाती थी और शाम को लास्ट बस से होटल लौट जाते . बस स्टॉप भी होटल से थोड़ी ही दूर था , वहां तक 10 मिनट के अंदर पहुँच सकते थे .


मॉर्निंग कंप्लीमेंट्री ब्रेकफास्ट के बाद आज सबसे पहले बकिंघम पैलेस देखने का प्रोग्राम था . बिग बस से बकिंघम पैलेस के निकटतम स्टॉप पर ड्रॉप ले कर कुछ दूर चलने के बाद हम लोग ब्रिटिश रॉयल फैमिली के निवास स्थान बकिंघम पैलेस पहुंचे . इस पैलेस के चेंज ऑफ़ गार्ड का बड़ा नाम सुना था , इसे देखने का इरादा था . यहाँ के गार्ड का लाल ट्यूनिक ड्रेस और भालू के चमड़े के हैट मशहूर हैं . सुबह 11 बजे चेंज ऑफ़ गार्ड होता है , इत्तफाक से जून और जुलाई के महीने में यह प्रतिदिन होता है और बाकी महीनों में सप्ताह में चार दिन . अभी 40 मिनट बाकी था और धूप काफी कड़ी थी . पैलेस से कुछ ही दूरी पर पेड़ की छाँव में हम इंतजार करने लगे . भीड़ एकत्रित होने लगी तो हमलोग भी दौड़ कर वापस पैलेस गेट के निकट खड़े हो गए . थोड़ी देर में नए गॉर्ड आये और उन्होंने पुराने गार्ड्स से अपने हथियार बदले और उनसे चाभी लिया . गार्ड के एक ग्रुप ने आ कर बैंड पर कुछ धुनें बजायी . कोई खास बड़ा या भव्य समारोह जैसा नहीं था .


हमने होटल से निकलते समय खाने के कुछ सामान और पानी की बोतलें एक बैग में पैक कर लिया था . टूरिस्ट प्लेस पर आधा लीटर पानी का बोतल भी बहुत महंगा पड़ता था . चेंज ऑफ़ गार्ड देखने के बाद बकिंघम पैलेस से कुछ दूरी पर पेड़ की छांव में बैठ कर हमने लंच लिया . कुछ देर आराम करने के बाद हम बिग बस पकड़ कर मैडम तुसाद म्यूजियम आये . इसका दुनिया में बड़ा नाम है . टिकट हमने पहले ही ले रखी थी .


मैडम तुसाद म्यूजियम में दुनिया भर के नामी गिरामी सेलिब्रिटिज के मोम के पुतले लगे हैं , इनमें विश्व के प्रसिद्ध पुराने राजा , शासक , राजनेता , नए पुराने अभिनेता , अभिनेत्री , वैज्ञानिक , खेल जगत आदि सभी क्षेत्र के लोग हैं . आइंस्टीन , चार्ल्स डिकेन्स , शेक्सपियर नेपोलियन आदि के अतिरिक्त उन दिनों भारत के गांधीजी , नेहरूजी , अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय के पुतले भी लगे थे . हमने उनके सामने खड़े हो कर फोटो खिंचवाए , अमिताभ और ऐश्वर्या से तो हाथ भी मिलाये . मैडम तुसाद का एक विशेष आकर्षण ‘ डार्क राइड ‘ है . इसमें एक टॉय कार में बैठ कर दर्शक एक अंधियारे टनल से गुजरते हैं . इसके अंदर 19 वीं शताब्दी के कुछ एनिमेटेड दृश्य , म्यूजिक , लाइट , इंटर एक्टिव कहानियां , टनल ऑफ़ लव आदि देखने को मिलते हैं जिनमें कुछ तो बहुत डरावनी भी होती हैं .


मैडम तुसाद से निकल कर हम लोग लंदन के मशहूर शॉपिंग मॉल हैरोड्स घूमने गए . बस देखने भर के लिए गए थे , चीजें बहुत महंगी थीं . वहां से निकल कर हम सीधे अपने होटल गए .


चौथा दिन


आज का दिन हमने लंदन का मशहूर लंदन ब्रिज , नदी थेम्स पर क्रूज और ‘ लंदन आई ‘ देखने के लिए चुना था . दोनों में काफी टाइम भी लगता है . लंदन आई राइड के लिए काफी लम्बी कतार होती है . रोज की तरह होटल से नाश्ता किया , कुछ खाने पीने का सामान पैक किया और बिग बस के स्टॉप पर खड़े हो गए .


बस जल्दी ही मिल गयी . लंदन ब्रिज से कुछ दूरी पर ड्रॉप ले पैदल लंदन ब्रिज पर पहुंचे . फिर एक घंटा से ज्यादा थेम्स नदी के क्रूज में लगा . क्रूज से नदी के दोनों ओर लंदन शहर का विहंगम दृश्य देखने लायक था . क्रूज के बाद हम लंदन आई राइड की कतार में लगे . करीब 45 मिनट के इंतजार के बाद लंदन आई में बैठने का नंबर आया . यह एक विशाल चर्खी नुमा राइड है जैसा हमारे यहाँ मेले में देखने को मिलता है . पर यह आई बहुत ही धीरे धीरे घूमता है , इतना धीरे की शायद आपको अहसास भी न हो कि यह घूम रहा है . लंदन आई के कैप्सूल में बैठे बैठे नीचे थेम्स रिवर और पूरे लंदन शहर का भव्य दृश्य दर्शनीय है . इस आई के एक चक्कर में 30 मिनट का समय लगता है .


लंदन आई से उतरने के बाद हमने कुछ मामूली शॉपिंग की और सुवेनर ख़रीदे . तब तक बहुत थक चुके थे और अब और घूमने का साहस न था , इसलिए बिग बस स्टॉप पर गए . थोड़ी देर में हमलोग बस में थे .


बिग बस में हमारे बगल में दो युवतियां बैठी थीं . दोनों बहुत ही नटखट और बातूनी लगीं . हम लोगों से भी बात करने लगीं . हमने जब कहा कि हम इंडिया से आये हैं तब एक ने कहा “ तब तो आप किसी पैलेस में रहते होंगे , सुना है वहां बहुत सारे पैलेस हैं . “


मेरे पति ने जबाब दिया “ हाँ , मेरा पैलेस फर्स्ट फ्लोर पर है . इसमें तीन रूम और दो बाथरूम और एक बालकनी है . “


यह सुन कर वे भी हँस पड़ीं , मैंने पूछा “ तुमलोग कहाँ से आई हो ? “


“ ऑस्ट्रेलिया , मेलबर्न से हैं हम दोनों . “


मेरे पति ने उस से कहा “ ओह , तुम दोनों विक्टोरिया स्टेट की रहने वाली हो ? “


“ लगता है आप ऑस्ट्रेलिया के बारे में कुछ जानते हैं . “ एक लड़की ने पूछा


“ हाँ , थोड़ा बहुत . मैं वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया , साउथ ऑस्ट्रेलिया , विक्टोरिया , न्यू साउथ वेल्स और तस्मानिया राज्य के अनेक शहरों में घूम चुका हूँ . मैं पहले मर्चेंट नेवी में था . “


“ ओह , हमलोग तो अपने स्टेट से बाहर सिर्फ न्यू साउथ वेल्स में सिडनी गए हैं . आप से मिल कर ख़ुशी हुई . “


एक ऑस्ट्रेलियन लड़की ने मेरी सिन्दूर की तरफ इशारा कर मुझसे पूछा “ यह लाल रंग आपके बालों में कैसा है ? “

“ मैंने कहा इसे सिन्दूर कहते हैं . “


“ इस रेड पाउडर को आपने बालों के बीच क्यों लगाया है ? “


मेरे पति ने हँसते हुए जवाब दिया “ रेड सिग्नल का मतलब डेंजर होता है न . यह भी वही है , इसका मतलब है यह औरत मैरिड है . इस से दूर रहो . “


फिर दूसरी ने मेरी बिंदी को देख कर पूछा यह डॉट कैसा है तो मैंने कहा “ यह भी मैरिड औरत की ही निशानी है . इसे बिंदी कहते हैं . “


“ क्या आपके पास एक स्पेयर डॉट आई मीन बिंदी है ? यह बहुत सुन्दर लगता है . “


मैंने अपनी पर्स से बिंदी का एक पत्ता निकाल कर दिया और उसे लगाने का तरीका बताया . दोनों लड़कियों ने एक एक बिंदी अपने अपने ललाट पर लगा कर खड़ी हो कर बस में चिल्लाते हुए कहा “ लेडीज एंड जेंटलमेन . लुक , हम लोगों ने ये बिंदी लगा ली है और अब हम मैरिड हो गयीं हैं . “


बस में बैठे सभी टूरिस्ट हँस पड़े . उन दोनों ने हम लोगों के बीच बैठ कर सेल्फी लिया . कुछ दूर बाद उनका स्टॉप आया और वे उतर गयीं . जाते जाते हँसते हुए बाय कहा और फिर कहा “ हम मैरिड नहीं हैं लोगों पर ये बिंदी अच्छे लगते हैं . “


कुछ देर बाद हमारा भी स्टॉप आ गया और हम अपने होटल की ओर चल पड़े .


क्रमशः