नागिन का आखरी इंतकाम - भाग -२ Appa Jaunjat द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नागिन का आखरी इंतकाम - भाग -२

फिर शुभांगी कमरे में जाती हे तब नक्ष उसे देखता हे नक्ष को कोई तो दुसरी लडकी दिखती ही नक्ष उसे गले लगाता हे तब शुभांगी उसे बताती हे की मे शुभांगी हु फिर नक्ष उसे sorry बोलता हे ओर जाता है तब शुभांगी को कोछ तो दिखता हे उसे दो लोग दिखते हे ओर उन्हे कोई तो मार डालता हे तब शुभांगी मुका देकखे उस कमरे मे जाती हे उसे वाहा एक किताब मिलती है उसमे नागमणी किसके पास हे ओर एक ओर नागिन कि काहाणी थी एक शहर में मानसी नाम की लडकी रे थी थी वो एक नागिन थी उसके पती का नाम रोहन था लेकीन रोहन के घरवाले उस नागिन से नफरत करते थे लेकीन दोनो शादी करलेते हे तब नरेंद्र मानसी को मार देता हे तब उस किताब मै मानसी ओर रोहन की तसबीर थी रोहन ओर कोई नही नक्ष हे ओर नागमणी नरेंद्र के पास थी ओर चंद्रकला का भी इंतकाम लेना हे शुभांगी पेहेले शिवमंदिर जाती हे वाहा शेषा आती है दोनो मै बोहत बडी लढाई होती हे तब शुभांगी शिवजी का ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌हातियार ले के वोसे मार देती है फिर वो दिपक को भी मार देती है ओर मीनाक्षी को कोई तो मार देता हे ओर राहुल को भी मार देता हे नक्ष शुभांगी को बताता हे उन्हे मेने मारा हे तब शुभांगी उसे पोछती हे की नरेंद्र तुम्हरा कोण लगता है नक्ष बताता हे मेरा खोनी हे शुभांगी बोलती हे अब होगी आखरी इंतकाम चलो तब शुभांगी ओर नक्ष शिवमंदिर जाते है तब शुभांगी नक्ष को बताती हे हमे नरेंद्र को हराना हे तो नागिन चंद्रकला ओर नागिन मानसी नक्ष बोलता हे हमे उन्हे बोलाने के लिए क्या करे तांडव शुभांगी ओर नक्ष तांडव करते हे ओर वा हा नरेंद्र आता हे तब वो नक्ष को मारता हे शुभांगी नरेंद्र को मारने के कोशीस करती है तब नरेंद्र शुभांगी को मारता हे ओर उसके उपर वेलपञ डालता हे तब बोहत हवा चलती है बिजलिया कडकती हे तब शिवजी चमत्कार करते हे शिवके मनसे दो नागिन आती है ओ ओर कोई नही चंद्रकला ओर मानसी थी फिर मानसी शुभांगी के पास जाती हे ओर चंद्रकला नरेंद्र को मारने तब नरेंद्र चंद्रकला को मारता हे तब आसमानसे ञिशूल गिरके धरती पे आता हे तब चंद्रकला हात में ञिशूल लेकर मानसी ओर शुभांगी को लेकर नरेंद्र को मारडालते हे नरेंद्र मर जाता है तब तिनो मिलकर नागमणी निकाल कर शिवजी को देते हे ओर मानसी नक्ष को बोलती हे अब तुम्हारा प्यार शुभांगी हे तुम्हारी पत्नी हे ओर अपना ध्यान रखना फिर मानसी चली जाती हे चंद्रकला का पती भी आता हे चंद्रकला शुभांगी को केहेती हे धन्यवाद तुमणे मेरा इंतकाम लिया फिर चंद्रकला चली जाती हे फिर शुभांगी ओर नक्ष भी चले जाते हे उन्हे एक प्यारी बच्ची हो जाती है वो मानसी जेसी दिखती हे फिर शुभांगी अपनी सारी शक्ती या त्याग देती है शुभांगी के बच्ची का नाम शिवकन्या था तीनो भी खोशी खोशी रेहे ते हे लेकीन शुभांगी ओर नक्ष कहा तो चले जाते हे . चलो हम देखते हे अगले अध्याय मैं .