दोस्ती से परिवार तक - 8 Akash Saxena "Ansh" द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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दोस्ती से परिवार तक - 8

राहुल के मुँह से वो नाम सुनकर मनीष और रिया दोनों ही ऐसे शॉक हो गए जैसे उसने किसी बहुत का नाम ले लिया हो...... अब दोनों की हंसी उड़ चुकी थी और रिया का मुँह खुला खुला का खुला ही रहे गया....


राहुल ने बात को पलटते हुए फिर रिया से अपने फ़ोन के बारे मे पूछा...लेकिन रिया ने उसे बात पलटने का मौका ही नहीं दिया….इतने मे ही मनीष ने उस से पूछ लिया…."तू अभी भी उस चुड़ैल से बात करता है….सच मे यार…. "


रिया-"देख ले मनीष मैंने तुझे बोला था ना ये साला है ही घटिया इंसान….पहले ये सब और अब स्वाति….सीरियसली राहुल….तुझे पता है ना उसने क्या किया था तेरे साथ...और तू अब भी…."

मनीष-इसके साथ नहीं रिया!...हमारे साथ….हद ही कर दी तूने तो…


रिया-तुझसे ये उम्मीद तो कभी नहीं थी…


मनीष-सच मे राहुल कभी भी नहीं….


रिया-चल मनीष! अब ये हमारे नहीं बल्कि अब हम इसके लायक नहीं…..


मनीष ने राहुल को पीछे धकेलते हुए उस से कहा-जा बे चल...जा अपनी स्वाति के पास…..


और वो दोनों फिर से उसे छोड़कर जाने लगे….


मनीष और रिया एक के बाद एक ऐसी बातें बोलते जा रहे थे जो राहुल के गाल पर ज़ोरदार तमाचों की तरह पड़ रही थी….लेकिन वो भी कब तक सहन करता….वो बहुत ज़ोर से मनीष और रिया पर चिल्ला उठा…"मुझे एक्सप्लेन करने का मौका तो दो तुम दोनों, कब से बस अपनी अपनी बोले जाने रहे हो....मुझे भी तो मौका दो बोलने का

"....दोनों वही की वही रुक गए और रिया ने फिर ताना सा कसते हुए उस से बोला की "तुझे लगता है की अब भी कुछ एक्सप्लेन करने को बचा है"...


राहुल- हाँ बचा है और बहुत कुछ बचा है अभी....तुम लोगों को क्या लगता है सिर्फ तुम लोग ही थे जो डरे हुए थे.....


राहुल ने गहरी सांस ली और अपनी आवाज़ धीमी करके वो जल्दी से आगे बढ़कर कर आया और मनीष और रिया का हाथ पकड़ कर बोला-देख तुम्हें जाना है ना तुम चले जाना बस एक बार मेरी बात सुन तो लो...फिर तुम्हारी जो मर्ज़ी हो करना….मनीष और रिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और रिया बोली-"चल बता क्या बताना है तुझे"….


राहुल-देखो पहले तो इस काण्ड की बात...तुम्हें शायद ज़रा सा अंदाजा भी नहीं की अभी वो जो आदमी मरा उसकी जगह मै हो सकता था….


रिया-ये हम सुन चुके हैँ….अगर यही बताना था तो हम चलते हैँ फिर...चल मनीष!..


राहुल-रिया तेरा बहुत हो रहा है हाँ.....मेरी बात अभी ख़त्म नहीं हुयी….....


रिया-क्या बहुत हो रहा है बे......रिया और कुछ बोलती तब तक मनीष ने उसे चुप कराते हुए राहुल से बोला कि वो अपनी बात खत्म करे...


राहुल-थैंक्स भाई...दरअसल ज़ब तुम मुझे छोड़ कर जा रहे थे तब मुझे पता था की तुम वापस आओगे मुझे लेने...तो मैंने तुम्हें सरप्राइज देने के बारे मे सोचा...हम वैसे भी पार्टी करने ही जा रहे थे तो मैंने सोचा की यही कुछ दूरी पर एक बियर शॉप है क्यूँ ना वहां से सबके लिए बियर ले लूं….मेने बियर ली और जैसे ही पैसे देने के लिए अपना वॉलेट निकाला तो एक आदमी मेरा पर्स छीन कर भागने लगा….मेने भी उसका पीछा किया और भागते भागते हम लोग यहाँ आ गए और उसने आगे देखा नहीं….इतने मे एक कार ने आकर उसे उड़ा दिया…..


राहुल की बात पूरी होने से पहले ही मनीष ने उस से सवाल किया-तो फिर तू हमें वहां क्यों नहीं दिखा…..ज़ब हम चारों तरफ चिल्ला रहे थे…


रिया-तुझे पता है हमें क्या फील हुआ…


राहुल-मै….मै समझता हूँ रिया….मनीष! भाई मै बहुत डर गया था क्योंकि ज़ब उस बंदे का एक्सीडेंट हुआ तब वो ऑन स्पॉट ही मर चुका था और मुझे लगा कहीं इसका इल्जाम मुझपर ना आ जाए, कहीं मेरी लाइफ शुरू होने से पहले ही ना खत्म हो जाए और मुझे कल से...मतलब आज सुबह से कॉलेज भी ज्वाइन करना था….मेरे दिमाग़ मे पता नहीं क्या क्या चलने लगा….तुम लोग भी वहां नहीं थे….


(राहुल सब बताते बताते रोने लगा लेकिन उसने बोलना बंद नहीं किया…..)


इसलिए मै वहां से थोड़ा दूर जाकर यहीं साइड मे छुप गया….और तुम लोगों का इंतजार करता रहा लेकिन फिर काफी लोग वहां जमा हो गए तो मेरा डर और बढ़ गया की कहीं किसी ने मुझे देख तो नहीं होगा…..या मै वहां जाऊं तो कोई मुझे पहचान ना ले और ना जाने क्या क्या?.......लेकिन ज़ब वो आदमी और सब लोग वहां से जा रहे थे और तू उस एम्बुलेंस के पीछे भाग रहा था तब मेरी नज़र तुझ पर पड़ी मनीष कसम से….शायद भीड़ की वजह से या शोर की वजह से मै तुम्हारी आवाज़ नहीं सुन पाया बट बिलीव मी गाइस….यहीं सच है""……


और बोलते बोलते राहुल ने रिया को गले लगा लिया लेकिन उसने बोलना बंद नहीं किया वो बोलता रहा तब रिया ने उसे पीछे हटाया और उस से बोली की-चल कोई बात नहीं तू ठीक है ना तो बस, सब ठीक है।


मनीष ने उसके कंधे पर हाथ रखा, फिर उसे गले लगाया और उस से घर चलने के लिए बोला….उसने अपने चेहरा साफ किया और मनीष के साथ गाडी की तरफ जाने लगा तभी रिया ने उसे पीछे से टोका…."वैसे राहुल! ये सब तो ठीक था लेकिन स्वाति का क्या हाँ?..... आई होप कि तेरे पास उसका भी कोई एक्सप्लेनेशन ज़रूर होगा….