दोस्ती से परिवार तक - 6 Akash Saxena "Ansh" द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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दोस्ती से परिवार तक - 6

रिया ने फ़ोन एक तरफ पटका और फटाफट चल पड़ी मनीष के पास…

इधर मनीष इतनी लम्बी दौड़ के बाद अभी भी हाँफ़ रहा था वो वहीँ फुटपाथ पर जाकर बैठ गया और सोचने लगा की हम कितनी खुशी से जा रहे थे और ये क्या हो गया…..वो अपनी गहरी सोच मे डूब गया और गाड़ियों को गुज़रते हुए देखने लगा….वो चुप चाप बैठा ज़ब अपनी सोच मे खोया हुआ था तभी अचानक किसी ने उसके पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला…"मनीष!"


उसे एक पल के लिए लगा की, ये आवाज़ शायद उसका कोई वहम है….इसलिए उसने पीछे मुड़कर देखना भी ज़रूरी नहीं समझा….वो उठ कर जाने लगा तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ ज़ोर से खींचते हुआ बोला…."अरे यार मनीष! कितनी देर से ढूंढ़ रहा हूँ तुझे और तू अब जा रहा है"......


मनीष को आवाज़ सुन कर एक झटका सा लगा….उसे वो आवाज़ जानी पहचानी मालूम हुयी तो वो जल्दी से पीछे मुड़ा और देखा की वो आवाज़ उसका कोई वहम नहीं बल्कि वोआवाज़ राहुल की थी और वो बिकुल सही सलामत उसके सामने खड़ा था….उसकी आँखें भर आयी और बिना किसी सवाल जवाब के उसने राहुल को कस कर गले लगा लिया….राहुल मनीष को इस तरह रोता देख थोड़ा सोच मे पड़ गया की वो ऐसे रो क्यों रहा है….राहुल ने मनीष को पीछे हटाया और उससे कुछ पूछना चाहा, इतने मे ही एक गाड़ी की तेज़ बीम उन दोनों के चेहरे पर पड़ी। टायरों के रगड़ने की एक तेज़ आवाज़ के साथ वो गाड़ी उनके सामने आकर रुक गयी….दोनों ने अपने हाथों को अपनी आखों के सामने करा हुआ था इसी बीच मे राहुल की नज़र मनीष के हाथों पर पड़ी जो की खून से सने हुए थे और फिर उसके कपड़ों पर जिन पर भी खून के धब्बे लगे हुए थे….गाड़ी की बीम कम हुयी….गेट खुला और उसमे से उतरी रिया, जो की राहुल को अपने सामने सही सलामत देखकर मनीष की तरह ही शॉक मे चली गयी।


इस से पहले की राहुल मनीष से उसके हाथों और कपड़ों पर लगे खून के बारे मे कुछ पूछता...रिया ने भागते हुए आकर राहुल को गले लगा लिया और रोते रोते बोलने लगी…

"थैंक गॉड, तू ठीक है...हम तो इतना डर गए थे और मेरी तो जान ही निकल गयी थी।…. हमें तो लगा……"


राहुल से अब रहा नहीं गया, पहले मनीष और फिर रिया को रोता हुआ सुनकर उसके सब्र का बाँध टूट ही गया….राहुल से अब एक पल भी रहा नहीं गया और उसने दोनों से पूछ ही लिया की….."आखिर बात क्या है? तुम दोनों तो ऐसे रो रहे हो जैसे पहली बार मिले हो मुझसे…..वैसे... रोना तो मुझे चाहिए क्यूंकि छोड़ कर तुम गए थे मुझे, तुम्हे मेरी कोई फ़िक्र तो है नहीं वैसे भी और रो तुम रहे हो….और हाँ तुम्हे पता है अभी अभी यहाँ एक काण्ड हुआ है"…..


राहुल इतना बोल ही पाया था तभी रिया ने उसके गाल पर एक ज़ोरदार थप्पड़ जड़ दिया…..राहुल की बोलती एक दम बंद हो गयी…

मनीष ने भी रिया का साथ देते हुए कहा…"बहुत सही किया रिया ये इसी के लायक है"।