Hostel Boyz (Hindi) - 3 Kamal Patadiya द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

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Hostel Boyz (Hindi) - 3

पात्र परिचय: चतुर चिको


चतुर चिका का नाम चिराग था। लेकिन उसके पास चिकू जैसा गोल मुंह था और चिकू के जैसी मुस्कान थी इसलिए हमने उसका नाम चिको रखा था । वह अहमदाबाद से 100 किलोमीटर दूर पाटन के पास पंचासर गाँव का मूल निवासी है, लेकिन वह ज्यादातर अहमदाबाद शहर में ही रहता था, इसीलिए उसका व्यवहार भी अहमदाबादियों जैसा था। चिका के बारे में और क्या कहू ? वह दूसरे व्यक्ति को अपने शब्दों से इस तरह प्रभावित करता है कि दूसरे व्यक्ति के पास उस पर विश्वास करने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचता था। जिस तरह मोहब्बतें फिल्म में शाहरुख खान अपनी मधुर आवाज और मुस्कान से सबको जीत लेते थे, उसी तरह अपनी मधुर आवाज और मुस्कुराहट के साथ, चिका हर किसी को अपना दोस्त बना लेता था और उससे अपना काम करवाके छोड़ता। सा… ला… अहमदाबादी आदमी…।


हम सभी से भिन्न लेकिन आत्मविश्वास में हम सभी के समान। चिको कम्प्यूटर आईटी में स्नातक होने के लिए आया था। हम यह नहीं जान पाए थे कि कब वह कंप्यूटर आईटी के कारण हमारे ग्रुप का सदस्य बन गया।


पूरा हॉस्टल चिका के आलस्य से परेशान था। चिका किसी भी आदमी को कोई भी काम सोप देता था। यहां तक कि अगर उसे पानी पीना होता, तो वह किसी को भी पानी लाने के लिए भेजता था, और जब वह पानी लेकर आता था तब वह पानी पीता था। जब हॉस्टल में खाने के लिए कोई थाली लेकर आता था तब वो खाना खाता था। कभी-कभी आलस्य के कारण उन्हें भूखा भी रहना पड़ता था। चिका और प्रितला का कॉलेज का समय सुबह का था लेकिन चिका उठने में आलस करता था इसलिए वह कॉलेज के 1-2 पीरियड बंक करने के बाद ही कॉलेज पहुँचता था।
चिका के चालाकी के कुछ उदाहरण हैं। चिको और प्रितलो हॉस्टल के लोगों से दोस्ती करके उनका नाश्ता साफ़ कर देते थे। हॉस्टल के लोग भी ख़ुशी ख़ुशी उसे सब कुछ खिला देते थे। कॉलेज में दूसरी क्लास में पढ़ने वाली लड़की चिका को छोड़ने हॉस्टल में आती थी। वो अपनी सुविधा के अनुसार हॉस्टल के नियमों को बदल देता था।
चिका कोमल, शांत, शरारती, बातूनी, मजाकिया और चालाक ऐसा विविध व्यक्तित्व वाला आदमी था। यदि हमारे ग्रुप में कोई निर्व्यसनी था तो वह चिका था। हम अगले कुछ एपिसोड में चिका की चालाकियो का आनंद लेंगे।

पात्र परिचय: प्रितलो पायलट


हमारे जैसे काठियावाड़ी के लिए, अगर कोई घूमने के लिए गुजरात में सबसे बड़ी जगह है, तो वह दीव है, और अगर दीव का कोई सबसे बड़ा नंग है, तो वह मेरा दोस्त प्रितेश पायलट हैं। जैसे पायलट हवा में उड़ता है, ऐसे ही हमारे इस दोस्त की बाते भी अक्सर हवा में उड़ती रहती हैं और जमीन से उनका कोई लेना-देना होता नहीं है। पायलट जैसी बात और महत्वाकांक्षी रवैया, यह मेरे दोस्त की मुख्य विशेषताए है। प्रितलो दीव का मूल निवासी है और विदेशी जैसा लगता है। एक गोल शक्करटेटी की तरह उसके मुंह पर एक बकरे की तरह दाढ़ी, अनार की तरह उसके दांत, चिकू के थालिया की तरह उसकी आँखें और कटा हुए टमाटर की तरह उसके कान, बस, यही है हमारे दोस्त की पहचान।


प्रितला की नाक और sense of humour कमाल का था। अगर हमारे रूम में कुछ नया होता, तो प्रितला को सबसे पहले जानकारी हो जाती। एक विदेशी की तरह दिखने वाला प्रितला का रवैया भी विदेशी जैसा ही था। हमारे ग्रुप के अलावा, वो सब को सब्जी-मूली ही मानता था।


प्रितलो भी चिका की तरह कंप्यूटर आईटी में स्नातक करने आया था। प्रितला और चिका की कॉलेज एक ही था लेकिन दोनों के पाठ्यक्रम और कक्षाएँ अलग-अलग थीं।


चूँकि उन्होंने होस्टल में कई दोस्त बना लिए थे, प्रितलो जहाँ भी बैठता था, वहा उसकी सभा जम जाती थी। बातूनी और रात का राजा होने के कारण, वह अक्सर किसी और के कमरे में ही सोता था। अपनी बातों से दूसरो को स्तब्ध कर देता था। वह किसी भी चीज या विषय पर आसानी से चर्चा कर सकता था, यह बात मायने नहीं रखती थी कि उसको उस विषय के बारे में पता है या नहीं, वो उस विषय पर अपनी नाक घूसडके ही रहता।


यदि कोई उसकी प्रशंसा करता, तो वह विस्तार से बताएगा कि दूसरे व्यक्ति ने उसकी प्रशंसा क्यों की और अंत में वह यह कहने की कोशिश करेगा कि वह इस प्रशंसा का हकदार है। वह किसी भी विषय पर घंटों तक किसी से भी चर्चा कर सकता था। बातूनी ऐसा था कि उसे इस बात की परवाह नहीं थी कि दूसरा व्यक्ति उसकी बात सुनने में दिलचस्पी रखता है या नहीं। अगर कोई व्यक्ति ऊब जाता था तो वह दूसरा व्यक्ति बात करने के लिए ढूंढ लेता था, उसको तो सिर्फ अपनी बात सुनने के लिए कोई व्यक्ति चाहिए, बस। वैसे तो वह बिंधास्त और लापरवाह था लेकिन वह किसी भी गंभीर मुद्दे पर चर्चा कर सकता था, जैसे कि भारत को कैसे सरकार चलानी चाहिए ?, पाकिस्तान के साथ कैसे संबंध होने चाहिए, इंग्लैंड की प्रगति कैसे हुई, वह कैसे आगे बढ़ा ?, हमारी सामाजिक व्यवस्था कैसी होनी चाहिए? हमारी शिक्षा प्रणाली कैसी होनी चाहिए, अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए, आदि बाबतो पर वह एक विशेषज्ञ की तरह चर्चा कर सकता था| । हमारे ग्रुप के प्रबंधन में प्रितला का बड़ा हाथ था।

क्रमश: