इश्क वाला ️️️️Love - भाग 9 Sunil Gupta द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क वाला ️️️️Love - भाग 9

देव का इस तरह चला जाना रिद्धिमा को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया ,आज तक उसकी इस तरह से किसी ने इंसर्ट नहीं की थी ,वह बड़े बाप की बेटी थी लेकिन उसका दिल देव पर आ गया था जब पहली बार उसने देव को देखा तभी से उसके दिल देव का हो गया , उसे देव की पर्सनालिटी इस कदर भा गई थी कि वह किसी भी कीमत पर देव के साथ दोस्ती करना चाहती थी ,
लेकिन देव ने उसे बुरी तरह से नकार दिया और दोस्ती तो दूर सीधे मुह बात भी नही की यही बात उसे हर्ट कर रही थी, उसने अपने आप को किसी तरह से कंट्रोल किया और फिर वही बैठी रह गयी ,देव का चेहरा और स्टाइल उसे बहुत भा रहा था
वह अब भी एकटक देव को देखे जा रही थी लेकिन मजाल है जो देव ने उसकी तरफ एक बार भी नजर उठा कर देख लिया हो वह तो अपनी कचौरी खाने में ब्यस्त था ।

शाम को आटो चलाकर के मंगल घर आया, रोज की तरह उसने प्रतिमा और रिया को अपने पास बुलाया और मुस्कुरा कर दोनों का हाल-चाल पूछा
प्रतिमा ने तो मुस्कुराकर जवाब दिया लेकिन रिया का चेहरा उतरा हुआ था और वह आज हँस भी नहीं रही थी
मंगल को यह देख कर थोड़ा सा खटका तो हुआ लेकिन फिर उन्होंने सोचा शायद मालती ने रिया को डांटा हो
क्या हुआ रिया आज तुम उदास सी लग रही हो बेटे आज मम्मी ने फिर डांटा क्या ? आज फिर तुमने कुछ किया मंगल ने मुस्कुराते हुए रिया से पूछा
हां मैं तो बुरी ही हूं मैं तो हरदम डाटती रहती हूं ,इसको कुछ नहीं बोलोगे चाहे गलत करें चाहे सही करें ,इसको तुमने सर पर चढ़ा रखा है कितना समझा चुकी हूं तुम्हें लेकिन तुम भी बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हो जब किसी दिन भुगतोगे तब समझ में आएगा की मालती सही कह रही थी ।मालती ने गुस्से से कहा
प्रतिमा के पापा मेरी बस की नहीं है तुम्हारी लाडली बेटियों को संभालना ,खुद देखो खुद समझाओ मैं हार गई हूं मालती जो सुबह से भरी बैठी थी उसने आते ही मंगल को सुनाना चालू कर दिया
मंगल जानता था कि रिया थोड़ी शरारती है और उसी ने कुछ किया होगा इसीलिए वह मुस्कुरा कर बोला
क्या हुआ आज फिर भी रिया की शिकायत आई है क्या ? वह अभी बच्ची है मालती अभी उम्र ही क्या है उसकी क्यो उसको हर वक्त डाटती रहती हो ।
रिया यहा आओ मेरे पास और बताओ ,आज क्या किया तुमने मंगल ने प्यार से पूछा
रिया चुपचाप मुंह बनाकर के खड़ी थी मानो उससे सीधी साधी कोई पूरी दुनिया मे नही हो
आज रिया ने कुछ नहीं किया पापा लेकिन ..... प्रतिमा भी कहने से ही हिचकिचा रही थी
लेकिन क्या मंगल ने पूछा
पापा वो रिया को एक ड्रेस पसंद आ गई है वह मम्मी से पैसे मांग रही थी लेकिन मम्मी ने मना कर दिया बस यही बात है इसीलियी रिया उदास है, प्रतिमा ने कहा
बस इतनी सी बात के लिए तुमने मुंह बना रखा है कोई बात नहीं मम्मी ने नहीं दिया तो मैं दे देता हूं ,जाओ ले लो कितने की आएगी तुम्हारी ड्रेस। मंगल ने मुस्कुरा कर पूछा
हां हां क्यो नही ये जो जो मांगे सब दे दो , एक बार भी नहीं पूछा कि कैसा ड्रेस है , क्या है ,क्या नहीं है बस मुह उठाकर पैसे दे दो , चाहे जो करें । कम से कम पूछ तो लो की मैंने क्यो मना किया । पैसे देने का सुनते ही मालती भड़क गई और मंगल पर ही चिल्लाने लगी
अरे कपड़े ही तो लेने हैं उसे ,अभी स्कूल जाती है ,अब कॉलेज जाएगी तो फिर कपड़े की जरूरत तो पड़ेगी ही ना इसमें इतना गुस्सा होने वाली कौन सी बात है मालती तुम भी न अब खामखा मेरी बच्चियों पर चिल्लाने लगी हो ।मंगल ने मालती को झिड़का
हां तो ढंग के कपड़े ले ना ,ढंग के कपड़ों के लिए मैं थोड़ी ना मना कर रही हूं । उसे कैसी ड्रेस चाहिए पता है , उसे जींस की पैंट लेनी है और वह क्या था ,क्या बोल रही थी, वह क्या था प्रतिमा , हां वो कंधो से खुला हुआ होगा और कोई छोटा सा ड्रेस है ,उसे पहनना है ।
एक तो वैसे ही मैं यहां के लड़कों से परेशान हूं न जाने क्यो हराम खोर घर के आस पास बीस बार चक्कर काटते रहती है और फिर इस तरह से कपड़े पहन कर के ये बाहर निकलेगी तो फिर न तो ये ढंग से जी पाएगी और ना हम , लेकिन तुम्हें क्या तुम तो दिन भर इधर-उधर रहते हो झेलना तो मुझे पड़ता है ।मालती ने गुस्से से तिलमिला कर कहा
रिया मम्मी सही कह रही हैं क्या? ऐसी बात है क्या ? सच बताओ मंगल ने के चेहरे की मुस्कुराहट गायब हो गई वह गंभीर हो गया और उसने रिया से पूछा
रिया खामोश खड़ी रही वह कुछ नहीं बोल रही थी मानो एकदम गाय बन गई और उससे कुछ नहीं आता हो उसे इस समय कोई देख लेता तो ऐसा लगता कितनी मासूम और सीधी-सादी लड़की इस पूरी दुनिया में नहीं है।

अच्छा तुम लोग जाओ दूसरे कमरे में मुझे रिया से बात करनी है , जाओ मंगल ने प्रतिमा और मालती को दूसरे कमरे में भेजा।

हां इसको ढंग से समझा दो थोड़ा तौर तरीके सीख ले ,ढंग से रहना सीखिए अब यह बच्ची नहीं रही है जो दिन भर कुचालें भरती हुई फिरती है ,कहते कहते मालती दूसरे कमरे में जाने लगी

बेटे रिया यह सब क्या है तुम तो मेरी समझदार बेटी हो फिर यह मम्मी क्या कह रही हैं तुम मुझे बताओ बेटे, मंगल ने बहुत प्यार से रिया से पूछा
रिया चुपचाप खामोश खड़ी रही उसकी गर्दन झुकी हुई थी वह कुछ बोल नही रही थी ।
रिया मैं तुम्हारे ऐसे चुप रहने का क्या मतलब समझु जो मम्मी कह रही हो सब सच है क्या , अगर ऐसा है तो बहुत गलत बात है बेटे तुम जानती हो ना तुम लोगों के लिए मैं कितनी मेहनत करता हूं, तुम ही दोनों तुम मेरे लाइफ लाइन हो और फिर तुम दोनों के लिए ही तो मैं सब कुछ कर रहा हूँ, तुम दोनों ही अगर मुझे तकलीफ दोगे तो फिर मुझे कैसा लगेगा अगर तुम्हारे साथ में कोई हादसा हो गया तो मैं कैसे जिऊंगा मैं तो जीते जी मर जाऊंगा ना। मंगल ने कहा वह बहुत गंभीर और भावुक था ।

बेटे मम्मी जो भी कुछ कहती है तुम्हारे भले के लिए कहती है हम बहुत गरीब लोग हैं और हमें अपने हिसाब से सब कुछ देखना पड़ता है बेटे, मैं नहीं चाहता कि मेरी बेटियों पर कोई उंगली उठाई और उन्हें कोई टोके या फिर कोई बुरी नियत से देखें ,मैं उस दिन जीते जी मर जाऊंगा जिस दिन दोनों तुम दोनों के साथ कुछ ऐसा वैसा हो गया तो । मंगल ने कहा इतना बोलते बोलते उसकी आंखों में आंसू आ गए

मंगल की आंखों में आंसू देख कर के रिया का कलेजा चाक चाक हो गया वह भी भावुक हो गई वह लपक कर मंगल के पास पहुंची और अपने दुपट्टे से वह मंगल के आंसू पोछने लगी।

पापा मैं आपकी बेटी हूं आपने यह सोच भी कैसे लिया की आपकी रिया आपकी गर्दन कभी झुकने दे सकती है मैं आपके साथ ऐसा कभी हो नहीं दे सकती हूं बस दिल मे एक इच्छा सी जगी थी कि मुझे भी यह पहनना है इसीलिए मैंने जिद्द की पापा आई एम सॉरी अगर आपको या मम्मी को नही पसंद है तो मुझे नही चाहिए मेरे लिए आप से बढ कर कुछ भी नही है यह ड्रेश भी नही ।रिया ने कहा
बात पसंद की नही है बेटे ,लेकिन यहां के लोग यहां का माहौल ऐसा नही है लोग तरह तरह की बाते करेंगे ,मालती को बस तुम्हारी चिन्ता है कही तुम्हारे साथ कुछ अनहोनी न हो जाए क्योंकि मेरी बेटी किसी राजकुमारी की तरह है इसीलिए वो तुमपर इतना ज्यादा ध्यान देती है ,प्रतिमा तुम्हारी जितनी सुंदर नही है ना इसीलिए मम्मी को तुम्हारी ज्यादा फिकर रहती है ।मंगल ने कहा
पापा मुझे किसी की हिम्मत नही है कुछ कह दे ,मैं आज आप को एक बात बताने जा रही हूं जो आज तक मैंने किसी को नहीं बताई मम्मी को भी नहीं क्योंकि मम्मी बहुत ही मासूम और सीधी साधी है ,और वह मेरी बात सुनकर के डर जाती इसी वजह से मैंने उनको कुछ भी नहीं बताया ।
मैंने अपना यह रूप अपना रवैया और अपना व्यवहार जानबूझकर चेंज किया है उसका बहुत बड़ा कारण है ।रिया ने कहा

कैसा कारण मंगल ने आश्चर्य से रिया की तरफ देखा और पूछा

करीब 2 साल पहले की बात है पापा मैं स्कूल से घर आ रही थी रास्ते में कुछ लड़कों ने मुझे परेशान किया, मैं डरी सहमी सी उनसे बचती रही लेकिन उन लड़कों ने मुझसे बहुत बदतमीजी की मैं रोते रोते घर आई, मम्मी घर पर नही थी लेकिन आप थे कमरे में आप लेटे हुए थे ।
मैं आपके पास रोते रोते आई मैं आपसे सब बताने आयी थी आप सो रहे थे मैं आपके हाथों को पकड़ कर रोने लगी, आप सो रहे थे आप जागे नहीं और पहली बार मुझे आपके हाथों के खुरदुरे पन और सख्ती का एहसास हुआ आपके पैर की एड़ी फटी हुई थी और हाथ मे जगह जगह सख्त निसान था, जो लगातार मेहनत के कारण आपके हाथों पर बन गया था मैं उसे सहलाती रही और रोती रही यह सोच कर की हमारे लिए आप कितनी मेहनत करते है मैं अपना गम भूल गई थी और आपकी तकलीफ को देख देख कर मुझे उससे ज्यादा दुख होने लगा जो मैं अभी-अभी झेल कर आ रही थी ।
आप हमारे लिए कितना मेहनत करते हैं पूरे पूरे दिन चंद पैसों के लिए गाड़ी चलाते हैं सुबह जाते हैं शाम को आते हैं किसके लिए सिर्फ और सिर्फ हमारे हम दोनों की खुशी के लिए और फिर मैं अपनी भी प्रॉब्लम आपको बताऊं आपको हमारी भी चिंता लगी रहे ,यह मैं नहीं चाहती थी। वह मेरे रोने का आखरी दिन था उस दिन के बाद मैंने अपने आप को सख्त बनाना चालू शुरू कर दिया और फिर धीरे धीरे मैं ऐसी बन गई ।
मैंने अपनी सारी मासूमियत सारा डर सारा लड़कपन खत्म कर दिया और अपने आप को मजबूत बनाते बनाते मैं बिल्कुल बदल गई और आज आप देख लो उस दिन के बाद किसी लड़के की हिम्मत नहीं हुई कि मुझे कुछ कह दे और जिसने भी कोशिश की है मैंने उसको ऐसा सबक दिया है कि मुझे तो क्या किसी लड़की को के साथ वह बदतमीजी करने के काबिल भी नहीं रहता है।
आज के दिन वे सब जानते हैं कि रिया से बदतमीजी करने का अंजाम क्या होगा और मेरी ही नहीं प्रतिमा दीदी के साथ भी किसी की बदतमीजी करने की हिम्मत नहीं हुई मैंने अपने अंदर को कॉन्फिडेंट पैदा किया , जिससे मैं ऐसे बदतमीज लड़कों को जवाब दे पाऊं और उनको सही सबक सिखाला पाउ ,बस इतनी सी बात है पापा
इसीलिए मैं ऐसी हूं इससे मुझे तो लोग बुरा भला कहेंगे लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होगी मुझसे बदतमीजी करने की और ऐसी कोई हरकत करने की जिससे मेरे मां पापा का सर शर्म से झुक जाए
पापा मैंने सोच लिया था कि अगर कोई मेरा बड़ा भाई होता वह कैसे रहता बस यही सोच कर के मैं लड़कों जैसी रहने लगी जिससे मैं आगे चलकर आप लोगों की कोई मदद करना चाहूं तो आप पर कोई उंगली ना उठाएं आपके हाथों के खुरदरे पैन और सख़्ती को देख कर के उस दिन मुझे पहली बार एहसास हुआ था कि मेरे पापा हमारे लिए कितना दुख सहते हैं।
पापा मैं आपकी बेटी हूं मैं आपसे वादा करती हूं कि आपका सिर कभी भी शर्म से झुकने नहीं दूंगी आपने कैसे सोच लिया कि आपकी रिया आपके इज्जत को बट्टा लगने दे सकती है यह जो रूप मैंने धरा है यह सब कुछ मैंने जानबूझकर किया है अब मम्मी को समझाती तो मम्मी को बिल्कुल नहीं समझ में आती लेकिन आप , आप तो समझ सकते हैं ना कब तक मैं छुईमुई सी सिकुड़ी ,सिमटी सी सीधी साधी लड़की बनी घूमती रहती है कब तक मैं अपने पापा मम्मी के ऊपर बोझ बनी रहती है कब तक वह मुझे बचाते फिरते मैं समझ गयी थी कि मेरी ये सुंदरता मेरे लिए किसी दिन मुसीबत बन जाएगी अगर मैने अपने आप को नही बदला तो ।
और फिर अगर जैसे पहले थी वैसे ही रहती तो कोई भी आकर के मुझे कुछ भी कह कर चला जाता या उससे भी आगे बद्व जाता ।कहां जाती, किस से कहती ,मैं जानती हूं की भगवान ने मुझे सुंदर बनाया है लेकिन इसमें मेरी गलती तो है नहीं मेरी सुंदरता आप लोगों के लिए अगर अभिशाप बन जाए तो फिर उस सुंदरता का क्या फायदा ज्यादा से ज्यादा क्या होगा लोग यही कहेंगे ना कि आपकी रिया बिगड़ गई है बोलने दो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मेरे मां पापा मेरी वजह से किसी मुसीबत में किसी परेशानी में पड़े यह मुझे बर्दाश्त नहीं है ।इतना सब कुछ कहते कहते रिया कि आंखों से अनायास ही झर झर आंसू बहने लगे वहां अपने पापा के दोनों हाथों को थाम कर बैठी रही और उसके गोरे गोरे गाल उसी के आंसुओं से भीग रहे थे
मंगल रिया की बात सुन कर के उसके सर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया आज उस को रिया की असलियत पता चली है ।
मुझे नहीं पता था कि मेरी बेटी रिया अब इतनी बड़ी हो गई है और इतनी समझदार भी मुझे तुम पर गर्व है बेटी तुमने बिलकुल सही फैसला लिया है तुम्हें जैसे रहना है रहो जो पहनना है पहनो मुझे कोई दिक्कत नहीं है मुझे आज पूरा विश्वास हो गया है कि मेरी रिया कभी गलत कर ही नहीं सकती है कितने पैसे चाहिए बोल ।मंगल की आंखे भर गई और वह बहुत खुश था ।
बस पापा ₹1000 दे दीजिए
मंगल ने अपना जेब टटोला और उसमें सिर्फ 600 ही थे उसने देखा और उसे वापस से रख लिया
अच्छा ठीक है तू घबरा मत मैं कल तुझे लाकर के 1000 दे दूंगा । मंगल ने कहा
थैंक यू पापा थैंक यू सो मच रिया ने बोला

पापा एक रिक्वेस्ट है मम्मी से कुछ भी मत बताना नहीं तो फिर से उनका भाषण शुरू हो जाएगा और वह मेरी बातें समझ नहीं पाएंगी तो प्लीज मम्मी को बोलने दो ,वो जब मेरे लिए परेसान होती है तो बहुत अच्छा लगता है और खुशी भी होती है कि कोई तो है जो मुझसे इतना प्यार करता है । रिया ने मुस्कुरा कर कहा

ठीक है ठीक है जा नहीं बताऊंगा लेकिन उसकी थोड़ी सी हेल्प करवा दिया कर पूरे दिन रसोई में रहती है जब से उसे शादी करके लाया हूं, आज तक सुख नहीं दे पाया कभी हमारे पीछे तो कभी प्रतिमा के पीछे और अब तुम्हारे पीछे वह परेशान ही रहती है तो उसे ज्यादा परेशान मत किया कर । मंगल ने कहा
चिल्लाती है तो बड़ा अच्छा लगता है पापा मजा आता है रिया फिर से अपनी औकात पर आ गई और अपनी आंखें झपकाते हुए बोली उसके होठों पर एक शरारती मुस्कुराहट तैर रही थी
यह देख करके मंगल के होठों पर भी मुस्कुराहट आ गई
पापा एक बात और रिया ने कहा
मेरा इंटरमीडिएट खत्म हो गया है अब मुझे ग्रेजुएशन करने के लिए यूनिवर्सिटी में जाना होगा मैंने स्कॉलरशिप के लिए फॉर्म भर दिया है क्योंकि मैं पूरे स्कूल में टॉप थी इसी वजह से हो सकता है मुझे स्कॉलरशिप मिल जाए पर अगर नहीं मिली तो रिया ने गंभीरता से कहा
मंगल भी गंभीर हो गया और फिर बोला
कितने पैसे लगेंगे दिया
यही कोई 12 ₹15000 पापा
मंगल ने थोड़ी देर सोचा और फिर बोला ठीक है अगर तुम्हें वजीफा मिल जाता है तब तो ठीक है नहीं मिलेगा तो बताना फिर मैं कुछ ना कुछ जुगाड़ कर लूंगा बस तुम्हें पढ़ाई करना है और अपने पापा का नाम ऊंचा करना है तुमसे मेरी बहुत उम्मीदें जुड़ी है जिस दिन तुम पढ़ लिखकर कुछ बन गई टैब मैं समझूगा की मेरी मेहनत सफल हो गई।
आप चिंता ना करें पापा मैं अच्छे से ध्यान रखूंगी कि मुझे यह पैसे कैसे और कितनी मेहनत से कमाकर मिले हैं इसका एक एक पाई मैं वही खर्च करूंगी जहां इसकी सबसे सख्त जरूरत है, क्योंकि इस पैसों में मेरे पापा का खून और पसीना दोनों शामिल है और मैं उनके खून पसीने की कमाई को ऐसे बर्बाद नहीं कर सकती हूं ।रिया बोली

अगले दिन रिया के पापा मंगल ने रिया को ₹1000 दे दिया और रिया ने जा करके अपने लिए एक जीन्स की पेंट और एक लाल कलर का टॉप खरीद लिया वो जैसा चाहती थी वैसे ही। वह बहुत ही खुश थी और अपनी ड्रेस लेकर के खुशी-खुशी घर आई
और मालती रिया के इस ड्रेश को देखते ही भड़क गई, और रिया को भला बुरा कहना शुरू कर दिया और उसके साथ साथ ही मंगल को भी वह गुस्सा करने लगी क्योंकि उन्होंने दिया की बात मान ली थी और उसको ड्रेस खरीदने के लिए पैसे दे दिए थे

रिया ने मालती की परवाह नहीं की और जींस का पैंट और कुर्ती पहना और चहकती हुई बाहर जाने लगे पीछे से मालती उसे दुपट्टा लेने के लिए चिल्लाती रही लेकिन रिया को कहां किसी की सुननी थी वह ऐसे ही निकल गई।

रिया बाजार गई और बाजार में घूमने लगी क्योंकि यह कोई बड़ी बात नहीं थी इसीलिए किसी ने रिया पर गौर नहीं किया हालांकि रिया को ऐसा लग रहा था जैसे वह सबसे अलग हो क्योंकि आज तक उसने ऐसा ड्रेस कभी नहीं पहना था वह खुशी-खुशी और चहकते हुए घर आ रही थी तभी अचानक से रिया को लगा कि उसके पीछे कुछ भागता हुआ आ रहा है

रिया ने गर्दन घुमा के देखा उसकी जान हलक में अटक गई उसका गला सूख चुका था और चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी

एक पगलाया सा सांड रिया के लालकुर्ती को देख कर के रिया की तरफ बहुत तेजी से दौड़ा चला रहा था
यह देख कर के रिया बहुत डर गई थी उसने आव देखा ना ताव और अपनी एड़ लगा दी और सरपट भागना शुरू कर दिया
वह जितनी तेजी से भाग सकती थी उतनी तेजी से भागने लगी लेकिन सांड ने भी जिद पकड़ रखी थी कि रिया को दौड़ाना है वह भी उतनी तेजी से रिया के पीछे पीछे दौड़ता हुआ आ रहा था
रिया अपनी जान हथेली पर लेकर दौड़ती हुई जा रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था ना ही उसके पास इस समय सोचने का टाइम था वह तो अपनी पूरी ताकत से बस भागे जा रही थी और जल्द से जल्द अपने घर पहुंच जाना चाहती थी
वह भागती जारही थी भागती जा रही थी उसने अपनी गर्दन घुमा के पीछे देखा था ,सांड अब भी उसके पीछे पड़ा था ,

तभी उसकी नजर सामने पड़ी और वह जब तक खुद को रोकती तब तक सामने से आ रहे शख्स से वह सीधे जाकर के टकराई और उसको लिए दिए जमीन पर गिर पड़ी।

वह शख्स पीठ के बल जमीन पर गिरा और रिया उसके ऊपर गिरी, रिया को तो चोट नहीं लगी लेकिन उस शख्स के होठों से गिरते ही बहुत ही तेज की चीख निकली

रिया जितनी जल्दी से उठ सकती थी उठी और फिर उसने उस शख्स को भी उठाया और उसके पीछे डर के मारे छुपकर खड़ी हो गयी, बह बिल्कुल भी उस शख्स के पीठ से चिपकी हुई थी
वह शख्स बुरी तरीके से दर्द से कराह रहा था ,और वह रिया की तरफ घुमा और गुस्से से उसे कुछ कहने ही वाला था तभी उसके चेहरे पर नजर पड़ते ही वह चौक गया।

क्रमसः