करवा चौथ की मेहंदी.. Mahira Choudhary द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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करवा चौथ की मेहंदी..

(((सिंगल होना मुश्किल नहीं सिंगल होके सबको ये यकीन करवाना की हम सिंगल हैं बहुत मुश्किल है! हमारे साथ कुछ ऐसा होता है फॅमिली और जिगरी दोस्तों को ख़ुद भी बोल दे हमे इश्क़ है यकीन नहीं होता, बाहर वालों को बोले सिंगल हैं उन्हें इस बात का यक़ीन नहीं होता! इसी बात पर एक छोटा सा किस्सा हुआ हमारे साथ, जिसको हम कहानी में लिख रहे हैं, ये पहली कहानी होगी हमारी, तो ग़लतियाँ हो सकती है बहुत, इग्नोर इग्नोर कीजिएगा गलती को, 😂😂)))

((करवा चौथ की मेहंदी))

बात लगभग एक साल पहले की है,
हम नेट की तैयारी करते थे, पीजी में रहते थे,
हमारी बेस्ट फ्रैंड मोनि के साथ!
धीरे-धीरे और लड़कियों से जुड़े और ग्रुप बन गया हमारा
हम छह लड़की थी,
मैं और मोनी, अमू - रजो, काव्या - नीशू,
ये सबके nickname हैं हमारा भी nickname नीशू ने रखा,
"गोलिया",,, गोलियाँ नहीं गोलू वाला गोलिया!

दिन में पढ़ना, और रात को हमारी मस्ती,
रूम दो - दो के थे, पर एक साथ मस्ती करते ज्यादातर रजो- अमू के रूम में,
कभी मार्केट, कभी देवी भवन मन्दिर, कभी एसे ही घूमने चले जाते सब, हम तो अमू के साथ स्कूटी पर जहाँ भी जाती चले जाते थे, घूमना बहुत पसन्द है हमे!
और अपनी नादांनियो से सबको हंसाना, हमारे लिखने से ये ना सोचे हम serious टाइप के हैं, हमसे ज्यादा हँसमुख नहीं मिलेगा रियल लाइफ में!

एसे ही मस्ती में दिन चले जाते हमारे फिर आया करवा चौथ,,
करवा चौथ के व्रत से एक दिन पहले सब मेहंदी लगवा रही थी, एक बात तो है लड़कियाँ पति से पहले बॉयफ्रैंड के लिए व्रत रखती हैं, एक से एक महान थी!
उसी दिन हमे एक बात पता चली, काव्या सबको बोलती थी, हो ना हो माहिरा का बॉयफ्रेंड पक्का है, बस ये बताती नहीं,
मैं इसे देखकर बता सकती हूँ मेरा सात साल का अनुभव है, माहिरा सिंगल नहीं हो सकती!
हम पाँचों बैठे थे अमू यहि बता रही थी, काव्या वहां थी नहीं,
एसे ही मस्ती मस्ती में मेरे को ख़याल आया, क्यूँकि आप सब जानते हैं हम थोड़े नटखट शरारती हैं,
ख्याल ये कि हम भी मेहंदी लगाएंगे, और मेहंदी में कोई नाम लिख देंगे, बस थोड़े काव्या के मजे लेंगे!
रात को मेहंदी लगा रहे थे, अब नाम क्या लिखे ये दिक्कत फ़िर जेहन में आया हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं जिसे, उसी का नाम लिखवाते हैं, और हमने लिखवा लिया वो नाम,
वैसे बड़ी अच्छी मेहंदी लगी थी!
फिर सब गए काव्या के पास बोले आज देखना माही ने कुछ लिखा है हाथ पर, कल व्रत है इसलिए,
भागकर आई काव्या देखने लगी हाथ, ये मेहंदी से किसका लिखा है नाम,
हम ने बोला हमारे अजीज का है प्रवीन नाम,
ख़ुश बहुत हुई सुनकर, बोलने लगी सबको, हमने तो पहले ही बताया था माही सिंगल हो ही नहीं सकती, मेरा सात साल का अनुभव है, हम लड़की के चेहरे को देखकर बता सकते हैं!

हम भी हँसते रहे पर बोले कुछ नहीं, सब के सब बस काव्या को ही देख रहे थे, अपना अनुभव जो बता रही थी वो!

फ़िर हमने बोला हम व्रत करेंगे,
काव्या ने बताया कैसे क्या करना है,
लो अब वो दिन भी आ गया,
पर भूखा कौन और किसके लिए रहे, हम तो सबसे पहले नास्ता करके आ गए, भूखे रहे सब दोस्त हमारे,
हमसे व्रत ना होते ये,
काव्या को गड़बड़ लगी सबकी हँसी में, और हमारे व्रत में,
पूछ ही बैठी हारकर कोई बात बताए क्या हुआ!
अब हम ज्यादा देर पेट में नहीं रख सकते हैं बोल दिया हमारा अजीज हमारा गोलू भतीजा है, उसी का नाम मेहंदी से लिखा है,
ताकती रह गई हमारी काव्या हमे, सात साल का अनुभव,
हमारे उपर गलत हो गया!

बस ऐसे ही होती हैं दोस्तों के साथ मस्ती और यादे रह जाती हैं,
सबकी सब गई अब दूर लगवा हाथों में मेहंदी,
हम आ गए प्रतिलिपि पर लिखने इश्क़ की मेहंदी,,

नीशू का आख़िरी पल हमारे साथ,
"गोलिया तू बस मेरा दिया नाम मत भूलना"
नाम आज भी याद है गोलिया बस अब कहने वाला नहीं कोई,
उसके बाद नीशू से हमारी बात भी तो नहीं हुई कोई !!

बहुत बहुत ही याद आती है आज सबकी,,,

~माहीरा चौधरी ✍️