लड़की काली होनी पाप हैं Sarvesh Singh द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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लड़की काली होनी पाप हैं


एक नारी का अपमान करना बहुत बड़ी गलती होती हैं आज कल लोग नारी को कुछ भी नहीं समझते हैं और जो मुँह मे आये वो नारी को बोलते हैं लेकिन वो भूल जाते हैं उनको भी एक नारी ने ही पैदा किया हैं इसलिए आप हर नारी का सम्मान कीजिये।
नारी मे इतनी सकती होती हैं की उसके अंदर पूरा ब्राह्मण सामा सकता हैं।
नारी का अपमान करके आप कभी खुश नहीं रह सकते हो।



काले रंग को सदियों से ख़राब माना जाता हैं।
लेकिन वो काला रंग ही हैं महज।
अगर हमारी अच्छाई बुराई काले रंग पर ही टिकी है तो दोस्त हमसे बड़ा मूर्ख और कोई हो नहीं सकता आप बताइए क्या काला होना पाप है?


काला होने की वजह से
ले ली गई किसी की जान
फिर किस हक़ से हम
खुद को बता रहे हैं इंसान?
सिर्फ मोमबत्ती जलाकर
आज तक किसे मिला इंसाफ हैं?
क्या काला होना पाप हैं?

तुम्हे गोरा रंग पसंद हैं
तो ये तुम्हारी सोच हैं
पर इस सोच से मात आने दो
इंसानियत पर मत आने दो मोच
क्यों काला एक रंग नहीं हैं
बल्कि एक अभिशाप हैं
क्या काला होना पाप हैं?


काला तन तुमने ठुकराया हैं
पर काला धन तुम्हे अपनना हैं
काला कलूटा कहकर तुम
उसकी खिल्ली मज़ाक उड़ाते हो
क्या किसी इंसान का रंग तुम्हारे लिए मज़ाक हैं
फिर तुम भी जान लो तुम्हारी इंसानियत भी मज़ाक हैं
क्या काला होना पाप हैं?





हुनर के आगे हर रंग फीका पड़ जाता हैं
पर इंसान चेहरे के लिए अपनों से ही लड़ जाता हैं
क्यों ये ज़माना काला के खिलाफ हैं
क्या काला होना पाप हैं?
क्या काला होना पाप हैं?



काला रंग होने की वजह से कल
एक लड़की का रिश्ता टूट गया
पढ़ी लिखी समझदार होकर भी
उसका भाग्य उससे रूठ गया हैं
अब वो अपनी किस्मत पर आँशु
बहाती चुप चाप हैं
क्या काला होना पाप हैं?
क्या काला होना पाप हैं?





लड़कियों के सपने मे कही
राजकुमार का ज़िक्र नहीं हैं
काले लड़कों की अब भी ना
कोई फ़िक्र कोई
आखिर क्यों बना दिया गया
काले रंग को एक अभिशाप
क्या ये एक श्राप हैं?
किससे जा कर अब मे पुछू
क्या काला होना पाप हैं?
क्या काला होना पाप हैं?





आज कल बूढा हो या जवान
अपनी फोटो को फ़िल्टर करके
सबको ही बनना हैं गोरा
गोरा बनने के लिए कैसे
चल रहा हैं ये विलाप
क्या काला होना पाप हैं?
क्या काला होना पाप हैं?





दस दिन मे गोरा कैसे बने
ये हर कोई बता रहा हैं
काले होने का नुकसान
टीवी मे भी दिखा रहा हैं
ये कैसी सोच हैं लोगो की
समझ नहीं आता मुझे
आज हर जगह यही बातें
हो रही हैं क्या इंसानियत
काला हो चुकी हैं
काला रंग एक अभिशाप क्यों हैं
वो भी तो एक रंग हैं ना तो फिर
जिस इंसान का चेहरा काला हैं
क्या वो इंसान नहीं हैं
क्या उसके दिल मे इंसानियत नहीं हैं
क्या उसके सीने मे दिल नहीं हैं
क्या उसके माँ -बाप नहीं हैं
उसके पास भगवान का दिया सब कुछ हैं
जो आपके पास हैं तो अंतर कही नहीं हैं
सोच अच्छी रखिये सब अच्छा हो जायेगा




जो निखारना ही हैं तुमको
तो तुम अपने हुनर को निखारों
तुम जो भी हो जैसे भी हो
खुद को उसी रूप मे ढालों
फिर देखना तुम्हारी सख्सियत मे
कैसे चमकता ओज और प्रताप हैं
तुम उन सबको जुटला दो
जिन्होंने तुम्हे कहाँ था
काला होना पाप हैं।