सन्देशा - 2 Vikash Dhyani द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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सन्देशा - 2

हरीश के जाने के दुःख में कमला कभी कभी मायूस हो जाती थी।

कभी कभी लगता की जैसे वो एक दिन लौट के वापिस आ जायेगा उसके जाने का दुःख कमला सीने में दबाये बैठी थी ठीक से रो भी नहीं पाई थी। एक दिन कमला को पेट में हल्का सा दर्द होने लगा अम्मा ने तुरंत बगल वाले घर में आवाज लगाई

अरे मनोज, रे मनोज जल्दी से अपनी गाडी लेके आ कमला को अस्पताल लेके जाना है जल्दी कर।

इतने मनोज ने तुरंत गाडी निकाली और घर के आगे गाडी खड़ी कर दी।

अरे देख क्या रहा है आके मदद कर कमला चल नही पा रही है।

मनोज ने तुरंत कमला को एक तरफ से सहारा देते हुए गाडी में ले गया । अभी दर्द बरक़रार था।

कमला घबरा गई उसे लगा रहा था की उससे कोई गलती हो गई। वो भगवान से प्राथना कर रही थी सब ठीक हो ।

मनोज उसे जिला अस्पताल ले आया जो उनके घर से dkQh दूरी पर था ।

अस्पताल पहुचकर डॉक्टर ने जांच की तो कहा ऐसा कभी कभी किसी केस में हो जाता है पर अब आपको अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

डॉक्टर ने पूछा वैसे आप करती क्या है कमला जी

जी मैं प्राइमरी स्कूल में टीचर हु। कमला ने कहा।

डॉक्टर ने पूछा क्या आप अभी स्कूल जा रही है।

जी हा I

अच्छा तो आपको अपना ध्यान रखना होगा अब आपको छुटी लेनी ही पड़ेगी अब समय नजदीक आ गया है अगले महीने के अंत तक कमला बच्चे को जन्म दे देगी।

अम्मा ख़ुशी से पागल हुए जा रही थी उसे लगा जैसे अब सब पहले जैसे होने वाला है। अब परिवार अम्मा के हिसाब से पूरा होने वाला है।

लेकिन डॉक्टर ने सख्त हिदायत दे दी की कमला को अब देखभाल की बहुत ज्यादा जरुरत है जैसे पूरी नींद लेना, समय पे खाना खाना और अच्छा खाना खाना पड़ेगा और साथ ही तनाव और भारी काम नहीं करना।

ये सब तो में पहले से ही करती हु कमला मुस्कुराते हुए अम्मा की तरफ देखते हुये बोली।

और हाँ एक बात का ध्यान रखो की गाडी से अगर आना जाना हो तो गाडी वाले से कह देना धीरे से चलाये गढढे से बचाए ।

जी मैं ध्यान रखूंगी

इतने में अम्मा iwNk डॉक्टर साहब कुछ बड़ी बात तो नही है बच्चा तो ठीक है ना

डॉक्टर ने अम्मा की तरफ तसल्ली भरी आँखों से देखा और कहा घबराने की कोई जरुरत नहीं है ठीक है किसी दवा की भी जरुरत नही बस थोडा ध्यान रखना पड़ेगा ।

डॉक्टर की बातें सुनकर अम्मा उस समय तो चुप हो गई लेकिन घर पहुचते ही कमला को उसके कमरे में ले जाकर बेड पे लेटाया फिर कुछ हाथ में लेकर आई और उसकी नज़र उतरने लगी।

कमला लेटे लेटे हंस रही थी।

फिर अम्मा उसको बाहर कही फेक कर आ गई और कमला से कहने लगी देख बहु तो तुझे अपना ध्यान रखना ही होगा और नोकरी तो तुझे छोड़नी पड़ेगी। हरीश की कमाई बहुत है हमारे लिए।

कमला ने भी हामी भर दी की लेकिन उसने कहा नोकरी नहीं छोडूंगी बस छुट्टिया लूँगी।

हालाकि अम्मा तो चाहती थी की वो अभी नोकरी छोड़ दे लेकिन कमला कहा मानने वाली थी।

कमला ने वो चिट्ठी अभी भी सही सलामत अपनी आलमारी में छुपा रखी थी जिसमे हरीश की शहीद होने की खबर थी। हरीश की इच्छा थी की कमला हमेशा खुश रहे और उसके बच्चे और अम्मा का भी ध्यान रखे । अम्मा ने हरीश को बड़े ही जतन से पाल पोस के बड़ा किया था हालांकि अम्मा पढ़ी लिखी नही थी लेकिन उस जमाने में शादी जल्दी हो जाती थी तो अभी अम्मा की उम्र केवल 45 वर्ष कि थी हरीश चाहता था की अम्मा भी थोडा बहुत पढ़ लिख जाय लेकिन अम्मा मना कर दिया करती थी की अब इस उम्र में पढ़कर क्या करेगी तब एक बार हरीश ने अम्मा को पढाने का जिक्र कमला से भी किया था वो चाहता था की उसकी अम्मा उसकी चिठिया खुद से पढ़े । उसका सपना था की एकदिन अम्मा को वो शिक्षित करा के ही मानेगा।ऐसी बहुत सी बातें थी जो अम्मा और हरीश से बेहद जुडी हुई थी बस इसी बात को देखते हुए उसे लगा की अम्मा को बता दिया तो शायद वो अभी संभल न पाये इसलिए थोडे समय के बाद बताना ठीक होगा। और सोचने लगी आँखों से आंसू भी निकल आये।

अम्मा की आने की आहट सुनकर कमला ने अपने आप को ठीक कर लिया । अम्मा ने खाने देते हुए कहा लो खालो और कुछ भी छूटना नही चाहिए ठीक है।

कमला ने खाने की थाली को पकड़ तो लिया मगर उसे खाने की बिलकुल भी इच्छा नही थी और अम्मा भी सामने ही बैठ गई।

अम्मा तुम भी खा लो मेरी चिंता मत करो में खा लुंगी कमला ने अम्मा से कहा।

अम्मा को कमला की आवाज से लगा मानो किसी बात से परेशान हो अम्मा ने कमला के सर पे हाथ रखते हुए उससे पूछा क्या बात है सब ठीक तो है ना ।

कमला ने तुरन्त थाली को मेज पर रखा और अम्मा को गले लगा कर रोने लगी । अम्मा को लगा शायद ये सुबह की बात से घबरा गई है। अम्मा ने उसे समझते हुए कहा देखा बेटा परेशान होने की बात नही है । डॉक्टर ने बोला है ना की परेशान होने वाली कोई बात नही है। बस अब तुम्हे ध्यान रखना होगा की तुमपे जिमेदारी है दो लोगो की एक अपनी और दूसरी इस बच्चे की।

कमला ने कहा मन बेचैन है कुछ भी करने को जी नही चाहता अम्मा ने कहा होता है जब में भी माँ बनी थी तो बात बात पे घबरा जाती थी और मेरी सास तो मेरा इतना ध्यान भी नही रखती थी ऐसे वक़्त में भी काम करना पड़ता था। लेकिन मैंने धैर्य रखा और सब अच्छे से हो गया।

कमला ने कहा में बहुत खुश किस्मत हो जिसको दो दो माँ का प्यार मिला।

इतना सुनते अम्मा ने कहा अरे समदन जी को भी बताना पड़ेगा की अगले महीने को कमला बच्चे को जन्म देने वाली है उनकी इच्छा भी होगी ना vkSj gekjh थोड़ी मदद भी हो जायेगी।

कमला ने अपनी माँ को फोन करके साjh बातें बता दी माँ पहले थोड़ी डर गई फिर जो डॉक्टर ने कहा उस बात के लिए कमला को सलाह भी दी की डॉक्टर की बात को माने । वही करे जो उसने कहा है करने को।

उसकी माँ ख़ुशी से सबको बताने लगी की अगले महीने कमला बच्चे को जन्म देने वाली है। कमला के घर (मायके) वालों के पास फोन नही था वह दूकान पे जाके ही बात हो पाती थी दूकान वाला उनके घर के पास वाला ही था तो जब कमला फोन करती थी तो वो बुलावा भेज देता था।

कमला की माँ कमला के घर जाने को उतावली होने लगी कमला के पिता भी बहुत खुश थे की आखिर वो दिन आ ही गया जिसका सब को इन्तेजार था।

मुझे तो कल जी कमला के घर जाना है मेने सारी तैयारी भी कर ली है कमला की माँ ने कहा

ठीक है चले जाने लेकिन कल नही परसो जाना।

क्यों कल क्यों नही ऐसा क्या gS कल यहाँ

अरे बेटी के घर ख़ुशी के मौके पर जा रही लोग क्या कहेंगे ऐसे ही मुह उठा के चले आये मिठाई कपडे और बाकी चीज़ों का भी इंतज़ाम करना पड़ेगा और फिर पैसो की जरुरत भी पड़ेगी आज तो बैंक बंद हो गया होगा और कल तो इतवार है परसो सुबह सुबह पहले में बैंक जाऊंगा पैसे लाऊंगा फिर तुम feBkbZ और कपडे लेके चले जाना

कमला की माँ मान गई वह बहुत खुश थी अब इन्तजार नही हो रहा था बस बिटिया के जाना है इसी की रट लगाई बैठी थी।

फिर अगले दिन सुबह कमला की माँ कमला के घर के लिए निकल गयी । घर पहुची तो कमला ने माँ को देखते ही खड़ी हो गई माँ उसे गले लगा लिया vkSj कमला रोने लगी । उसकी रोने की आवाज सुनकर माँ ने कमला से पूछा क्या बात है ऐसे खुशी के मौके पर तू रो रही है सब ठीक तो हैं ।

अम्मा ने आकर बात को समझाया अरे समदन जी नमस्ते आ गई आप कमला की माँ ने भी नमस्ते किया और दोनों गले लग गए।

करीब 25 दिन बाद कमला ने बेटे को जन्म दिया परिवार में खुशियो का माहोल छाया हुआ था कमला और बाकी सभी बहुत खुश थे लेकिन कमला की दिखावटी हँसी को उसकी माँ ने भाप लिया था। बेटे के नामकरण के दिन कमला से माँ ने पूछ ही लिया सब ठीक है न बेटी क्या बात है आजकल उदास रहती है सभी को ब्यस्त पाकर कमला माँ का हाथ पकड़कर उसे अपने कमरे में ले गई और वो ख़त निकाला जो डाकिया दे गया था माँ को पूरी बात सुनाई और गले लगाकर फूट फूट कर रोने लगी। माँ को इस बात का बड़ा धक्का लगा । वो हरीश को अपने बेटे जैसे ही मानती थी लेकिन यहाँ सुनने के बाद की हरीश अब इस दुनिया में नही रहा उसे अपनी बेटी के लिए चिंता और दुःख घेरने लगे। कमला के शांत होने के बाद माँ ने पूछा की तूने अभी तक किसी को बताया क्यों नही

कमला ने कहा की अम्मा का इस दुनिया में हरीश के सिवा कोई नही है बहुत समय पहले ही गांव को छोड़ना पड़ा जिसके कारण परिवार fj”rsnkjks से भी पहले जैसे रिश्ते नाते अब नही रहे है उनको पता चलेगा तो वो ये बात सह नही पाएंगी। लेकिन माँ ने उसे समझाया की वक़्त सबको हिम्मत दे देता है सहने की अब तुम्हे बता देना चाहिए कमला भी मान गई । सब लोगो के जाने के बाद माँ ने कहा में तो तेरे बेटे के नामकरण की ख़ुशी में शामिल होने आई थी पर अब ये दुःख समाचार लेके जा रही हु। कमला ने माँ को :कने के लिए कहा अम्मा को सँभालने के लिए रुक जाओ न जाने अम्मा को कैसा लगेगा सुनके और मैंने अभी तक बताया भी नही कही बात बिगड़ न जाय । कमला की बात सुनकर माँ को लगा शायद कमला ठीक कह रही है जब अम्मा को हरीश के बारे में पता चलेगा तो कही कमला के साथ कुछ गलत न कर दे क्योकि हरीश को गए होये 2 महीने होने वाले थे और कमला ने अभी इस बात की खबर अम्मा को दी नही थी। अगले दिन अम्मा प्रतीक के साथ खेल रही थी प्रतीक कमला और हरीश के बच्चे का नाम रखा गया था । ये नाम अम्मा ने रखा था । कमला और माँ दोनों अम्मा के पास आके बैठ गई । अम्मा ने कमला की माँ को कहा बहुत अच्छा किया आपने की आप रुक गई वरना हम तो फिर अकेले पM जाते । माँ ने झूठी मुस्कान से अम्मा से कहा अब कहा आप अकेले पड़ने वाले है ये जो आ गया है आपको परेशान करने वाला । फिर कमला की माँ ने गहरी साँस ली और अम्मा का हाथ पकड़ते हुए कहा समधन जी एक बहुत बड़ी बात है जो में आपको बताना चाहती हु अम्मा ने कहा कहो क्या बात है। करीब एक डेढ़ महीने पहले डाकिया एक चिठ्ठी दे गया था वो चिठ्ठी हरीश की थी जो सेना ने भिजवाई थी और कमला को दे गए थे । उसमे लिखा था की अब हरीश हमारे बीच में नही रहा । ये बात सुनकर अम्मा सुन्न lh पM गई और बेहोश हो गई । कमला ने अम्मा की हालात को देखकर घबरा गई। तुरंत उन्होंने बगल में आवाज लगाई और मनोज और बाकी लोग इकठा हो गए अम्मा को बरामदे में ले गए मुँह में पानी के छीटे मारे तो कुछ समय बाद अम्मा को होश आया होश में आते ही अपना सर पकड़कर रोने लग गई लोगो ने आश्चर्य से पूछा की क्या बात है सब ठीक तो है न अम्मा ऐसे रो क्यों रही है। कमला और उसकी माँ के भी आंसू बहने लग गए तीनो रोने लग गए लोग समझ गए की बात गंभीर है। कमला की माँ ने सारी बात को लोगो को बताई।

सभी लोगो ने अम्मा को ढाढसा देते हुए कहा की अपने आप को संभाले लेकिन इसी बीच कुछ लोग कहने लगे की कमला तुम्हे ऐसा नही करना चाहिए था तुम्हे अम्मा को उसी दिन बता देना चाहिए था ।ये तुमने अम्मा के साथ ठीक नही किया लोग तरह तरह की बातें करने लगे