Shaadi ka pahla pyarbhara daravna saavan books and stories free download online pdf in Hindi

शादी का पहला प्यारभरा डरावना सावन

राहुल और सिया दोनों पति पत्नी थे | दोनों की शादी को लगभग 4 महीने पुरे हो चुके थे| "सिया ,आओ जल्दी ,,फटाफट डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा दो"| "हाँ " कहते हुए सिया टेबल पर नाश्ता लगा देती है| "आज क्या बनाया नाश्ते में"? राहुल ने कहा| सिया राहुल को जवाब देते हुए बोली आलू का पराठा |
राहुल बोले आलू का पराठा,, बहुत खूब| सिया नाश्ता प्लेट में परोसती है,,,, तभी रिम-झिम बारिश चालू हो जाती है |सिया के चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आ जाती है| सिया बोली "राहुल जी,, आपको पता है न मुझे बरसात कितनी पसंद है"| राहुल कहा "हाँ तो "| सिया घर के बहार आँगन में चली जाती है| राहुल होम थिएटर को ऑन करता है| तभी गाना बजता है,,," पर्वत से काली घटा टकराई" | सिया बहुत खुश हो जाती है| "राहुल जी,, आप भी आये न" ऐसा कहते हुए राहुल को बुला लेती है| दोनों मियां -बीवी अपने ही घर के आंगन में मस्त बारिश में नाच रहे थे |
बारिश थोड़ी काम हो गई| घर के गेट के पास से भुट्टेवाला गुजर रहा होता है| राहुल की नजर भुट्टेवाले पे पड़ी | रुको भैया,,, भुट्टेवाला रुक गया| "चलो मस्त गरमा -गरम 2 भुट्टे बनाओ "| भुट्टेवाला राहुल को भुट्टे बना कर देता है| राहुल भुट्टे अपने दोनों हाथों में पकड़ कर सिया को आवाज लगता है | "सिया ,,,देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया?" आँगन में रखें कुर्सी पर दोनों बैठ जाते हैं और बारिश में भुट्टे का मजा लेते हैं| सिया बोली हमारे शादी के बाद की पहली बारिश है ,,जिसमें हमने इतना मजा किया|राहुल ने कहा और साथ में भुट्टे ने इसे और भी खास बना दिया | सिया बोली आपको भी न हर वक़्त खाने की पड़ी होती है|
राहुल ऑफिस को निकल जाता है| सिया घर के सारे काम निपटाती है| शाम को राहुल ऑफिस से घर आता है |सियाने राहुल का टिफ़िन निकालने,, राहुल की कार का दरवाजा खोल देती है| तभी वह देखकर चिल्लाई "राहुल ,राहुल" सिया की चीख सुनके राहुल दौड़ा चला आया |"क्या हुआ? यह देखो,, कहाँ से आया तुम्हारी कार में"| राहुल देखता है| कार में एक जादू टोना किया हुआ नारियल होता है |उस पर कला धागा बांध के कुमकुम लगाया होता है| सिया बोली कहाँ से ले आये तुम इसे अपने साथ| न जाने कौन सि बला उठा के लाए अपने घर| राहुल बोला "अरे मैं नहीं जानता ,, यह कैसे आया मेरे कार केअंदर "|चलो अब जल्दी से इसे उठा कर घर के बाहर फेक के आओ इसे | सिया नारियल को उठती है और राहुल को देती है| राहुल नारियल को घर के बहार फेक के आता है| शाम को खाना खाने के बाद न जाने क्यों सिया बहुत ही जल्दी सो गई|
राहुल को सिया का स्वाभाव बदला सा दीखता है |राहुल सोचता है की यह औरत इतनी जल्दी सो गई ,,इसके पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ| वह मैं कितना भी थका क्यों न रहूं लेकिन न खुद सोती और न ही मुझे सोने देती,,,, जब तक वह अपनी दिन भर की सारी बातें मुझे बता ना दें| राहुल सो जाता है |रात के दो बज रहे होते हैं| तभी राहुल की आँख खुल जाती हैं |वह उठता है ,,,तो देखता है सिया बिस्तर पर से गायब| राहुल बाथरूम में देखता है | पुरे घर में सिया को ढूंढता है | नहीं मिलते राहुल छत पर जाता है सिया को ढूंढने |वहां राहुल ने देखा की एक औरत शादी का जोड़ा पहने हुए दुल्हन की तरह सज कर बैठी है| राहुल बहुत घबराह जाता है| उसकी साँसे रुक जाती है| दिल की धड़कन तेज हो जाती है| हिम्मत करके राहुल बोला सिया | दुल्हन की नजर राहुल पर पड़ी |राहुल ने कहा "सिया तुमने यह अपना कैसा हाल बनाया है"| वह भी रात की दो बजे| सिया बोली मुझे कुछ याद नहीं आ रहा सिया वही बेहोश हो जाती हैं |राहुल उसे अपनी गोद में उठाकर बैडरूम ले जाता है|
सुबह उठते ही सिया को देखा तो सिया अपने नाइटी में थी| राहुल चौक गया इसने अपने कपडे कब बदले ?रात को तो दुल्हन के लिवाज में थी| तभी सिया की आँख खुल जाती हैं|" गुड मॉर्निंग राहुलजी सिया बोली| राहुल के मुहसे कोई जवाब नहीं आता| वह हैरान हो जाता है |राहुल घर के बहार जाता है और उसके दादी को फ़ोन लगता है |काल रात की सारी बात दादी को बताता है| दादी बोली तू नारियल लाया ना उसीके वजह से यह सब हुआ | राहुल बोला मैं नहीं जानता की ,,,नारियल कैसे आया|

दादी एक तांत्रिक को राहुल के घर भेजती है |तांत्रिक हवन करता है| राहुल से एक नारियल लाने को कहता है और सिया के हाथों उस नारियल के ऊपर कला धागा बांधने को कहता है | सिया धागा बांध देती है |तांत्रिक ने कहाँ की ,,,नारियल तुम रात को बारह बजे जला देना |राहुल बोला "ठीक" है |लेकिन आप भी १२:०० बजे तक रुक जाते तो अच्छा होता| तांत्रिक रुक जाता है| रात को नारियल जलाया जाता है| तभी राहुल की नजर पड़ोस के छत पर पड़ी |वहां दिनेश खड़ा था |दिनेश उसके ऑफिस में काम करने वाला एम्प्लोयी था| राहुल ने उसको देखकर अनदेखा कर दिया| राहुल समझ गया की सारा खेल दिनेश का ही है|
अगले दिन सुबह राहुल दिनेश के घर पहुँच जाता है |दिनेश ने कहा "राहुल तुम"! ,,"आओ न" राहुल गुस्से में बोला "मेहमान नवाज़ी छोडो,, पहले तुम यह बताओ की,,,,, कल रात १२:०० बजे ऊपर छत पर क्या कर रह थे ?दिनेश ने जवाब देते हुए कहा " मैं तो रात को टहल रहा था| राहुल ने एक जोरदार थप्पड़ दिनेश के गलों पर लगाया और कहा "सच बोलो"| "तुम सिया को क्यों परेशान कर रहे हो" ? मैं जानता हूँ ,,वह नारियल तुमने ही डाला है मेरी कार में| दिनेश बोला "मैं कुछ नहीं जानता" तभी राहुल ने एक और जोरदार थप्पड़ दिया दिनेश के गालों पर दिनेश सारा सच उगल देता है |
दिनेश बोला "तुम्हारी शादी से पहले में सिया को देखने के लिए गया था| लेकिन सिया ने मुझे शादी के लिए ना बोली |मुझे वह तभी से पसंद आ गई थी"| तभी राहुल बोला "तुमने उसे पाने के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया"| "आइंदा से मेरे सिया के सामने भटकना भी नहीं "|

राहुल अपना घर बेचके दादी के पास शिफ्ट हो जाता है| राहुल सिया को दिनेश के नजरों से बहुत दूर ले जाता है| अभी उनके शादी को पूरा एक साल हो गया| एक बार फिर सावन का महीना आया रिमझिम-रिमझिम बारिश होने लगी| सिया फिर से बारिश में झूमने लगी राहुल के साथ|

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