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दिल ऐ नूर

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दिल ए नूर, टपकता है टपक टपक,
मन कहीं चमकता है, चमक चमक;

आइना ए दिल। , रोशन चांद सूरज,
रुह ए दिल जिंदगी है ,लपक झपक;

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ना जाने क्यूं, बांध लेता लफ्ज में,
यह हुनर ए इश्क , दिल शायराना;

कहां तपीश, कहां है रंजोअ‌लम,
कहां यादों में, रहे दिल बीरहाना;
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दर्द से वास्ता , दर्द से बस रास्ता है,
दर्दे दिल जिंदगी , पैगाम हमारा है
ना सीकायत, ना सिफारिस कभी
दर्द ए गम , बह ही जाना हमारा है

दर्द मंजिल , दर्द ही रास्ता हमारा
राहेगुम तलास , मक्सद हमारा है
दर्द रजा़मंदी, दर्द बस दुहाई हमारी ,
दर्द में ही बसा है,सुकुन हमारा है

दर्द ही दरवाजा, दर्द ही खीडकियाँ है
पलको पर, शबनमी का पहेरा है
दर्द ही दवा ,ओर दुआ, नजराना भी,
दर्द ए दिल, हक़ से जुडना हमारा है


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सुकुन हैं, शोहरत भी, कमाल हकीकी
नूर ए नजर आईना, इबादत हमारी

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मेरी निगाह एक, कागज कोरा सा,
लीखाई रुहानियत ,खुदाई में;
उलंफत जरिया नही , जाँन मेरी है
कमाल कुरबाँ दिल ,दुनिया रुसवाई है;

=={======}=={=====}===

पाना क्या है और, खोना भी क्या है,
बस हयाति का अपने आपमें होना है।।

बहुत दुर चले गए थे,ना जाने क्यु हम,
फासला दुरियों का , फकत मिटाना है।।

सफ़र हैं परिंदें की, आसमान मे गजब,
घौंसले मैं शाम को, वापस ही आना है ।।

मुसाफ़िर है मंजिल ए महोबत दुनियामें,
छोड़ कर मुसाफ़िर खाना, खूद जाना है ।।

आनंद मिलता है ज़िंदगी बेखुदी छोड़कर,
तलाश ए दिल फरिस्ता मिजाज पाना है ।।

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बदलती है राहें जिंदगी की, ना जाने क्यू?
कोई तूफ़ान बनकर कभी गुज़रता है क्यू?

समय का खेल निराला, होता है, यकीनन,
अपना भी कोई, पराया हो जाता है क्यू?

दर्द ए ग़म एहसास, जगाते हुए जिंदगीमें,
ज़ख्म की विरासत देकर, चला जाता क्यू?

बड़ी मुश्किलसे ढोते रहें हैं, बोज बीरहाना,
अश्कों का बाजार दिल, बहेलाता है क्यू?

आनंद मिलता क्यु नहीं, हर मोड़ पर यहां,
ग़म ए जिंदगी रुलाकर, दिल थामता है क्यू?

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गैर हु बस आज यकीन कर लेता हु
बीते हुए लम्हों को मैं समज लेता हुं

अँन्जान क्यु है ?ऑखे देखते हुए भी
शून्य है जींदगी इतना समज लेता हुं

रुसवाई किस से करु ? जरा कहीए
गैर रिस्ते को , अपना समज लेता हुं

अपनेपन के अंदाज़ से बहुत जीया मै
गैर था वोह खयाल यही समज लेता हुं

छोडो तूतू मै मै ,झधडा दुनियादारी का
खुद को मै खुदाका,बस समज लेता हुं

=={{{{===}}}}===={{{{===}}}}==

बहुत गहरा है जख्म, भरेगा ही नहीं,
दर्द सहते रहेना, मरहम मिलेगा नहीं ।।

उफ़! भी कर नहीं सकते, बीरहाना,
हवा भी महकती ,संदेशा लाएगा नहीं।।

ख़ामोश है निगाहें, इन्तज़ार ए आलम,
मौज ए मिलन यार, वोह मिलेगा नहीं ।।

अश्कों की भीड़ चीरकर नीकली वफ़ा,
राहें ग़म एहसास जिंदगी टुटेगा ही नहीं।।

मुनासिब है यह इबादत का सिलसिला,
आनंद रिस्ता रुहानी जिंदगी छुटेगा नहीं।।
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यादोंके मेले में ही, खोकर रह गए,
जिंदगी हम तो बेसमजी में रह गए;

वक्त के साथ-साथ, गुजरते हुए हम,
मंजिल ए महोबत,यकीनन भूल गए;

दुरियां ना जाने कितनी, आप से ही,
बेखुदी में राहें मंजिल, ही भूल गए;

बड़ा शौक ओ सुकुन चाहिए था मगर,
दर्द ए ग़म एहसास में जिंदगी रह गए;

आनंद मिलता नहीं, बाजार ए इश्क में,
हम खोजते हुए। तिलस्मी राज़ रह गए ;
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महोबत की राह से, कोई गुजरा ना होता,
दर्द ए ग़म एहसास ,कोई गुजरा ना होता;

कभी ज़ख्म भी , मीठा होता है गहराई में,
दिल दिवाना विश्वास,कोई गुजरा ना होता,

रुसवाई के सिलसिलेमें,दौर चले मनाही का,
कभी हंसते रोते खास , कोई गुजरा ना होता,

बेताबी दिल की धड़कन में, मजबूर होते हुए,
इन्तज़ार ए आलम श्वास,कोई गुजरा ना होता,

अजिब है दास्तान ए महोबत इस रूहानियत,
रुस ए मस्त फरिस्ता , आनंद गुजरा ना होता,

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कत्ल ए आम, हुं जिंदगी, हर लफ्ज़ में,
मगर मरहमी अंदाज , शायराना जिंदगी;

गजब है उफान पर, लहराते हुए नज़्म,
शोर गुल दिल में ,खास अल्फ़ाज़ जिंदगी;

बे- नूर तो नहीं है , आशियाना मेरा मगर,
नूरानी नजर अंदाज़ मुझ पर खास जिंदगी;

वक्त के साये में , बांधकर, चला अजनबी,
अपने आपमें अन्जान, विश्वास है जिंदगी;

होश में कहां हुं, बेखुदीमें जी रहा हर पल,
हाल ए दिल हुश्न मालामाल है यहां जिंदगी;

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दिल ए नूर , सफर है सुहाना,
मिली नज़र से ,नज़र याराना;

मौसम का ,मिजाज यकीनन,
है जिंदगी बहुत , दिलरुबाना;

हाथों में हाथ ,चलते सफर में,
मोज मस्ती में, दिल्लगी यारा;

टपकती बूंदें कहीं , बरसातकी
कहीं आलम है कोई ,बीरहाना;

चलो आनंद, महक जाए बस,
जिंदगी चार दिन की, रुहाना;

=={{==}}====={{==}}==


हमदर्द बनकर कोई, दर्द के साथ गुजर जाए,
अश्कों भीगा एहसान, पलकों पर गुजर जाए

बगीयन में भौरोंकी, गुनगुनाहट गीत याराना,
सफ़र में मस्त मौलाना ,अंदाज से, गुजर जाए

दिल ए सादगी हुश्न लाजवाब,फुल जैसा कोमल,
रंग ए नूर अंदाज में, महकता हुआ गुजर जाए

ख्वाब ओ खयाल खुबसूरती भी,तिलस्मी उनकी,
महेफुस दिल में हकीकी हुश्न रुहानी ,गुजर जाए

आनंद ख़ोजता है कहां, तु मौज ए दिल दरिया,
रहेमदिल वोह फरिस्ता , मिजाज दिल गुजर जाए

=={=}={=}={=}={=}=={=}={=}={=}={=}==

जिंदगी ज़रा बीछडती ,जा रही है,
महेकती हुई वोह , यादें जा रही है।।

फ़ुरसत नहीं, शोच समझदारी नहीं,
धूधली सी धूंआ , जैसी जा रही है।।

दावतें याद आ रही है, अदावते भी,
अपने आपमें उलझती जा रही है।।

अंदाज शायराना, चाहत रंगीनियां,
बदलती करवटें , बदलती जा रही है।।

मौज ए दिल दरिया, अंदाज हुश्नका,
दिलसे चुराकर चैन ,सुकुन जा रही है।।
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लुटाकर जिंदगी युही इन्तज़ार में ठहर गए ,
ना जाने लफ्ज के , कहर से,ही मर ही गए,

कहीं पर रूसवाई, कहीं आलम मनाही का,
मौन अपने आप में, यकीनन हम ठहर गए ।।

दस्तक देते रहे, अजनबी से दरवाजा पर भी,
खूब दरवाजे, खूलकर भी, बंद ही रह गए ।।

बड़ी मुश्किल से, मीले राहें कदम चलते चलते,
दोराहे पर खड़ा में, वोह इतमीनान छोड़ गए ।।

आनंद गजब है, बाजार ए इश्क, दुनिया दारी ,
हम सुकुन से लफ्ज़ को ,मौन करके छूट गए ।।

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हौसला बुलंद है, और क्या चाहिए,
दिल ए यार साथ है,और क्या चाहिए ।।

यह महोबत है, नामुमकिन कुछ नहीं,
खोना आपको है, और क्या चाहिए ।।

महेफूस याराना है, एहसास अंतर्मन,ઐ
मनमें कोई खास है,और क्या चाहिए ।।

क्यु दस्तक देकर , जगाते हो रुहानी,
दिलरूबानी आप है,और क्या चाहिए, ।।

चलो मौज ए मस्त, फकीरी अंदाज में,
आनंद हस्ति नूरानी है, और क्या चाहिए।।

====={{{====}}==={{===}}====

मैं कहां हुं बस, यही सोचता हुं,
तुही तुही दिल ए यार ,सोचता हुं।।

तोड़कर दार ओ दिवार , दुनिया,
महकती खुशबू पार , सोचता हुं।।

चाहत की राह ,अजीब ओ गरीब,
मस्त मौला अंदाज, यार सोचता हुं ।।

हाल ए दिल , शबनमी फूलों पर,
मैं , भीगी भीगी, बहार सोचता हुं।।

आनंद रंज ओ अलम, कहीं नहीं,
दिल ए नूर मैं, आरपार,सोचता हुं ।।

==={{===}}==={{===}}===

दर्द बांटने का, हसीन मौका मिला है,
ज़ख्म से याराना, खबरदार मिला है ।।

वोह हाल ए मस्त, लब से बेबयान,
महोबतको पानेका ,रूआब मिला है।।

उल्फतकी रंगीनियो का , जाम भरके,
साकी तेरी नज़र का , पैगाम मिला है ।।

कैफियत तो बहाना है , झुमके रहेना,
वोह हुनर ए इश्क ,नजराना मिला है।।

आनंद गजब है, चमक-दमकती आंखें,
नूर ए नजर , रूहानी, दिलदार मिला है ।।

========================

मौसम बसंत ए बहार, खुशनुमा तेरी है
फिजा़ के अलम की दुनिया फीर मेरी है

गुल ए हसीन , फूलों की नजा़कत तेरी है
पलकों से भीगी , अश्कों की भीड मेरी है


वोह अहदे वफा होती है,
कभी आंखें भी, रोती है।।

डूब जाता है,सूरज कभी,
चांदनी भी रातमे रोती है।।

दर्द ए ग़म , जिंदगी कभी,
बीरहाना ,अकेली होती है ।।

गुलकी सादगी है लाबयान,
ओस की , जुबानी होती है।।

मिल हर पल,मौज ही आनंद ,
नज़र ए हाल ,नूरानी होती है।।

==={{===}}=={{===}}==

इन्तज़ार ए आलम, क्या पाया है,
अश्कों भीगा हाल ,खूद कमाया है ।।

दर्द ए अलम , जिंदगी है तन्हाईयां,
बीरहाना हाल ए दिल, ही पाया है ।।

फितरत है , मर मीट जाना जिंदगी,
हौसला क्यु कम दिल आजमाया है।।

दरअसल हयाति ही , बच गई कैसे,
बेहयात आपको जिंदगी में पाया है।।

उफ़ ! ना निकले ,आनंद दिल कभी,
हस्ति कस्ति को ,करीब ही पाया है ।।

==={{=====}}=={{====}}===

छुकर दिल ए नूर, एहसास,
निकल जाता है , जिंदगी,।।

कहीं आलम बीरहाना,
कहीं मौज मिलन की जिंदगी।।

सोच समझकर, क्या करें,
बेखुदीमें उठ जाते हैं , जिंदगी।।

ख्वाब सा हसीन , लगता है,
खुली आंखों में, खास जिंदगी।।

टुटकर जो ,बीखर गया है,
कभी था बहारे आलम , जिंदगी।।


ख्वाइश ए दिल खुशनुमाइ, दिल ए नूर रहेमताइ
बेशक, मीट जाने की , फितरत है दिल ने लुभाइ

========{{==}}===={{==}}========

ग़म ए दौर गुजरे, क्या जिंदगी गुजरे,
सितम पर सितम दिल, बीरहाना गुजरे,

अश्कों की भीड़ चीरकर नीकले, वफाएं,
हकीकी इश्क में दिल, कुर्बानी से गुजरे ।।

==={{{======}}}====={{{=====}}}===

छुकर आसमां ए दिल, सैर पर निकले हैं,
अंदाज ए बयां , हुनर ए इश्क पे चले हैं।।

वफ़ाकी राहमें, हसीन जज्बात हैं, यकीनन,
नूरानी हाल जिंदगी,हकीकी हुश्न पे चले है।।


===={{{{=====}}}}====

दिन ओर रात, सुबह ओर शाम ,एक नाम,
वफा की गोद में , तेरी रहेमत से गुजारा है

बेनाम जिंदगी क्या सुकुन देगी , जिस्मी हाल
नाम नामी से परे , तेरी रहेमत से गुजारा है

इतना हसीन तो नही होता नजारा़ ए जिंदगी
हर पंखुडी में हँसती तेरी तस्वीर में गुजारा है

फूल भी कभी नजाकत को देख तेरी कहे
पल हमने तेरे दिल की नजाकत में गुजारा है

महेफुस है तेरी महोबत ,शबनमी बूंदों में भी
हर सुबह तेरा अहेसास, फूलों पर गुजारा हे

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कुरेद कर, जख्म ए दिल, क्या पाओगे?
दर्द ए ग़म एहसास , दिल को रुलाओगे,

टुटकर बीखर गया है,आशियाना दिल,
किस तरह दरार ए आईना भर, पाओगे।।

==={===}==={===}==={===}===

दौर ए हकीकी हुश्न। , लाजवाब रहेगा,
चमन में गुल ए दिल, सदाबहार रहेगा,

उम्मीदों का दिया, बुझा दिया है, जिंदगी,
रोशन हाल ए दिल,अब इतमीनान रहेगा;

={{===}}==={{====}}===={{==}}==

युही इन्तज़ार ए आलम, खास ना गुज़रे,
हाल ए दिल फरिस्ताना,बेकरार ना गुज़रे;

जब मिले नूर ए नजर, रुहानियत जिंदगी,
हक़से दिल हकीकी में, बार-बार गुज़रे;

=={{{===}}==={{===}}==={{===}}===

मौज ए दिल ,दोस्ताना सागर,
तुज सा हंसी , मचलते देखा !

रंगीनियाँ , दिल ए बहार खूब,
भंवर गून्जन मचलते देखा !

लफ्ज़ फीसलते है , कभी कभी,
चाँद को यहां फीसलते देखा!

बेदर्द हुं हमदर्द ,बेजख्म भी
दोस्ताना दिल , फिसलते देखा!

आनंद, गजब है जिंदादिली,
दुश्मन भी हमने दोस्ताना देखा।


हर कदम महेफूस रखीए, दर अदा महेफूस रखीए
मिलेगी मंजिल मुक्कदर मे ,ईतमीनान बस रखीए

शौक से गुजारिए , हसीन लम्हों को खेल समजकर
जिंदीदिली से बरकरार, बस ईतमीनान बस रखीए

होनहार है मौसम, अपना रंग जमाए हुए है यहाँ पर
दिल होगा बसंत बहार, बस ईतमीनान बस रखीए

मौज़ मस्त फकीरी, ना चाहत की राहत माँगती जहाँ
होगी बलाए सब फरार, बस ईतमीनान बस रखीए

नादाँन हे दिल ए यार, गुजर जाता है हद से बेहद
रखना है दिल पर मदार , बस ईतमीनान बस रखीए

==={{====}}==={{===}}==={{===}}===


इक नई शहर , एक नया मकाम देदे ,
ओ महोबत जीने का, इक बहाना देदे;

तुट जाये भेदभरम की , सारी दिवारे ,
साँस विश्वास दिल में, गज़ब का भर दे;

मिले रंगे नूर, आयना ए दिल अंदाज़,
जिंदगी जीनेका , ऐसा कोई पैगाम देदे;

हसरतों का खुले द्वार , हसीन चहेरों पर,
मुस्काराते फूलों जैसा, एक चहेरा देदे;

धुल जाये सारे , रंज़ ओ गम़ के साये भी ,
रोशन दिल हो, सुनहरी नई इक शहर देदे;

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रुह ए मस्त कमाल, दिल पाया
ईबादत का दौर ,खुशनुमा पाया

अंदाज ए बयाँ ना होता सुकरत
दिल रहेनुमा आप ,कमाल पाया

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दर्द बांटने का, हसीन मौका मिला है,
ज़ख्म से याराना, खबरदार मिला है ।।

वोह हाल ए मस्त, लब से बेबयान,
महोबतको पानेका ,रूआब मिला है।।

उल्फतकी रंगीनियो का , जाम भरके,
साकी तेरी नज़र का , पैगाम मिला है ।।

कैफियत तो बहाना है , झुमके रहेना,
वोह हुनर ए इश्क ,नजराना मिला है।।

आनंद गजब है, चमक-दमकती आंखें,
नूर ए नजर , रूहानी, दिलदार मिला है ।।

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मौज ए दिल फरिस्ता, परवाना है,
शम्अ का आलम, ओर जलना है

बरस जाता है, भांप का बादल ,
दरअसल दरियादिल , जलता है

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हाल ए दिल , होश कहां है हकीकत मे,
खो गइ हस्ति अपनी, नूरानी आंखों में;

मिटकर हर गया वोह , गुनेहगार मैं पना,
तुही सरे-आम, नज़र ए हाल निगाहों में;


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दर्द की वाह होती है, ना ज़ख्म की वाह होती है ,
शेरियतमें रूहानियत,काबिल ए दाद वाह होती है।।

गुफ्तगू दिल ए यार, तमाम होती है, नूरानी अंदाज,
बेशक, महोबत मैं, दास्तान ए दिल तमाम होती है।।

===========================
दर्द की वाह होती है, ना ज़ख्म की वाह होती है ,
शेरियतमें रूहानियत,काबिल ए दाद वाह होती है।।

गुफ्तगू दिल ए यार, तमाम होती है, नूरानी अंदाज,
बेशक, महोबत मैं, दास्तान ए दिल तमाम होती है।।

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दर्द ए ग़म कोई, लूट भी जाए
ब‌हारे दिल खिलकर उभर जाए;

सुकुन ओ शोहरत मिले तमाम,
हुश्न होनहार नज़रे हाल हो जाए;

मौज ए मस्त दिवाना ,सेकंडों में,
हाल ए दिल,हकीकत चुरा जाए;

तख्त ओ ताज, की चाहत नहीं,
दिल ए नूर दोस्ताना छा, जाए;

आनंद गजब है,जिंदगी गुजारना,
गुजरते हर पल, इबादत हो जाए;


==={{===}}==={{===}}===


कत्ल ए आम, हुं जिंदगी, हर लफ्ज़ में,
मगर मरहमी अंदाज , शायराना जिंदगी;

गजब है उफान पर, लहराते हुए नज़्म,
शोर गुल दिल में ,खास अल्फ़ाज़ जिंदगी;

बे- नूर तो नहीं है , आशियाना मेरा मगर,
नूरानी नजर अंदाज़ मुझ पर खास जिंदगी;

वक्त के साये में , बांधकर, चला अजनबी,
अपने आपमें अन्जान, विश्वास है जिंदगी;

होश में कहां हुं, बेखुदीमें जी रहा हर पल,
हाल ए दिल हुश्न मालामाल है यहां जिंदगी;

==========={======={======

सहर ए वफा ,इक इतमीनान मिल भी जाए,
हुश्न होनहार लाजवाब, दिल मिल भी जाए;

मौजौ के साथ-साथ , खेलना मझधार में ही,
साहिल की तमन्ना का, दिल मिल भी जाए;

टुटकर चुर चुर , हो गया है , आईना ए दिल,
कोई इक हुनर ए आईना, दिल मिल भी जाए,

राहें गुम तलाश है, मंजिल ए महोबत यकीनन,
आशियाना वो इतमीनान, दिल मिल भी जाए;

बेखुदी में गुजर गया है,वक्त का आलम जिंदगी,
हकीकी हुश्न कोई लाजवाब दिल मिल भी जाए;


==={{{===}}}}==={{{===}}}===

दर्द ए ग़म एहसास, सिकायत नही,
जिंदगी जीने का ,मकसद है जिंदगी;

ना गीला है कोई,ना ऊफ दिलमें कभी,
तरोताजा जख्म, रहेमत है , जिंदगी;

ना फासला है, ना उफान मौज ए दिल,
आपमें ही गुमशुदा , एहसास, जिंदगी;

ना राह ए मंजिल, ना इन्तज़ार दिल में,
बड़ी खूबसूरती में हयाति है, जिंदगी;

आनंद गजब है, पैगाम ए दिल ,हकीकी,
नाराज़ नहीं मैं, राज़ ए दिल है, जिंदगी;

==={{{===}}}}==={{{===}}}===

वोह दर्द बनकर, अब छा गए है मुझमें,
घडकनो में दिलकी ,चुभने लगे हैं मुझमें;

बहेने लगे हैं, जज्बात बनकर आंखों से,
बीरहाना दिल दीवाने ,रहने लगे हैं मुझमें;

महकती हवा के साथ , झुमता एहसास,
फुलों पर ओस बनकर, छा गए हैं मुझमें;

परिंदा ए दिल फरिस्ता, है नील आसमानी,
दिल ए नूर महोबत, आशियाना है मुझमें;

जूगनू जैसे झीलमिल ,जमाल ए दिल मेरा,
काबिल ए दाद , दिल लूटा दिया है मुझमें;


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अहदे वफा ही सुकुन परस्त है,
दिल ए नादान। , दिल मस्त है ।।

होनाहार ,मौसम ए बहार जिंदगी,
हाल ए दिल , इजहार में मस्त हैं।।

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अहदे वफा ही सुकुन परस्त है,
दिल ए नादान। , दिल मस्त है ।।

होनाहार ,मौसम ए बहार जिंदगी,
हाल ए दिल , इजहार में मस्त हैं।।


कब्र की बस्ती है जिंदगीयाँ
जीस्मी अलम फकत,

वोह जिंदा है ,बेसब्री में
फना होना फितरत रुहानियत

===={{{===}}}====

बेशक ,बेलिबास है महोबत,
नूर ए नजर ,पहेचान चाहिए

जीने मरने से परे हौसला बुलंद
हथेली में हर वक्त जाँन चाहिए

==={{{}}}==={{{}}}====

बेउसुल जीता हुं ,बेबस नही
हयाति खोने का हुनर है ,

सरहदें तोड दी ,अलम की
बेहद जींदा ,बाखुबी हकीकी है

==={{{}}}==={{{}}}====

मिलन है मदहोश , बस डुब जाना है
पाना अपने आपमें,बस डुब जाना है;

साथ तेरा हो, इतमीनान सफर जिंदगी,
राहें वफ़ा दिल में, बस डुब जाना है;

महकती फूलवारी, बन जाए जिंदगी ,
शबनमी अंदाज खुब,बस डुब जाना है;

बहार ए हुश्न का , मिजाज लाजवाब है
रंग ए नूर आशियाना, बस डुब जाना है;

मिला है मौका खूबसूरती से, बेफिक्र हुं,
आनंद रूहानियत में ,बस डुब जाना है;

=={{}}=={{}}=={{}}==={{}}==={{}}==

इक लहर उठी है , मीट जाने के लिए
इक तूफान उठा है, सीमट जानेके लिए,

कस्ती मझधार में, साहिल की ख्वाइश
भवंडर ऊठा कस्ति ,को मिटाने के लिए

गजब है गुजरना, लफ्ज के जरिए यहां
‌शहर ए वफा ,ईनाम अल्फ़ाज़ के लिए

गीले सीकवा से ,परे है वजूद जिंदगी का
दर्द ए गम वोह दुआ ,नूर ए नज़र के लिए

बेलफ्ज है, दास्तां ए महोबत रूहानियत,
एक एहसास रूहानी, फकत जीने के लिए

=={{}}=={{}}=={{}}==={{}}==={{}}==

इन्तज़ार का आलम है, जिंदगी मेरी,
राहें वफा सुकुन, दिल रुहानी है मेरी;

मौज है उठकर, गीर जाएगी जिंदगी,
बुलबुला कभी झाग,ओ आब है मेरी;

खुले आसमान मैं, उड़ान भरना सही,
परिंदा ए हुश्न होनहार, चाहत है मेरी;

मौत महेबुबा है, रिस्तेदारी ही यकीनन,
हर सांसमें इबादत, आब ए हयात मेरी;

रुह ए मस्त दिवानगी , जोश ओ जुनून,
आनंद मौज ए दिल, मस्ती हर हाल मेरी;

==={{{}}}==={{{}}}====

रोक लो ना , मेरी राहें वफा,
इतमीनान से ,गुजर जाने दो;

बड़ी मुश्किल से, पाया मैंने,
रहेमत दिल से,गुजर जाने दो;

उफ़ ना करें, चुभने लगे कांटे,
गुल ए दिल,मुस्कराते जाने दो;

झुकाई दी है, गर्दन कुर्बानी मैं
फना की फितरत,गुजर जाने दो;

मिलेगा ना मौका, इबादत कभी,
हक़ से हकीकी में,गुजर जाने दो;

==={{{}}}==={{{}}}====

मौज ए दिल फरिस्ता, परवाना है,
शम्अ का आलम, ओर जलना है

बरस जाता है, भांप का बादल ,
दरअसल दरिया दिल , जलता है

==={{{===}}}}==={{{===}}}===

सहर ए वफा ,इक इतमीनान मिल भी जाए,
हुश्न होनहार लाजवाब, दिल मिल भी जाए;

मौजौ के साथ-साथ , खेलना मझधार में ही,
साहिल की तमन्ना का, दिल मिल भी जाए;

टुटकर चुर चुर , हो गया है , आईना ए दिल,
कोई इक हुनर ए आईना, दिल मिल भी जाए,

राहें गुम तलाश है, मंजिल ए महोबत यकीनन,
आशियाना वो इतमीनान, दिल मिल भी जाए,

बेखुदी में गुजर गया है,वक्त का आलम जिंदगी,
हकीकी हुश्न कोई लाजवाब दिल मिल भी जाए,

==={{{}}}==={{{}}}====

दर्द ए ग़म एहसास, सिकायत नही,
जिंदगी जीने का मकसद है, जिंदगी;

ना गीला है कोई,ना ऊफ दिलमें कभी,
तरोताजा जख्म, रहेमत है, जिंदगी;

ना फासला है, ना उदित मौज ए दिल,
आपमें ही गुमशुदा , एहसास, जिंदगी;

ना राह ए मंजिल, ना इन्तज़ार दिल में,
बड़ी खूबसूरती में हयाति है, जिंदगी;

आनंद गजब है, पैगाम ए दिल ,हकीकी,
नाराज़ नहीं मैं, राज़ ए दिल है, जिंदगी;

===========================
==={{{====}}}====={{{====}}===

वोह ना मिल सके, बंद दरवाजों में,
खोल कर मन देख ले, खुली हवा में;

परदादारी का हुनर , पाल लिया जब,
नकाब उठाकर , देखले खुली हवा में;
मौज है उनकी, रहेनुमाइ में गजब की,
दिल ए नूर नज़र देखले, खुली हवा में;

खुशखबरी है, हाल ए दिल कुर्बानी मैं,
गर्दन झुकाए देख रुहानी,खुली हवा में;

मस्त फरिस्तानी लिबास है, रूहानियत,
आनंद हुश्न होनहार यहां, खुली हवा में;

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हाल ए दिल , होश कहां है हकीकत मे,
खो गइ हस्ति अपनी, नूरानी आंखों में;

मिटकर हर गया वोह , गुनेहगार मैं पना,
तुही सरे-आम, नज़र ए हाल निगाहों में;

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अहदे वफा ही सुकुन परस्त है,
दिल ए नादान। , दिल मस्त है ।।

होनाहार ,मौसम ए बहार जिंदगी,
हाल ए दिल , इजहार में मस्त हैं।।

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मनकी, अटारिया, भावकी उफान है
जोश ओ जुनून , जिंदगी खुशहाल है

होश ओ फ़ुरसत कहां ,डूब गए हम,
मौज ए दिल फरिस्ताना, खुशहाल है

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तु ही गुजर जाए , दौर ए हंसी जहां,
हर इक पल महकता, जैसे गुलिस्तां

पंखुड़ियों पर होती, रहेमत ओस की,
दुआ बनकर दिल ए नूर, होती जहां
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बेलफ्ज हुं हकीकत में , मैं याराना,
मौन में छुपा ,तिलस्मी राज़ रुहाना;

चाहता है नूर ए नजर आईना दिल,
रूहानियत , हाल ए दिल अंजाना;

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हसीन लम्हों से, मैं गुजर रहा हुं,
मीठी सी गुदगुदी है , लफ्जो की,

बहार ए हुश्न होनहार यहां पर,
शबनमी अंदाज में, गुजर रहा हुं

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वोह दर्द बनकर, अब छा गए है मुझमें,
घडकनो में दिलकी ,चुभने लगे हैं मुझमें;

बहेने लगे हैं, जज्बात बनकर आंखों से,
बीरहाना दिल दीवाने ,रहने लगे हैं मुझमें;

महकती हवा के साथ , झुमता एहसास,
फुलों पर ओस बनकर, छा गए हैं मुझमें;

परिंदा ए दिल फरिस्ता, है नील आसमानी,
दिल ए नूर महोबत, आशियाना है मुझमें;

जूगनू जैसे झीलमिल ,जमाल ए दिल मेरा,
काबिल ए दाद , दिल लूटा दिया है मुझमें;
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लब ए बयां नहीं, हुनर हकीकी जनाब,
वो बेपर्दा बेपरवाह, होता है बे- नकाब;

बेऊसुल जिंदगी , जीना मौज फकीरी,
जज्बात की बात है, उफान भाव आब ;

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कब्र तो नही, सब्र होता है दिल,यारो
ईबादत का मामला, जख्मी होता है

नजरों का हुनर ,बेअंदाज हो जाए
जिसने पाया नूर, नूराना हाल होता हैं

बेशक, बेबयाँ , उलफत की रंगीनियां,
खुद में मस्त वोह, बेपरवाह होता है

बेसमज निगाहें उनकी, दुनियादारी से,
रूहानी कैफियतमें माला माल होता है

लब ए बयां कुछ हो ना पाए , जिंदगी,
आनंद में दिल ए नूर , गुमनाम होता है
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अंदाज ए महोबत, तो लाबयाँ है
जिसने पायी ली , वोह बेहयात है

बेउसुल जीते है , बेफीक्र जमाना,
उलफत में दिल , वोह बेहयात है

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क्या करे, अब लफ्ज़ फीसलते है,
अरमाँ ए दिल , कभी फीसलते है;

बेदर्द कैसे रहै , हमदर्द दोस्ताना,
जख्मी दिल में ,सुकुन फिसलते है;

परदादारी के हुनर में , मुश्किलें है,
बेपर्दा होने से, राज़ फिसलते है;

होश में कहां जीते हैं , हकीकत में,
बेहोश रुह के, आलम फिसलते है

आनंद कैसे जीते, बाजी जिंदगीकी,
यहां इन्सान ,बात बातमें फिसलते है;

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गम़ ए जिंदगी का डर , दिल क्युं सताता है
बिछ़ड ने के बाद, मिलने का मजा़ आता है

दिन बिछ़डता है, रात भी बिछड जाती है
मौसम ए बहार, फिजा़ के बाद आता है

तपती है ज़मी, सागर का पानी उबलता है
रिमझीम रिमझम, बारिश का सफर आता है

थामकर दिल , तसल्ली करना इतमीनान से
परदेशी भी लौटकर , एक दिन घर आता है

मिलना बिछडना है ,वक्त के साये में जिंदगी
ईबादत करने वालो, रुहाना पैगाम आता है

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ग़म ए जिंदगी. , दरगुज़र करता हुं,
दुआ और दिल से, सुकुन भरता हुं।।

मिले मौज में, फैन ओर बुलबुला भी,
अंदाज तेरा, दिलमें रोशन करता हुं।।

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ना रही तन्हाई आलम ए इश्क बीरहाना,
अश्कों का बाजार है, गोरे गाल पर रुहाना;

ख्वाब ओ खयाल , खुबसूरती से पेश आएं,
नूर ए नजर आईना दिल, खुश दिलरुबाना;

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आईना दिल साफ साफ, तस्वीर ए यार तुही,
दिलदार ए यार सनम, बेखुदी खूद में दिल तु ही

हर अंदाज में, हर झलकियां दिल रूबानी है,
वफा की रफ्तार खुशमिजाज,यह दिलदारी तुही

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