The Author Sasmita Singh फॉलो Current Read एक कहानी ऐसी भी By Sasmita Singh हिंदी लघुकथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books स्मृतियों का सत्य किशोर काका जल्दी-जल्दी अपनी चाय की लारी का सामान समेट रहे थे... मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२ मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२मुनस्यारी से लौटते हुये हिमाल... आई कैन सी यू - 41 अब तक हम ने पढ़ा की शादी शुदा जोड़े लूसी के मायके आए थे जहां... मंजिले - भाग 4 मंजिले ---- ( देश की सेवा ) मंजिले कहान... पाठशाला पाठशाला अंग्रेजों का जमाना था। अशिक्षा, गरीबी और मूढ़ता का... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे एक कहानी ऐसी भी (6) 1.1k 5.6k रात कि १२ बज छुके थे । अनुराधा को नींद आ नहीं रही थी। करवटें बदल रही थी और अपनी किसी खयालात कि दुनिया में खो गई थी । आंखो से आशु निकल कर तकिया भीग रहे थे । वो चिक तो रही थी मगर खामोशी से । लफ्जो कि दुकान अपनी दिल पर लगा कर बैठी थी । जज्बातों कि मोती से अपनी हाल सजा रही थी । मन ही मन कह रही थी कि इतने दिन हो गया आज आदि को मैसेज कर देती हूं । मगर चारो तरफ सेतो उन्होंने मुुुझे ब्लॉक कर के रखा है । कैसे कुछ कहूं ,फोन पे ही मेंसेज कर देताी हूं । शायद वो उनके पास पहूुंच जाए । छे साल हो गया है । उनको सम्पर्क कर ने के लिए बहुत कोशिश की लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ । एक बार फिर कोशिश कर लेति हूं । यही सोच तेे हूए उसने मैसेज किया ।मैसेज करते वक्त उसके चेहरे पर वह पूराना प्यार उभर कर आ रही थी । होंठों पर मुस्कान और आंखों मैैं सेे पानी निकल रही थी । उसने मैसेज टाइप किया - Dear adi , I am missing you so much..तुम्हारी तरक्की से मैं बहुत खुश हूं । जब तुम्हारा नाम गूगल पर सर्च करतीी हूं , तब मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहीी है । तुम और भी आगे जाओ यह मेरी दुआ है ।आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहती हूं । कृपया इस बार यह मैसेज को नजरअंदाज मत करना । मुझे मालूम है तुम्हें रिलेशनशिप में घुटन होतीी है । इसीलिए मैं हमारी पुरानी दोस्ती फिर से निभाााने के लिए मैसेज की हूं । क्या तुम निभाना चाहते हो ? तुम्हारी रिप्लाई का इंतजार में हूं । रिप्लालाई जरूर करना । तुम्हारी अनूअनू अपनी आंसु पोछते हुए , एक नई उमंंग के साथ सोने चली गई । वह अंधेरी रात बीत गई और सुबह की सूरज भी निकल गया, मगर यह क्या आदि के तरफ से एक भी जवाब नहीं आया । अनु निराश हो गई । फिर एक अलग नंबर से आदि को फोन करने की कोशिश की। अनू बहुत डरी हुई थी , कहींं आदि उस पर गुस्सा नाा हो जाए । फिर एक लंबीीी सांस ली और आदि को फोन घुमाया ।खुशी की बात अनु के लिए यह था की आदि ने फोन रिसीव किया और बार बार बस हेलो ही कहता रहा । अनु आदि के आवाज को सुनने केे लिए 6 सालों से तरस रहीी थी । उसी दिन आदि के आवाज को सुनकर अनु कोो कुछ ऐसा अनुभव हुआ जैसे कोई प्यासी का प्यास बुझ रही हो । आदि के हेलो सुनकर अनु ने बात बढ़ाने के लिए कहा हेलो आदि , मुझे पहचानते हो ना .... आदि ने धड़ से फोन काट दी । अनु को लगा कि शायद आदि ने उसकी आवाज पहचान गया । इस बात की उसकोो खुशी थी मगर उसकी दुख भी कहां कम था ।अपनीे गमों को छुपा कर उसने फिर से आदि को फोोन घुमाया । इस बार आदि फोन रिसीव करके कहा Please don't call me.. I am in a meeting.. if you have anything to tell then text me..अनु यह सुनकर फोन रख दिया । और आदि को मैसेज किया ओके आदि जब तुम फ्री हो जाओगे तब मुझे मैसेज कर लेना । मैं तुम्हारी रिप्लाई का इंतजार में हूं । इस बार फिर से निराश मत करना ।अनु ने आदि के जवाब का इंतजार करने लगा । मगर दुख की बात यह है की अनु केे इंतजार कभी खत्म नहीं हुआ । Download Our App