प्रिय पाठकों,
होंसला मन से उत्तपन्न वह भाव है जिसके बूते व्यक्ति समुद्र की अन्नत गहराइयों में खोई गयी सुई ढूंढने का भी माद्दा रखता है।
होंसला वह इच्छा शक्ति है जो किसी भी व्यक्ति को तूफानों में डूबने जा रही कश्ती को भी जवारभांटो से निकालने की हिम्मत देती है।
आज हम आपके सम्मुख एक ऐसे व्यक्ति की सत्य - कथा लेकर प्रस्तुत हुए हैं जिन्होंने अपंग होते हुए भी अपने होंसले और हिम्मत के दम पर सफलता के नए विश्वस्तरीय कीर्तिमान स्थापित किए हैं और आगे भी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह कहानी है जांबाज पैरा एथलीट और एक अविश्वसनीय मानव "कैसी मैकएलिस्टर" की।
कैसी मैकएलिस्टर का जन्म केम्मर व्योमिंग, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ। कैसी को बचपन से ही बोध था कि जीवन रोमांच और साहसिक कार्यों से भरा है। जब कैसी हाई स्कूल में पहुंचे तो उन्होंने स्वयं को फिट रखने के लिए एथलेटिक्स में रुचि लेनी शुरू कर दी।
कैसी मैकएलिस्टर ने छ: वर्ष की आयु में एक सड़क दुर्घटना के कारण अपनी दोनों टांगें खो दी थी। चर्च से बाहर निकल सड़क पार करते समय कैसी की दोनों टांगों को एक ट्रक ने कुचला दिया था।
इस प्रकार की आपबीती से तो अच्छे खासे बड़े से बड़े हिम्मत वालों का साहस चकनाचूर हो जाता है लेकिन छ: साल के इस बच्चे ने अपनी इच्छाशक्ति और साहस के बल पर जीवन में आ पड़ी इतनी बड़ी चुनौती को बिना समय बर्बाद किए स्वीकार किया और बिना विलाप किए व आंसू बहाए अपनी एक अविश्वनीय मंजिल को पाने के लिए आगे बढ़ चला।
दुर्घटना से पहले ही उन्हें पता था कि जीवन एक साहसिक कार्य था। दुर्घटना के बाद उन्हें अकल्पनीय चीजों पर विजय प्राप्त करने की क्षमता मिली।
कैसी -
“मेरे पूरे जीवन में कुछ चुनौतियां हैं, जिन्हें पूरा करने में मैं सफल नहीं हो पाया हूं। परीक्षण हमें मजबूत बनाते हैं। वे हमें एक उच्च मैदान तक बढ़ाते हैं। यदि हमें कभी धक्का नहीं दिया जाता है और चुनौती दी जाती है तो हम अपनी पूरी क्षमता कभी प्राप्त नहीं कर सकते हैं। मेरे लिए यह मेरे पैर खोना था। ”
“आपके लिए, यह स्कूल, काम, पालन-पोषण या दैनिक जीवन की जटिलताओं से निपटना हो सकता है। चाहे आपकी चुनौती कुछ भी हो, आप भी आगे बढ़ने का एक रास्ता खोज सकते हैं! ”
“विकलांगता आपके दिमाग में है। दुनिया में अधिकता में ऐसे लोग हैं जिनका शरीर पूरी तरह से क्रियाशील है किन्तु उनमें भी यह मानसिक ब्लॉक है, और यह मानसिक ब्लॉक की विकलांगता किसी को भी हो सकती है जो कहती है कि 'मैं ऐसा नहीं कर सकता।' '
कैसी के जीवन के प्रति विचारों और सिद्धांतों को उनके द्वारा कही गई बात से समझा जा सकता है। जो इस प्रकार है -
"मेरी दृढ़ विश्वासों में से एक यह है कि, जीवन एक ट्रेडमिल की तरह है। आप स्थिर नहीं रह सकते। यदि आप अभी भी खड़े हैं, तो आप पीछे की ओर जा रहे हैं। मेरा मानना है कि हम इस धरती पर बहुत सारी चीजों में बेहतर होने के लिए आए हैं।" सीखो और बढ़ो। ”
कैसी यह भी कहते हैं कि - "असंभव केवल एक शब्द है जिसका अर्थ है कि मैंने अभी तक कुछ नहीं किया है, सब कुछ संभव है। कुछ भी असंभव नहीं है।"
“मैं कर सकता हूँ कठिन चीजें मेरे लिए जीवन का एक तरीका है। मेरा मतलब है, जो कल्पना कर सकता है कि बिना पैरों वाला आदमी 50 मील की दौड़ पूरी कर सकता है, इसे स्टेट चैम्पियनशिप रेसलिंग में बदल सकता है, या ईगल स्काउट बन सकता है? मेरी माँ ने दुर्घटना के तुरंत बाद मुझे बताया कि अगर मैं कुछ करना है तो मुझे यह सब करने का एक तरीका पता लगाना था। "
मक कॉलिस्टर ने कहा कि चार मिनट से भी कम समय में एक मील चलना एक समय असंभव माना जाता था, जैसा कि पहले के समय में चंद्रमा पर मनुष्य का पहुंच जाना और यहां तक कि एक हवाई जहाज में उड़ने जैसा।
जीवन पर्यंत, कभी ना खत्म होने वाले सफर पर कैसी के अदृश्य कदम बढ़ चुके थे और वह क्रॉस कंट्री, रैसलिंग और व्हील चेयर बास्केट बॉल में थ्री स्पोर्ट एथलीट बने।
सन् 2011 में, कैसी मैकएलिस्टर को "नेशनल रैसलिंग हॉल ऑफ फेम" के पुरस्कार से सम्मानित किया गया और साथ ही इन्हें "मेडल ऑफ करेज" से भी नवाजा गया।
अभी कैसी की आयु 32 वर्ष है और वह शादी शुदा होने के साथ ही पांच बच्चों के पिता भी हैं।
बिना टांगों के इस अलौकिक मानव ने हाल ही में तेरह मील की स्पार्टन रेस पूर्ण की है। और, उनका नए और अविश्वसनीय कीर्तिमान स्थापित करने का कठिन सफर अभी भी जारी है जो उन्हें बहुत ही सरल लगता है।
कैसी मैकएलिस्टर की यह सच्ची कहानी सभी के लिए एक प्रेरणा होने के साथ - साथ, बुरे से बुरे समय से उबरने के लिए एक साहस और शक्ति प्रदान करती है।