Dreams of Genius YK. द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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Dreams of Genius

ये एक सच्चा किस्सा है किसी की जिंदगी का जो आज में आपको बताने जा रहा हूँ। उस इंसान ने अपना ये किस्सा बता ने पे मनझूरी दे दी है। तो आए शुरु करते है। मगर उस से पहले कुछ और बता दु।
हम सब सपने तो देखते ही है। मगर पूरे किसी किसी के ही
होते है। स्कूल में पहले आने का सपना भी बहुत लोगो का हो है। कहानी इसी बात पे है। इस वक़्त बस आपसे यही कहूंगा के कहानी किस चीज पे है ये तो आप जान चुके हैं। मगर कहानी आखिर तक पढ़ना। क्योंकि आखिर में एक surprise है।
तो चलो अब तो कहानी शुरू कर ही देते है।

अर्पण 7th class में पढ़ता था। वह जिस स्कूल में पढ़ता था। वह स्कूल सिर्फ 7th तक ही थी। इस स्कूल में 2nd terms की परीक्षा पूरी हो चुकी थी। अब अरपण दिवाली के बात दूसरी स्कूल मे प्रवेश परीक्षा (entrance exam) देने जाता है। वहा परीक्षा में उसे 30 में से केवल 14 अंक आते है। स्कूल के प्रधान अध्यापक (principal) उसे कहते है कि अंक तो काफी कम है। वैसे तो तुम परीक्षा में पास हो गए हो मगर तुम है काफी मेहनत की जरुरत है। उस के बाद अर्पण काफी निराश होता है अपने आप से, फिर उस स्कूल से बहार निकल ने के बाद अर्पण अपने आप से कहता है कि इसी स्कूल में , मैं एक बार first rank लाके बताऊ गा। फिर वह अपने घर वापस जाता है। वह अपने आप से अभी काफी नाराज़ होता है। फिर उसको सभी लोग ये समजाते है के कोई बात नहीं। आगे से तुम ज्यादा मेहनत करना। उसके घर वाले उसे ये समझाते है कि 7th की final exams में तुम ज्यादा मेहनत करना और अच्छे प्रतिशत (percentage) लाना फिर उस के बाद सब ठीक हो जाएगा। फिर वह काफी मेहनत करता है और 7th की final exams शुरू हो जाती है और उस की exam काफी अच्छी जाती है। फिर 7th की final exams का result आता है और अर्पण 81% प्रतिश
(percentage) से pass हो जाता है।

फिर गरमी ओ की छुट्टी आती है और अर्पण अपने मामा के घर 🏡 जाता है। इस वक़्त वह सब कुछ भूल गया है जो उसने अपने आप से कहा था। के वह स्कूल जहा उसे केवल 30 में से 14 अंक मिले थे। वह स्कूल में वो एक बार 1 rank लाके दिखा ए गा। मगर वह गरमी ओ की छुट्टी में सब कुछ भूल गया था। अब गरमी ओ की छुट्टी या ख़त्म हो जाती है।

सभी स्कूल वापस खुल ती है। अर्पण काफी उत्सुक होता है नई स्कूल में जाने के लिए। उसके सात उसके तीन-चार दोस्त जो पुरानी स्कूल में थे वो भी यहा साथ थे। इस वजह से वह नई स्कूल में adjust हो जाता है।

फिर कुछ वक़्त बाद weekly test शुरू होती है। उस में वह काफी अच्छे marks लाता है। फिर जब उस का S.S(social science) सामाजिक विज्ञान का test काफी अच्छा जाता है तो जब S.S के सर paper check कर के वापस दे रहे थे। सर तब अर्पण का roll no बोलके कहते है कि ये कौन है। फिर अर्पण खड़ा होता है और सर उसका पेपर उसकी bench पे फेंकैत है। और class में सभी लोग हसने लगते है। फिर जब अर्पण अपना paper खोलता है तो उसे 30 में से 29 marks आए होते हैं। और फिर सर उसे देखके हसने लगते हैं। फिर weekly test खत्म हो जाती है ।
अब यहा अर्पण को अभी भी वो बात याद नहीं 1st rank वाली।

फिर 8th standard की 1st term exams शुरू होती हैं।
अर्पण की सभी exams काफी अच्छी जाती है फिर जब exam का result आता है तो अर्पण काफी अच्छे प्रतिश percentage 92% से pass हो जाता है मगर उसका 4th rank आता है। अब यह Result आने के बाद अर्पण को याद आता है की उसने अपने आप से जो कहा था वह वो भूल गया। फिर वह काफी परेशान हो जाता है। फिर वह अपने आप से कहता है कि अब ये उसे के पास आखरी मौका है। अपना सपना पूरा करने का।

फिर दिवाली की छुट्टी या ख़त्म हो जाती है और स्कूल वापस खुल जाती है। फिर सभी सर सबसे results पुछते है। S.S के sir अर्पण को कहते हैं तुम 4th आए मुझे लगा था तुम first होगें ।

फिर वापस weekly test शुरू हो जाती है। उस में अर्पण काफी अच्छा perform करता है। फिर Final exam के पहले स्कूल में PTM( parents teacher meeting) होती है। वहा अर्पण के विज्ञान (science) के sir उसे कहते है कि वो इस बार weekly test में 1st आया है। वह काफी खुश हो जाता है। मगर वह खुद से ये कहता है कि बस इसी तरह उसे final exam मे perform करना होगा तब जा के
वह final में 1st आएगा।

फिर Final exam के कुछ समय पहले और एक बार weekly test होती है। उसमें उसे S.S के paper में 28 marks आता है 30 में से। उसके सर उसे कहते है कि तुम्हारा performance कम हो रहा है। फिर वह थोड़ा परेशान हो जाता है।

फिर Final exam शुरू होती है। अर्पण की exam काफी अच्छी जाती है। फिर exams खत्म हो जाती हैं। फिर कुछ दिनों बाद results होते है। अर्पण उसके ताऊ जी (बडै़ पापा) के साथ स्कूल result लेने जाते हैं । फिर उसके S.S के (social science) sir उसका result देखकर कहते है कि फिर से 4th rank अर्पण। ये सुनकर अर्पण दुःखी हो जाता है। फिर अर्पण result हाथ 👐 में लेता है ।
फिर जब वो result देखता है तो उसमें लिखा होता है।
1st rank ये देखकर अर्पण खुश हो जाता है और उसके सर हसने लगते है।
फिर अर्पण वहा से जब बहार निकलता है तो फिर वो अपने आप से कहता है कि आज उसका सपना पुरा हुआ जो उसने एक साल पहले देखा था।

तो ये थी दोस्तों कहानी।अब surprise जैसे कि मैं ने कहा था।
वो ये है की ये कहानी दर असल मेरी खुद की है। मुझे आज भी यकीन नहीं होता के ये सब कुछ सच्च मे हुआ था। और ये मेरी कहानी है।

आखिर में दोस्तों बस यही कहूंगा के,
सफर तो सब ने एक जैसा ही काटा था।
मगर मंजिल उसको मिली जिसने मंजिल का ख्वाब देखा था।

और एक बार,
वो अपनी पुरी कहानी के गए
मगर जमाना खामोश रहा
मैं ने एक किसा क्या बताया अपना
जमाना पागल हो गया